20-02-2020, 01:57 PM
अजय को लगा की उसके लिंग को उन दो नरम और गीली चमड़ी ने इतने जोरो से जकड़ा हुआ है की वो थोड़ा भी नही हिल पायेगा लेकिन ये अजय का वहम बस था,योनि से रिसने वाले गीले और चिपचिपे पानी में भीगते ही फिर से उसके लिंग को मानो जगह मिल गई और वो थोड़ा और अंदर चला गया,फिर से एक कहार दोनो के होठो से निकल गई …
लेकिन इस बार अजय ने अपने दांत चम्पा के वक्षो पर गड़ा दिए थे,वो उनसे अभी तक खेला ही नही था और फुर्सत ही किसे थी ..
इस बार चम्पा भी उसकी इस हरकत से तेज आह के साथ उसके बालो को अपने ओर और भी जोर से खिंचा और फिर कुछ ही सेकंड में उसका सर उठाकर उसके होठो को अपने होठो में भीच लिया ..
दोनो के होठ भी एक दूसरे में घुलने लगे थे ,और अजय ने फिर से थोड़ी ताकत लगाई इस बार अजय की ताकत ज्यादा ही लग गई थी और उसका लिंग पूरे का पूरा ही चम्पा की योनि में धंस गया …
“आआहह “चम्पा के मुह से जोर की आह निकली और उसने उसे रोकने के एवज में अजय के होठो के निचले हिस्से में अपन दांत ही गड़ा दिया ..
दोनो ने ही थोड़ी देर सांस लेने में बेहतरी समझी और एक दूसरे की आंखों में देखा,दोनो को ऐसा लगा जैसे जन्म जन्म से बस इसी की तलाश में थे ,मानो दोनो ही खुसी से पागल हो गए और एक दूसरे को बेतहासा चूमने चाटने लगे ,और इसके साथ ही अजय के कमर की रफ्तार भी बढ़ गई और दोनो की सिसकियों की भी ..
कमरे में फच फच और आह ओह की आवाजे ही गूंज रही थी ,दोनो ही जंहा दांत लगता गड़ा देते थे और दोनो ही अपनी आंखे बंद किये इस सुख की दुनिया में मस्त हो गए थे …………..
लेकिन इस बार अजय ने अपने दांत चम्पा के वक्षो पर गड़ा दिए थे,वो उनसे अभी तक खेला ही नही था और फुर्सत ही किसे थी ..
इस बार चम्पा भी उसकी इस हरकत से तेज आह के साथ उसके बालो को अपने ओर और भी जोर से खिंचा और फिर कुछ ही सेकंड में उसका सर उठाकर उसके होठो को अपने होठो में भीच लिया ..
दोनो के होठ भी एक दूसरे में घुलने लगे थे ,और अजय ने फिर से थोड़ी ताकत लगाई इस बार अजय की ताकत ज्यादा ही लग गई थी और उसका लिंग पूरे का पूरा ही चम्पा की योनि में धंस गया …
“आआहह “चम्पा के मुह से जोर की आह निकली और उसने उसे रोकने के एवज में अजय के होठो के निचले हिस्से में अपन दांत ही गड़ा दिया ..
दोनो ने ही थोड़ी देर सांस लेने में बेहतरी समझी और एक दूसरे की आंखों में देखा,दोनो को ऐसा लगा जैसे जन्म जन्म से बस इसी की तलाश में थे ,मानो दोनो ही खुसी से पागल हो गए और एक दूसरे को बेतहासा चूमने चाटने लगे ,और इसके साथ ही अजय के कमर की रफ्तार भी बढ़ गई और दोनो की सिसकियों की भी ..
कमरे में फच फच और आह ओह की आवाजे ही गूंज रही थी ,दोनो ही जंहा दांत लगता गड़ा देते थे और दोनो ही अपनी आंखे बंद किये इस सुख की दुनिया में मस्त हो गए थे …………..
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
