12-02-2019, 10:33 AM
आज भी पूनम के मोबाइल पे कई सारे मैसेज आए थे. ये मैसेज भी पूनम की पैंटी में हलचल कर देते थे. शाम में जब वो घर आ रही थी तो उसके गली के कार्नर पे गुड्डू खड़ा था. पूनम अंदर ही अंदर खुश हो गयी। गुड्डू पूनम को देख रहा था और पूनम से जब उसकी नज़र मिली तो फिर से न चाहते हुए भी पूनम मुस्कुरा दी. उसे डर था की लोग देखेंगे तो क्या सोचेंगे. लेकिन आसपास ज्यादा लोग थे नहीं. पूनम गली के अन्दर मुड़ी तो गुड्डू उसके साथ चलने लगा और पूनम के हाथ में एन्वेलोप देते हुए बोला “तुम्हारा काम हो गया.” पहले तो पूनम को कुछ समझ में नहीं आया की गुड्डू क्या बोल रहा है और वो एन्वेलोप लेने में हिचक भी रही थी की , उसे लग रहा था कि लोग देखेंगे तो क्या सोचेंगे, लेकिन उसके हाथ खुद ब खुद आगे बढ़ गैर और वो एन्वेलोप ले ली. वो सोंची की रोड पे अब क्या मना करना. मैं मना करुँगी, फिर वो कुछ बोलेगा, फिर कोई देखेगा या सुनेगा तो उससे अच्छा है की चुपचाप रख लेती हूँ, फ़ोन पे बता दूंगी. गुड्डू ने एन्वेलोप पकड़ाया और बिना कुछ बोले सीधे वापस चला गया. पूनम एन्वेलोप को बैग में रख ली और गेट का ताला खोल कर अन्दर आ गयी.
अन्दर घर को अच्छे से लॉक करने के बाद वो सबसे पहले एन्वेलोप खोलने लगी. उसे पता था कि अंदर क्या होगा और उसकी चुत गीली हो चुकी थी। वो एन्वेलोप खोलती हुई गुड्डू को कॉल लगायी और पूछी की वो क्या बोल रहा था.
गुड्डू ने फ़ोन रिसीव किया और पूनम के पूछते ही बताया की “अमित को धो दिए फिर से.” पूनम शौक्ड हो गयी. वो आश्चर्य से पूछी “मतलब?” गुड्डू हँसता हुआ बोला “अब से वो तुम्हारे बारे में कहीं भी और किसी से भी बात नहीं करेगा. हरामी साला प्यार का मजाक उडाता है.”
पूनम अन्दर ही अन्दर खुश भी थी और उदास भी. पूछी “तुम लोगों ने उसे बहुत मारा क्या?” गुड्डू बोला “वैसे लौंडो को बहुत मारने की जरूरत ही नहीं पड़ती. एक हाथ लगते ही कदमो में गिर कर माफ़ी मांगने लगते हैं. फिर भी 4-5 थप्पड़ तो लगाया ही. उससे कम में अपना मन नहीं भरता.” पूनम को अच्छा लग रहा था की अमित को उसके किये की सजा मिल गयी. गुड्डू आगे बोला “उसके दो दोस्त भी थे साथ में, उनको भी दो दो थप्पड़ मारे. मादरचोद के साथ रहेंगे तो भुगतना तो पड़ेगा ही न.” पूनम अभी भी कुछ नहीं बोली.
गुड्डू पूनम को चिढ़ाता हुआ बोला “क्या हुआ जान? तुम्हे बुरा लगा क्या?” पूनम को थोडा बुरा लगा तो था. बोली “पीटने की क्या जरूरत थी. बस डांट कर समझा देते. जैसे पिछली बार किये थे. वो तो उसी में समझ जाता.” गुड्डू बोला “पीटने में मज़ा आता है बेबी. तुम उसकी टेंसन मत लो. बस अब नंगी हो जाओ और जो भेजा हूँ उसके मज़े लो.” बोलता हुआ गुड्डू ने कॉल कट कर दिया.
पूनम अभी तक एन्वेलोप खोल चुकी थी और उसकी नज़र जहाँ रुकी हुई थी वो एक कलरफुल मैग्जिन का पेज था और पुरे पेज में एक लड़की पूरी नंगी होकर दोनों हाथ ऊपर उठाये अदा के साथ खड़ी थी. लड़की बहुत खुबसूरत थी और उसका गोरा नंगा बदन पूरी तरह से चमक रहा था. गुड्डू और विक्की को भले लगा हो की वो हसीना पुनम की तरह दिखती है, लेकिन पूनम को ऐसा बिलकुल नहीं लगा.
पूनम गुड्डू को वो बात तो बोल ही नहीं पाई थी जिसके लिए कॉल लगायी थी। वो फिर से गुड्डू को कॉल लगाने लगी और दूसरी बाँकी पिक्स देखने लगी. अगली पिक में वही लड़की नंगी खड़ी थी और उसके पीछे अभी एक बिल्कुल काला लड़का खड़ा था जिसका एक हाथ लड़की की चुचियों को ढके था और दूसरा हाथ उसकी चूत को. लड़की मुस्कुराती हुई कैमरे की तरफ देख रही थी. इतने में गुड्डू ने कॉल रिसीव कर लिया था और बोला “बोलो जान, क्या हुआ.”
पूनम का ध्यान पिक्स की तरफ था. पिक्स बहुत ही साफ़ और अछे क्वालिटी का था और पूनम गौर से अगली पिक को देख रही थी जिसमे लड़की लड़के के लंड को हाथ में पकड़े खड़ी थी और लड़का उसकी एक चुच्ची को हल्के से पकड़े हुए था. लड़के का लण्ड पूरा लम्बा, काला और मोटा था और ऐसा लण्ड देखकर पूनम की चुत में खुजली होने लगी। जब गुड्डू फिर से बोला “पिक्स देख कर चुदवाने का मूड बन गया क्या जान? आ जाऊँ क्या अपने लण्ड को तुम्हारी चुत की सैर करवाने.” तब पूनम को ध्यान आया. बोली “तुम मुझे अब से ये सब मत दिया करो.” हालाँकि अब उसे लग रहा था की बेकार में अभी गुड्डू को कॉल कर दी, रात में उसे बोल देती. उसका मन सारे पिक्स को देखने और कहानी पढने था, लेकिन अब तो कॉल लग चूका था. पिक्स ने पूनम के बदन पे असर दिखाना शुरू कर दिया था.
गुड्डू बोला “क्यूँ? क्या हुआ? पसंद नहीं आई क्या?” पूनम का ध्यान पिक्स पे था और उस लड़के का लण्ड ऐसा था कि पूनम उसे गौर से देखे जा रही थी. बोली “नहीं.” गुड्डू मुस्कुराता हुआ सा बोला “ऐसा तो हो ही नहीं सकता जान की तुम्हे पसंद नहीं आये. ये पिक्स तो तुम्हारी चूत में आग लगा देंगे. तुम देखी की नहीं.” पूनम झूठ बोल दी की “नहीं, एन्वेलोप वैसे ही रखा हुआ है.” जबकि वो और भी कई सारी पिक्स देख चुकी थी और उसकी चूत ने रिसना शुरू कर दिया था. गुड्डू बोला “तो कैसे बोल दी की पसंद नहीं आया.”
पूनम अब पॉइंट पे आई. बोली “कहीं किसी ने देख लिया मुझे तुमसे एन्वेलोप लेते हुए तो.” पूनम अपनी लेग्गिंग्स उतारने लगी और फिर साथ में ही पैंटी भी उतार दी. अब वो नीचे से नंगी थी और अब आराम से अपनी टांगों को फैला कर पिक्स देख रही थी. अभी जो पिक्स पूनम के सामने था उसमे वो लड़की अपनी दोनों टांगों को फैलाये हुए सीधा लेटी हुई थी और लड़का का लंड उसकी चूत के छेद पे टिका हुआ था. ऐसा लग रहा था की जैसे अब बस एक धक्का लगेगा और वो मोटा काला लंड उस गोरी लड़की की चूत को फाड़ता हुआ अन्दर तक पहुँच जायेगा. लड़की पुरे मज़े में उस लण्ड को अपनी चुत में उतारने के लिए रेडी थी। पूनम अपनी चूत को सहला रही थी.
