20-02-2020, 01:53 PM
(This post was last modified: 20-02-2020, 01:54 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
जवानी कितनी खूबसूरत हो सकती है अजय को आज ख्याल आया था,चम्पा बाथरूम से बाहर आ चुकी थी और अजय बस उसे घूर रहा था ,वो हल्के गर्म पानी से नहा कर निकली थी ,और बदन में एक मात्र टॉवेल था,जो उसकी भरी हुई जवानी को सम्हालने में नाकाम लग रहा था,बालो अब थोड़े सूखे थे उन्हें भी अच्छे से पोछा गया था
उस हल्के सुरूर में ऐसा लगा की मानो उनका शरीर हल्का हो गया ,अजय भी पूरी तरह से भीग चुका था वो भी एक टॉवेल पकड़ कर अंदर चला गया और फिर अपने कपड़े उतार कर बस टॉवेल में ही बाहर आया,अब उसे चम्पा से वो शर्म नही आ रही थी ,जब वो बाहर आया तो चम्पा भी उसके गठीले बदन को वैसे ही देख रही थी जैसे अजय चम्पा को देख रहा था,असल में अजय के अदंर रहते चम्पा ने दो पैक और लगा दिए थे और उसकी आंखों में नशा साफ दिख रहा था ,अजय का गोरा गठीला शरीर और चौड़ी छातियों में उगी हुई बालो का गुच्छा चम्पा को आकर्षित कर रहा था ,चम्पा उसका हाथ पकड़ कर उसे अपने पास बैठा ली और उसके लिए एक पैक बनाकर उसके सामने की जिसे अजय फिर से एक ही सांस में अंदर कर गया ,दोनो की निगाहे अब बिना रोक टोक और शर्म के एक दूसरे के बदन को घूर रही थी ,
अचानक ही अजय का हाथ चम्पा के पहने टॉवेल पर चला गया और उसने उसकी गांठ खोल दी ,वो बिना किसी रुकावट के गिर गया और पहली बार चम्पा का पूरा बदन उसके सामने छलक पड़ा दोनो की आंखों में नशा था और साथ ही वासना भी ,दोनो की ही आंखे आधी बंद हो चुकी थी ,
अजय का शर्मिलापन और चम्पा की चंचलता दोनो ही वासना और शराब के सुरूर में काफूर हो गई थी ,
अजय ने चम्पा को थोड़ा धक्का दिया और वो बिस्तर में गिरती चली गई ,वही अजय भी उसके ऊपर आ चुका था,ना जाने कब अजय ने अपने टॉवेल को भी निकाल फेका ,दोनो ठंडे बदन एक दूसरे से सट चुके थे और दोनो के शरीर गर्म होने लगे थे,अजय और चम्पा नंगे ही एक दूसरे से लिपटे सोए थे लेकिन एक चुम्बन भी दोनो के बीच नही हुआ था,चम्पा ने अजय के गले में हाथ डाला हुआ था और अजय भी अपनी भुजाओं से चम्पा का आलिंगन कर चुका था,लेकिन दोनो बस उसी अहसास में डूबे हुए थे ,
अजय का लिंग चम्पा की बालो से भरी हुई योनि से टकराता जरूर था लेकिन फिसल कर चम्पा के जांघो के बीच चला जाता ,दोनो में से किसी ने इतनी जहमत नही की कि अजय के लिंग को उसकी सह जगह में ले जाया जाय ,
इधर चम्पा के योनि से भी रिसाव बढ़ने लगा था और वो भी मस्त हो रही थी ,लेकिन किसी को तो पहल करनी ही थी ,आखिर अजय को अपने लिंग के फटने जैसा अहसास हुआ,वो पूरी तरह से तना हुआ था और खून का वेग उसके लिंग के नशों में तेजी से दौड़ रहा था ,साथ ही दिल भी बेहद जोरो से धड़कने लगा था मानो अब उससे बर्दास्त नही होगा,लेकिन अजय के साथ ये पहली बार हुआ था वो थोड़ा डरा भी की ये क्या हो रहा है,
अजय से जब सहा ही नही गया तो उसने अपने लिंग को बस हाथो से सही जगह सताया थोड़ा चम्पा की योनि में रगड़ने के बाद ही उसके लिंग का शिरा गीला होगा,एक बार फिर उसने हाथो के माध्यम से ही अपने लिंग को चम्पा की फूली हुई योनि के दोनो होठो के बीच चलाया,चम्पा की पकड़ और भी बढ़ गई थी और उसके मुह से सिसकारियां निकल रही थी ,अजय की कमर थोड़ी हिली और उसे ऐसा लगा जैसे उसके लिंग की चमड़ी फ़टी जा रही है,वो दर्द से कहारा लेकिन तब तक देर हो चुकी थी ,योनि के दोनो होठ खुल चूके थे और उसके लिंग का आगे का भाग चम्पा की योनि के द्वार पर घुस चुका था,साथ ही चम्पा की एक बड़ी ही आह भी उसके कानो में पड़ी जैसे वो भी कराह रही हो,
