12-02-2019, 09:11 AM
(This post was last modified: 30-11-2024, 11:26 AM by neerathemall. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
समीर स्वाभाविक रूप से दोनो में से मजबूत था और अब यह उसकी बारी थी कि कुछ प्रभाव दिखा सके उसका शरीर इस तरह से ऊपर नीचे हो रहा था कि मानो हाइड्रोलिक मशीन हो जो उसकी बहन को आन्नद से पागल करे जा रहा था l
उसने और त्तेजी से धक्के लगाने चालू कर दिये ,जिससे उसका शरीर गति से तारतम्य बनाने केलिये उछल रहा था इससे उसकी बहन के उरोज उछल -उछ्ल कर उसके भाई के लिये अद्भुत नजारा प्रस्तुत कर रहे थे यद्यपि असिमा के घुटने दर्द से दुखने लगे थे फ़िर भी उसने गति धीमी कर आन्नद मे कमी न आने दीसमीर की कमर की नसों मे धीमी सुरसुराहट शुरू हो गई थी जो मष्तिषक में पहुँचने से पहले उसके मेरु दण्ड तक जाती थी जिससे उसे यह आभास हो रहा था कि वह किसी भी पल स्खलित हो सकता है l
n
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.