गुड्डू बोला “तो, क्या हो जायेगा.” पूनम का ध्यान लण्ड पे टिका हुआ था और अपनी चूत सहलाने पे था. बोली “मैं बदनाम हो जाउंगी. लोग सोचेंगे की तुम मुझे लव लैटर देते हो और हमारे बीच में कुछ है.” गुड्डू हंसने लगा. बोला “मेरे बारे में सबको पता है की मैं किसी को लव लैटर नहीं देता. जो भी देखेगा वो वही सोचेगा जो तुम्हे दिया हूँ. चुदाई की चीज़, मस्ती की चीज़.” पूनम शर्मा गयी. गुड्डू की बात तो सही है. लोग यही सोचेंगे की गुड्डू ने मुझे भी फंसा लिया है.
बोली “तो ये तो और बुरा है न, लोग तो यही सोचेंगे न की तुमने मुझे भी किया है.” बोलते ही पूनम को लग गया की अब गुड्डू उस से पूछेगा की क्या किया है. और तुरंत ही गुड्डू बोल भी पड़ा “क्या किया है?” पूनम भला अब क्या विरोध करती. वो कई बार बोल चुकी थी, अभी नीचे से नंगी थी और हाथ में चुदाई की पिक्स और कहानिया लिए थी. वो शर्माती हुई बोली “तुम्हे तो हमेशा बस यही रहता है।" गुड्डू बोला "तो तू बोलती क्यू नहीं ठीक से।" पूनम बहस करने के मूड में नहीं थी। उसका मूड अभी मस्त बन रहा था। बोली "चोदा है.” पूनम के हाथ की बीच वाली ऊँगली अभी चूत के अन्दर थी. वो कल और पर्सों कई बार इस शब्द का इस्तेमाल कर चुकी थी, लेकिन अभी फिर से उसे अपनी चुत में अचानक से करंट दौड़ता हुआ महसूस हुआ।
गुड्डू फिर से बोला “फिर पूरा नहीं बोली। किसे चोदा है, क्या चोदा है? ठीक से तो बोल जान।” पूनम अब शर्मा भी रही थी और बोलना भी चाहती थी. गुड्डू की बातें उसके चुत के गीलेपन को बढ़ा रही थी। बोली “लोग तो यही सोचेंगे न की तुमने मुझे भी ....... च् .... च.... हट.... मैं नहीं बोलूंगी." कल तक पूनम किसी और के बारे में बोल रही थी, लेकिन अभी अपने बारे में बोलना मुश्किल हो रहा था उसके लिए। गुड्डू बोला "आहः जान, तू तो रोड पे ही लण्ड टाइट करवा दी। बोल न बोल न ... अच्छे से, प्लीज़." पूनम को कुछ ज्यादा ही शर्म आ रही थी। वो पूरी तरह शर्माती हुई इठलाती हुई बोली "कुछ नहीं, तुम रखो फ़ोन और अब से मुझे ये सब कुछ मत देना." गुड्डू बोला "ठीक है, रख देता हूँ. बस एक बार बोल दे न जो अभी बोल रही थी."
पूनम को बहुत मज़ा आ रहा था। बोली अरे.... लोग देखेंगे तो यही सोचेंगे न की तुमने मुझे भी चो.... चोदा है.” गुड्डू खुश होता हुआ बोला “आह, ये हुई न बात। काश लोगों की बात जल्दी से सच हो जाये।" फिर पो पूनम को चिढ़ाता हुआ बोला "तो तुम सब को बोल देना की तुम मेरे से नहीं चुदवाई हो.” पूनम चिढ़ती हुई बोली “ठीक, सबको यही बोलती चलूँगी कल से.”
गुड्डू हँसने लगा। बोला "ये तो बहुत मजेदार रहेगा।" पूनम कुछ नहीं बोली। गुड्डू बोला “ठीक है, छुपा कर दूँगा सबसे। कौन सी पिक देख रही अभी.” पूनम कुछ नहीं बोली. गुड्डू बोला "वो वाली पिक देखी?" पूनम तुरंत पूछी "कौन सी?"
गुड्डू मुस्कुरा उठा। उसने पूनम की स्थिति का अंदाज़ा लगा लिया। बोला "तू अभी कौन सी देख रही है?" पूनम जिस पिक को अभी देख रही थी उसमें वो गोरी लड़की नीचे बैठी हुई थी और दो काले लण्ड उसके सामने थे। एक लण्ड को वो हाथ से पकड़े हुए थी और दूसरे लण्ड को मुँह में भरी हुई थी। लड़की अपना पूरा मुँह फैलाकर उस लण्ड को मुँह में ली हुई थी। पूनम कुछ नहीं बोली। गुड्डू फिर से बोला "बोल न, कौन सी फोटो देख रही अभी।"
अब भला पूनम क्या जवाब देती। बोली "तुम रखो फ़ोन। और मुझे अब न फ़ोन करना और न ही कोई एन्वेलोप या कुछ और देना।" पूनम बस बोल रही थी। वो चाहती नहीं थी की गुड्डू फ़ोन कट करे। उसे गुड्डू से बात करने में बहुत अच्छा लग रहा था। वो नीचे से नंगी थी और अपनी चुत सहला रही थी। गुड्डू भी फ़ोन कैसे रख देता। बहुत सारी चुत को सच में चोदने के बाद भी उसे पूनम को बातों से चोदने में मज़ा आ रहा था। और जितनी जल्दी पूनम जितना ज्यादा खुलती, उतनी ही जल्दी उसके चुत के दरवाजे भी गुड्डू के लण्ड के लिए खुलते।
गुड्डू आगे बोला "वो वाली पिक देखी जिसमे लड़की की चुत और गांड दोनों में लण्ड भरे हुए हैं?" पूनम बोली "नहीं।" गुड्डू उत्साहित होता हुआ बोला "तो कौन सी देख रही अभी?" पूनम पहले तो सोची की कुछ न बोले, लेकिन फिर बोली "लड़की नीचे बैठी है और एक का हाथ में है और एक का मुँह में ली हुई है।"
गुड्डू को वो पिक याद आ गया। बोला "क्या ली हुई है मुँह में?" पूनम अब मज़ा लेना चाहती थी। वो सब कुछ ले कर अपने रूम में आ गयी और अपने बेड पे आराम से बैठ गयी। बोली "वही, जो है तुमलोगों के पास." गुड्डू को बहुत मज़ा आ रहा था। बोला "उसका कुछ नाम भी है." पूनम बोली "मुझे उसका नाम क्या पता." पूनम साफ़ झूठ बोल गयी। गुड्डू उसे इतनी कहानियाँ पढ़ा चूका था कि अब पूनम सब जानती थी।
गुड्डू बोला "लण्ड. बोल लण्ड मुँह में ली हुई है." पूनम को बहुत मज़ा आया। गुड्डू उसे नर्सरी के स्टूडेंट की तरह पढ़ा रहा था। पूनम बोलने का मन बनाने लगी, लेकिन बोल नहीं पायी। बोली "वही। तुम समझ गए न।" लेकिन गुड्डू भला इतने में कहाँ समझने वाला था। बोला "बोल न। बोल लण्ड मुँह में ली हुई है।" पूनम अच्छे बच्चे की तरह रीपीट कर दी "लण्ड मुँह में ली हुई है।" बोलते ही फिर से पूनम की चुत में करंट दौड़ा। न चाहते हुए भी अचानक से उसके मुँह से "आह" निकल पड़ा।
गुड्डू समझ गया कि उसकी माल पूरी गरम हो गयी है। बोला "हाथ में क्या है?" पूनम की आवाज़ बदल गयी थी। सेक्स उसके सर पे चढ़ गया था। बोली "लण्ड." गुड्डू आगे बोला "बोलो लण्ड पकडे हुए है और दूसरे का लण्ड चूस रही है." पूनम उसी आवाज़ में उसी हालत में बोली "एक लण्ड हाथ में पकड़े हुए है और एक लण्ड मुँह में चूस रही है।"
गुड्डू अच्छे से पढ़ा रहा था और पूनम अच्छे से पढ़ रही थी। बोला "आहः मेरी जान, इसी तरह तू भी मेरा लण्ड अपने मुँह में पूरा भरकर चूसना और विक्की का लण्ड हाथ में पकड़कर हिलाना।" पूनम कुछ नहीं बोली, लेकिन अभी उसे कोई ऐतराज नहीं था। गुड्डू बोला "अब वो पिक देखो जिसमे लड़की की चुत और गांड दोनों में लण्ड भरे हुए हैं."
