25-02-2020, 11:55 AM
(16-02-2020, 11:45 AM)Rocksanna999 Wrote: अपनी ही कहानी को बहुत दिनों तक नही लिख पाना और उससे दूर हो जाना। कुछ खास मित्रों और पाठकों को अपने ही कारणों से दुखी करना जीवन का एक बुरा अनुभव होने के साथ-साथ मुझे ये भी बताता गया कि आखिर सबसे पहले महत्वपूर्ण क्या है।सच में मित्र, आपके मित्र ने यह तो बहुत ही बुरा किया की आपकी कहानी के काफी अंश अमेज़न किन्दल पर छपवा कर अपना नाम करवा लिया, यह बहुत ही गलत है, मैंने कई कहानियां ऐसी भी पड़ी हैं जो अगर कोई और भी प्रिंट मीडिया में देता है तो साथ में असली लेखक का नाम भी देता है (पता नहीं यह भी सही है की नहीं)
माफी चाहता हूँ आप सभी से की इतने दिनों से ना तो आपको कोई पूर्व संदेश दे पाया और ना ही आपको मेरे कहानी नही लिख पाने की पूर्व सूचना दे पाया।
आप सभी को जो कुछ मेरे कारण कष्ट हुआ है उसके लिए माफी चाहता हूँ। मैंने अभी तक इस कहानी के अगले भागों को केवल कुछ चुने हुए घटना क्रम के आधार पर लिख रखा है उनका संक्षिप्तिकरण करना अभी शेष है। हो सकता है मुझे अगला अपडेट देने में आज से कुछ समय और लगे। आज मैं प्रथम बार, अपने आखिरी अपडेट से, यहाँ अपनी उपस्थिति दे पाया हूँ। उम्मीद करता हूँ मैं अपनी दोनों कहानियों को जल्द से जल्द पूर्णता प्रदान कर सकूँगा।। इन दो कहानियों के अतिरिक्त भी मैंने कुछ तीन कहानियाँ लिख रखी है। लेकिन उन सभी को भी मेवे अब तक पूर्ण नही किया। मेरा प्रयास सदैव ये रहा है कि मैं आपमे पाठको को व्व दे सकूँ जो उन्होंने अब तक कहीं पढ़ा ना हो और जो उनकी सोच के परे हो ताकि मेरे पाठको को सदैव नवीन कहानी का अनुभव का हो। मेरे कहानी छोड़ने के पीछे का एक अहम कारण ये भी था कि मैंने एक कहानी और लिखी है जो कि + 18 के परे है। मेरा आशय है कि वो एक तरह से नावेल है। परंतु जब मैं उसे छपवाने के लिए गया तो मेरे ही एक मित्र ने उक्त कहानी के कुछ घटना क्रम चुरा लिए और उन्हें अपने कहानी में लिख कर अमेज़न किंडल पर छपा दिया। जिसके कारण से मुझे कहानी लिखने पर असहजता का भाव आ गया।
परन्तु अच्छा हुआ जो कुछ पहले लिखा उसे किसी और ने अपने नाम से लिख दिया। अब मैं फिर से कुछ नया सोच सकता हूँ और अपनी सोचने समझने की क्षमता को फिर से बढ़ा सकता हूँ। मैं कोशिश करूंगा आप सभी को ये कहानी पसन्द आये। क्योंकि अब जब मुझे इस कहानी के कुछ घटनाक्रम एक नए सिरे से फिर से लिखने होंगे इसलिए मुझे इस कहानी के पूर्व में प्रस्तुत कर दी गयी घटनाओं और आने वाली घटनाओं के मध्य सामंजस्य भी बनाना होगा। अतः आप सभी से निवेदन है कि कृपया कर संयम बनाये रखें।।
...
कृपया मन छोटा मत करें और लिखने की और प्रगतिशील रहें ...
आभार
मास्टरजी १९७०
सुनील पंडित
// सुनील पंडित // 

मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!