10-02-2019, 09:49 PM
रीमा – ऊऊऊऊओह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह..........तुमारा वो मेरे अंदर, हौले हौले धीरे धीरे बहुत मजा आ रहा है | काश ये सपना कभी न टूटे |
रोहित – ये सपना नहीं है रीमा डार्लिंग, ये हकीकत है, मै हकीकत में ही तुम्हे हौले हौले चोद रहा हूँ |
रीमा – ऊऊऊऊह्हह्हह्हह्हह्ह, सपने कितने खूबसूरत होते है,काश वो भी हकीकत बन पाते, इसी तरह तुम हौले हौले धीर धीरे मेरे अन्दर उतरते रहो और मै सिसकारियां भरती रहूँ |
रोहित – सपने ही हकीकत बनते है मेरी जानेमन, आंखे तो खोलो तभी तो हकीकत से रूबरू होगी | मेरा मुसल लंड तुमारी गीली गुलाबी चूत में हौले हौले ही जा रहा है , जीभर सिसकारियां भरो, मै हौले हौले ऐसे ही तुम्हे चोदुगाँ |
रीमा – नहीं आंखे खोली तो सपना टूट जायेगा, तुमने तो दो बार चोदा जान निकाल दी | सपने में ही सही लेकिन तुम कर तो रहे हो धीरे से, आराम से निश्चिन्त होकर |
रोहित – रीमा बेबी जब आँखे खोलोगी तब तो पता चलेगा, कि सपना में ऐसे चुद रही हो या हकीकत में |
रीमा – सपना हो या हकीकत मुझे बस ऐसे ही चुदना है, ऐसे ही चोदते रहो ..............ऊफ्फ्फफ्फ्फ्फ़ आआहाअहाहहह्हह्ह्ह्ह |
रोहित ने चोदने की स्पीड बढ़ा दी | वो जोर जोर से धक्के लगाने लगा | धक्के लगने से रीमा की नीद की मदहोशी गायब हो गयी | उसने तकिये में से मुहँ निकाल कर देखा तो सचमुच उसे रोहित चोद रहा था |
रीमा – हाय हाय मुझे लगा मै कोई सपना देख रही हूँ, तुम तो सचमुच में.............|
रोहित – सचमुच में क्या ?
रीमा – तुम अब तक घर नहीं गए, कितने बजे है रात के (कमरे में परदे पड़े थे इसलिए सूरज के उजाले से पता लगाना मुश्किल था ) घडी की तरफ देखते हुए – 9 बजने वालेहै , तुम अब तक यही हो और प्रियम को किसने तैयार किया होगा ??????
रीमा को परेशान देख, रोहित उसे चूमने लगा | रीमा उसे झटकते हुए बोली – छोड़ो मुझे |
रोहित – अभी तो कह रही थी ऐसे ही हौले हौले चोदते रहो मुझे, अब छोड़ने की बात कर रही हो |
रीमा झुन्झुलाकर – मै एक गन्दा सपना देख रही थी बाबा |
रोहित ने रीमा की चूत में लंड ठेल दिया – गन्दा, चुदाई तुम्हे गन्दी लगती है, फिर चुदाई के सपने क्यों देखती हो, क्योंकि तुमारा मन चुदने को करता है और इसका मतलब तुम गन्दा सोचती हो, इसीलिए गन्दा सपना देखती हो | चुदाई तो चुदाई है |
रीमा परेशान होते हुई – अरे प्रियम .......????