पूनम पेज पलट कर वो पिक देखने लगी जिसमे एक लड़का सीधा लेटा हुआ था और लड़की उसके ऊपर लण्ड को अपनी चुत में भरकर लेटी हुई थी। दूसरा लड़का पीछे से उसकी गांड में लण्ड पेले हुए था। गुड्डू पूछा "देखी?" पूनम उसी तरह वासना से भरी भरपूर आवाज़ में बोली "हूँ."
गुड्डू आगे बोला "मैं और विक्की ने सोचा है कि इसी तरह एक साथ तेरी चुत और गांड में लण्ड पेलेंगे। धकाधक चोद कर भरपूर मज़ा लेंगे तेरी कमसिन जवानी का। पूरा टाइट लण्ड जब पूरा अंदर घुसेगा मेरी रानी की चुत और गांड में, तो तुझे जन्नत का मज़ा यही मिल जायेगा।"
गुड्डू के शब्द पूनम को पिघला रहे थे। वो वही पिक देख रही थी और गुड्डू उसे उस पिक में इमेजिन करवा रहा था। पूनम सोच रही थी की इतना बड़ा लण्ड उसकी छोटी सी चुत में कैसे जायेगा। एक साथ दो लण्ड चुत और गांड में लेने के इमेजिनेशन से ही उसकी चुत का गीलापन बढ़ गया था। वो चुत में धीरे धीरे ऊँगली अंदर बाहर करती जा रही थी।
गुड्डू बोला "बोलो न क्या हो रहा है पिक में." पूनम उसी तरह वासना के नशे में भरकर बोली "तुम बोले न अभी." गुडु बोला "तुम बोलो न। तुम्हारे मुँह से सुनकर नशा सा चढ़ता है." पूनम ये सोचकर की उसे क्या बोलना है, और गीली हो गयी। बोली "एक लड़का नीचे से उसकी चुत चोद रहा है और दूसरा पीछे से उसकी ग्.... गा....." पूनम नहीं बोल पायी। गुडु तुरंत उसे ठीक करने लगा। चुदाई के लेसन का अच्छा टीचर था वो। बोला "गांड मार रहा है." पूनम अभी भी नहीं बोल पायी। उसे अजीब सा लग रहा था। गुडु फिर से बोला "बोलो। बोलो गांड मार रहा है।"
पूनम बहुत बार लोगों को रोड पे बोलती हुई गाली देते हुए सुनी थी की गांड मार लिया या गांड मार लूँगा, लेकिन उसे समझ में नहीं आता था कि गांड मार लेना क्या होता है। उसे लगता था कि हिप पे थप्पड़ मारने को ही गांड मारना कहते हैं। लेकिन आज गुडु ने पिक के साथ उसे समझा दिया की गांड मारना किसे कहते हैं। गुडु फिर से बोला "बोल न."
पूनम बोल पड़ी "पीछे से उसकी गांड मार रहा है।" पूनम को बहुत शर्म आयी और उतना ही मज़ा भी आया। वो उठकर किचन में चली गयी और अपना फ़ेवरेट सेक्स टॉय 'बेलन' ले आयी। गुडु बोला "इसी तरह मैं तेरी चुत में अपना लण्ड पेलूँगा और तू मेरे ऊपर लेट कर अपनी चूचियों को मेरे सीने से रगड़ना, और विक्की पीछे से तेरी गांड में अपना लौड़ा पेल कर तेरी गांड मारेगा।"
पूनम बेलन को बेड पे सीधा खड़ा करके रखी और अपनी गीली चुत को उसके ऊपर रख कर दबाती चली गयी और बेलन चुत की गहराई में समाने लगा। बेलन अंदर जाते ही पूनम जोर से "आहः" की। गुडु बोला "बोल चुदवाएगी न?" पूनम पुरी तरह वासना के नशे में भरकर बोली "हुँ." गुडु बोला "गांड मरवायेगी न?" पूनम चुत में बेलन को अंदर बाहर करती हुई बोली "हाँ."
गुडु आगे बोला "ऐसे नहीं जान, अच्छे से बोलो "चुदवाओगी न?" पूनम वासना से लबरेज होती हुई बोली "हाँ, चुदवाऊँगी." गुडु बोला "गांड मारवाओगी न?" पूनम उसी रौ में बहती हुई बोली "हाँ, मरवाऊंगी." गुडु आगे बोला "मेरे और विक्की दोनों का लण्ड चुसोगी न?" पूनम बोली "नहीं, बस तुम्हारा." गुडु के लिए इतना भी काफी था। बोला "आ जाऊँ जान अभी?"
पूनम का मन हुआ की हाँ बोल दे और गुडु को बुला कर चुत में इस बेलन की जगह गुडु का लण्ड भरवा ले, लेकिन जो थोड़ा बहुत उसका दिमाग काम कर रहा था, उसका इस्तेमाल करती हुई पूनम बोली " नहीं, बाद में।" गुडु भी पूनम जैसी माल को इस तरह हड़बड़ी में नहीं खाना चाहता था। थोड़ी देर हो, लेकिन टेस्ट ले लेकर खायी जाने वाली इमरती थी पूनम।
गुड्डू महान बनता हुआ बोला "जब तुम बोलोगी, तभी मेरा लण्ड तुम्हारे चुत की सैर करेगा। अगली पिक देखो।" पूनम बोल तो रही थी की चुदवाऊँगी और गांड मारवाऊंगी, लेकिन वो फसी हुई सी फील कर रही थी। गुडु कि ऐसा बोलने से वो थोड़ी रिलैक्स हो गयी और अगला पेज पलटी।
गुड्डू पूछा "ये कौन सी पिक है?" पूनम अब कुछ रुकना या शर्माना नहीं चाहती थी। अब बचा ही क्या था शर्माने के लिए। बोली "एक लड़का पीछे से लड़की की चुत चोद रहा है और दूसरा सामने से उसके मुँह में लण्ड चुसवा रहा है।" गुडु पूनम के इस तरह बोलने पर खुश हो गया। उसे यकीन हो गया था कि अब पूनम उसके लण्ड की सवारी जरूर करेगी।
गुडु बोला "मज़ा आ रहा है न? मैं पीछे से तेरी चिकनी चुत में लौड़ा पेल कर चोद रहा हूँ और विक्की तेरे मुँह में। एक साथ मस्त मज़ा उठा रही तू।" पूनम कुछ नहीं बोली। गुड्डू पूछा "?" पूनम फिर से उसी तरह "हूँ" बोली। गुड्डू बोला "अच्छे से बोल न। सुनाई भी नहीं दे रहा। पूनम थोड़ा जोर से बोली, लेकिन उसकी आवाज़ उसी तरह वासना के समंदर में गोते लगाते हुए ही निकली "हाँ....।"
पूनम को बहुत मज़ा आ रहा था। वो चुत में बेलन अंदर बाहर किये जा रही थी। वो अपनी कुर्ती और ब्रा भी उतार दी और पूरी नंगी होकर मस्ती करने लगी। गुड्डू बोला "अगली पिक देख." पूनम पेज पलटी तो गुड्डू पूछा "क्या है इसमें?" पूनम पिक देख रही थी।
पूनम हिम्मत की और बोली। अभी वो खुद को रोक भी नहीं सकती थी। वो पिक और गुड्डू के शब्द चुदाई को घोलकर उसके अंतर्मन में उतार रहे थे। हर नए पिक के साथ पूनम की चुत से बहने वाले झरने की धार तेज हो रही थी। पूनम बोली "लड़की एक के ऊपर बैठी हुई है और दूसरे का लण्ड चूस रही है." गुड्डू चिढ़ता हुआ सा बोला "अच्छे से बोल न जान. कुछ समझ में ही नहीं आता."
