14-02-2020, 08:32 AM
(This post was last modified: 23-05-2021, 11:12 AM by komaalrani. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
मुकाबला
संध्या भाभी ने छवि का जो थोड़ा सा घूँघट था वो भी हटा दिया , और सीधे उसी से बोलीं ,
" जो तेरी ननद , इत्ता तेरे चीखने की बात कर रही थीं , देखना उनकी चीख तो तेरी चीख से भी जोरदार होगी ,
बगल का कमरा ही तो है , तुझे भी सुनाई देगी , और तेरे लिए तो ये जो वैसलीन , जेली और कड़ुवे तेल की बात कर रही थीं ,
न इनकी तो सूखी ही ली जायेगी , ... "
बसंती भी , आखिर थी तो रिश्ते में भौजाई ही , ...
वो अपनी ननद को रगड़ने का मौका क्यों छोड़ती , वो भी नयी देवरानी के साथ हो गयी , बोल वो छवि से रही थी पर निशाने पर मैं थी
" अरे सूखे काहें , नन्दोई क मूसर खूब चूस चूस के ,... अरे मुंह में जितना थूक है लगाए के कर ले चिकना कउनो मनाही , ... लेकिन थूक के अलावा और कुछ नहीं ,
क्यों नन्दोई जी , ..
और तू तो केतन कॉलेजी लौंडन क नेकर सरकाये के , गन्ना क खेत और बांधे के नीचे , खाली थूक लगाय के , ... तो इन्हा कौन , निहुरावा , थूक लगाव , सटावा , पेल दा , ... थोड़ी देर चीख चिल्लाहट होई , तो होवे दा न , आखिर बाहर हम भौजाई लोग रहेंगी , कउनो उनको बचावे नहीं जाएगा बल्कि बाहर से हम बोलेंगी , हाँ नदोई जी एक धक्का और , फाड् दो गांड ननद रानी की , ... "
और फिर मोर्चा संध्या भाभी ने सम्हाल लिया , छवि से बोलीं ,
,
" चल आज मुकाबला हो जाए , हमार देवरानी और ननद के बीच , कौन ज्यादा जोर से चीखता है और पहले , ...
माना हमर ननद बचपन की मायके की छिनार है। तो देखा जाय आज जीजा साले में कौन ज्यादा तेज चीख निकलवाता है , ... "
और उन्होंने मुकाबला कबूल करने के लिए मेरी दोनों बहनो को देखा , रीनू और चीनू ,
दोनों ही बचपन से मुझे आगे करके , महा दुष्ट , ... और अभी भी , ...एक साथ दोनों बोली
" एकदम , वैसे भी सबसे छोटी साली है , इसकी कोरी कोरी कमल जीजू को मिलने वाली थी, पहले इसके दोनों जीजू चढ़ते , इसकी मार मार के ताल पोखर ऐसी कर देते तब इसके मरद को मिलती , पर ,... ये बेईमान अपनी कोरी कोरी बचा ले गयी , ... तो चलो आगे वाली कोरी नहीं तो पीछे वाली ही कोरी सही , ... "
कमल जीजू , एकदम परम पापी लालची , मुझे देखते बोले ,
" एकदम मैं वैसे भी छेद छेद में भेद नहीं करता , ... "
अजय रीनू का हस्बेंड , मेरा तो जीजू ही था , में सबसे छोटी , हंस के बोला ,
" अरे डबलिंग करनी है , तो कमल बड़े हैं पहली बार वो कोरे पिछवाड़े का , और अगली बार मेरा नंबर लग जाएगा , ... क्यों कोमल। "
मैं क्या बोलती मेरी नीच कमीनी बहने थीं न दोनों , मोल भाव करने के लिए , वो दोनों सीधे संध्या भाभी से बोली ,
" बोली तो लगा रही हैं लेकिन इनाम क्या मिलेगा आपके नन्दोई को , ... "
संध्या भाभी जोर से मुस्करायी , कुछ छवि के कान में बोलीं , फिर सीधे कमल जीजू से
" नन्दोई जी , अगर मेरी ननद की चीख मेरी देवरानी से पहले और ज्यादा तेज निकली , ... तो , ... तो , सोच लो इनाम ,.. "
हम सब इन्तजार कर रहे थे बात पूरी होने का और सबसे ज्यादा , कमल जीजू , बस लार नहीं टपक रही थी उनकी , हाँ खूंटा एकदम टनटनाया था ,
और संध्या भाभी ने बात पूरी की ,
" इनाम में तोहार सलहज , कल ,... "
और उनकी बात पूरी होने के पहले ही कमल जीजू मैदान में कूद पड़े ,
" एकदम भाभी , अरे पूरे मोहल्ले में चीख सुनाई पड़ेगी आपकी ननद की , और इतना वेट क्यों , मैं कहिये तो अभी कमरे में ले जाकर , निहुराकर , ... इस मीठे रसगुल्ले के लिए तो ,... "
कमल जीजू की निगाह एकदम बेशरम की तरह छवि के मीठे मीठे चेहरे पर चिपकी थी ,
और छवि भी बजाय गुस्सा होने के , शरमाने के हलके हलके मुस्करा रही थी , आंखे झुका के ,...
