20-02-2020, 01:45 PM
वो चम्पा के दमकते हुए चहरे को देखने लगा ,चम्पा के चहरे में अब भी मुस्कान थी लेकिन वो उदास नही थी जैसे की वो अपने दिल की बात कहकर बोझ से मुक्त हो गई हो …
अजय ने हा में सर हिलाया
“हा लेकिन इन सबका मतलब ये नही है की तुम यंहा आ नही सकते असल में तुम्हारे आने से मुझे बहुत अच्छा लगता है वरना मैं तो बोर ही हो जाती हु ,पूरा जीवन मानो अकेलेपन में ही निकल रही है “
“तूम अपने को अकेला मत समझो चम्पा मैं हु ना ,और तुमने बिल्कुल सही कहा मुझे इस बात की खुसी है की तुमने मुझे फंसने से बचा लिया ,ये मेरे जीवन में पहली बार हुआ है की मैं किसी से आकर्षित महसूस कर रहा हु,और मुझमें तो इतनी हिम्मत भी नही थी की मैं तुमसे कुछ कह पाऊ,शायद मैं इसे ही प्यार समझ लेता लेकिन तुम तो मुझसे बहुत ही ज्यादा समझदार निकल गई तुमने मुझे सोचने का मौका दिया की ये क्या था,......मैं तुम्हारा हमेशा इस बात के लिए आभारी रहूंगा चम्पा “
इस बार चम्पा खिलखिलाकर हँस पड़ी
“क्या अजीबोगरीब बाते करते हो बाबू आप भी ,संचमे आप बहुत ही शरीफ हो ,पता नही इंस्पेक्टर कैसे बन गए “
उसकी हँसी देखकर अजय भी मुस्कुरा उठा,
“पता नही कैसे बन गया बस गलती से एग्जाम निकल गया था “
इस बार दोनो ही जोरो से हँस पड़े …
अजय ने हा में सर हिलाया
“हा लेकिन इन सबका मतलब ये नही है की तुम यंहा आ नही सकते असल में तुम्हारे आने से मुझे बहुत अच्छा लगता है वरना मैं तो बोर ही हो जाती हु ,पूरा जीवन मानो अकेलेपन में ही निकल रही है “
“तूम अपने को अकेला मत समझो चम्पा मैं हु ना ,और तुमने बिल्कुल सही कहा मुझे इस बात की खुसी है की तुमने मुझे फंसने से बचा लिया ,ये मेरे जीवन में पहली बार हुआ है की मैं किसी से आकर्षित महसूस कर रहा हु,और मुझमें तो इतनी हिम्मत भी नही थी की मैं तुमसे कुछ कह पाऊ,शायद मैं इसे ही प्यार समझ लेता लेकिन तुम तो मुझसे बहुत ही ज्यादा समझदार निकल गई तुमने मुझे सोचने का मौका दिया की ये क्या था,......मैं तुम्हारा हमेशा इस बात के लिए आभारी रहूंगा चम्पा “
इस बार चम्पा खिलखिलाकर हँस पड़ी
“क्या अजीबोगरीब बाते करते हो बाबू आप भी ,संचमे आप बहुत ही शरीफ हो ,पता नही इंस्पेक्टर कैसे बन गए “
उसकी हँसी देखकर अजय भी मुस्कुरा उठा,
“पता नही कैसे बन गया बस गलती से एग्जाम निकल गया था “
इस बार दोनो ही जोरो से हँस पड़े …
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