रोहित ने उसके ओंठो पर अपने ओंठ रख दिए, रीमा ने मुहँ फेर लिया | रोहित – प्रियम को कॉलेज के लिए विदा करने के बाद यहाँ आया हूँ, अब खुश |
रीमा – मतलब तुम अपने घर गए थे |
रोहित – हाँ रीमा, अब तो अपना ड्रीम एन्जॉय करो, हौले हौले धीरे धीरे, अन्दर तक .........|
रीमा – शटउप, सुबह सुबह ये क्या फितूर चढ़ा है, रात में करके मन नहीं भरा, कल शाम से जब से आये हो रुकने का नाम ही नहीं ले रहे हो, दो बार तो कर चुके हो अभी भी ठरक चड़ी हुई है |
रोहित – अरे तुम तो ऐसे कह रही हो जैसे मै ही सब केवल अपने लिए कर रहा हूँ, क्यों ??? अकेला मै ही थोड़े हूँ, तुम भी कहाँ रुकने दे रही हो, हर बार तो राजी हो जाती है, मै अकेला थोड़े तुम्हे चोद रहा हूँ, तुम भी तो चुद रही हो, तुमारी चूत भी तो मेरे लंड की उतनी ही दीवानी है जितना मेरा लंड तुमारी चूत का प्यासा |
रीमा – कितना गन्दा गन्दा बोलते हो, दुसरे तरीके से भी तो बोल सकते हो, पता नहीं बोल बोल क्या क्या गन्दा गन्दा सिखा दोगे मुझे |
इतना कहकर रीमा ने अपनी कमर और चूतड़ ऊपर उठा दिए, अपने हाथो से बेड की चादर भींच ली | रोहित भी रीमा की चूत में अन्दर तक लंड धंसता चला और गहराई तक धक्के लगाने लगा | हर झटके के साथ रीमा कराहने लगी |
रोहित – रीमा मेरी जान चुदाई दुसरे किसी और तरीके से नहीं कर सकते है , चुदाई होती ही एक तरीके से है चूत में लंड, चूत में लंड, चिकनी चूत में लंड, चिकनी मखमली चूत को अन्दर तक चीर कर पूरा लंड जड़ तक घुसा कर, दे पेलम पेल चुदाई होती है | रोहित धक्के लगाते हुए बोला |
रीमा – छी छी छी तुम मर्दों को न बस यही सब आता, तुमारा बस चले तो यही सब गन्दी गन्दी जबान हम औरतो को भी सिखा दो | बड़ा मजा आता है न जब औरत के मुहँ से ऐसे गंदे शब्द सुनते हो |
रोहित – इसमें गन्दा क्या है, हम वही कर भी तो रहे है, अन्दर तक चुदने के लिए अभी चूतड़ किसने ऊपर उठाये | पूरा लंड चूत में लेने के लिए अभी किसने कमर ऊपर करी |
रीमा – उफ्फ्फफ्फ्फ़ बस यही तोहमत रह गयी थी, जिन्दा लाश की तरह पड़ी रंहू क्या ????????????
करने में मदद करो तो भी दोष औरत का ही लगेगा, तुम्हे करने में कोई दिक्कत न हो बाबा, इसलिए थोड़ा कमर ऊँची कर दी | करना अलग चीज है, सभी करते है लेकिन उसी चीज को बोलना जरुरी है क्या ???? पूरी रात वही तो किया है लेकिन तो क्या उसकी कमेंट्री करोगे बैठकर |
रोहित ने जोर का धक्का लगाया |
रीमा – आआआऊऊऊऊऊऊऊऊउईईईईई आआऐईईईईईईईईईई ऊऊऊऊउ आऔऊऊऊऊउच, उफ्फ्फफ्फ्फ़ आआआआऐईईईईईईईऊऊऊऊऊऊऊऊ आराम से नहीं कर सकते, मुझे सता के........ दर्द देकर क्या मिलता है, रबर की नहीं हूँ, हांड मांस का जिस्म है ..........आआआऐईईईईईईईऊऊऊऊऊऊऊऊ |
रोहित धक्का मारते हुए – भला मै क्यों सताऊंगा तुम्हे, मै तो बस तुम्हे जन्नत की सैर करवाना चाहता हूँ | तो बोलो न कैसे करना है, वैसे भी सारी मेहनत मै ही तो कर रहा हूँ, और तुम्हे है अपने ओंठ हिलाने में भी तकलीफ है | जैसे बोलोगी वैसे ही करूगां मेरी जान, बतावो तो सही कैसे चोदना है ये गुलाम बिलकुल उसी तरह तुमारी गुलाबी गीली चूत में अपन मुसल गरम लंड पेलेगा, और तुम्हें स्वर्ग की सैर कराएगा |
