10-02-2019, 10:26 AM
ऐसे ही हम थोड़ी देर बातें करते रहे कुछ देर बाद तौर पर कनोक हुई और ममता की सेक्रेट्री अंदर आई... कहा मैम हमें मीटिंग के लिए देर हो रही है ममता... जस्ट वेट 5 मिनट.. मैं अभी आई
और इसी के साथ वह लड़की बाहर चली गई
तो ममता खड़ी होती हुई बोली.. मुकेश मुझे जाना होगा... ममता... प्रिया तुम आगे संभाल लेना..
प्रिया... ओके सिस.. गले मिलते हुए see you later
ममता मेरी तरफ मुड़ी.. मेरे पास आकर एक हाथ मेरे गाल पर रख कर मुझे छोटा सा प्यारा किस किया... और bye बोल कर चली गई
उसके जाने के बाद प्रिया की फोन की घंटी बजी..
तो उसने फोन पिक अप किया और थोड़ी देर बात करने के बाद फोन रख दिया..
और सोफी से खड़ी होकर.. मेरे पास आकर
प्रिया... सॉरी मुकेश मुझे जाना होगा.. इट्स अर्जेंट कॉल
मुकेश... और मेरा क्या होगा ...
प्रिया... तुम चिंता मत करो मैं अपनी सेक्रेटरी तुम्हारे पास भेज देती हूं जो भी तुम्हें चाहिए वह तुम्हें available करा देगी..
और इसी के साथ प्रिया ने अपना बैग उठाया टेबल से और दरवाजा खोल कर चली गई..
और मैं उसे जाते हुए देखता रहा..
मैं,,, अब यह क्या था.. (अपने आप से कहा)
और सामने पड़े सोफे पर जाकर बैठ गया और सोचने लगा
मैं... मुकेश भाई तुझे संभल कर रहना पड़ेगा.. तूने जो सोचा था प्रिया को लेकर... भविष्य में ऐसा ही होता जा रहा है... बस साला यह दो चीज अलग से जुड़ गई.... और जिसके बारे में मैंने कभी नहीं सोचा था वह वह आग का गोला.. चॉकलेटी आइसक्रीम कैसे बन गई.... पता नहीं यह अमीर लोग क्या क्या दिखाएंगे खेल... बताइए 4 महीने से ज्यादा टिकेगा... कोई बात नहीं यह मेरी जिंदगी से खेल रहे हैं तो खेलने दो... कीमत तो लेकर ही जाऊंगा..
मैं भी यही सोच रहा था कि दरवाजा खुला.. अरे की बहुत ही सेक्सी शॉर्ट टाइप्स स्कर्ट में.. एक हसीना मेरे पास चलती हुई आई.... क्यों खूबसूरत चेहरा था.. क्या फिगर था... व्हाइट टी शर्ट मैं उसकी चूची इतनी टाइट थी कभी फाड़ कर मेरे मुंह में आ जाएंगे...
लड़की... सर.. सर.. हेलो
एक आवाज ने मेरा ध्यान थोड़ा.. नरम नरम फुटबॉल जैसे बादलों से नीचे पटक दिया..
और अपनी दुनिया में आते
मैं... हां जी..
लड़की... सर मुझे प्रिया मैंने आपके पास भेजा है... तो चले..
मैं... ओके.. तो सोफे से उठते हुए कहा..
लड़की.. मुड़ कर आगे चल दी... और मैं उसके पीछे पीछे.. एक हसीन नजारे को देखते हुए चल पड़ा ?
लिफ्ट में पहुंचने के बाद... मैंने उसे पूछा
मैं... जी आपका नाम क्या है.
लड़की... कविता सर
मैं.... प्लीज आप मुझे सर मत कहिए.. ओनली मुकेश
कविता.. ओके मुकेश..
मैं... कविता जी हम कहां पर जा रहे हैं
कविता.... सर हम शहर घूमने जा रहे हैं और जहां बोलो वहीं..
मैं... और मेरे रहने के लिए
कविता.... सर इस बारे में तो मैम ने कुछ नहीं कहा.. लेकिन वह दिखा दो आप कहेंगे वैसा ही होगा
मैं... देखिए कविता जी घूमने का कोई शौक नहीं.. फिलहाल तो.. क्योंकि मैं बहुत थका हुआ हूं मुझे थोड़ा रेस्ट करना है...
कविता.... ओके मुकेश.. मैं आपको कंपनी की तरफ से जो उनके एम्पलाई को फ्लैट मिलते हैं उन्हीं में आप के ठहरने की व्यवस्था कर देती हूं
मैं.... थैंक यू कविता जी..
हम ऑफिस से बाहर पहुंच गए और हमारे सामने गाड़ि आकर रुकी.. उसमे बैठे और कंपनी के फ्लैटों की तरफ चल पड़े...
मैं बहुत खुश था यह सब फिल्मों में होता है वैसा ही हो रहा था मेरे साथ मैं भी यहीं कहीं ना कहीं ऐसा सोचता था कि मेरे साथ ऐसा ही कुछ हो क्योंकि मैं सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहता था.. तो यह सपने में देखता ही था.