पूनम फिर से बोलना शुरू की "एक लड़का सीधा लेटा हुआ है और लड़की उसके लण्ड को अपनी चुत में डालकर उसके ऊपर बैठी हुई है और दूसरे लड़के का लण्ड चूस रही है...." पूनम दो बार अमित से चुदवा चुकी थी, गुड्डू के भेजे हुए पिक्स देख चुकी थी और चुदाई वाली कहानियाँ पढ़ चुकी थी। लेकिन इन सबसे ज्यादा मज़ा उसे आज इस तरह पिक देखते हुए गुड्डू से बात करने में और इस तरह बोलने में आ रहा था। गुड्डू भी कई सारी और कई तरह की चुत की सैर करवा चुका था अपने लण्ड को, बेस फ़ोन पे भी 3-4 औरतों के साथ चुदाई की बात कर चुका था, लेकिन आज उसे सबसे ज्यादा मज़ा आ रहा था।
और इस मज़े का कारण था कि वो अभी तक पूनम को चोदा नहीं था और जो चीज़ दूर हो, वो ज्यादा मज़ा देती है। दोनों सोच रहे थे की जब अभी इतना मज़ा आ रहा है तो जब सच में चुदाई के वक़्त कितना मज़ा आएगा। और ये कमाल भी गुड्डू का ही था कि पूनम जैसी लड़की को क्या से क्या बना रहा था। यही पूनम कुछ दिन पहले तक कैसी थी और आज इतना कुछ हो रहा था उसकी लाइफ में। आज वो बेफिक्र हो कर लण्ड, चुत, गांड, चोदना, चुदवाना बोल रही थी, गुड्डू से चुदवाने के लिए भी लगभग तैयार थी।
गुड्डू बोला “आहः मेरी जान। बोलो, मैं तुम्हारे लंड को अपनी चूत में भरकर तुम्हारे ऊपर बैठी हूँ.” पूनम मुस्कुराती हुई बोली “मैं नहीं बैठी हूँ.” गुड्डू हँसता हुआ बोला “हमें तो वो तुम ही दिखती हो और वो दोनों लड़के मैं और विक्की.”
गुड्डू बोला “फिर से बोलो न.”
पूनम भी उसी तरह बेलन को बेड पे सीधा खड़ा कर दी थी और उसी तरह बेलन को अपनी चुत में घुसा कर उसी तरह बैठ गयी थी। उसे भी लग रहा था कि ये मैं ही हूँ। बोली “लड़की अपनी चूत में लड़के का लंड भरकर उसके ऊपर बैठी है और दुसरे का लण्ड चूस रही है.” गुड्डू बोला “वाह! मस्त.... ऐसे ही तुम्हे अपने लंड पे बैठाकर चोद रहा हूँ और तुम ऊपर नीचे होकर मज़े से चुदवा रही हो और विक्की का लंड मुँह में पूरा भरकर चूस रही हो. जब इस तरह लंड के ऊपर बैठ कर उसे अपनी चूत में लोगी न, तब लंड तुम्हारे हिसाब से चूत में अन्दर उतरता है, और इसमें बहुत मज़ा आता है लड़कियों को.” पूनम को बहुत मज़ा आ रहा था. वो बेलन को एक हाथ से पकड़े हुए ऊपर नीचे हो रही थी और बेलन चुत में अंदर बाहर हो रहा था। गुड्डू जो बोला वो सच था कि बेलन उसके हिसाब से अंदर बाहर हो रहा था। पूनम को लग रहा था कि वो गुड्डू के लण्ड पे बैठ कर चुद रही है। वो इसी तरह हर पोज में अमित के साथ चुदवाना चाहती थी, लेकिन उस हरामी फट्टू में इतना दम ही नहीं था.
गुड्डू बोला अगली पिक कौन सी है. पूनम पेज पलटी. अगली पिक में लड़की दोनों टांगे पूरा फैलाये हुए लेटी हुई थी और एक लंड उसकी चूत में था और दूसरा लंड उसके चेहरे के पास था. लड़की के ओठ पे और मुंह के पास सफ़ेद सा कोई द्रव लगा हुआ था. लड़की के मुंह में वीर्य देखते ही पूनम बेड पे सीधी लेट गयी और फुल स्पीड में चुत में बेलन अंदर बाहर करने लगी. गुड्डू बोला “बोल न, क्या है इसमें?”
पूनम बोली “आह.... लड़की सीधी होकर लेटी हुई है और अपनी चूत चुदवा रही है और दूसरा लड़का का लंड उसके मुँह के पास है और उसके मुँह में वीर्य गिरा रहा है.” गुड्डू बोला “लड़की कितनी खुश है न वीर्य पी कर.” पूनम बोली “हाँ...” पूनम की चूत ने काम रस उगल दिया. वो हांफने लगी.
गुड्डू बोला “इसी तरह तुम्हे भी विक्की अपना वीर्य पिला रहा है और मैं तुम्हे चोद रहा हूँ.” पूनम कुछ नहीं बोली. वो अपनी साँसों को सम्हाल रही थी. आज उसे बहुत मज़ा आया था. वो पहले भी पिक और कहानी पढ़कर अपनी चूत से पानी निकाली थी, लेकिन आज जिस तरह से गुड्डू पिक्स को डिस्क्राइब कर रहा था, पूनम का मज़ा आज सातवें आसमान पे था.
गुड्डू बोला “अगली पिक देखो.” पूनम पेज पलट ली. इसमें लड़की ज़मीन पे मुँह खोले बैठे हुए थी और दोनों लंड उसके चेहरे के सामने थे और उसका चेहरा वीर्य से भरा हुआ था. गुड्डू बोला “क्या है इसमें?” पूनम अब तक अपनी साँस सम्हाल चुकी थी. वो बेलन को बाहर निकाल ली और उसकी चूत से कामरस बहकर बाहर आ रहा था. बोली “बहुत बोल ली मैं. रखो फ़ोन अब.” गुड्डू मुस्करा दिया. हँसता हुआ बोला “चूत से पानी निकाल ली?” पूनम कुछ नहीं बोली. मुस्कुरा वो भी दी थी.” गुड्डू बोला “मज़ा आया न.” पूनम अब भला उसे क्या बोलती. गुड्डू बोला “बोल न, पानी निकल गया?” पूनम शर्माती लजाती हुई सी बोली “हाँ.” गुड्डू बोला “बस इस पिक का बता दे, फिर फ़ोन रख देता हूँ.” पूनम अपनी पैंटी पहन ली थी. बोली “अब कुछ नहीं बोलूंगी. बस, बहुत हो गया.” गुड्डू जोर से हँसता हुआ बोला “कोई बात नहीं, मत बोल. बस मज़ा आना चाहिए तुझे.”
