14-02-2020, 04:41 PM
गुड्डी रानी
तो मेरी असली टारगेट मेरी छुटकी ननदिया , दर्जा आठ वाली , ...
इनकी ममेरी बहन , गुड्डी रानी थी ,
और आखिर हर भौजाई यही चाहती है की उसकी ननद की फटे , और वो चिढ़ा चिढ़ा कर मजे ले।
आखिर जब भौजाई उतरती है , तो उतारते ही सारी ननदें इसी बात को लेकर उसे चिढ़ाती रहती हैं , ... जब कमरे में पहुंचाती है , एकदम खुल के ,...
और बाद में भी सब की सब कमरे के बाहर चीख सुनने के इन्तजार में , ...
मेरी ननदें तो अब तक , टाइम तक उन छिनरों ने रिकार्ड कर रखा है , अब तक पहले वही बोलती हैं , भाभी ,... दस बज कर सताइस मिनट , बहुत दर्द हुआ था क्या , ...
और मैं भी उलटे बोलती हूँ
" जब तेरी फटेगी न तो पूछूँगी कितना दर्द हुआ ,... "
और उसके बाद जब गुड्डी का नाम का असर मैंने उनके ऊपर देखा ,
आखिर ननद का नाम लेकर सब छेड़ती हैं , लेकिन इनके ऊपर तो ,...
ऊपर ऊपर से बहुत चिढ़ते थे लेकिन , खूंटा उनका , दो तीन राउंड के बाद भी , जहाँ मैंने उनकी ममेरी बहन का नाम लेकर छेड़ा , एकदम फनफना जाता था , ... वियाग्रा मात ,...
बस फिर तो कोई मौका नहीं जाता था , जब मैं उसका नाम ले ले के एकदम खुल के ,...
और जब नाम सुनने से ये हालत है तो अगर सच में उन्हें उसके ऊपर चढ़ने का मौका मिल जाये ,... सच में सोच के मेरी गीली हो जाती है।
लेकिन उस टारगेट के लिए पहले उसकी सहेली रेनू ,...
हाइट ५ -४ रही होगी , न दुबली न मोटी , असली चीज उसके टिकोरे थे एकदम मस्त , एकदम गुड्डी के ही साइज के २८-२९ नंबर के ,
पर एट्टीट्यूड एकदम बिंदास , बोलने में भी मज़े लेने में भी , ऊँगली करती थी लेकिन जो मैंने चेक किया था , झिल्ली अभी भी इन्टैक्ट थी , और मज़ाक करने , डबल मीनिंग डायलॉग्स में एकदम मेरे टक्कर की ,
जैसे ननद को होना चाहिए ,
जब मैंने बोला था उसे तेरी फट जाएगी , बस दो बजे आ जाना , जो दरवाजा खोलेगा , वही तेरी गुलाबो की भी खोलेगा ,...
वो हंस के बोली
" भाभी , आप के मुंह में घी शक्कर , लेकिन वो है कौन ,... "
" अरे यार तुझे आम खाने से मतलब , ... "
मेरी बात काटके खिलखिलाते वो बोली , ...