फिर तो दोनों जीजू एक साथ चीखे ,
" अरररे , हंसी तो फंसी , ... "
और अब तो छवि सच में हंस दी , ...
मैं चुप जरूर थी लेकिन मुस्करा रही थी और सोच रही थी , कोमल यार आज तो तेरी गाँड़ गयी , ... डबलिंग भी , ...
लेकिन मैं भी तो जब से आयी थी ,...एक तो ये नहीं थे ,...
फिर बहुत दिन बाद सारी बहने , भाभियाँ , मौसियां ,....एकदम खुला माहौल , ...और सबसे बढ़कर दोनों जीजू , ...
हर रस्म में चुन चुन के गालियां नाम ले ले कर दोनों जीजू लोगो को और उससे भी बढ़ कर , पकड़ना रगड़ना , ...
शादी की रस्मों में तो बहुत मौके मिलते हैं ,
हल्दी का छापा लगाने के लिए दौड़ के मैंने कमल जीजू को घेरा , ..
संध्या भाभी मुझे चढ़ा रही थीं , अरे असली जगह लगा , असली जगह , तू तो सबसे छोटी स्साली है ,...
और मैंने सच में पाजामे में हाथ डाल दिया , जीजू ने चड्ढी पहन रखी थी ,
पर जीजू की चड्ढी के ऊपर से खूब जम के मसला रगड़ा , चीनू जो रोज बताती , कलाई इतना मोटा , बित्ते इतना बड़ा , ... सच में जीजू को अंडर एस्टीमेट कर रही ,...
मन तो मेरा कर रहा था चड्ढी के अंदर भी ,... लेकिन तबतक बसंती भौजी दिख गयी , ... ननद भौजाई के मुकाबले में तो वो मुझे खूब खुल के गरियाती थी , लेकिन जीजू के पीछे हम दोनों मिल के , आखिर मेरे जीजू थे तो उस के भी नन्दोई थे ,...
उसने मुझे उकसाया , अरे असली जगह जब तक हल्दी न लगे , आगे पीछे तब तक क्या याद रहेगा ससुराल आये थे ,
और मैंने भी उसे उकसाया ,
सब काम साली ही करेंगी , सलहज किस लिए हैं ,
बस चड्ढी के अंदर आगे से वो , पीछे से मैं ,...
और मैंने तो दरार में भी हल्दी से रंगी एक ऊँगली , ...
जीजू उचक गए बोले
स्साली जब मैं तेरे पिछवाड़े डालूंगा न तो पता चलेगा , परपारायेगी , ... लेकिन बसंती सीधे से उनके खूंटे पर हल्दी लगाते बोली ,
" अरे नन्दोई जी लगा दीजिये न डालने वाले डालते हैं पूछते नहीं , वो भी साली से , ससुराल में ,,, "
मैं सोच रही थी , मन भी कर रहा था और सिर्फ कमल के साथ नहीं अजय जीजू के साथ भी , ...
