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Misc. Erotica वन चंपा
#21
दोनो ने ही थोड़ी देर सांस लेने में बेहतरी समझी और एक दूसरे की आंखों में देखा,दोनो को ऐसा लगा जैसे जन्म जन्म से बस इसी की तलाश में थे ,मानो दोनो ही खुसी से पागल हो गए और एक दूसरे को बेतहासा चूमने चाटने लगे ,और इसके साथ ही अजय के कमर की रफ्तार भी बढ़ गई और दोनो की सिसकियों की भी ..
कमरे में फच फच और आह ओह की आवाजे ही गूंज रही थी ,दोनो ही जंहा दांत लगता गड़ा देते थे और दोनो ही अपनी आंखे बंद किये इस सुख की दुनिया में मस्त हो गए थे …………..
अजय और चम्पा की आंखे मिली और दोनो ही थोड़े से शर्मा गए,शराब का नशा टूट चुका था और वासना की आग भी अब बुझ चुकि थी ,लेकिन दोनो ही अब एक दूसरी के प्रति एक अजीब से बंधन महसूस कर रहे थे ,
दोनो जल्दी से उठे और अपने अपने कपड़े पहनने लगे ,ना जाने कितने देर तक ये खेल चला था और उसके बाद आयी नींद ने दोनो को अपने आगोश में ले लिया था ..
शायद दोपहर हो गई थी और दोनो को ही जोरो की भूख लग रही थी ,
चम्पा अपने टॉवेल को सम्हाला और फिर अजय के द्वारा लाये गए कपड़ो को देखने लगी वही अजय जल्दी से बाथरूम में घुस गया था ..
चम्पा उसके द्वारा लाये सामानों को देखते देखते ही पता नही कहा खो गई ,जब अजय बाहर आया तो उसने चम्पा की आंखों को वही अटका पाया वो समान को देखे जा रही थी ,हल्के हाथो से छू छू कर और उसे ऐसे सहला रही थी जैसे कोई बहुत ही प्यारी चीज मिल गई हो ,लेकिन उसके आंखों में आंसू था …
वो उसके पास आया और मानो उसके मन की बात जानने के लिए पूछा
“क्या हुआ ??”
“ये मेरा सपना था बाबु की मैं भी कभी ऐसे कपड़े पहन पाऊ जिसे मेरे लिए मेरा मर्द लाया हो ,और ये चूड़ियां …”
वो फफक पड़ी थी ,अजय को समझने में देर नही लगी की आखिर चम्पा कहना क्या चाहती थी ,
उसने उसे पीछे से जकड़ लिया और उसके गले में एक चुम्मन कर दिया ..
“मैं अब तो तेरा मर्द बन चुका हु ना “
चम्पा के रोते हुए चहरे में मुस्कुराहट तो आ गई लेकिन अब भी आंखों में उदासी थी ..
“नही बाबू ना जाने मेरे कारण आपको क्या क्या सहना पड़े मैं आपको इन सब तकलीफो में नही डाल सकती ,मेरे लिए ये एक सुखद सपना ही अच्छा है जिसे मैं जीना चाहती हु ,जब नींद खुलेगी तो असली दुनिया में चली जाऊंगी लेकिन जब तक ये भ्रम रहेगा तब तक कम से कम खुस हो लेती हु “
चम्पा की बातो में सच में एक अजीब सा दर्द था
“लेकिन मैं तो तुझे अपनी औरत मान चुका हु ..”
अजय ने अपनी गिरफ्त बड़ा दी और चम्पा जैसे उसके बांहो में सिमट गई ,वो अपने हाथो से उसे चूड़ियां पहनने लगा,चम्पा का पूरा शरीर ही उसके चौड़े सीने से ठिका हुआ था ,जैसे वो कोई भी बल नही लगा रही थी और अजय भी उसे प्यार से चूड़ियां पहना रहा था ,अजय ने उसके टॉवेल को फिर इस निकाल फेका चम्पा कोई भी विरोध नही कर रही थी असल में उसके चहरे में कोई भाव आ ही नही रहे थे ,बस आंखों में पानी था जैसे वो किसी सपने में हो…
अजीब सा माहौल था ये चम्पा के जिस्म में कपड़े नही थे लेकिन हाथो में लाल चमकदार चूड़ियां थी ,जो उसके गोरे कलाइयों में बहुत ही फब रही थी..
अजय ने उसे एक बड़े आईने के सामने बिठा दिया था,सम्पूर्ण शरीर ही चमक रहा था,चम्पा भी अपने को जैसे सालो बाद देखी हो वो अपने ही आकर्षण से मुग्ध हो गई थी ..
हाथो की लाल चुड़िया जो हर कलाई को आधे से ज्यादा भरे हुए थे ,और उसका गोरा गठिला शरीर उस आईने में खिलाकर कह रहा था की ये रूप की देवी है ,उसके काले और लंबे बाल बिखरे हुए थे ,चहरा दीप्त था ,और आंखों में आंसू ..