" आम नहीं केला , वो भी लम्बा वाला ,... "
" एकदम लम्बा वाला ही मिलेगा , और जम के कुटेगा तेरी ,... हाँ लेकिन एक बात , ... मान लो वो कोई ऐसा हुआ जो जिसे तू पहले से जानती है तो चिहुंकना मत ,... फाड़ेगा तेरी वो फुरसत से ये मेरी गारंटी है।
और एक बार फड़वा लेगी न , तो तेरी गुलाबो के लिए परमानेंट इंतजाम "
मैं हंसती हुयी बोली।
" अरे भौजी , मैं नहीं पिछने वाली हटनी,... आपकी ननद हूँ कोई मजाक नहीं। "
मेरे मन में अभी भी एक डर था कहीं अनुज को देखकर वो भड़क न जाए , आखिर उस को भइया कहकर ही तो वो बुलाती थी , बचपन से।
" मान लो , कहीं कोई तेरा मुंह बोला भईया ही निकल गया तो , ... "
मैंने चिढ़ाया
" अरे भौजी , लीला को देखिये न ,... लोग सगे की नहीं छोड़ते तो , ... मुंह बोले को तो , वो भले छोड़े मैं नहीं छोड़ने वाली उसकी , "
हँसते हुए रेनू बोली।
तो उस दिन , ... सासू तो थी ही नहीं , ... और जेठानी भी उस दिन रोज से भी जल्दी चली गयी थीं , साढ़े बारह बजे ही और बोल के गयीं थी सात बजे के बाद आएँगी।
जाते जाते मुझसे बोलीं ,
" शाम को चाय पर मैं उनका वेट न करूँ और थोड़ा सो लूँ , बस दो दिन के बाद , देवर आयंगे और फिर सोने का सवाल नहीं है। "
मैं मुस्कराते हुए बोली ,
" एकदम सभी सोने का ओवरटाइम , फिर जगने का , लेकिन थोड़ा ज्ञान भी बढ़ा लूँ "
मैंने टैब में खुली ' नीली पीली फिल्म ' की ओर इशारा किया।
असल में कर्टसी उनके देवर , मैंने टॉरेंट लोड करना सीख लिया था और फिर तो रोज पांच से छह , और एक से किंकी , उनके देवर को भी पसंद थी ऐसी फ़िल्में और अब मुझे भी ,
" चल अभी थ्योरी , आज बृहस्पतिवार है न शनिवार की शाम को आएगा मेरा देवर , प्रैक्टिस भी करवाएगा और इम्तहान भी लेगा। तो ठीक है मिलते हैं सात बजे के बाद। "
यह कहकर वो चल दी ,
असल में आज फिल्म का दिन नहीं था , आज तो मुझे लाइव शो देखना था , ननद पर देवर की चढ़ाई का।
और सोचना था जल्द ही मेरी एलवल वाली ननद पर कैसे मेरे जेठानी का देवर जल्द से जल्द चढ़ता है , ...
जैसे आज रेनू की फ़टनेवाली थी , वैसे ही गुड्डी रानी की कब फटेगी।
तो मेरी असली टारगेट मेरी छुटकी ननदिया , दर्जा आठ वाली , ...
इनकी ममेरी बहन , गुड्डी रानी थी ,
और आखिर हर भौजाई यही चाहती है की उसकी ननद की फटे , और वो चिढ़ा चिढ़ा कर मजे ले।
आखिर जब भौजाई उतरती है , तो उतारते ही सारी ननदें इसी बात को लेकर उसे चिढ़ाती रहती हैं , ... जब कमरे में पहुंचाती है , एकदम खुल के ,...
और बाद में भी सब की सब कमरे के बाहर चीख सुनने के इन्तजार में , ...
मेरी ननदें तो अब तक , टाइम तक उन छिनरों ने रिकार्ड कर रखा है , अब तक पहले वही बोलती हैं , भाभी ,... दस बज कर सताइस मिनट , बहुत दर्द हुआ था क्या , ...
और मैं भी उलटे बोलती हूँ
" जब तेरी फटेगी न तो पूछूँगी कितना दर्द हुआ ,... "
और उसके बाद जब गुड्डी का नाम का असर मैंने उनके ऊपर देखा ,
आखिर ननद का नाम लेकर सब छेड़ती हैं , लेकिन इनके ऊपर तो ,...
ऊपर ऊपर से बहुत चिढ़ते थे लेकिन , खूंटा उनका , दो तीन राउंड के बाद भी , जहाँ मैंने उनकी ममेरी बहन का नाम लेकर छेड़ा , एकदम फनफना जाता था , ... वियाग्रा मात ,...
बस फिर तो कोई मौका नहीं जाता था , जब मैं उसका नाम ले ले के एकदम खुल के ,...
और जब नाम सुनने से ये हालत है तो अगर सच में उन्हें उसके ऊपर चढ़ने का मौका मिल जाये ,... सच में सोच के मेरी गीली हो जाती है।
लेकिन उस टारगेट के लिए पहले उसकी सहेली रेनू ,...
