24-02-2020, 12:21 PM
(This post was last modified: 27-05-2021, 06:30 PM by komaalrani. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
शर्त , उनकी सास की
मुझे एक शर्त याद आयी, उनकी सास ने लगाई थी ,
" अगर तुझे इसे मादरचोद बनाना है न तो मेरे आने के पहले इसकी नथ उतर जानी चाहिए ,
तब तू इसके फटने की फोटो भेजेगी मुझे तभी मैं इसकी माँ को लेके ,... "
और मैने उस समय तुरंत हाँ बोल दी थी।
सच्च में , मेरी सास भी ना ,
इनकी माँ भी ,
मम्मी तो मेरी शादी से पहले ही कहती थीं , कोमलिया तेरी सास चलती है , और जम के चलती है , ...
पहले तो मैं समझती थी , समधन के बीच का मज़ाक लेकिन मम्मी की पकड़ इस मामले में किसी से भी ज्यादा है ,
और शादी के बाद मैंने नोटिस भी किया ,
नमक तो जबरदस्त था उनमें , स्थूल तो नहीं लेकिन हलकी भारी जैसे इस उमर की औरतें हो जाती हैं ,... और वो भी एकदम सही जगह पर , ..
३८ डी डी , और खूब कड़े कड़े , ...
और ऊपर से मेरी सास का आँचल हरदम ढलकता ही रहता था , खास तौर से जब इनके मौसा , फूफा आसपास मंडराते रहते थे , ...
बड़ी बड़ी गोल गोल गदरायी , ... सिर्फ गहराई नहीं , आलमोस्ट सब कुछ , अपने नन्दोई और जीजा ( इनके फूफा और मौसा )लोगों के सामने ,... ललचाती उकसाती
और उम्र भी क्या , जब १८ -१९ साल की थीं तो मेरे जेठ जी को उनके भोंसडे ने उगल दिया था और उसके बाद ये , ... चालीस बयालीस की होंगी लेकिन ३५ -३६ से एक दिन ज्यादा नहीं लगती थीं ,
जोबन के साथ उनके चूतड़ भी जबरदस्त थे , ४० + रहे होंगे ,
मैंने कितनी बार , इनके मौसा , फूफा को उनके पिछवाड़े चिकोटी काटते , ऊँगली करते देखा था और एकाध बार उन्होंने मेरे सामने उन्हें मना भी किया था ,
लेकिन मना ऐसा की और करने के मन करने का ,
" अरे अब तो छोड़ दो , बहु आ गयी है। "
और इनकी बुआ भी , आखिर ननद भौजी का रिश्ता , पलट के जवाब देतीं ,
" अरे काहे को भाभी , बहु को भी पता चल जाएगा की उसकी सास कितनी छिनार है , तो अच्छा है न , ... "
और मम्मी जब से यहाँ आयी तब से तो , ... समधन से उनकी एकदम खुल के बातें होती थीं , और वो भी स्पीकर फोन आन कर के , मैं और ये दोनों कान पार के सुनते थे ,
और इनको तो मम्मी ने आलमोस्ट रोज , जब तक यहां नहीं आयी थीं ,
माँ बेटे वाली कहानियां भेजती थीं , पढ़ने के बाद उन्हें अपनी सास को सुनाना भी पड़ता था ,
और ये उन्हें मादरचोद कह के बुलाती थीं , और यहाँ आने के बाद तो रोज , रोल प्ले ,...
फिर कुछ अपने दामाद से और ज्यादा अपनी समधन से सब उगलवा लिया था मम्मी ने , ... कैसे किशोरावस्था में जब मेरी सास नहाने जाती थीं तो छेद में से वो देखते थे , फिर जानबूझ के मेरी सास अपनी ब्रा बाथरूम में छोड़ देती थीं
और वो उसी ब्रा में रोज बिना नागा मुट्ठ मारते थे ,
और मैं भी आग में घी डालने का काम करती थी , ...
और मम्मी भी एकदम खुल के अपने समधन से बतिया रही थीं उनके ऊपर अपने दामाद को चढाने की बात कर रही थीं , और साथ में अपने दामाद का खूंटा मुठिया रही थीं , ... दामाद के खूंटे की तारीफ़ कर रही थीं ,
सच में था भी उनका ऐसा ही , एकदम मोटा मूसल ,...