आखिर करार तो यही था , बचपन का ,... लेकिन ये मैंने नहीं सोचा था , एक साथ दोनों ,....
पर मेरी कमीनी बहनें , ... इन दोनों ने पहले से प्लान बना रखा था मेरी सैंडविच दोनों जीजू से बनवाने का , और आज संध्या भाभी भी ,...
फिर ये भी नहीं आये तो मेरी बहनों को मौका ही मौका ,.. और ऊपर से अब कमल जीजू को मालूम हो गया है की मेरा पिछवाड़ा अभी तक कोरा है तो ,
अब तो ये बचने वाला नहीं ,...
न बचे तो न बचे , चीनू की नहीं बची , रीनू की नहीं बची , ... तो मेरी बचने का सवाल ही नहीं , लेकिन एक साथ दोनों , ... सोच सोच के ही न जाने कैसा लग रहा था , लेकिन इतनी देर से संध्या भाभी और बसंती मेरे पीछे पड़ी थी , मेरा भी तो बोलना ,.. और वो भी लोग भी छवि के बहाने मुझे छेड़ रही थी तो मैंने भी छवि से ही बोला ,
" अरे यार मेरी मीठी भाभी का फायदा हो जाए तो थोड़ी बहुत चीख पुकार भी मैं मचा लुंगी , ... आज साले के साथ , कल बहनोई के साथ , .. आज सैंया के साथ , कल नन्दोई के साथ , ... एकदम बदल बदल कर टेस्ट मिलेगा , ... और घबड़ा मत जीजू सिर्फ नीचे वाले मुंह का ही नहीं ऊपर वाले मुंह का भी टेस्ट बदलेंगे तेरा अपना चमचम चुसा के , ... अरे आखिर हमारी भौजाइयों को उनके माँ बाप भेजते ही इसलिए हैं , .. आ के मोटे मोटे मूसल घोंटे , ... "
लेकिन तब तक चमेली आ गयी , नाउन की बेटी , मुझसे छोटी , अभी तीन महीने पहले तो शादी हुयी थी , इसी शादी के लिए ससुराल से आयी थी , बस जो बात मैं नहीं कह पा रही थी , आ गयी छवि को महावर लगाने के लिए , ... अपनी रंग की कटोरी लिए और बात उसने पूरी की ,
" अरे सच बोला भौजी , बिदाई के टाइम तोहार महतारी काने में इहै कहत रहीं न , ... जा बेटी खूब चोदवावा , सैंया , नन्दोई देवर , ... दिन रात लौंड़ा घोंटे के मिली . "
अब छवि सच में शर्मा गयी और हम सब बहने उस के पीछे , .. और अब संध्या भाभी भी , मजे ले कर चमेली को हड़काने लगी ,
" अरे कहाँ अपने मायके के यारों के साथ फंसी थी छिनार , खूब गाढ़ महावर लगा , ... रच रच के। "
असली मतलब तो उस महावर का हम सब को मालूम था जिसकी जिसकी सुहागरात हो चुकी थी , चमेली भी हंस के संध्या भाभी से बोली ,
" अरे भौजी , सबेरे अपने देवर को देखियेगा , इहै महावर उनके माथे में लगा रहेगा , पक्का। इनके ननद का हाथ है , चमेली का। और भौजी ( अब वो छवि से बोल रही थी , ... ) ठीक नौवें महीने सोहर होना चाहिए , यही कंगन लुंगी भतीजे का , ... दिन घडी आज का नोट कर ले रही हूँ , ... "
और जब वो महावर लगा के उठी , तब तक साढ़े आठ बज गए थे , नौ बजे हम लोगों को छवि को उसके कमरे में पहुँचाना था और उसके बाद हम तीनों बहने , और दोनों जीजू बगल के कमरे में , ... एकदम नयी दुल्हन के कमरे से सटा ,...
