24-02-2020, 12:42 PM
(This post was last modified: 27-05-2021, 07:05 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
इन्तजार
और मेरी सास के आने का इन्तजार सिर्फ ये नहीं कर रहे थे , बहुत लोग कर रहे थे , मैं भी , मंजू और गीता भी।
गीता ने जबरदस्त आइडिया दिया था ,
आने दीजिये उन्हें , एकदम नंगी रखेंगे उन्हें , हाँ दूध वाला पहलवान हो , स्वीपर हो , वही जाएँगी , बहुत हुआ तो एक झीनी खूब घिसी साडी एकदम ट्रांसपेरेंट , वही ओढ़ लेंगी ,
ब्लाउज ब्रा पेटीकोट कुछ नहीं ,
मंजू ने तो एकदम खतनाक , डबल फिस्टिंग , वो भी इनके सामने ही ,...
और मुझसे , ...
जबतक वो कबूल नहीं कर लेंगी , इन्हे इनकी बुआ , मौसी सब दिलवाएंगी ,
लेकिन ये सब तभी हो सकता था जब इनकी सास चाहें तभी इन्हे मेरी सास मिलेगी , और उसके लिए उनकी दो शर्तें ,
और वो पूरी होने पर मम्मी इन्हे मेरे यहाँ ले आती और हाँ मम्मी के जिम्मे भी दो काम था
मेरी सास को पटा कर लाने का
और मेरी ननद को , कुँवारी ननद को गाभिन करने का , ...
मैंने पुछा भी भी मम्मी सिर्फ वो गाभिन होगी या बियायेगी भी , तो हंस के बोलीं वो
ये फैसला उसकी भाभी करेगी , पर गाभिन तो मैं उसे करवाउंगी ही उसके भैया से अपने सामने और उसे बताकर ,...
ये तो मैं किसी शर्त पर नहीं छोड़ सकती थी , उसके लिए मुझे चाहे जो करना पड़े।
उनका मोटा लन्ड कसर मसर उनकी माँ के भोंसडे में जाय और वो भी मेरे सामने ,
इस सीन के लिए तो मैं ,
मम्मी चिढ़ाती भी थी , और वो भी अपने दामाद को सुना सुना के ,
" मेरा दामाद आपको गौने की रात की याद दिला देगा , जितना आप पहली बार चीखी चिल्लाई होंगी , उससे भी ज्यादा , ... जब चढ़ेगा न वो "
और ऊपर से मेरी सास बजाय बुरा मानने के और , ये जानते भी हुए की उनका मुन्ना भी सुन रहा है , और बढ़ चढ़ के बोलतीं ,
" अरे देख लुंगी उसका भी और उसको भी , ... देखतीं हूँ उसकी छिनार सास ने क्या क्या सिखाया है , अगर उसकी सास उसके ऊपर चढ़ कर घोंट लेती है , तो मेरी बहू की सास बीस होगी। "
तो ये तो तय हो गया था की पहले दिन ही न ये मेरी सास पर चढ़ेंगे बल्कि सुबह होने के पहले मेरी सास भी इनके मोटे खूंटे पर ,
और मंजू बाई तो , और वो न भी कहती तो इनकी सास थीं न
" मेरी समधन की गाँड़ जरूर मारना , वो भी कुतिया बना कर , दिन दहाड़े , ..."
और जब तक ये दस बार हुनकारी नहीं भर लेते मेरी सास की गांड मारने की , इनकी सास छोड़ती नहीं थी
मेरा शैतान दिमाग चरखी की तरह चल रहा था ,
कैसे चुदेगी मेरी छिनार पंचभतारी सास अपने बेटे से , ...