हाइट ५ -४ रही होगी , न दुबली न मोटी , असली चीज उसके टिकोरे थे एकदम मस्त , एकदम गुड्डी के ही साइज के २८-२९ नंबर के ,
पर एट्टीट्यूड एकदम बिंदास , बोलने में भी मज़े लेने में भी , ऊँगली करती थी लेकिन जो मैंने चेक किया था , झिल्ली अभी भी इन्टैक्ट थी , और मज़ाक करने , डबल मीनिंग डायलॉग्स में एकदम मेरे टक्कर की ,
जैसे ननद को होना चाहिए ,
जब मैंने बोला था उसे तेरी फट जाएगी , बस दो बजे आ जाना , जो दरवाजा खोलेगा , वही तेरी गुलाबो की भी खोलेगा ,...
वो हंस के बोली
" भाभी , आप के मुंह में घी शक्कर , लेकिन वो है कौन ,... "
" अरे यार तुझे आम खाने से मतलब , ... "
मेरी बात काटके खिलखिलाते वो बोली , ...
" आम नहीं केला , वो भी लम्बा वाला ,... "
" एकदम लम्बा वाला ही मिलेगा , और जम के कुटेगा तेरी ,... हाँ लेकिन एक बात , ... मान लो वो कोई ऐसा हुआ जो जिसे तू पहले से जानती है तो चिहुंकना मत ,... फाड़ेगा तेरी वो फुरसत से ये मेरी गारंटी है।
और एक बार फड़वा लेगी न , तो तेरी गुलाबो के लिए परमानेंट इंतजाम "
मैं हंसती हुयी बोली।
" अरे भौजी , मैं नहीं पिछने वाली हटनी,... आपकी ननद हूँ कोई मजाक नहीं। "
मेरे मन में अभी भी एक डर था कहीं अनुज को देखकर वो भड़क न जाए , आखिर उस को भइया कहकर ही तो वो बुलाती थी , बचपन से।
" मान लो , कहीं कोई तेरा मुंह बोला भईया ही निकल गया तो , ... "
मैंने चिढ़ाया
" अरे भौजी , लीला को देखिये न ,... लोग सगे की नहीं छोड़ते तो , ... मुंह बोले को तो , वो भले छोड़े मैं नहीं छोड़ने वाली उसकी , "
हँसते हुए रेनू बोली।
तो उस दिन , ... सासू तो थी ही नहीं , ... और जेठानी भी उस दिन रोज से भी जल्दी चली गयी थीं , साढ़े बारह बजे ही और बोल के गयीं थी सात बजे के बाद आएँगी।
जाते जाते मुझसे बोलीं ,
" शाम को चाय पर मैं उनका वेट न करूँ और थोड़ा सो लूँ , बस दो दिन के बाद , देवर आयंगे और फिर सोने का सवाल नहीं है। "
मैं मुस्कराते हुए बोली ,
" एकदम सभी सोने का ओवरटाइम , फिर जगने का , लेकिन थोड़ा ज्ञान भी बढ़ा लूँ "
मैंने टैब में खुली ' नीली पीली फिल्म ' की ओर इशारा किया।
असल में कर्टसी उनके देवर , मैंने टॉरेंट लोड करना सीख लिया था और फिर तो रोज पांच से छह , और एक से किंकी , उनके देवर को भी पसंद थी ऐसी फ़िल्में और अब मुझे भी ,
" चल अभी थ्योरी , आज बृहस्पतिवार है न शनिवार की शाम को आएगा मेरा देवर , प्रैक्टिस भी करवाएगा और इम्तहान भी लेगा। तो ठीक है मिलते हैं सात बजे के बाद। "
यह कहकर वो चल दी ,
असल में आज फिल्म का दिन नहीं था , आज तो मुझे लाइव शो देखना था , ननद पर देवर की चढ़ाई का।
और सोचना था जल्द ही मेरी एलवल वाली ननद पर कैसे मेरे जेठानी का देवर जल्द से जल्द चढ़ता है , ...
जैसे आज रेनू की फ़टनेवाली थी , वैसे ही गुड्डी रानी की कब फटेगी।