रीमा खीझ गयी – सुबह सुबह लोग परमात्मा का नाम लेते है जुबान पर, और तुम हो पता नहीं क्या क्या अंट शंट गन्दा गन्दा बोल रहे हो, मै नहीं बोलूंगी गन्दा संदा, मुझसे नहीं होगा | तुम्हे जो मर्जी में आये वो करो | वैसे भी मेरी सुनोगे कहाँ | करोगे वही जो तुम्हें पसंद होगा |
रोहित – एक बार बोलकर तो देखो |
रीमा – रहने दो, कल शाम से देख ही रही हूँ, कितना सुनी है मेरी, बस जब से आये हो तन को कपड़ा नहीं नसीब हुआ है ऊपर से बस किये जा रहे हो | इतनी जोर से झटका मारते हो, पूरा जिस्म अकड़ जाता है ये तो मै हूँ जो तुमारा झेल रही हूँ और कोई औरत होती अब तक अपना कुल्हा कमर लेकर बैठ गयी होती | एक बार के बाद छुने भी न देती |
रोहित - तो मना क्यों नहीं कर देती |
रीमा - भला तुम मानोगे, पता नहीं क्या क्या समझाकर अपनी मनवा लोगे | मुझे सब पता है जब तक वो अकड़ा रहेगा तुम मना करने पर भी नहीं रुकोगे | पता नहीं क्या खिलाते हो उसको तीन बार के बाद भी नहीं मुरझा रहा |
रोहित ने धक्को की स्पीड बढ़ा, उसके मुहँ में भी तेज सांसो की आहे निकलने लगी | रोहित भी पुरे झटके लगाने लगा | रीमा की मादक कामुक कराहे शुरू कमरे में गूजने लगी – आआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् आआआआअह्हह्हह्हह्हह्हह ऊऊऊऊओह्ह्ह्ह ओहोहोहोहोहोहोहोहोहोहोहोहोहूहोह्होहूहोह |
रोहित ने रीमा की कमर पर अपना भारी हाथ रखा और पूरी गहराई तक चूत में लंड उतार कर रीमा को चोदना शुरू कर दिया | रीमा भी जोर जोर से ओह उउह आह करने लगी | दोनों की सांसे तेज हो चली | रीमा ने तकिये में मुहँ दबा लिया, लेकिन ज्यादा देर तक दबाये नहीं रख पाई | उसकी सिसकारियां पुरे कमरे में तेज तेज गूंजने लगी | सुबह सुबह शरीर तरोताजा होता है इसलिए चुस्ती फुर्ती ज्यादा होती है और वो रीमा रोहित की चुदाई में नजर आ रही थी | रीमा की चूत में लंड डालकर चोदते हुए रोहित को मतलब भर का समय हो गया था, लेकिन एक तो उसने आराम से लंड को पेला था दुसरे सुबह का वक्त इसलिए रोहित को ज्यादा समय लग रहा था | जब से रोहित चोद रहा था रीमा पेट के बल ही लेती थी | रोहित ने अब दूसरी पोजीशन में रीमा को चोदने की सोंचने लगा |
रोहित ने रीमा को दाये हाथ की करवट लिटा दिया और उसके पीछे से उसकी गीली नरम चूत में लंड पेलने लगा | पीछे से उसके हाथ रीमा के तने हुए सुडौल स्तनों को मसलने लगे और उसके ओंठ रीमा की गर्दन को चूमने लगे | जबकि नीचे उसकी कमर लगातार झटके मार रही थी | उसके बाद उसने रीमा का कुल्हा कसकर पकड़ लिया और दनादन रीमा की गरम गीली चूत में अपना मुसल लंड पेलने लगा | रीमा ने अपने बाये हाथ से एक चूतड़ को थाम रोहित का लंड अपनी चूत में अन्दर तक लेने लगी | रीमा की चूत की गरम गीली दीवारे रोहित के लंड को अन्दर ही जकड़ ले रही थी और दीवारों से रिसते चूत रस से सरोबार कर देती थी | चूत बहुत ही गीली थी इसलिए लंड भी आराम से पूरा घुस रहा था | रीमा रोहित के मोटे मुसल सख्त लंड के भीषण घर्षण से अपनी नरम गुलाबी चूत की दीवारों में हो रहे स्पंदन को महसूस कर रही थी, जैसे ही उसकी चूत की चिकनी गीली गरम दीवारों को चीरता हुआ रोहित का मोटा सख्त मुसल लंड रीमा के अन्दर तक जाता, उसके