29-02-2020, 09:44 AM
(This post was last modified: 31-05-2021, 11:49 AM by komaalrani. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
आ गए जीजू
इन्होंने रूम सेट कर दिया था और बारबेक भी लगा दिया था।
बीस क्या पंद्रह मिनट में ही वो लोग आ गए।
मैं बाहर ही वेट कर रही थी।
रीनू , मेरी मंझली मौसेरी बहन ,अजय की पत्नी ,दिखी सबसे पहले।
टैंक टॉप हाट , एकदम छोटा सा ,मुश्किल से उसके कबूतरों को ढकता, और कबूतर भी उसके खूब दबंग ,
टॉप फाडू ,कड़े बेचैन ,एकदम मेरी टक्कर के। ,
नाभि दर्शना टॉप से न सिर्फ उसका गोरा चिकना पेट छलक रहा था , कटीली कमरिया झलक रही थी बल्कि साथ में एक छोटी सी गोल्डन नेवल रिंग भी, और नीचे एक खूब घेरदार स्कर्ट,, हाई हील्स ,
और उसने मुझे दबोच लिया, साथ में गालियों की बौछार ,
टिपिकल रीनू , हम तीनों मौसेरी बहनों की आदत , एकदम मौसियों की तरह ,
जबतक एक दो दर्जन गालियां न हो जाएँ , बात चीत शुरू ही नहीं होती थी। और रीनू और मैं तो और भी हर तरह से 'क्लोज ' थे , जी जो आप समझ रहे हैं ,एकदम उसी तरह से ,'क्लोज '
" कमीनी,छिनार ,चूत मरानो , हरामजादी ,.... "
रीनू के मुंह से फूल झड़ रहे थे , जोर से उसने मुंझे अपनी बांहों में दबोच रखा था।
लेकिन बजाय आज जवाब देने के मेरी आँखे किसी और को ढूंढ रही थी और वो दिख गए ,
रीनू के ठीक पीछे ,
हैंडसम ,हंक , टाल ,
टी शर्ट से झांकती ताकतवर मस्क्युलर मछलियां ,जिम टोन्ड बॉडी
रा फ़ोर्स , पैशन ,मैस्क्युलिनिटी पर्सानिफाइड,
कमल जीजू , टिपिकल मेरे कमल जीजू , देखते ही जबरदस्त आँख उन्होंने मार दी।
और वो मुझे देखते ही रह गए ,
मेरा जादू चल गया ,मेरा या मेरे जोबन का पता नहीं ,पर वो एकदम मन्त्र मुग्ध से ,
मेरे कसे टाइट शोल्डर लेस हॉल्टर से झांकते ,उन्हें ललचाते मेरे मांसल उभार ,उनका कड़ापन , कटाव ,
गहरा क्लीवेज और मेरे दोनों कबतरों की चोंच भी दिख रही थी साफ़ साफ़ ,
बड़ी बड़ी आँखों में काजर की धार कटार मार्का , मस्कारा ,
डार्क रेड लिपस्टिक ,कमल जीजू का फेवरेट कलर
…अरे स्वागत में गारी सुनाओ अरे स्वागत में ,
आने को आदर ,बैठन को कुर्सी
अरे पीने को पानी , अरे संग सोने को , अरे संग सोवन को ,
अरे संग सोवन को , ...
जब तक मैं अपनी और जीजू की फेवरिट गारी में , कमल जीजू की बहन का नाम लेती ,
उन्होंने मेरे गाल मींड़ते हुए ,
अरे मेरी छोटी साली राजी रे
आगे से तो मुझे रीनू ने दबोच रखा था , उन्होंने पीछे से ही गपुच लिया।
और तुरंत ही उनका मोटा कड़ा खूंटा ,मेरे पीछे गड़ने चुभने लगा.
" आगे से नहीं पीछे से ही सही ,... "
बनावटी बुझे मन से वो बोले।
मेरे जोबन पे अपने जोबन जोर जोर से रगडती मसलती ,रीनू जोर जोर से खिलखिलाई ,
" अरे जीजू ,ये क्यों नहीं कहते की आपकी फेवरिट साली की फेवरिट चीज मिल गयी है ,बहाने क्यों बना रहे हैं ,लगे रहो ,लगे रहो। "
रीनू ने कमल जीजू को चिढाया।
" अरे बहाने बनाने की क्या जरूरत , अब तो मुझे ये भी मिल गया है , ... "
कमल जीजू कौन से कम थे उन्होंने मेरे और रीनू के उभारों के बीच अपने हाथ की सेंध लगा दी।
पर उन्हें क्या मालुम की उन्होंने अच्छे घर दावत दी है।
उनकी एक साली काफी थी और यहाँ तो दो दो ,मेरी और रीनू की परफेक्ट ट्यूनिंग थी।
दो पाटन के बीच में साबित बचा न कोय , और मेरे और रीनू के उभारों के बीच कमल जीजू का हाथ।
लेकिन कमल जीजू भी आखिर कमल जीजू थे ,जवाब उनकी उस चीज ने दिया जो उनकी असली स्ट्रेंथ थी ,
उंनके बित्ते भर के खूंटे ने ,
जोर जोर से अब उनका मोटा लन्ड मेरे दोनों कसमकस करते चूतड़ो के बीच ,सीधे गांड की दरार में ,
लग रहां था मेरी टाइट रिप्ड जीन्स फाड़ के वो मेरी गांड फाड़ देंगे।