उस हल्के सुरूर में ऐसा लगा की मानो उनका शरीर हल्का हो गया ,अजय भी पूरी तरह से भीग चुका था वो भी एक टॉवेल पकड़ कर अंदर चला गया और फिर अपने कपड़े उतार कर बस टॉवेल में ही बाहर आया,अब उसे चम्पा से वो शर्म नही आ रही थी ,जब वो बाहर आया तो चम्पा भी उसके गठीले बदन को वैसे ही देख रही थी जैसे अजय चम्पा को देख रहा था,असल में अजय के अदंर रहते चम्पा ने दो पैक और लगा दिए थे और उसकी आंखों में नशा साफ दिख रहा था ,अजय का गोरा गठीला शरीर और चौड़ी छातियों में उगी हुई बालो का गुच्छा चम्पा को आकर्षित कर रहा था ,चम्पा उसका हाथ पकड़ कर उसे अपने पास बैठा ली और उसके लिए एक पैक बनाकर उसके सामने की जिसे अजय फिर से एक ही सांस में अंदर कर गया ,दोनो की निगाहे अब बिना रोक टोक और शर्म के एक दूसरे के बदन को घूर रही थी ,
अचानक ही अजय का हाथ चम्पा के पहने टॉवेल पर चला गया और उसने उसकी गांठ खोल दी ,वो बिना किसी रुकावट के गिर गया और पहली बार चम्पा का पूरा बदन उसके सामने छलक पड़ा दोनो की आंखों में नशा था और साथ ही वासना भी ,दोनो की ही आंखे आधी बंद हो चुकी थी ,
अजय का शर्मिलापन और चम्पा की चंचलता दोनो ही वासना और शराब के सुरूर में काफूर हो गई थी ,
अजय ने चम्पा को थोड़ा धक्का दिया और वो बिस्तर में गिरती चली गई ,वही अजय भी उसके ऊपर आ चुका था,ना जाने कब अजय ने अपने टॉवेल को भी निकाल फेका ,दोनो ठंडे बदन एक दूसरे से सट चुके थे और दोनो के शरीर गर्म होने लगे थे,अजय और चम्पा नंगे ही एक दूसरे से लिपटे सोए थे लेकिन एक चुम्बन भी दोनो के बीच नही हुआ था,चम्पा ने अजय के गले में हाथ डाला हुआ था और अजय भी अपनी भुजाओं से चम्पा का आलिंगन कर चुका था,लेकिन दोनो बस उसी अहसास में डूबे हुए थे ,
अजय का लिंग चम्पा की बालो से भरी हुई योनि से टकराता जरूर था लेकिन फिसल कर चम्पा के जांघो के बीच चला जाता ,दोनो में से किसी ने इतनी जहमत नही की कि अजय के लिंग को उसकी सह जगह में ले जाया जाय ,
इधर चम्पा के योनि से भी रिसाव बढ़ने लगा था और वो भी मस्त हो रही थी ,लेकिन किसी को तो पहल करनी ही थी ,आखिर अजय को अपने लिंग के फटने जैसा अहसास हुआ,वो पूरी तरह से तना हुआ था और खून का वेग उसके लिंग के नशों में तेजी से दौड़ रहा था ,साथ ही दिल भी बेहद जोरो से धड़कने लगा था मानो अब उससे बर्दास्त नही होगा,लेकिन अजय के साथ ये पहली बार हुआ था वो थोड़ा डरा भी की ये क्या हो रहा है,
अजय से जब सहा ही नही गया तो उसने अपने लिंग को बस हाथो से सही जगह सताया थोड़ा चम्पा की योनि में रगड़ने के बाद ही उसके लिंग का शिरा गीला होगा,एक बार फिर उसने हाथो के माध्यम से ही अपने लिंग को चम्पा की फूली हुई योनि के दोनो होठो के बीच चलाया,चम्पा की पकड़ और भी बढ़ गई थी और उसके मुह से सिसकारियां निकल रही थी ,अजय की कमर थोड़ी हिली और उसे ऐसा लगा जैसे उसके लिंग की चमड़ी फ़टी जा रही है,वो दर्द से कहारा लेकिन तब तक देर हो चुकी थी ,योनि के दोनो होठ खुल चूके थे और उसके लिंग का आगे का भाग चम्पा की योनि के द्वार पर घुस चुका था,साथ ही चम्पा की एक बड़ी ही आह भी उसके कानो में पड़ी जैसे वो भी कराह रही हो,
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