पसीने से सरोबर शरीर में वासना की तरंगे का कम्पन दौड़ जाता, तेज चुदाई से उसका पूरा शरीर हिलकोरे खा रहा था | वो दर्द, वासना और आनंद के मिश्रण से कराह रही थी | रोहित फुल स्पीड में रीमा को पीछे झटके मार रहा था, उसकी जांघे रीमा के नरम सुडौल मांसल चुताड़ो पर थप थप कर लड़ रही थी, रोहित के झटको से रीमा का हिलकोरे खा रहे पुरे बदन में वासना की मादक तरंगे दौड़ रही थी , उसके सुडौल स्तन उछल रहे थे, मुहँ से कराहे निकल रही थी, रोहित पूरा जोर लगाकर कमर हिलाकर रीमा को चोद रहा था और रीमा जमकर चुद रही थी फुल स्पीड में चुद रही थी अन्दर तक चूत की अंतिम गहराई तक चुद रही थी , जैसे वो हमेशा से चुदना चाहती थी | उसकी वर्षो की दिली तम्मना थी कोई उसको ऐसे ही जमकर चोदे, पति का साथ तो बहुत जल्दी छुट गया था इसलिए वो ख्वाइश ख्वाइश ही रह गयी थी, रीमा ने कभी नहीं सोचा था की एक दिन ऐसा आएगा जब उसे ये सब नसीब होगा | देर से ही सही आज वो वर्षो की दबी ख्वाइश उसका देवर रोहित पूरी कर रहा था |
रोहित तेज सांसो के साथ – ऐसे स्पीड में चोदू तुम्हे बेबी, चोद चोद के तुमारी चूत की सारी चुदास मिटा दू मेरी जान, इतना चोदू की तुमारी चूत से पानी के फवारे फूटने लगे, चूत से पानी की धारा बह निकले और हम दोनों को उसी में सरोबार कर दे |
रीमा – आआआह्ह्ह ऊऊऊऊह्ह्ह्ह ऊऊओह्ह्ह्ह ऊऊफ़्फ़्फ़्फ़, यस बेबी यस ओह माय गॉड |
रोहित रीमा को तेज तेज धक्के लगाता हुआ – ऐसे अन्दर तक पेलू, जोर जोर से, हाँ हाँ बेबी, जस्ट लाइक ........हाआअन्न्न, बोलो न बेबी हाआअन्न्न, बोलो न बेबी |
रीमा को तो जैसे होश ही नहीं था, उसके मुहँ से निकल रही सिस्कारियों का कोई अंत नहीं था - ऊओह्ह्हफ्फफ्फ्फ्फ़ ऊओह्ह्हफ्फफ्फ्फ्फ़ आहह्ह्ह्हह आहह्ह्ह्हह्ह यस प्लीज यस प्लीज यस प्लीज यस प्लीज यस प्लीज |
रोहित – ये सपना नहीं है रीमा डार्लिंग, ये हकीकत है, मै हकीकत में ही तुम्हे हौले हौले चोद रहा हूँ |
रीमा – ऊऊऊऊह्हह्हह्हह्हह्ह, सपने कितने खूबसूरत होते है,काश वो भी हकीकत बन पाते, इसी तरह तुम हौले हौले धीर धीरे मेरे अन्दर उतरते रहो और मै सिसकारियां भरती रहूँ |
रोहित – सपने ही हकीकत बनते है मेरी जानेमन, आंखे तो खोलो तभी तो हकीकत से रूबरू होगी | मेरा मुसल लंड तुमारी गीली गुलाबी चूत में हौले हौले ही जा रहा है , जीभर सिसकारियां भरो, मै हौले हौले ऐसे ही तुम्हे चोदुगाँ |
रीमा – नहीं आंखे खोली तो सपना टूट जायेगा, तुमने तो दो बार चोदा जान निकाल दी | सपने में ही सही लेकिन तुम कर तो रहे हो धीरे से, आराम से निश्चिन्त होकर |
रोहित – रीमा बेबी जब आँखे खोलोगी तब तो पता चलेगा, कि सपना में ऐसे चुद रही हो या हकीकत में |
रीमा – सपना हो या हकीकत मुझे बस ऐसे ही चुदना है, ऐसे ही चोदते रहो ..............ऊफ्फ्फफ्फ्फ्फ़ आआहाअहाहहह्हह्ह्ह्ह |
रोहित ने चोदने की स्पीड बढ़ा दी | वो जोर जोर से धक्के लगाने लगा | धक्के लगने से रीमा की नीद की मदहोशी गायब हो गयी | उसने तकिये में से मुहँ निकाल कर देखा तो सचमुच उसे रोहित चोद रहा था |
रीमा – हाय हाय मुझे लगा मै कोई सपना देख रही हूँ, तुम तो सचमुच में.............|
रोहित – सचमुच में क्या ?