और अब मेरी ऊँगली उनकी कसी कोरी गांड की दरार में चल रही थी।
चिकने तो वो बचपन के थे , खुद अपने बचपन के किस्से बताते हुए उन्होंने कबूला था की क्लास ९ से ११ के बीच तीन बार उनकी नेकर उतर चुकी थी ,
एक बार तो निहुराया , सटाया ,भी हो चुका था ,लेकिन बस घुसेड़ने के पहले गड़बड़ हो गया।
बच गए बिचारे ,
लेकिन अब नहीं बच सकते ,
क्योंकि ये अगर बच गए तो मेरी छिनार सास बच जाएंगी और ये मैं होने नहीं दे सकती थी।
कमल जीजू भी तो इन्ही के कॉलेज में थे ,शायद इनसे तीन या चार साल सीनियर ,
इन्होंने खुद बताया था , कोई भी चिकना उनके कॉलेज का ,कमल जीजू से बचा नहीं था ,सीधे नहीं तो जबरदस्ती ,
ये बस इसलिए बच गए थे की जिस साल ये कॉलेज में गए उसी साल कमल जीजू इंजीनियरिंग में पहुँच गए।
और कमल जीजू तो अभी भी , चीनू ने खुद बताया था अभी भी जेंडर डिस्क्रिमिनेशन में विश्वास नहीं रखते थे , महीने में एकाध बार ,
बस ,
कचाक से ऊँगली मैंने उनकी कसी कोरी गांड में पेल दी ,
मिल गया , अब न ये बचेंगे ,न इनकी माँ।
दो पोर तक मेरी ऊँगली इनकी गांड में ,
इन्होंने झट से आँखे खोल दी और मुस्कारने लगे,
ऊँगली निकाल के मैंने सीधे उनके होंठों पे लगा दी और वो झट्ट ,..
मंजू बाई और गीता ने उन्हें तरह का स्वाद चखा दिया था।
" तेरे लिए एक सरप्राइज खबर है लेकिन अभी नहीं , तुमने अभी नहाया नहीं न आज , चलो पहले अपने सोना मोना को नहलाती हूँ अच्छी तरह से फिर ,…
लेकिन नहलाया भी उन्होंने ,धुलाया भी उन्होंने।
……
और थोड़ी देर में हम दोनों किचेन में थे ,वो चाय बना रहे थे और मैं प्लान।
एकदम कड़क चाय।
और मैंने उन्हें उनका काम बता दिया ,
" कुछ बहुत ही स्पेशल गेस्ट आ रहे हैं ,बस ये सोच लो आज तेरे कुलिनरी स्किल्स का असली टेस्ट है ,और सब कुछ नान वेज, नो घास फूस और वैरायटी भी। "
बिचारे जानना तो चाह रहे थे की कौन ,लेकिन ये भी जानते थे की मैं तभी बताउंगी जब मैं चाहूंगी। लेकिन एक सवाल उन्होंने पूछ ही लिया ,
" टाइम कितना है। "
"ढाई से तीन घंटा। "
उन्होंने राहत की सांस ली ,बोले बस बहुत है और चालू हो गए।
और मेरी सास के आने का इन्तजार सिर्फ ये नहीं कर रहे थे , बहुत लोग कर रहे थे , मैं भी , मंजू और गीता भी।
गीता ने जबरदस्त आइडिया दिया था ,
आने दीजिये उन्हें , एकदम नंगी रखेंगे उन्हें , हाँ दूध वाला पहलवान हो , स्वीपर हो , वही जाएँगी , बहुत हुआ तो एक झीनी खूब घिसी साडी एकदम ट्रांसपेरेंट , वही ओढ़ लेंगी ,
ब्लाउज ब्रा पेटीकोट कुछ नहीं ,
मंजू ने तो एकदम खतनाक , डबल फिस्टिंग , वो भी इनके सामने ही ,...
और मुझसे , ...
जबतक वो कबूल नहीं कर लेंगी , इन्हे इनकी बुआ , मौसी सब दिलवाएंगी ,
लेकिन ये सब तभी हो सकता था जब इनकी सास चाहें तभी इन्हे मेरी सास मिलेगी , और उसके लिए उनकी दो शर्तें ,
और वो पूरी होने पर मम्मी इन्हे मेरे यहाँ ले आती और हाँ मम्मी के जिम्मे भी दो काम था
मेरी सास को पटा कर लाने का
और मेरी ननद को , कुँवारी ननद को गाभिन करने का , ...
मैंने पुछा भी भी मम्मी सिर्फ वो गाभिन होगी या बियायेगी भी , तो हंस के बोलीं वो
ये फैसला उसकी भाभी करेगी , पर गाभिन तो मैं उसे करवाउंगी ही उसके भैया से अपने सामने और उसे बताकर ,...