पूनम अपनी ब्रा का हुक लगा रही थी. गुड्डू बोला “इसमें मैं और विक्की दोनों अपने लंड का वीर्य तेरे मुँह और चेहरे पे गिरा रहे हैं.” पूनम बोली “अब अभी रखो फ़ोन. रात में बताउंगी.” गुड्डू खुश हो गया. पूनम खुद रात में उससे फ़ोन पे चुदवाने के लिए तैयार थी. कुछ दिन में वो सच में भी उस से चुदेगी. गुड्डू ने “बाय” बोलकर कॉल कट कर दिया. पूनम अपने सारे कपडे पहन ली और पिक और कहानी को आलमीरा में छुपा कर रख दी. वो पहले वाले पिक और कहानी को बाथरूम में फ़्लैश में बहा दी.
अन्दर घर को अच्छे से लॉक करने के बाद वो सबसे पहले एन्वेलोप खोलने लगी. उसे पता था कि अंदर क्या होगा और उसकी चुत गीली हो चुकी थी। वो एन्वेलोप खोलती हुई गुड्डू को कॉल लगायी और पूछी की वो क्या बोल रहा था.
गुड्डू ने फ़ोन रिसीव किया और पूनम के पूछते ही बताया की “अमित को धो दिए फिर से.” पूनम शौक्ड हो गयी. वो आश्चर्य से पूछी “मतलब?” गुड्डू हँसता हुआ बोला “अब से वो तुम्हारे बारे में कहीं भी और किसी से भी बात नहीं करेगा. हरामी साला प्यार का मजाक उडाता है.”
पूनम अन्दर ही अन्दर खुश भी थी और उदास भी. पूछी “तुम लोगों ने उसे बहुत मारा क्या?” गुड्डू बोला “वैसे लौंडो को बहुत मारने की जरूरत ही नहीं पड़ती. एक हाथ लगते ही कदमो में गिर कर माफ़ी मांगने लगते हैं. फिर भी 4-5 थप्पड़ तो लगाया ही. उससे कम में अपना मन नहीं भरता.” पूनम को अच्छा लग रहा था की अमित को उसके किये की सजा मिल गयी. गुड्डू आगे बोला “उसके दो दोस्त भी थे साथ में, उनको भी दो दो थप्पड़ मारे. मादरचोद के साथ रहेंगे तो भुगतना तो पड़ेगा ही न.” पूनम अभी भी कुछ नहीं बोली.
गुड्डू पूनम को चिढ़ाता हुआ बोला “क्या हुआ जान? तुम्हे बुरा लगा क्या?” पूनम को थोडा बुरा लगा तो था. बोली “पीटने की क्या जरूरत थी. बस डांट कर समझा देते. जैसे पिछली बार किये थे. वो तो उसी में समझ जाता.” गुड्डू बोला “पीटने में मज़ा आता है बेबी. तुम उसकी टेंसन मत लो. बस अब नंगी हो जाओ और जो भेजा हूँ उसके मज़े लो.” बोलता हुआ गुड्डू ने कॉल कट कर दिया.
पूनम अभी तक एन्वेलोप खोल चुकी थी और उसकी नज़र जहाँ रुकी हुई थी वो एक कलरफुल मैग्जिन का पेज था और पुरे पेज में एक लड़की पूरी नंगी होकर दोनों हाथ ऊपर उठाये अदा के साथ खड़ी थी. लड़की बहुत खुबसूरत थी और उसका गोरा नंगा बदन पूरी तरह से चमक रहा था. गुड्डू और विक्की को भले लगा हो की वो हसीना पुनम की तरह दिखती है, लेकिन पूनम को ऐसा बिलकुल नहीं लगा.
पूनम गुड्डू को वो बात तो बोल ही नहीं पाई थी जिसके लिए कॉल लगायी थी। वो फिर से गुड्डू को कॉल लगाने लगी और दूसरी बाँकी पिक्स देखने लगी. अगली पिक में वही लड़की नंगी खड़ी थी और उसके पीछे अभी एक बिल्कुल काला लड़का खड़ा था जिसका एक हाथ लड़की की चुचियों को ढके था और दूसरा हाथ उसकी चूत को. लड़की मुस्कुराती हुई कैमरे की तरफ देख रही थी. इतने में गुड्डू ने कॉल रिसीव कर लिया था और बोला “बोलो जान, क्या हुआ.”
पूनम का ध्यान पिक्स की तरफ था. पिक्स बहुत ही साफ़ और अछे क्वालिटी का था और पूनम गौर से अगली पिक को देख रही थी जिसमे लड़की लड़के के लंड को हाथ में पकड़े खड़ी थी और लड़का उसकी एक चुच्ची को हल्के से पकड़े हुए था. लड़के का लण्ड पूरा लम्बा, काला और मोटा था और ऐसा लण्ड देखकर पूनम की चुत में खुजली होने लगी। जब गुड्डू फिर से बोला “पिक्स देख कर चुदवाने का मूड बन गया क्या जान? आ जाऊँ क्या अपने लण्ड को तुम्हारी चुत की सैर करवाने.” तब पूनम को ध्यान आया. बोली “तुम मुझे अब से ये सब मत दिया करो.” हालाँकि अब उसे लग रहा था की बेकार में अभी गुड्डू को कॉल कर दी, रात में उसे बोल देती. उसका मन सारे पिक्स को देखने और कहानी पढने था, लेकिन अब तो कॉल लग चूका था. पिक्स ने पूनम के बदन पे असर दिखाना शुरू कर दिया था.
गुड्डू बोला “क्यूँ? क्या हुआ? पसंद नहीं आई क्या?” पूनम का ध्यान पिक्स पे था और उस लड़के का लण्ड ऐसा था कि पूनम उसे गौर से देखे जा रही थी. बोली “नहीं.” गुड्डू मुस्कुराता हुआ सा बोला “ऐसा तो हो ही नहीं सकता जान की तुम्हे पसंद नहीं आये. ये पिक्स तो तुम्हारी चूत में आग लगा देंगे. तुम देखी की नहीं.” पूनम झूठ बोल दी की “नहीं, एन्वेलोप वैसे ही रखा हुआ है.” जबकि वो और भी कई सारी पिक्स देख चुकी थी और उसकी चूत ने रिसना शुरू कर दिया था. गुड्डू बोला “तो कैसे बोल दी की पसंद नहीं आया.”
पूनम अब पॉइंट पे आई. बोली “कहीं किसी ने देख लिया मुझे तुमसे एन्वेलोप लेते हुए तो.” पूनम अपनी लेग्गिंग्स उतारने लगी और फिर साथ में ही पैंटी भी उतार दी. अब वो नीचे से नंगी थी और अब आराम से अपनी टांगों को फैला कर पिक्स देख रही थी. अभी जो पिक्स पूनम के सामने था उसमे वो लड़की अपनी दोनों टांगों को फैलाये हुए सीधा लेटी हुई थी और लड़का का लंड उसकी चूत के छेद पे टिका हुआ था. ऐसा लग रहा था की जैसे अब बस एक धक्का लगेगा और वो मोटा काला लंड उस गोरी लड़की की चूत को फाड़ता हुआ अन्दर तक पहुँच जायेगा. लड़की पुरे मज़े में उस लण्ड को अपनी चुत में उतारने के लिए रेडी थी। पूनम अपनी चूत को सहला रही थी.