( अभी के लिए इतना ही... देखिए आगे क्या हंगामा होगा... जब ममता को पता चलेगा कि मुकेश उसके घर की बजाय कंपनी के फ्लैट में रुका हुआ है...)
और इसी के साथ वह लड़की बाहर चली गई
तो ममता खड़ी होती हुई बोली.. मुकेश मुझे जाना होगा... ममता... प्रिया तुम आगे संभाल लेना..
प्रिया... ओके सिस.. गले मिलते हुए see you later
ममता मेरी तरफ मुड़ी.. मेरे पास आकर एक हाथ मेरे गाल पर रख कर मुझे छोटा सा प्यारा किस किया... और bye बोल कर चली गई
उसके जाने के बाद प्रिया की फोन की घंटी बजी..
तो उसने फोन पिक अप किया और थोड़ी देर बात करने के बाद फोन रख दिया..
और सोफी से खड़ी होकर.. मेरे पास आकर
प्रिया... सॉरी मुकेश मुझे जाना होगा.. इट्स अर्जेंट कॉल
मुकेश... और मेरा क्या होगा ...
प्रिया... तुम चिंता मत करो मैं अपनी सेक्रेटरी तुम्हारे पास भेज देती हूं जो भी तुम्हें चाहिए वह तुम्हें available करा देगी..
और इसी के साथ प्रिया ने अपना बैग उठाया टेबल से और दरवाजा खोल कर चली गई..
और मैं उसे जाते हुए देखता रहा..
मैं,,, अब यह क्या था.. (अपने आप से कहा)
और सामने पड़े सोफे पर जाकर बैठ गया और सोचने लगा
मैं... मुकेश भाई तुझे संभल कर रहना पड़ेगा.. तूने जो सोचा था प्रिया को लेकर... भविष्य में ऐसा ही होता जा रहा है... बस साला यह दो चीज अलग से जुड़ गई.... और जिसके बारे में मैंने कभी नहीं सोचा था वह वह आग का गोला.. चॉकलेटी आइसक्रीम कैसे बन गई.... पता नहीं यह अमीर लोग क्या क्या दिखाएंगे खेल... बताइए 4 महीने से ज्यादा टिकेगा... कोई बात नहीं यह मेरी जिंदगी से खेल रहे हैं तो खेलने दो... कीमत तो लेकर ही जाऊंगा..
मैं भी यही सोच रहा था कि दरवाजा खुला.. अरे की बहुत ही सेक्सी शॉर्ट टाइप्स स्कर्ट में.. एक हसीना मेरे पास चलती हुई आई.... क्यों खूबसूरत चेहरा था.. क्या फिगर था... व्हाइट टी शर्ट मैं उसकी चूची इतनी टाइट थी कभी फाड़ कर मेरे मुंह में आ जाएंगे...
लड़की... सर.. सर.. हेलो
एक आवाज ने मेरा ध्यान थोड़ा.. नरम नरम फुटबॉल जैसे बादलों से नीचे पटक दिया..
और अपनी दुनिया में आते
मैं... हां जी..
लड़की... सर मुझे प्रिया मैंने आपके पास भेजा है... तो चले..
मैं... ओके.. तो सोफे से उठते हुए कहा..
लड़की.. मुड़ कर आगे चल दी... और मैं उसके पीछे पीछे.. एक हसीन नजारे को देखते हुए चल पड़ा ?
लिफ्ट में पहुंचने के बाद... मैंने उसे पूछा
मैं... जी आपका नाम क्या है.
लड़की... कविता सर
मैं.... प्लीज आप मुझे सर मत कहिए.. ओनली मुकेश
कविता.. ओके मुकेश..
मैं... कविता जी हम कहां पर जा रहे हैं
कविता.... सर हम शहर घूमने जा रहे हैं और जहां बोलो वहीं..
मैं... और मेरे रहने के लिए
कविता.... सर इस बारे में तो मैम ने कुछ नहीं कहा.. लेकिन वह दिखा दो आप कहेंगे वैसा ही होगा
मैं... देखिए कविता जी घूमने का कोई शौक नहीं.. फिलहाल तो.. क्योंकि मैं बहुत थका हुआ हूं मुझे थोड़ा रेस्ट करना है...
कविता.... ओके मुकेश.. मैं आपको कंपनी की तरफ से जो उनके एम्पलाई को फ्लैट मिलते हैं उन्हीं में आप के ठहरने की व्यवस्था कर देती हूं
मैं.... थैंक यू कविता जी..
हम ऑफिस से बाहर पहुंच गए और हमारे सामने गाड़ि आकर रुकी.. उसमे बैठे और कंपनी के फ्लैटों की तरफ चल पड़े...
मैं बहुत खुश था यह सब फिल्मों में होता है वैसा ही हो रहा था मेरे साथ मैं भी यहीं कहीं ना कहीं ऐसा सोचता था कि मेरे साथ ऐसा ही कुछ हो क्योंकि मैं सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहता था.. तो यह सपने में देखता ही था.
( अभी के लिए इतना ही... देखिए आगे क्या हंगामा होगा... जब ममता को पता चलेगा कि मुकेश उसके घर की बजाय कंपनी के फ्लैट में रुका हुआ है...)
Mk