रीमा – तुम अब तक घर नहीं गए, कितने बजे है रात के (कमरे में परदे पड़े थे इसलिए सूरज के उजाले से पता लगाना मुश्किल था ) घडी की तरफ देखते हुए – 9 बजने वालेहै , तुम अब तक यही हो और प्रियम को किसने तैयार किया होगा ??????
रीमा को परेशान देख, रोहित उसे चूमने लगा | रीमा उसे झटकते हुए बोली – छोड़ो मुझे |
रोहित – अभी तो कह रही थी ऐसे ही हौले हौले चोदते रहो मुझे, अब छोड़ने की बात कर रही हो |
रीमा झुन्झुलाकर – मै एक गन्दा सपना देख रही थी बाबा |
रोहित ने रीमा की चूत में लंड ठेल दिया – गन्दा, चुदाई तुम्हे गन्दी लगती है, फिर चुदाई के सपने क्यों देखती हो, क्योंकि तुमारा मन चुदने को करता है और इसका मतलब तुम गन्दा सोचती हो, इसीलिए गन्दा सपना देखती हो | चुदाई तो चुदाई है |
रीमा परेशान होते हुई – अरे प्रियम .......????
रोहित ने उसके ओंठो पर अपने ओंठ रख दिए, रीमा ने मुहँ फेर लिया | रोहित – प्रियम को कॉलेज के लिए विदा करने के बाद यहाँ आया हूँ, अब खुश |
रीमा – मतलब तुम अपने घर गए थे |
रोहित – हाँ रीमा, अब तो अपना ड्रीम एन्जॉय करो, हौले हौले धीरे धीरे, अन्दर तक .........|
रीमा – शटउप, सुबह सुबह ये क्या फितूर चढ़ा है, रात में करके मन नहीं भरा, कल शाम से जब से आये हो रुकने का नाम ही नहीं ले रहे हो, दो बार तो कर चुके हो अभी भी ठरक चड़ी हुई है |
रोहित – अरे तुम तो ऐसे कह रही हो जैसे मै ही सब केवल अपने लिए कर रहा हूँ, क्यों ??? अकेला मै ही थोड़े हूँ, तुम भी कहाँ रुकने दे रही हो, हर बार तो राजी हो जाती है, मै अकेला थोड़े तुम्हे चोद रहा हूँ, तुम भी तो चुद रही हो, तुमारी चूत भी तो मेरे लंड की उतनी ही दीवानी है जितना मेरा लंड तुमारी चूत का प्यासा |
रीमा – कितना गन्दा गन्दा बोलते हो, दुसरे तरीके से भी तो बोल सकते हो, पता नहीं बोल बोल क्या क्या गन्दा गन्दा सिखा दोगे मुझे |
इतना कहकर रीमा ने अपनी कमर और चूतड़ ऊपर उठा दिए, अपने हाथो से बेड की चादर भींच ली | रोहित भी रीमा की चूत में अन्दर तक लंड धंसता चला और गहराई तक धक्के लगाने लगा | हर झटके के साथ रीमा कराहने लगी |
रोहित – रीमा मेरी जान चुदाई दुसरे किसी और तरीके से नहीं कर सकते है , चुदाई होती ही एक तरीके से है चूत में लंड, चूत में लंड, चिकनी चूत में लंड, चिकनी मखमली चूत को अन्दर तक चीर कर पूरा लंड जड़ तक घुसा कर, दे पेलम पेल चुदाई होती है | रोहित धक्के लगाते हुए बोला |
रीमा – छी छी छी तुम मर्दों को न बस यही सब आता, तुमारा बस चले तो यही सब गन्दी गन्दी जबान हम औरतो को भी सिखा दो | बड़ा मजा आता है न जब औरत के मुहँ से ऐसे गंदे शब्द सुनते हो |
रोहित – इसमें गन्दा क्या है, हम वही कर भी तो रहे है, अन्दर तक चुदने के लिए अभी चूतड़ किसने ऊपर उठाये | पूरा लंड चूत में लेने के लिए अभी किसने कमर ऊपर करी |
रीमा – उफ्फ्फफ्फ्फ़ बस यही तोहमत रह गयी थी, जिन्दा लाश की तरह पड़ी रंहू क्या ????????????