गुड्डू बोला “तो, क्या हो जायेगा.” पूनम का ध्यान लण्ड पे टिका हुआ था और अपनी चूत सहलाने पे था. बोली “मैं बदनाम हो जाउंगी. लोग सोचेंगे की तुम मुझे लव लैटर देते हो और हमारे बीच में कुछ है.” गुड्डू हंसने लगा. बोला “मेरे बारे में सबको पता है की मैं किसी को लव लैटर नहीं देता. जो भी देखेगा वो वही सोचेगा जो तुम्हे दिया हूँ. चुदाई की चीज़, मस्ती की चीज़.” पूनम शर्मा गयी. गुड्डू की बात तो सही है. लोग यही सोचेंगे की गुड्डू ने मुझे भी फंसा लिया है.
बोली “तो ये तो और बुरा है न, लोग तो यही सोचेंगे न की तुमने मुझे भी किया है.” बोलते ही पूनम को लग गया की अब गुड्डू उस से पूछेगा की क्या किया है. और तुरंत ही गुड्डू बोल भी पड़ा “क्या किया है?” पूनम भला अब क्या विरोध करती. वो कई बार बोल चुकी थी, अभी नीचे से नंगी थी और हाथ में चुदाई की पिक्स और कहानिया लिए थी. वो शर्माती हुई बोली “तुम्हे तो हमेशा बस यही रहता है।" गुड्डू बोला "तो तू बोलती क्यू नहीं ठीक से।" पूनम बहस करने के मूड में नहीं थी। उसका मूड अभी मस्त बन रहा था। बोली "चोदा है.” पूनम के हाथ की बीच वाली ऊँगली अभी चूत के अन्दर थी. वो कल और पर्सों कई बार इस शब्द का इस्तेमाल कर चुकी थी, लेकिन अभी फिर से उसे अपनी चुत में अचानक से करंट दौड़ता हुआ महसूस हुआ।
गुड्डू फिर से बोला “फिर पूरा नहीं बोली। किसे चोदा है, क्या चोदा है? ठीक से तो बोल जान।” पूनम अब शर्मा भी रही थी और बोलना भी चाहती थी. गुड्डू की बातें उसके चुत के गीलेपन को बढ़ा रही थी। बोली “लोग तो यही सोचेंगे न की तुमने मुझे भी ....... च् .... च.... हट.... मैं नहीं बोलूंगी." कल तक पूनम किसी और के बारे में बोल रही थी, लेकिन अभी अपने बारे में बोलना मुश्किल हो रहा था उसके लिए। गुड्डू बोला "आहः जान, तू तो रोड पे ही लण्ड टाइट करवा दी। बोल न बोल न ... अच्छे से, प्लीज़." पूनम को कुछ ज्यादा ही शर्म आ रही थी। वो पूरी तरह शर्माती हुई इठलाती हुई बोली "कुछ नहीं, तुम रखो फ़ोन और अब से मुझे ये सब कुछ मत देना." गुड्डू बोला "ठीक है, रख देता हूँ. बस एक बार बोल दे न जो अभी बोल रही थी."
पूनम को बहुत मज़ा आ रहा था। बोली अरे.... लोग देखेंगे तो यही सोचेंगे न की तुमने मुझे भी चो.... चोदा है.” गुड्डू खुश होता हुआ बोला “आह, ये हुई न बात। काश लोगों की बात जल्दी से सच हो जाये।" फिर पो पूनम को चिढ़ाता हुआ बोला "तो तुम सब को बोल देना की तुम मेरे से नहीं चुदवाई हो.” पूनम चिढ़ती हुई बोली “ठीक, सबको यही बोलती चलूँगी कल से.”
गुड्डू हँसने लगा। बोला "ये तो बहुत मजेदार रहेगा।" पूनम कुछ नहीं बोली। गुड्डू बोला “ठीक है, छुपा कर दूँगा सबसे। कौन सी पिक देख रही अभी.” पूनम कुछ नहीं बोली. गुड्डू बोला "वो वाली पिक देखी?" पूनम तुरंत पूछी "कौन सी?"
गुड्डू मुस्कुरा उठा। उसने पूनम की स्थिति का अंदाज़ा लगा लिया। बोला "तू अभी कौन सी देख रही है?" पूनम जिस पिक को अभी देख रही थी उसमें वो गोरी लड़की नीचे बैठी हुई थी और दो काले लण्ड उसके सामने थे। एक लण्ड को वो हाथ से पकड़े हुए थी और दूसरे लण्ड को मुँह में भरी हुई थी। लड़की अपना पूरा मुँह फैलाकर उस लण्ड को मुँह में ली हुई थी। पूनम कुछ नहीं बोली। गुड्डू फिर से बोला "बोल न, कौन सी फोटो देख रही अभी।"
अब भला पूनम क्या जवाब देती। बोली "तुम रखो फ़ोन। और मुझे अब न फ़ोन करना और न ही कोई एन्वेलोप या कुछ और देना।" पूनम बस बोल रही थी। वो चाहती नहीं थी की गुड्डू फ़ोन कट करे। उसे गुड्डू से बात करने में बहुत अच्छा लग रहा था। वो नीचे से नंगी थी और अपनी चुत सहला रही थी। गुड्डू भी फ़ोन कैसे रख देता। बहुत सारी चुत को सच में चोदने के बाद भी उसे पूनम को बातों से चोदने में मज़ा आ रहा था। और जितनी जल्दी पूनम जितना ज्यादा खुलती, उतनी ही जल्दी उसके चुत के दरवाजे भी गुड्डू के लण्ड के लिए खुलते।
गुड्डू आगे बोला "वो वाली पिक देखी जिसमे लड़की की चुत और गांड दोनों में लण्ड भरे हुए हैं?" पूनम बोली "नहीं।" गुड्डू उत्साहित होता हुआ बोला "तो कौन सी देख रही अभी?" पूनम पहले तो सोची की कुछ न बोले, लेकिन फिर बोली "लड़की नीचे बैठी है और एक का हाथ में है और एक का मुँह में ली हुई है।"
गुड्डू को वो पिक याद आ गया। बोला "क्या ली हुई है मुँह में?" पूनम अब मज़ा लेना चाहती थी। वो सब कुछ ले कर अपने रूम में आ गयी और अपने बेड पे आराम से बैठ गयी। बोली "वही, जो है तुमलोगों के पास." गुड्डू को बहुत मज़ा आ रहा था। बोला "उसका कुछ नाम भी है." पूनम बोली "मुझे उसका नाम क्या पता." पूनम साफ़ झूठ बोल गयी। गुड्डू उसे इतनी कहानियाँ पढ़ा चूका था कि अब पूनम सब जानती थी।
गुड्डू बोला "लण्ड. बोल लण्ड मुँह में ली हुई है." पूनम को बहुत मज़ा आया। गुड्डू उसे नर्सरी के स्टूडेंट की तरह पढ़ा रहा था। पूनम बोलने का मन बनाने लगी, लेकिन बोल नहीं पायी। बोली "वही। तुम समझ गए न।" लेकिन गुड्डू भला इतने में कहाँ समझने वाला था। बोला "बोल न। बोल लण्ड मुँह में ली हुई है।" पूनम अच्छे बच्चे की तरह रीपीट कर दी "लण्ड मुँह में ली हुई है।" बोलते ही फिर से पूनम की चुत में करंट दौड़ा। न चाहते हुए भी अचानक से उसके मुँह से "आह" निकल पड़ा।
गुड्डू समझ गया कि उसकी माल पूरी गरम हो गयी है। बोला "हाथ में क्या है?" पूनम की आवाज़ बदल गयी थी। सेक्स उसके सर पे चढ़ गया था। बोली "लण्ड." गुड्डू आगे बोला "बोलो लण्ड पकडे हुए है और दूसरे का लण्ड चूस रही है." पूनम उसी आवाज़ में उसी हालत में बोली "एक लण्ड हाथ में पकड़े हुए है और एक लण्ड मुँह में चूस रही है।"
गुड्डू अच्छे से पढ़ा रहा था और पूनम अच्छे से पढ़ रही थी। बोला "आहः मेरी जान, इसी तरह तू भी मेरा लण्ड अपने मुँह में पूरा भरकर चूसना और विक्की का लण्ड हाथ में पकड़कर हिलाना।" पूनम कुछ नहीं बोली, लेकिन अभी उसे कोई ऐतराज नहीं था। गुड्डू बोला "अब वो पिक देखो जिसमे लड़की की चुत और गांड दोनों में लण्ड भरे हुए हैं."