पहले भी , सुहागरात के दिन भी , पहली रात को तीन बार , जितना मेरी सहेलियों , भाभियों ने समझाया था उससे बीस ही रहा होगा , ... लेकिन
अब तो खासकर वो दोनों छिनार , मम्मी ने उन दोनों को चढ़ाकर , मंजू और गीता ,
गीता की पहलौठी के दूध का असर
और मंजू ने और मम्मी ने पता नहीं क्या क्या क्या , मुट्ठी में पहले भी मुश्किल से आता था पर अब तो एकदम नहीं , बीयर कैन से भी मोटा , ... इनकी सास ने नापा था , ..
और कड़ा कितना , सबसे बड़ी बात ,
मंजू ऐसी खेली खायी , पक्की छिनार , जिसके भोंसडे से गीता ऐसी छिनार निकली थी , उसको भी दो तीन बार के झाड़ एक थेथर कर के ही ये ,
और मैंने उनके बेटे के खूंटे का फोटो भेज दिया , ... ...
मेरी सास का जवाब नहीं आया मिनट भर लगता था देख कर ही उनका भोंसड़ा गीला हो गया ,
मेरा मन तो हो रहा था अपनी सास से बोलूं , फोटो के बदले फोटो तो भेजिए , ... मैं चुप रह गयी पर मेरी सास की समधन क्यों चुप रहती , बोलीं
" मस्त है न मेरे दामाद का लंड , लेकिन ज़रा आप भी तो उसकी मातृभूमि की फोटो भेज दीजिये , बहुत दिन हो गया होगा उसे देखे ,... "
और साथ साथ मम्मी खुल के अपने दामाद का खूंटा मुठिया रही थीं ,
एकदम टनटनाया फनफनाया था , अपनी मातृभूमि के बारे में सोच सोच के ,
पर मेरी सास भी न पक्की छिनार , मालूम तो उन्हें था की स्पीकर फोन ऑन है और बहु के साथ उनका मुन्ना भी सुन रहा है , बोलीं
" अरे थोड़ा इन्तजार करने दीजिये उसे न , फोटो की क्या जरुरत , सच में दिखाउंगी , खोल के ,... बस दस पन्दरह दिन की बात है , एक बार तीरथ कर आऊं , ... फिर तो आप आएँगी ही , ...
अगले दिन ही आउंगी आप के साथ , फिर आप के दामाद का देखूंगी भी उसे दिखाउंगी भी , और सिर्फ आपके दामाद का ही नहीं अपनी बहू का भी , ... एकदम अपनी माँ पर गयी है , ....और दो चार दिन के लिए नहीं पक्का पन्दरह दिन के लिए आउंगी ,.. "
मुझे एक शर्त याद आयी, उनकी सास ने लगाई थी ,
" अगर तुझे इसे मादरचोद बनाना है न तो मेरे आने के पहले इसकी नथ उतर जानी चाहिए ,
तब तू इसके फटने की फोटो भेजेगी मुझे तभी मैं इसकी माँ को लेके ,... "
और मैने उस समय तुरंत हाँ बोल दी थी।
सच्च में , मेरी सास भी ना ,
इनकी माँ भी ,
मम्मी तो मेरी शादी से पहले ही कहती थीं , कोमलिया तेरी सास चलती है , और जम के चलती है , ...
पहले तो मैं समझती थी , समधन के बीच का मज़ाक लेकिन मम्मी की पकड़ इस मामले में किसी से भी ज्यादा है ,
और शादी के बाद मैंने नोटिस भी किया ,
नमक तो जबरदस्त था उनमें , स्थूल तो नहीं लेकिन हलकी भारी जैसे इस उमर की औरतें हो जाती हैं ,... और वो भी एकदम सही जगह पर , ..
३८ डी डी , और खूब कड़े कड़े , ...
और ऊपर से मेरी सास का आँचल हरदम ढलकता ही रहता था , खास तौर से जब इनके मौसा , फूफा आसपास मंडराते रहते थे , ...