लेकिन तबतक फोटो लेने वाले आगये और हम लोग ग्रुप फोटो की तैयारी में लग गए।
और ग्रुप फोटो में आफ कोर्स , प्लेस आफ हॉनर ,नयी दुल्हन को मिलना था।
संध्या भाभी ने छवि का जो थोड़ा सा घूँघट था वो भी हटा दिया , और सीधे उसी से बोलीं ,
" जो तेरी ननद , इत्ता तेरे चीखने की बात कर रही थीं , देखना उनकी चीख तो तेरी चीख से भी जोरदार होगी ,
बगल का कमरा ही तो है , तुझे भी सुनाई देगी , और तेरे लिए तो ये जो वैसलीन , जेली और कड़ुवे तेल की बात कर रही थीं ,
न इनकी तो सूखी ही ली जायेगी , ... "
बसंती भी , आखिर थी तो रिश्ते में भौजाई ही , ...
वो अपनी ननद को रगड़ने का मौका क्यों छोड़ती , वो भी नयी देवरानी के साथ हो गयी , बोल वो छवि से रही थी पर निशाने पर मैं थी
" अरे सूखे काहें , नन्दोई क मूसर खूब चूस चूस के ,... अरे मुंह में जितना थूक है लगाए के कर ले चिकना कउनो मनाही , ... लेकिन थूक के अलावा और कुछ नहीं ,
क्यों नन्दोई जी , ..
और तू तो केतन कॉलेजी लौंडन क नेकर सरकाये के , गन्ना क खेत और बांधे के नीचे , खाली थूक लगाय के , ... तो इन्हा कौन , निहुरावा , थूक लगाव , सटावा , पेल दा , ... थोड़ी देर चीख चिल्लाहट होई , तो होवे दा न , आखिर बाहर हम भौजाई लोग रहेंगी , कउनो उनको बचावे नहीं जाएगा बल्कि बाहर से हम बोलेंगी , हाँ नदोई जी एक धक्का और , फाड् दो गांड ननद रानी की , ... "
और फिर मोर्चा संध्या भाभी ने सम्हाल लिया , छवि से बोलीं ,
,
" चल आज मुकाबला हो जाए , हमार देवरानी और ननद के बीच , कौन ज्यादा जोर से चीखता है और पहले , ...
माना हमर ननद बचपन की मायके की छिनार है। तो देखा जाय आज जीजा साले में कौन ज्यादा तेज चीख निकलवाता है , ... "
और उन्होंने मुकाबला कबूल करने के लिए मेरी दोनों बहनो को देखा , रीनू और चीनू ,
दोनों ही बचपन से मुझे आगे करके , महा दुष्ट , ... और अभी भी , ...एक साथ दोनों बोली
" एकदम , वैसे भी सबसे छोटी साली है , इसकी कोरी कोरी कमल जीजू को मिलने वाली थी, पहले इसके दोनों जीजू चढ़ते , इसकी मार मार के ताल पोखर ऐसी कर देते तब इसके मरद को मिलती , पर ,... ये बेईमान अपनी कोरी कोरी बचा ले गयी , ... तो चलो आगे वाली कोरी नहीं तो पीछे वाली ही कोरी सही , ... "
कमल जीजू , एकदम परम पापी लालची , मुझे देखते बोले ,
" एकदम मैं वैसे भी छेद छेद में भेद नहीं करता , ... "
अजय रीनू का हस्बेंड , मेरा तो जीजू ही था , में सबसे छोटी , हंस के बोला ,
" अरे डबलिंग करनी है , तो कमल बड़े हैं पहली बार वो कोरे पिछवाड़े का , और अगली बार मेरा नंबर लग जाएगा , ... क्यों कोमल। "
मैं क्या बोलती मेरी नीच कमीनी बहने थीं न दोनों , मोल भाव करने के लिए , वो दोनों सीधे संध्या भाभी से बोली ,
" बोली तो लगा रही हैं लेकिन इनाम क्या मिलेगा आपके नन्दोई को , ... "
संध्या भाभी जोर से मुस्करायी , कुछ छवि के कान में बोलीं , फिर सीधे कमल जीजू से
" नन्दोई जी , अगर मेरी ननद की चीख मेरी देवरानी से पहले और ज्यादा तेज निकली , ... तो , ... तो , सोच लो इनाम ,.. "
हम सब इन्तजार कर रहे थे बात पूरी होने का और सबसे ज्यादा , कमल जीजू , बस लार नहीं टपक रही थी उनकी , हाँ खूंटा एकदम टनटनाया था ,
और संध्या भाभी ने बात पूरी की ,
" इनाम में तोहार सलहज , कल ,... "
और उनकी बात पूरी होने के पहले ही कमल जीजू मैदान में कूद पड़े ,
" एकदम भाभी , अरे पूरे मोहल्ले में चीख सुनाई पड़ेगी आपकी ननद की , और इतना वेट क्यों , मैं कहिये तो अभी कमरे में ले जाकर , निहुराकर , ... इस मीठे रसगुल्ले के लिए तो ,... "
कमल जीजू की निगाह एकदम बेशरम की तरह छवि के मीठे मीठे चेहरे पर चिपकी थी ,
और छवि भी बजाय गुस्सा होने के , शरमाने के हलके हलके मुस्करा रही थी , आंखे झुका के ,...