पूनम पेज पलट कर वो पिक देखने लगी जिसमे एक लड़का सीधा लेटा हुआ था और लड़की उसके ऊपर लण्ड को अपनी चुत में भरकर लेटी हुई थी। दूसरा लड़का पीछे से उसकी गांड में लण्ड पेले हुए था। गुड्डू पूछा "देखी?" पूनम उसी तरह वासना से भरी भरपूर आवाज़ में बोली "हूँ."
गुड्डू आगे बोला "मैं और विक्की ने सोचा है कि इसी तरह एक साथ तेरी चुत और गांड में लण्ड पेलेंगे। धकाधक चोद कर भरपूर मज़ा लेंगे तेरी कमसिन जवानी का। पूरा टाइट लण्ड जब पूरा अंदर घुसेगा मेरी रानी की चुत और गांड में, तो तुझे जन्नत का मज़ा यही मिल जायेगा।"
गुड्डू के शब्द पूनम को पिघला रहे थे। वो वही पिक देख रही थी और गुड्डू उसे उस पिक में इमेजिन करवा रहा था। पूनम सोच रही थी की इतना बड़ा लण्ड उसकी छोटी सी चुत में कैसे जायेगा। एक साथ दो लण्ड चुत और गांड में लेने के इमेजिनेशन से ही उसकी चुत का गीलापन बढ़ गया था। वो चुत में धीरे धीरे ऊँगली अंदर बाहर करती जा रही थी।
गुड्डू बोला "बोलो न क्या हो रहा है पिक में." पूनम उसी तरह वासना के नशे में भरकर बोली "तुम बोले न अभी." गुडु बोला "तुम बोलो न। तुम्हारे मुँह से सुनकर नशा सा चढ़ता है." पूनम ये सोचकर की उसे क्या बोलना है, और गीली हो गयी। बोली "एक लड़का नीचे से उसकी चुत चोद रहा है और दूसरा पीछे से उसकी ग्.... गा....." पूनम नहीं बोल पायी। गुडु तुरंत उसे ठीक करने लगा। चुदाई के लेसन का अच्छा टीचर था वो। बोला "गांड मार रहा है." पूनम अभी भी नहीं बोल पायी। उसे अजीब सा लग रहा था। गुडु फिर से बोला "बोलो। बोलो गांड मार रहा है।"
पूनम बहुत बार लोगों को रोड पे बोलती हुई गाली देते हुए सुनी थी की गांड मार लिया या गांड मार लूँगा, लेकिन उसे समझ में नहीं आता था कि गांड मार लेना क्या होता है। उसे लगता था कि हिप पे थप्पड़ मारने को ही गांड मारना कहते हैं। लेकिन आज गुडु ने पिक के साथ उसे समझा दिया की गांड मारना किसे कहते हैं। गुडु फिर से बोला "बोल न."
पूनम बोल पड़ी "पीछे से उसकी गांड मार रहा है।" पूनम को बहुत शर्म आयी और उतना ही मज़ा भी आया। वो उठकर किचन में चली गयी और अपना फ़ेवरेट सेक्स टॉय 'बेलन' ले आयी। गुडु बोला "इसी तरह मैं तेरी चुत में अपना लण्ड पेलूँगा और तू मेरे ऊपर लेट कर अपनी चूचियों को मेरे सीने से रगड़ना, और विक्की पीछे से तेरी गांड में अपना लौड़ा पेल कर तेरी गांड मारेगा।"
पूनम बेलन को बेड पे सीधा खड़ा करके रखी और अपनी गीली चुत को उसके ऊपर रख कर दबाती चली गयी और बेलन चुत की गहराई में समाने लगा। बेलन अंदर जाते ही पूनम जोर से "आहः" की। गुडु बोला "बोल चुदवाएगी न?" पूनम पुरी तरह वासना के नशे में भरकर बोली "हुँ." गुडु बोला "गांड मरवायेगी न?" पूनम चुत में बेलन को अंदर बाहर करती हुई बोली "हाँ."
गुडु आगे बोला "ऐसे नहीं जान, अच्छे से बोलो "चुदवाओगी न?" पूनम वासना से लबरेज होती हुई बोली "हाँ, चुदवाऊँगी." गुडु बोला "गांड मारवाओगी न?" पूनम उसी रौ में बहती हुई बोली "हाँ, मरवाऊंगी." गुडु आगे बोला "मेरे और विक्की दोनों का लण्ड चुसोगी न?" पूनम बोली "नहीं, बस तुम्हारा." गुडु के लिए इतना भी काफी था। बोला "आ जाऊँ जान अभी?"
पूनम का मन हुआ की हाँ बोल दे और गुडु को बुला कर चुत में इस बेलन की जगह गुडु का लण्ड भरवा ले, लेकिन जो थोड़ा बहुत उसका दिमाग काम कर रहा था, उसका इस्तेमाल करती हुई पूनम बोली " नहीं, बाद में।" गुडु भी पूनम जैसी माल को इस तरह हड़बड़ी में नहीं खाना चाहता था। थोड़ी देर हो, लेकिन टेस्ट ले लेकर खायी जाने वाली इमरती थी पूनम।
गुड्डू महान बनता हुआ बोला "जब तुम बोलोगी, तभी मेरा लण्ड तुम्हारे चुत की सैर करेगा। अगली पिक देखो।" पूनम बोल तो रही थी की चुदवाऊँगी और गांड मारवाऊंगी, लेकिन वो फसी हुई सी फील कर रही थी। गुडु कि ऐसा बोलने से वो थोड़ी रिलैक्स हो गयी और अगला पेज पलटी।
गुड्डू पूछा "ये कौन सी पिक है?" पूनम अब कुछ रुकना या शर्माना नहीं चाहती थी। अब बचा ही क्या था शर्माने के लिए। बोली "एक लड़का पीछे से लड़की की चुत चोद रहा है और दूसरा सामने से उसके मुँह में लण्ड चुसवा रहा है।" गुडु पूनम के इस तरह बोलने पर खुश हो गया। उसे यकीन हो गया था कि अब पूनम उसके लण्ड की सवारी जरूर करेगी।
गुडु बोला "मज़ा आ रहा है न? मैं पीछे से तेरी चिकनी चुत में लौड़ा पेल कर चोद रहा हूँ और विक्की तेरे मुँह में। एक साथ मस्त मज़ा उठा रही तू।" पूनम कुछ नहीं बोली। गुड्डू पूछा "?" पूनम फिर से उसी तरह "हूँ" बोली। गुड्डू बोला "अच्छे से बोल न। सुनाई भी नहीं दे रहा। पूनम थोड़ा जोर से बोली, लेकिन उसकी आवाज़ उसी तरह वासना के समंदर में गोते लगाते हुए ही निकली "हाँ....।"
पूनम को बहुत मज़ा आ रहा था। वो चुत में बेलन अंदर बाहर किये जा रही थी। वो अपनी कुर्ती और ब्रा भी उतार दी और पूरी नंगी होकर मस्ती करने लगी। गुड्डू बोला "अगली पिक देख." पूनम पेज पलटी तो गुड्डू पूछा "क्या है इसमें?" पूनम पिक देख रही थी।
पूनम हिम्मत की और बोली। अभी वो खुद को रोक भी नहीं सकती थी। वो पिक और गुड्डू के शब्द चुदाई को घोलकर उसके अंतर्मन में उतार रहे थे। हर नए पिक के साथ पूनम की चुत से बहने वाले झरने की धार तेज हो रही थी। पूनम बोली "लड़की एक के ऊपर बैठी हुई है और दूसरे का लण्ड चूस रही है." गुड्डू चिढ़ता हुआ सा बोला "अच्छे से बोल न जान. कुछ समझ में ही नहीं आता."