बड़ी बड़ी गोल गोल गदरायी , ... सिर्फ गहराई नहीं , आलमोस्ट सब कुछ , अपने नन्दोई और जीजा ( इनके फूफा और मौसा )लोगों के सामने ,... ललचाती उकसाती
और उम्र भी क्या , जब १८ -१९ साल की थीं तो मेरे जेठ जी को उनके भोंसडे ने उगल दिया था और उसके बाद ये , ... चालीस बयालीस की होंगी लेकिन ३५ -३६ से एक दिन ज्यादा नहीं लगती थीं ,
जोबन के साथ उनके चूतड़ भी जबरदस्त थे , ४० + रहे होंगे ,
मैंने कितनी बार , इनके मौसा , फूफा को उनके पिछवाड़े चिकोटी काटते , ऊँगली करते देखा था और एकाध बार उन्होंने मेरे सामने उन्हें मना भी किया था ,
लेकिन मना ऐसा की और करने के मन करने का ,
" अरे अब तो छोड़ दो , बहु आ गयी है। "
और इनकी बुआ भी , आखिर ननद भौजी का रिश्ता , पलट के जवाब देतीं ,
" अरे काहे को भाभी , बहु को भी पता चल जाएगा की उसकी सास कितनी छिनार है , तो अच्छा है न , ... "
और मम्मी जब से यहाँ आयी तब से तो , ... समधन से उनकी एकदम खुल के बातें होती थीं , और वो भी स्पीकर फोन आन कर के , मैं और ये दोनों कान पार के सुनते थे ,
और इनको तो मम्मी ने आलमोस्ट रोज , जब तक यहां नहीं आयी थीं ,
माँ बेटे वाली कहानियां भेजती थीं , पढ़ने के बाद उन्हें अपनी सास को सुनाना भी पड़ता था ,
और ये उन्हें मादरचोद कह के बुलाती थीं , और यहाँ आने के बाद तो रोज , रोल प्ले ,...
फिर कुछ अपने दामाद से और ज्यादा अपनी समधन से सब उगलवा लिया था मम्मी ने , ... कैसे किशोरावस्था में जब मेरी सास नहाने जाती थीं तो छेद में से वो देखते थे , फिर जानबूझ के मेरी सास अपनी ब्रा बाथरूम में छोड़ देती थीं
और वो उसी ब्रा में रोज बिना नागा मुट्ठ मारते थे ,
और मैं भी आग में घी डालने का काम करती थी , ...
और मम्मी भी एकदम खुल के अपने समधन से बतिया रही थीं उनके ऊपर अपने दामाद को चढाने की बात कर रही थीं , और साथ में अपने दामाद का खूंटा मुठिया रही थीं , ... दामाद के खूंटे की तारीफ़ कर रही थीं ,
सच में था भी उनका ऐसा ही , एकदम मोटा मूसल ,...
पहले भी , सुहागरात के दिन भी , पहली रात को तीन बार , जितना मेरी सहेलियों , भाभियों ने समझाया था उससे बीस ही रहा होगा , ... लेकिन
अब तो खासकर वो दोनों छिनार , मम्मी ने उन दोनों को चढ़ाकर , मंजू और गीता ,
गीता की पहलौठी के दूध का असर
और मंजू ने और मम्मी ने पता नहीं क्या क्या क्या , मुट्ठी में पहले भी मुश्किल से आता था पर अब तो एकदम नहीं , बीयर कैन से भी मोटा , ... इनकी सास ने नापा था , ..
और कड़ा कितना , सबसे बड़ी बात ,
मंजू ऐसी खेली खायी , पक्की छिनार , जिसके भोंसडे से गीता ऐसी छिनार निकली थी , उसको भी दो तीन बार के झाड़ एक थेथर कर के ही ये ,
और मैंने उनके बेटे के खूंटे का फोटो भेज दिया , ... ...
मेरी सास का जवाब नहीं आया मिनट भर लगता था देख कर ही उनका भोंसड़ा गीला हो गया ,
मेरा मन तो हो रहा था अपनी सास से बोलूं , फोटो के बदले फोटो तो भेजिए , ... मैं चुप रह गयी पर मेरी सास की समधन क्यों चुप रहती , बोलीं
" मस्त है न मेरे दामाद का लंड , लेकिन ज़रा आप भी तो उसकी मातृभूमि की फोटो भेज दीजिये , बहुत दिन हो गया होगा उसे देखे ,... "
और साथ साथ मम्मी खुल के अपने दामाद का खूंटा मुठिया रही थीं ,
एकदम टनटनाया फनफनाया था , अपनी मातृभूमि के बारे में सोच सोच के ,
पर मेरी सास भी न पक्की छिनार , मालूम तो उन्हें था की स्पीकर फोन ऑन है और बहु के साथ उनका मुन्ना भी सुन रहा है , बोलीं
" अरे थोड़ा इन्तजार करने दीजिये उसे न , फोटो की क्या जरुरत , सच में दिखाउंगी , खोल के ,... बस दस पन्दरह दिन की बात है , एक बार तीरथ कर आऊं , ... फिर तो आप आएँगी ही , ...
अगले दिन ही आउंगी आप के साथ , फिर आप के दामाद का देखूंगी भी उसे दिखाउंगी भी , और सिर्फ आपके दामाद का ही नहीं अपनी बहू का भी , ... एकदम अपनी माँ पर गयी है , ....और दो चार दिन के लिए नहीं पक्का पन्दरह दिन के लिए आउंगी ,.. "