24-11-2018, 03:11 PM
जय ने अपना लण्ड बाहर खींचकर फिर एक ही झटके में अंदर डालते हुए आँटी से कहा- “साली, छिनाल, रंडी चूत बहुत मजे से मरवाती है और गाण्ड के नाम से नखरे करती हो... अगर आराम से देती तो तुम्हारी ऐसी । हालत नहीं होती...” और जय ने धक्कों की रफ्तार बहुत तेज कर दी और हाँफते हुए आँटी के ऊपर गिर गया। जय का लण्ड सिकुड़कर बाहर निकल आया। लण्ड पे जय का पानी और आँटी का खून लगा हुआ था।
मैं यह देखकर बहुत डर गई और अपने कमरे में आकर सो गई।
मैं यह देखकर बहुत डर गई और अपने कमरे में आकर सो गई।