पूनम फिर से बोलना शुरू की "एक लड़का सीधा लेटा हुआ है और लड़की उसके लण्ड को अपनी चुत में डालकर उसके ऊपर बैठी हुई है और दूसरे लड़के का लण्ड चूस रही है...." पूनम दो बार अमित से चुदवा चुकी थी, गुड्डू के भेजे हुए पिक्स देख चुकी थी और चुदाई वाली कहानियाँ पढ़ चुकी थी। लेकिन इन सबसे ज्यादा मज़ा उसे आज इस तरह पिक देखते हुए गुड्डू से बात करने में और इस तरह बोलने में आ रहा था। गुड्डू भी कई सारी और कई तरह की चुत की सैर करवा चुका था अपने लण्ड को, बेस फ़ोन पे भी 3-4 औरतों के साथ चुदाई की बात कर चुका था, लेकिन आज उसे सबसे ज्यादा मज़ा आ रहा था।
और इस मज़े का कारण था कि वो अभी तक पूनम को चोदा नहीं था और जो चीज़ दूर हो, वो ज्यादा मज़ा देती है। दोनों सोच रहे थे की जब अभी इतना मज़ा आ रहा है तो जब सच में चुदाई के वक़्त कितना मज़ा आएगा। और ये कमाल भी गुड्डू का ही था कि पूनम जैसी लड़की को क्या से क्या बना रहा था। यही पूनम कुछ दिन पहले तक कैसी थी और आज इतना कुछ हो रहा था उसकी लाइफ में। आज वो बेफिक्र हो कर लण्ड, चुत, गांड, चोदना, चुदवाना बोल रही थी, गुड्डू से चुदवाने के लिए भी लगभग तैयार थी।
गुड्डू बोला “आहः मेरी जान। बोलो, मैं तुम्हारे लंड को अपनी चूत में भरकर तुम्हारे ऊपर बैठी हूँ.” पूनम मुस्कुराती हुई बोली “मैं नहीं बैठी हूँ.” गुड्डू हँसता हुआ बोला “हमें तो वो तुम ही दिखती हो और वो दोनों लड़के मैं और विक्की.”
गुड्डू बोला “फिर से बोलो न.”
पूनम भी उसी तरह बेलन को बेड पे सीधा खड़ा कर दी थी और उसी तरह बेलन को अपनी चुत में घुसा कर उसी तरह बैठ गयी थी। उसे भी लग रहा था कि ये मैं ही हूँ। बोली “लड़की अपनी चूत में लड़के का लंड भरकर उसके ऊपर बैठी है और दुसरे का लण्ड चूस रही है.” गुड्डू बोला “वाह! मस्त.... ऐसे ही तुम्हे अपने लंड पे बैठाकर चोद रहा हूँ और तुम ऊपर नीचे होकर मज़े से चुदवा रही हो और विक्की का लंड मुँह में पूरा भरकर चूस रही हो. जब इस तरह लंड के ऊपर बैठ कर उसे अपनी चूत में लोगी न, तब लंड तुम्हारे हिसाब से चूत में अन्दर उतरता है, और इसमें बहुत मज़ा आता है लड़कियों को.” पूनम को बहुत मज़ा आ रहा था. वो बेलन को एक हाथ से पकड़े हुए ऊपर नीचे हो रही थी और बेलन चुत में अंदर बाहर हो रहा था। गुड्डू जो बोला वो सच था कि बेलन उसके हिसाब से अंदर बाहर हो रहा था। पूनम को लग रहा था कि वो गुड्डू के लण्ड पे बैठ कर चुद रही है। वो इसी तरह हर पोज में अमित के साथ चुदवाना चाहती थी, लेकिन उस हरामी फट्टू में इतना दम ही नहीं था.
गुड्डू बोला अगली पिक कौन सी है. पूनम पेज पलटी. अगली पिक में लड़की दोनों टांगे पूरा फैलाये हुए लेटी हुई थी और एक लंड उसकी चूत में था और दूसरा लंड उसके चेहरे के पास था. लड़की के ओठ पे और मुंह के पास सफ़ेद सा कोई द्रव लगा हुआ था. लड़की के मुंह में वीर्य देखते ही पूनम बेड पे सीधी लेट गयी और फुल स्पीड में चुत में बेलन अंदर बाहर करने लगी. गुड्डू बोला “बोल न, क्या है इसमें?”
पूनम बोली “आह.... लड़की सीधी होकर लेटी हुई है और अपनी चूत चुदवा रही है और दूसरा लड़का का लंड उसके मुँह के पास है और उसके मुँह में वीर्य गिरा रहा है.” गुड्डू बोला “लड़की कितनी खुश है न वीर्य पी कर.” पूनम बोली “हाँ...” पूनम की चूत ने काम रस उगल दिया. वो हांफने लगी.
गुड्डू बोला “इसी तरह तुम्हे भी विक्की अपना वीर्य पिला रहा है और मैं तुम्हे चोद रहा हूँ.” पूनम कुछ नहीं बोली. वो अपनी साँसों को सम्हाल रही थी. आज उसे बहुत मज़ा आया था. वो पहले भी पिक और कहानी पढ़कर अपनी चूत से पानी निकाली थी, लेकिन आज जिस तरह से गुड्डू पिक्स को डिस्क्राइब कर रहा था, पूनम का मज़ा आज सातवें आसमान पे था.
गुड्डू बोला “अगली पिक देखो.” पूनम पेज पलट ली. इसमें लड़की ज़मीन पे मुँह खोले बैठे हुए थी और दोनों लंड उसके चेहरे के सामने थे और उसका चेहरा वीर्य से भरा हुआ था. गुड्डू बोला “क्या है इसमें?” पूनम अब तक अपनी साँस सम्हाल चुकी थी. वो बेलन को बाहर निकाल ली और उसकी चूत से कामरस बहकर बाहर आ रहा था. बोली “बहुत बोल ली मैं. रखो फ़ोन अब.” गुड्डू मुस्करा दिया. हँसता हुआ बोला “चूत से पानी निकाल ली?” पूनम कुछ नहीं बोली. मुस्कुरा वो भी दी थी.” गुड्डू बोला “मज़ा आया न.” पूनम अब भला उसे क्या बोलती. गुड्डू बोला “बोल न, पानी निकल गया?” पूनम शर्माती लजाती हुई सी बोली “हाँ.” गुड्डू बोला “बस इस पिक का बता दे, फिर फ़ोन रख देता हूँ.” पूनम अपनी पैंटी पहन ली थी. बोली “अब कुछ नहीं बोलूंगी. बस, बहुत हो गया.” गुड्डू जोर से हँसता हुआ बोला “कोई बात नहीं, मत बोल. बस मज़ा आना चाहिए तुझे.”
पूनम अपनी ब्रा का हुक लगा रही थी. गुड्डू बोला “इसमें मैं और विक्की दोनों अपने लंड का वीर्य तेरे मुँह और चेहरे पे गिरा रहे हैं.” पूनम बोली “अब अभी रखो फ़ोन. रात में बताउंगी.” गुड्डू खुश हो गया. पूनम खुद रात में उससे फ़ोन पे चुदवाने के लिए तैयार थी. कुछ दिन में वो सच में भी उस से चुदेगी. गुड्डू ने “बाय” बोलकर कॉल कट कर दिया. पूनम अपने सारे कपडे पहन ली और पिक और कहानी को आलमीरा में छुपा कर रख दी. वो पहले वाले पिक और कहानी को बाथरूम में फ़्लैश में बहा दी.