17-02-2020, 01:07 PM
थोड़ी देर में जब रेनू मेरे कमरे में घुसी तो मैं रजाई में लेटी जैसे गहरी नींद में सो रही होऊं , ...
रेनू को भी मैंने रजाई में अपने साथ खींच लिया और देर तक कस के बिना बोले भींच कर पड़ी रही ,
उसकी हालत का अंदाजा मैं लग सकती थी , इसलिए बहुत देर तक मैं उसे भींचे पड़ी रही ,...
रेनू ने खुद ही सब हाल बताना शुरू किया , ... मैं सब देख चुकी थी , लेकिन उस के मुंह से सुनना बहुत अच्छा लग रहा था , ...
और मैंने उसकी चड्ढी खोल के नयी फटी अपनी ननद की चूत देखा भी , छुआ भी और उसका इलाज भी ,
गुनगुने पानी में रुई डाल के , ... एक पेन किलर भी दिया और आई पिल भी , ...
साथ में आधी बनी पेंटिंग भी , आखिर अपने घर से वो मेरे यहाँ पेंटिंग सीखने आयी है , यही बहाना बना कर के आयी है , तो बिना पेंटिंग के ,... और आधी पेंटिंग का मतलब उसे एक दो बार आना ही होगा , पेंटिंग पूरी करने , ...
हाँ जो मेरा असली मतलब था वो भी बात हुयी , गुड्डी को शीशे में उतारने की , ...तय हुआ कल वो लीला और गुड्डी के साथ आएगी , ...
चलने के पहले रेनू ने वो बात पूछ ही ली , जो मैं चाहती थी ,
" भाभी अगली बार , ... मेरा मतलब , पेंटिंग पूरी करने के लिए कब आऊं , ... "
मतलब तो मैं उसका समझ रही थी , मैंने कस के उसे दबोच लिया और उसके दोनों जोबन मसलते हुए बोला ,
" बहुत जल्दी पड़ी है तुझे , ... कल तो गुड्डी रानी की , ... और परसों सैटरडे है , ... "
" मालूम है , भैया आएंगे , ... उस दिन तो आपकी "
हँसते हुए वो बोली ,
" घबड़ा मत अगले ही दिन तेरी भी ,... संडे को वो तो बारह बजे चले जाते हैं , तू ऐसा कर संडे को दो बजे , आज के ही टाइम , ... लेकिन अनुज को तुझे ही बताना पड़ेगा। "
मैंने उसकी अगली डेट फिक्स कर दी।
" उसकी चिंता मत करिये मेरी मीठी भाभी , ... अब हर घंटे उसका फोन आएगा , ... " हँसते हुए वो किशोरी बोल पड़ी।
और तेजी से नीचे के लिए चल पड़ी , और जैसे उसकी बात की ताकीद करते , उसके फोन की घण्टी बज गयी , ...
मैं वापस रजाई में और अबकी सच मच में सो गयी ,... बस दो दिन सो लूँ , ...सैटरडे को तो आएगा रात भर जगानेवाला।
रेनू को भी मैंने रजाई में अपने साथ खींच लिया और देर तक कस के बिना बोले भींच कर पड़ी रही ,
उसकी हालत का अंदाजा मैं लग सकती थी , इसलिए बहुत देर तक मैं उसे भींचे पड़ी रही ,...
रेनू ने खुद ही सब हाल बताना शुरू किया , ... मैं सब देख चुकी थी , लेकिन उस के मुंह से सुनना बहुत अच्छा लग रहा था , ...
और मैंने उसकी चड्ढी खोल के नयी फटी अपनी ननद की चूत देखा भी , छुआ भी और उसका इलाज भी ,
गुनगुने पानी में रुई डाल के , ... एक पेन किलर भी दिया और आई पिल भी , ...
साथ में आधी बनी पेंटिंग भी , आखिर अपने घर से वो मेरे यहाँ पेंटिंग सीखने आयी है , यही बहाना बना कर के आयी है , तो बिना पेंटिंग के ,... और आधी पेंटिंग का मतलब उसे एक दो बार आना ही होगा , पेंटिंग पूरी करने , ...
हाँ जो मेरा असली मतलब था वो भी बात हुयी , गुड्डी को शीशे में उतारने की , ...तय हुआ कल वो लीला और गुड्डी के साथ आएगी , ...
चलने के पहले रेनू ने वो बात पूछ ही ली , जो मैं चाहती थी ,
" भाभी अगली बार , ... मेरा मतलब , पेंटिंग पूरी करने के लिए कब आऊं , ... "
मतलब तो मैं उसका समझ रही थी , मैंने कस के उसे दबोच लिया और उसके दोनों जोबन मसलते हुए बोला ,
" बहुत जल्दी पड़ी है तुझे , ... कल तो गुड्डी रानी की , ... और परसों सैटरडे है , ... "
" मालूम है , भैया आएंगे , ... उस दिन तो आपकी "
हँसते हुए वो बोली ,
" घबड़ा मत अगले ही दिन तेरी भी ,... संडे को वो तो बारह बजे चले जाते हैं , तू ऐसा कर संडे को दो बजे , आज के ही टाइम , ... लेकिन अनुज को तुझे ही बताना पड़ेगा। "
मैंने उसकी अगली डेट फिक्स कर दी।
" उसकी चिंता मत करिये मेरी मीठी भाभी , ... अब हर घंटे उसका फोन आएगा , ... " हँसते हुए वो किशोरी बोल पड़ी।
और तेजी से नीचे के लिए चल पड़ी , और जैसे उसकी बात की ताकीद करते , उसके फोन की घण्टी बज गयी , ...
मैं वापस रजाई में और अबकी सच मच में सो गयी ,... बस दो दिन सो लूँ , ...सैटरडे को तो आएगा रात भर जगानेवाला।