अजय बड़े ही प्यार से उसके बालो में कंघी कर रहा था ,उसके प्यार को देखकर चम्पा और भी उसकी हो जा रही थी ,वो बस अजय के प्यार को महसूस करती और उसके आंखों का पानी और भी बढ़ जाता,अजय के लिए प्यार हर पल ही बढ़ रहा था,और वो खुद का अस्तित्व ही मिटा कर सिर्फ अजय की हो जाना चाहती थी ,बालो को संवारने के बाद अजय ने उसका माथा चूमा और उसके कपड़ो की तरफ बढ़ गया ,
उसने एक पेंटी और ब्रा उठाई जिसे उसने बड़े ही मेहनत से चुना था ,वो भी लाल रंग की ही थी ,उसका कपड़ा रेशमी और मुलायम था जो हाथो में पड़कर भी बहुत ही सुख देता था,अजय ने इसपर भी अच्छे पैसे खर्च किये थे ..
उसने पहले अपनी रानी के वक्षो को ब्रा से ढंका और फिर वो लाल पेंटी पहनाई ,
चम्पा तो बड़े ही आश्चर्य से ये सब देख रही थी लेकिन उस लाल जोड़े में जो की बस उसकी गुप्तांगों के लिए था ,वो और भी मोहक सुंदर और मादक हो गई थी ,
अजय तो एक बार उसकी इस सौंदर्य को बस देखता ही रह गया और चम्पा उसकी नजरो से ही शर्मा गई ,उसका चहरा लाल हो गया असल में उसे भी कभी महसूस नही हुआ था की वो इतनी सुंदर है ,और बिना अजीब बात ये थी की बिना कपड़ो की चम्पा इन दो कपड़ो में और भी ज्यादा खूबसूरत लग रही थी ,
उसका यौवन खिलकर सामने आ रहा था …
अजय ने फिर से कपड़ो की ओर रुख किया और उसके ब्लाउज पेटीकोट और एक साड़ी उसे पहनाई ,ब्लाउज थोड़ी कड़ी जरूर हुई लेकिन उससे चम्पा के वक्षो का भरपूर सौंदर्य सामने आया ,,
सच ही था की नंगेपन से ज्यादा छुपी हुई चीज सुदर होती है ,
वो बस चम्पा को देखता ही रह गया था उसे नही पाता था की चम्पा इतनी भी खूबसूरत हो सकती है,ना ही अजय ने ना ही चम्पा ने ये कभी सोचा था …
अजय भी अब तैयार होने लगा जब तक चम्पा ने उसके किचन की कमान सम्हाली और कुछ अच्छा थोड़ी रोटी सब्जी बना दिया और कुछ बनाना तो उसे भी नही आता था ..
लेकिन अजय को लगा मानो वो स्वर्ग का खाना खा रहा हो सालो से वो बस अपने ही हाथो का खा रहा था ..
दोनो में बाते बहुत ही कम हो रही थी लेकिन एक दूसरे की हर अदा पर वो प्यार से भर जरूर जा रहे थे ,ऐसे माहौल में बात करके वो इसे बर्बाद नही करना चाहते है ,
अजय ने उसे अपने बाइक के पीछे बैठाया चम्पा ने एक कपड़ा अपने चहरे में बांध लिया था लेकिन फिर भी वो इतनी सुंदर दिख रही थी की सभी लोग एक बार तो उसे देख ही लेते थे,अजय अपनी बुलेट को शहर की ओर बड़ा दिया ,चम्पा भी उसके कमर पर अपने हाथो को कसे हुए शायद सालो बाद इस आजादी का अनुभव कर रही थी वो भी अपने प्यार के साथ…
वो अजय के कंधे में अपना सर चीपका चुकी थी ये समर्पण का भाव था जो एक लड़की के अंदर आता है जब वो लड़के पर सबसे ज्यादा भरोसा करने लगती है …
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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वन चंपा - by neerathemall - 11-02-2020, 03:03 PM
RE: वन चंपा - by neerathemall - 11-02-2020, 03:10 PM
RE: वन चंपा - by neerathemall - 11-02-2020, 03:12 PM
RE: वन चंपा - by neerathemall - 11-02-2020, 03:13 PM
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RE: वन चंपा - by neerathemall - 11-02-2020, 03:16 PM
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RE: वन चंपा - by neerathemall - 12-02-2020, 04:18 PM
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RE: वन चंपा - by neerathemall - 20-02-2020, 01:42 PM
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RE: वन चंपा - by neerathemall - 20-02-2020, 01:47 PM
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RE: वन चंपा - by neerathemall - 20-02-2020, 01:48 PM
RE: वन चंपा - by neerathemall - 20-02-2020, 01:49 PM
RE: वन चंपा - by neerathemall - 20-02-2020, 01:50 PM
RE: वन चंपा - by neerathemall - 20-02-2020, 01:53 PM
RE: वन चंपा - by neerathemall - 20-02-2020, 01:57 PM
RE: वन चंपा - by neerathemall - 20-02-2020, 01:58 PM
RE: वन चंपा - by doctor101 - 21-02-2020, 09:54 AM
RE: वन चंपा - by neerathemall - 22-02-2020, 09:56 AM
RE: वन चंपा - by neerathemall - 24-02-2020, 02:27 PM
RE: वन चंपा - by neerathemall - 24-02-2020, 02:47 PM
RE: वन चंपा - by neerathemall - 26-02-2020, 03:11 AM



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