करने में मदद करो तो भी दोष औरत का ही लगेगा, तुम्हे करने में कोई दिक्कत न हो बाबा, इसलिए थोड़ा कमर ऊँची कर दी | करना अलग चीज है, सभी करते है लेकिन उसी चीज को बोलना जरुरी है क्या ???? पूरी रात वही तो किया है लेकिन तो क्या उसकी कमेंट्री करोगे बैठकर |
रोहित ने जोर का धक्का लगाया |
रीमा – आआआऊऊऊऊऊऊऊऊउईईईईई आआऐईईईईईईईईईई ऊऊऊऊउ आऔऊऊऊऊउच, उफ्फ्फफ्फ्फ़ आआआआऐईईईईईईईऊऊऊऊऊऊऊऊ आराम से नहीं कर सकते, मुझे सता के........ दर्द देकर क्या मिलता है, रबर की नहीं हूँ, हांड मांस का जिस्म है ..........आआआऐईईईईईईईऊऊऊऊऊऊऊऊ |
रोहित धक्का मारते हुए – भला मै क्यों सताऊंगा तुम्हे, मै तो बस तुम्हे जन्नत की सैर करवाना चाहता हूँ | तो बोलो न कैसे करना है, वैसे भी सारी मेहनत मै ही तो कर रहा हूँ, और तुम्हे है अपने ओंठ हिलाने में भी तकलीफ है | जैसे बोलोगी वैसे ही करूगां मेरी जान, बतावो तो सही कैसे चोदना है ये गुलाम बिलकुल उसी तरह तुमारी गुलाबी गीली चूत में अपन मुसल गरम लंड पेलेगा, और तुम्हें स्वर्ग की सैर कराएगा |
रीमा खीझ गयी – सुबह सुबह लोग परमात्मा का नाम लेते है जुबान पर, और तुम हो पता नहीं क्या क्या अंट शंट गन्दा गन्दा बोल रहे हो, मै नहीं बोलूंगी गन्दा संदा, मुझसे नहीं होगा | तुम्हे जो मर्जी में आये वो करो | वैसे भी मेरी सुनोगे कहाँ | करोगे वही जो तुम्हें पसंद होगा |
रोहित – एक बार बोलकर तो देखो |
रीमा – रहने दो, कल शाम से देख ही रही हूँ, कितना सुनी है मेरी, बस जब से आये हो तन को कपड़ा नहीं नसीब हुआ है ऊपर से बस किये जा रहे हो | इतनी जोर से झटका मारते हो, पूरा जिस्म अकड़ जाता है ये तो मै हूँ जो तुमारा झेल रही हूँ और कोई औरत होती अब तक अपना कुल्हा कमर लेकर बैठ गयी होती | एक बार के बाद छुने भी न देती |
रोहित - तो मना क्यों नहीं कर देती |
रीमा - भला तुम मानोगे, पता नहीं क्या क्या समझाकर अपनी मनवा लोगे | मुझे सब पता है जब तक वो अकड़ा रहेगा तुम मना करने पर भी नहीं रुकोगे | पता नहीं क्या खिलाते हो उसको तीन बार के बाद भी नहीं मुरझा रहा |
रोहित ने धक्को की स्पीड बढ़ा, उसके मुहँ में भी तेज सांसो की आहे निकलने लगी | रोहित भी पुरे झटके लगाने लगा | रीमा की मादक कामुक कराहे शुरू कमरे में गूजने लगी – आआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् आआआआअह्हह्हह्हह्हह्हह ऊऊऊऊओह्ह्ह्ह ओहोहोहोहोहोहोहोहोहोहोहोहोहूहोह्होहूहोह |
रोहित ने रीमा की कमर पर अपना भारी हाथ रखा और पूरी गहराई तक चूत में लंड उतार कर रीमा को चोदना शुरू कर दिया | रीमा भी जोर जोर से ओह उउह आह करने लगी | दोनों की सांसे तेज हो चली | रीमा ने तकिये में मुहँ दबा लिया, लेकिन ज्यादा देर तक दबाये नहीं रख पाई | उसकी सिसकारियां पुरे कमरे में तेज तेज गूंजने लगी | सुबह सुबह शरीर तरोताजा होता है इसलिए चुस्ती फुर्ती ज्यादा होती है और वो रीमा रोहित की चुदाई में नजर आ रही थी | रीमा की चूत में लंड डालकर चोदते हुए रोहित को मतलब भर का समय हो गया था, लेकिन एक तो उसने आराम से लंड को पेला था दुसरे सुबह का वक्त इसलिए रोहित को ज्यादा समय लग रहा था | जब से रोहित चोद रहा था रीमा पेट के बल ही लेती थी | रोहित ने अब दूसरी पोजीशन में रीमा को चोदने की सोंचने लगा |