ये तो मैं किसी शर्त पर नहीं छोड़ सकती थी , उसके लिए मुझे चाहे जो करना पड़े।
उनका मोटा लन्ड कसर मसर उनकी माँ के भोंसडे में जाय और वो भी मेरे सामने ,
इस सीन के लिए तो मैं ,
मम्मी चिढ़ाती भी थी , और वो भी अपने दामाद को सुना सुना के ,
" मेरा दामाद आपको गौने की रात की याद दिला देगा , जितना आप पहली बार चीखी चिल्लाई होंगी , उससे भी ज्यादा , ... जब चढ़ेगा न वो "
और ऊपर से मेरी सास बजाय बुरा मानने के और , ये जानते भी हुए की उनका मुन्ना भी सुन रहा है , और बढ़ चढ़ के बोलतीं ,
" अरे देख लुंगी उसका भी और उसको भी , ... देखतीं हूँ उसकी छिनार सास ने क्या क्या सिखाया है , अगर उसकी सास उसके ऊपर चढ़ कर घोंट लेती है , तो मेरी बहू की सास बीस होगी। "
तो ये तो तय हो गया था की पहले दिन ही न ये मेरी सास पर चढ़ेंगे बल्कि सुबह होने के पहले मेरी सास भी इनके मोटे खूंटे पर ,
और मंजू बाई तो , और वो न भी कहती तो इनकी सास थीं न
" मेरी समधन की गाँड़ जरूर मारना , वो भी कुतिया बना कर , दिन दहाड़े , ..."
और जब तक ये दस बार हुनकारी नहीं भर लेते मेरी सास की गांड मारने की , इनकी सास छोड़ती नहीं थी
मेरा शैतान दिमाग चरखी की तरह चल रहा था ,
कैसे चुदेगी मेरी छिनार पंचभतारी सास अपने बेटे से , ...
और अब मेरी ऊँगली उनकी कसी कोरी गांड की दरार में चल रही थी।
चिकने तो वो बचपन के थे , खुद अपने बचपन के किस्से बताते हुए उन्होंने कबूला था की क्लास ९ से ११ के बीच तीन बार उनकी नेकर उतर चुकी थी ,
एक बार तो निहुराया , सटाया ,भी हो चुका था ,लेकिन बस घुसेड़ने के पहले गड़बड़ हो गया।
बच गए बिचारे ,
लेकिन अब नहीं बच सकते ,
क्योंकि ये अगर बच गए तो मेरी छिनार सास बच जाएंगी और ये मैं होने नहीं दे सकती थी।
कमल जीजू भी तो इन्ही के कॉलेज में थे ,शायद इनसे तीन या चार साल सीनियर ,
इन्होंने खुद बताया था , कोई भी चिकना उनके कॉलेज का ,कमल जीजू से बचा नहीं था ,सीधे नहीं तो जबरदस्ती ,
ये बस इसलिए बच गए थे की जिस साल ये कॉलेज में गए उसी साल कमल जीजू इंजीनियरिंग में पहुँच गए।
और कमल जीजू तो अभी भी , चीनू ने खुद बताया था अभी भी जेंडर डिस्क्रिमिनेशन में विश्वास नहीं रखते थे , महीने में एकाध बार ,
बस ,
कचाक से ऊँगली मैंने उनकी कसी कोरी गांड में पेल दी ,
मिल गया , अब न ये बचेंगे ,न इनकी माँ।
दो पोर तक मेरी ऊँगली इनकी गांड में ,
इन्होंने झट से आँखे खोल दी और मुस्कारने लगे,
ऊँगली निकाल के मैंने सीधे उनके होंठों पे लगा दी और वो झट्ट ,..
मंजू बाई और गीता ने उन्हें तरह का स्वाद चखा दिया था।
" तेरे लिए एक सरप्राइज खबर है लेकिन अभी नहीं , तुमने अभी नहाया नहीं न आज , चलो पहले अपने सोना मोना को नहलाती हूँ अच्छी तरह से फिर ,…
लेकिन नहलाया भी उन्होंने ,धुलाया भी उन्होंने।
……
और थोड़ी देर में हम दोनों किचेन में थे ,वो चाय बना रहे थे और मैं प्लान।
एकदम कड़क चाय।
और मैंने उन्हें उनका काम बता दिया ,
" कुछ बहुत ही स्पेशल गेस्ट आ रहे हैं ,बस ये सोच लो आज तेरे कुलिनरी स्किल्स का असली टेस्ट है ,और सब कुछ नान वेज, नो घास फूस और वैरायटी भी। "
बिचारे जानना तो चाह रहे थे की कौन ,लेकिन ये भी जानते थे की मैं तभी बताउंगी जब मैं चाहूंगी। लेकिन एक सवाल उन्होंने पूछ ही लिया ,
" टाइम कितना है। "
"ढाई से तीन घंटा। "
उन्होंने राहत की सांस ली ,बोले बस बहुत है और चालू हो गए।