मैं एकदम सिहर गयी ,; लेकिन तबतक आवाज आयी ,
" लगे रहो लगाते रहो। "
अजय जीजू ,रीनू के हसबैण्ड ,थे।
इन्होंने रूम सेट कर दिया था और बारबेक भी लगा दिया था।
बीस क्या पंद्रह मिनट में ही वो लोग आ गए।
मैं बाहर ही वेट कर रही थी।
रीनू , मेरी मंझली मौसेरी बहन ,अजय की पत्नी ,दिखी सबसे पहले।
टैंक टॉप हाट , एकदम छोटा सा ,मुश्किल से उसके कबूतरों को ढकता, और कबूतर भी उसके खूब दबंग ,
टॉप फाडू ,कड़े बेचैन ,एकदम मेरी टक्कर के। ,
नाभि दर्शना टॉप से न सिर्फ उसका गोरा चिकना पेट छलक रहा था , कटीली कमरिया झलक रही थी बल्कि साथ में एक छोटी सी गोल्डन नेवल रिंग भी, और नीचे एक खूब घेरदार स्कर्ट,, हाई हील्स ,
और उसने मुझे दबोच लिया, साथ में गालियों की बौछार ,
टिपिकल रीनू , हम तीनों मौसेरी बहनों की आदत , एकदम मौसियों की तरह ,
जबतक एक दो दर्जन गालियां न हो जाएँ , बात चीत शुरू ही नहीं होती थी। और रीनू और मैं तो और भी हर तरह से 'क्लोज ' थे , जी जो आप समझ रहे हैं ,एकदम उसी तरह से ,'क्लोज '
" कमीनी,छिनार ,चूत मरानो , हरामजादी ,.... "
रीनू के मुंह से फूल झड़ रहे थे , जोर से उसने मुंझे अपनी बांहों में दबोच रखा था।
लेकिन बजाय आज जवाब देने के मेरी आँखे किसी और को ढूंढ रही थी और वो दिख गए ,
रीनू के ठीक पीछे ,
हैंडसम ,हंक , टाल ,
टी शर्ट से झांकती ताकतवर मस्क्युलर मछलियां ,जिम टोन्ड बॉडी
रा फ़ोर्स , पैशन ,मैस्क्युलिनिटी पर्सानिफाइड,
कमल जीजू , टिपिकल मेरे कमल जीजू , देखते ही जबरदस्त आँख उन्होंने मार दी।
और वो मुझे देखते ही रह गए ,
मेरा जादू चल गया ,मेरा या मेरे जोबन का पता नहीं ,पर वो एकदम मन्त्र मुग्ध से ,
मेरे कसे टाइट शोल्डर लेस हॉल्टर से झांकते ,उन्हें ललचाते मेरे मांसल उभार ,उनका कड़ापन , कटाव ,
गहरा क्लीवेज और मेरे दोनों कबतरों की चोंच भी दिख रही थी साफ़ साफ़ ,
बड़ी बड़ी आँखों में काजर की धार कटार मार्का , मस्कारा ,
डार्क रेड लिपस्टिक ,कमल जीजू का फेवरेट कलर
…अरे स्वागत में गारी सुनाओ अरे स्वागत में ,
आने को आदर ,बैठन को कुर्सी
अरे पीने को पानी , अरे संग सोने को , अरे संग सोवन को ,
अरे संग सोवन को , ...
जब तक मैं अपनी और जीजू की फेवरिट गारी में , कमल जीजू की बहन का नाम लेती ,
उन्होंने मेरे गाल मींड़ते हुए ,
अरे मेरी छोटी साली राजी रे
आगे से तो मुझे रीनू ने दबोच रखा था , उन्होंने पीछे से ही गपुच लिया।
और तुरंत ही उनका मोटा कड़ा खूंटा ,मेरे पीछे गड़ने चुभने लगा.
" आगे से नहीं पीछे से ही सही ,... "
बनावटी बुझे मन से वो बोले।
मेरे जोबन पे अपने जोबन जोर जोर से रगडती मसलती ,रीनू जोर जोर से खिलखिलाई ,
" अरे जीजू ,ये क्यों नहीं कहते की आपकी फेवरिट साली की फेवरिट चीज मिल गयी है ,बहाने क्यों बना रहे हैं ,लगे रहो ,लगे रहो। "
रीनू ने कमल जीजू को चिढाया।
" अरे बहाने बनाने की क्या जरूरत , अब तो मुझे ये भी मिल गया है , ... "
कमल जीजू कौन से कम थे उन्होंने मेरे और रीनू के उभारों के बीच अपने हाथ की सेंध लगा दी।
पर उन्हें क्या मालुम की उन्होंने अच्छे घर दावत दी है।
उनकी एक साली काफी थी और यहाँ तो दो दो ,मेरी और रीनू की परफेक्ट ट्यूनिंग थी।
दो पाटन के बीच में साबित बचा न कोय , और मेरे और रीनू के उभारों के बीच कमल जीजू का हाथ।
लेकिन कमल जीजू भी आखिर कमल जीजू थे ,जवाब उनकी उस चीज ने दिया जो उनकी असली स्ट्रेंथ थी ,
उंनके बित्ते भर के खूंटे ने ,
जोर जोर से अब उनका मोटा लन्ड मेरे दोनों कसमकस करते चूतड़ो के बीच ,सीधे गांड की दरार में ,
लग रहां था मेरी टाइट रिप्ड जीन्स फाड़ के वो मेरी गांड फाड़ देंगे।
मैं एकदम सिहर गयी ,; लेकिन तबतक आवाज आयी ,
" लगे रहो लगाते रहो। "
अजय जीजू ,रीनू के हसबैण्ड ,थे।