फिर तो दोनों जीजू एक साथ चीखे ,
" अरररे , हंसी तो फंसी , ... "
और अब तो छवि सच में हंस दी , ...
मैं चुप जरूर थी लेकिन मुस्करा रही थी और सोच रही थी , कोमल यार आज तो तेरी गाँड़ गयी , ... डबलिंग भी , ...
लेकिन मैं भी तो जब से आयी थी ,...एक तो ये नहीं थे ,...
फिर बहुत दिन बाद सारी बहने , भाभियाँ , मौसियां ,....एकदम खुला माहौल , ...और सबसे बढ़कर दोनों जीजू , ...
हर रस्म में चुन चुन के गालियां नाम ले ले कर दोनों जीजू लोगो को और उससे भी बढ़ कर , पकड़ना रगड़ना , ...
शादी की रस्मों में तो बहुत मौके मिलते हैं ,
हल्दी का छापा लगाने के लिए दौड़ के मैंने कमल जीजू को घेरा , ..
संध्या भाभी मुझे चढ़ा रही थीं , अरे असली जगह लगा , असली जगह , तू तो सबसे छोटी स्साली है ,...
और मैंने सच में पाजामे में हाथ डाल दिया , जीजू ने चड्ढी पहन रखी थी ,
पर जीजू की चड्ढी के ऊपर से खूब जम के मसला रगड़ा , चीनू जो रोज बताती , कलाई इतना मोटा , बित्ते इतना बड़ा , ... सच में जीजू को अंडर एस्टीमेट कर रही ,...
मन तो मेरा कर रहा था चड्ढी के अंदर भी ,... लेकिन तबतक बसंती भौजी दिख गयी , ... ननद भौजाई के मुकाबले में तो वो मुझे खूब खुल के गरियाती थी , लेकिन जीजू के पीछे हम दोनों मिल के , आखिर मेरे जीजू थे तो उस के भी नन्दोई थे ,...
उसने मुझे उकसाया , अरे असली जगह जब तक हल्दी न लगे , आगे पीछे तब तक क्या याद रहेगा ससुराल आये थे ,
और मैंने भी उसे उकसाया ,
सब काम साली ही करेंगी , सलहज किस लिए हैं ,
बस चड्ढी के अंदर आगे से वो , पीछे से मैं ,...
और मैंने तो दरार में भी हल्दी से रंगी एक ऊँगली , ...
जीजू उचक गए बोले
स्साली जब मैं तेरे पिछवाड़े डालूंगा न तो पता चलेगा , परपारायेगी , ... लेकिन बसंती सीधे से उनके खूंटे पर हल्दी लगाते बोली ,
" अरे नन्दोई जी लगा दीजिये न डालने वाले डालते हैं पूछते नहीं , वो भी साली से , ससुराल में ,,, "
मैं सोच रही थी , मन भी कर रहा था और सिर्फ कमल के साथ नहीं अजय जीजू के साथ भी , ...