रोहित ने रीमा को दाये हाथ की करवट लिटा दिया और उसके पीछे से उसकी गीली नरम चूत में लंड पेलने लगा | पीछे से उसके हाथ रीमा के तने हुए सुडौल स्तनों को मसलने लगे और उसके ओंठ रीमा की गर्दन को चूमने लगे | जबकि नीचे उसकी कमर लगातार झटके मार रही थी | उसके बाद उसने रीमा का कुल्हा कसकर पकड़ लिया और दनादन रीमा की गरम गीली चूत में अपना मुसल लंड पेलने लगा | रीमा ने अपने बाये हाथ से एक चूतड़ को थाम रोहित का लंड अपनी चूत में अन्दर तक लेने लगी | रीमा की चूत की गरम गीली दीवारे रोहित के लंड को अन्दर ही जकड़ ले रही थी और दीवारों से रिसते चूत रस से सरोबार कर देती थी | चूत बहुत ही गीली थी इसलिए लंड भी आराम से पूरा घुस रहा था | रीमा रोहित के मोटे मुसल सख्त लंड के भीषण घर्षण से अपनी नरम गुलाबी चूत की दीवारों में हो रहे स्पंदन को महसूस कर रही थी, जैसे ही उसकी चूत की चिकनी गीली गरम दीवारों को चीरता हुआ रोहित का मोटा सख्त मुसल लंड रीमा के अन्दर तक जाता, उसके पसीने से सरोबर शरीर में वासना की तरंगे का कम्पन दौड़ जाता, तेज चुदाई से उसका पूरा शरीर हिलकोरे खा रहा था | वो दर्द, वासना और आनंद के मिश्रण से कराह रही थी | रोहित फुल स्पीड में रीमा को पीछे झटके मार रहा था, उसकी जांघे रीमा के नरम सुडौल मांसल चुताड़ो पर थप थप कर लड़ रही थी, रोहित के झटको से रीमा का हिलकोरे खा रहे पुरे बदन में वासना की मादक तरंगे दौड़ रही थी , उसके सुडौल स्तन उछल रहे थे, मुहँ से कराहे निकल रही थी, रोहित पूरा जोर लगाकर कमर हिलाकर रीमा को चोद रहा था और रीमा जमकर चुद रही थी फुल स्पीड में चुद रही थी अन्दर तक चूत की अंतिम गहराई तक चुद रही थी , जैसे वो हमेशा से चुदना चाहती थी | उसकी वर्षो की दिली तम्मना थी कोई उसको ऐसे ही जमकर चोदे, पति का साथ तो बहुत जल्दी छुट गया था इसलिए वो ख्वाइश ख्वाइश ही रह गयी थी, रीमा ने कभी नहीं सोचा था की एक दिन ऐसा आएगा जब उसे ये सब नसीब होगा | देर से ही सही आज वो वर्षो की दबी ख्वाइश उसका देवर रोहित पूरी कर रहा था |
रोहित तेज सांसो के साथ – ऐसे स्पीड में चोदू तुम्हे बेबी, चोद चोद के तुमारी चूत की सारी चुदास मिटा दू मेरी जान, इतना चोदू की तुमारी चूत से पानी के फवारे फूटने लगे, चूत से पानी की धारा बह निकले और हम दोनों को उसी में सरोबार कर दे |
रीमा – आआआह्ह्ह ऊऊऊऊह्ह्ह्ह ऊऊओह्ह्ह्ह ऊऊफ़्फ़्फ़्फ़, यस बेबी यस ओह माय गॉड |
रोहित रीमा को तेज तेज धक्के लगाता हुआ – ऐसे अन्दर तक पेलू, जोर जोर से, हाँ हाँ बेबी, जस्ट लाइक ........हाआअन्न्न, बोलो न बेबी हाआअन्न्न, बोलो न बेबी |
रीमा को तो जैसे होश ही नहीं था, उसके मुहँ से निकल रही सिस्कारियों का कोई अंत नहीं था - ऊओह्ह्हफ्फफ्फ्फ्फ़ ऊओह्ह्हफ्फफ्फ्फ्फ़ आहह्ह्ह्हह आहह्ह्ह्हह्ह यस प्लीज यस प्लीज यस प्लीज यस प्लीज यस प्लीज |