आखिर करार तो यही था , बचपन का ,... लेकिन ये मैंने नहीं सोचा था , एक साथ दोनों ,....
पर मेरी कमीनी बहनें , ... इन दोनों ने पहले से प्लान बना रखा था मेरी सैंडविच दोनों जीजू से बनवाने का , और आज संध्या भाभी भी ,...
फिर ये भी नहीं आये तो मेरी बहनों को मौका ही मौका ,.. और ऊपर से अब कमल जीजू को मालूम हो गया है की मेरा पिछवाड़ा अभी तक कोरा है तो ,
अब तो ये बचने वाला नहीं ,...
न बचे तो न बचे , चीनू की नहीं बची , रीनू की नहीं बची , ... तो मेरी बचने का सवाल ही नहीं , लेकिन एक साथ दोनों , ... सोच सोच के ही न जाने कैसा लग रहा था , लेकिन इतनी देर से संध्या भाभी और बसंती मेरे पीछे पड़ी थी , मेरा भी तो बोलना ,.. और वो भी लोग भी छवि के बहाने मुझे छेड़ रही थी तो मैंने भी छवि से ही बोला ,
" अरे यार मेरी मीठी भाभी का फायदा हो जाए तो थोड़ी बहुत चीख पुकार भी मैं मचा लुंगी , ... आज साले के साथ , कल बहनोई के साथ , .. आज सैंया के साथ , कल नन्दोई के साथ , ... एकदम बदल बदल कर टेस्ट मिलेगा , ... और घबड़ा मत जीजू सिर्फ नीचे वाले मुंह का ही नहीं ऊपर वाले मुंह का भी टेस्ट बदलेंगे तेरा अपना चमचम चुसा के , ... अरे आखिर हमारी भौजाइयों को उनके माँ बाप भेजते ही इसलिए हैं , .. आ के मोटे मोटे मूसल घोंटे , ... "
लेकिन तब तक चमेली आ गयी , नाउन की बेटी , मुझसे छोटी , अभी तीन महीने पहले तो शादी हुयी थी , इसी शादी के लिए ससुराल से आयी थी , बस जो बात मैं नहीं कह पा रही थी , आ गयी छवि को महावर लगाने के लिए , ... अपनी रंग की कटोरी लिए और बात उसने पूरी की ,
" अरे सच बोला भौजी , बिदाई के टाइम तोहार महतारी काने में इहै कहत रहीं न , ... जा बेटी खूब चोदवावा , सैंया , नन्दोई देवर , ... दिन रात लौंड़ा घोंटे के मिली . "
अब छवि सच में शर्मा गयी और हम सब बहने उस के पीछे , .. और अब संध्या भाभी भी , मजे ले कर चमेली को हड़काने लगी ,
" अरे कहाँ अपने मायके के यारों के साथ फंसी थी छिनार , खूब गाढ़ महावर लगा , ... रच रच के। "
असली मतलब तो उस महावर का हम सब को मालूम था जिसकी जिसकी सुहागरात हो चुकी थी , चमेली भी हंस के संध्या भाभी से बोली ,
" अरे भौजी , सबेरे अपने देवर को देखियेगा , इहै महावर उनके माथे में लगा रहेगा , पक्का। इनके ननद का हाथ है , चमेली का। और भौजी ( अब वो छवि से बोल रही थी , ... ) ठीक नौवें महीने सोहर होना चाहिए , यही कंगन लुंगी भतीजे का , ... दिन घडी आज का नोट कर ले रही हूँ , ... "
और जब वो महावर लगा के उठी , तब तक साढ़े आठ बज गए थे , नौ बजे हम लोगों को छवि को उसके कमरे में पहुँचाना था और उसके बाद हम तीनों बहने , और दोनों जीजू बगल के कमरे में , ... एकदम नयी दुल्हन के कमरे से सटा ,...
लेकिन तबतक फोटो लेने वाले आगये और हम लोग ग्रुप फोटो की तैयारी में लग गए।
और ग्रुप फोटो में आफ कोर्स , प्लेस आफ हॉनर ,नयी दुल्हन को मिलना था।