13-02-2020, 10:10 AM
रेनू
निकली तीनो लेकिन रेनू लौट आयी , उसका मोबाइल रह गया था।
रेनू ने मेरा इशारा असल में समझ लिया था ,
उसके आते ही मैंने उसे फिर भींच लिया और अबकी सीधे एक हाथ उसकी स्कर्ट में डाल कर बोली ,
" तेरी गौरया के लिए एक ख़ुशख़बरी , दो दिन में ये चारा घोट लेगी। परसों दोपहर , ... "
रेनू एकदम खुश , मुझे कस के चूमते बोली ,
" भौजी आपके मुंह में घी शक्कर , ... लेकिन ,... "
मैंने उसकी बात काटते हुए उसके मुंह में अपनी जीभ डालकर चुप करा दिया ,
फिर कुछ देर तक डीप फ्रेंच किसिंग के बाद , मैंने उसे पूरी बात समझायी ,
" सुन यार , तुम परसों दो बजे आ जाना ,... "
" पर , भाभी , परसों तो स्कूल बंद है , ... "
वो मुंह लटका कर बोली।
' अरे यार तभी तो , स्कूल से कैसे भाग के आती तू ,
फिर तेरी दोनों सहेलियां , इसलिए तो परसों का मुहूर्त निकला है ,...
और अपने घर पर बोल देना की मैंने तुझे पेंटिंग सिखाने के लिए बोला है , हफ्ते में दो दिन ,...
और हफ्ते में दो दिन शुद्ध सफ़ेद रंग से , मोटे वाले ब्रश से तेरी पेंटिंग बनेगी ,...
चिंता मत कर मैं बना दूंगी और जब घर लौटेगी तो घर जा के दिखाना , आज क्या किया। "
मैंने उसको जब समझाया तो उसका चेहरा खिल उठा , और उसने मुझे फिर चूम लिया।
" एकदम भाभी , आप के पास आने के नाम पर और वो भी पेंटिंग सीखने के नाम पर घर वाले कुछ बोलेंगे। क्या जुगत भिड़ाई है आपने , "
खुश होके वो बोली।
" देख तेरा वो जो पहले वाला था न केंचुआ छाप , ... वैसा नहीं है , ..एकदम फाड़ के ऱख देगा तेरी ,...
और वो भी कम से कम दो बार , दर्द तो बहुत होगा तुझे ,... "
मैं आगे और बोलती की रेनू ने बात काट दी ,
" अरे भौजी इसी दर्द के इन्तजार में तो मैं मरी जा रही हूँ , जबसे लीला ने अपनी फड़वाई है न ,... और मेरा ऐन मौके पर ,... "
अबकी बात मैंने काटी।
" अच्छा हुआ न , अरे यार पहली बार तगड़ा मूसल मिले तो जिंदगी भर याद रहता है ,.. देख कम से कम दो बार ,...
और हाँ तू उसे जानती है , देखा भी है ,... लेकिन मैं नाम नहीं बताउंगी। सरप्राइज तुम दोनों के लिए।
तुम आओगी न तो दरवाजा वही खोलेगा ,... फिर कम से कम दो बार ,...
और हाँ जाने के पहले मुझसे मिल के जाना , आई पिल दे दूंगी।
और आज यार तुमने सच में ,... गुड्डी रानी को टॉपलेस कर के ,..सच्च मज़ा आ गया ,.. "
मैं हँसते हुए बोली।
" अरे भौजी। अभी तो कुछ नहीं , ... अगली बार तो उसकी गुलाबो को हवा खिलाएंगी हम , बल्कि कम्प्लीट न्यूड , नीचे वाले होंठ और ऊपर वाले होंठ दोनों की फोटो एक साथ ,...
यही तो मैं चाहती थी ,
एक बार ननद रानी की कुँवारी दुलारी दर्जा आठ वाली चुनमुनिया की क्लोज अप हाथ लग जाए ,
फिर देखना कैसे उसके भइया को दिखा दिखा के छेड़ूँगी।
अभी तो गुड्डी रानी के टिकोरे और गुलबिया का नाम सुन के उन का तन्ना जाता है , और अगर कहीं फोटो देख लिया फिर तो एकदम कुतुबमीनार , ... सच्च बहुत मजा आएगा। "
लेकिन तब तक रेनू ने कुछ पूछ लिया और मुझे सच बोलना पड़ा ,...
" भाभी क्या आपने गुड्डी की टॉपलेस वाली फोटुयें सच में डिलीट कर दी थीं "/
मैंने उसे अपने बाकी फोनो में ट्रांसफर करने के बाद ही डिलीट कर के गुड्डी को दिखाया था ,
लेकिन उन के जाने के पहले ही उस फोन से फिर आईफोन में ट्रांसफर
मैंने रेनू को जवाब अपने आई फोन से रेनू के फोन पर व्हाट्सएप कर के दी
पूरे ११ फोटो थे , कुछ तो एकदम क्लोज अप
और बाकी में गुड्डी रानी का चेहरा और बूब्स दोनों , साफ़ साफ़।
देखते ही रेनू का चेहरा खिल गया ,
मान गए आपको भाभी , हंस के मेरी नन्द बोली।
"चलो फिर परसों दो बजे , आजाना फड़वाने , ... "
हँसते हुए मैं बोली और रेनू ने भी पक्का प्रॉमिस किया।
और उसके बाद मैंने अपने देवर अनुज को फोन लगाया , गुड्डो के बाद उस बेचारे का भी उपवास चल रहा था।
असल में कल से मेरी सास दो दिन के लिए बाहर जा रही थीं परसों देर रात तक लौटती. जेठानी जी भी अपने कोर्स में , दोपहर एक बजे से पहले निकल जातीं और शाम को सात के बाद ही आती थीं यानी दोपहर और शाम के टाइम मैं एकदम अकेली ,...
और इसी लिए मैंने रेनू को दोपहर दो बजे बुलाया था , दो से पांच बहुत हुआ तो छह , दो राउंड के लिए बहुत था।
अनुज ने फोन उठाया और मैंने उसे हुकुम सुना दिया
" परसों डेढ़ बजे मेरे पास आ जाना। "
और डेढ़ बजे क्या एक बजे ही अनुज मौजूद था।
असल में मैं एक तीर से दो नहीं तीन नहीं , कई शिकार कर रही थी।
निकली तीनो लेकिन रेनू लौट आयी , उसका मोबाइल रह गया था।
रेनू ने मेरा इशारा असल में समझ लिया था ,
उसके आते ही मैंने उसे फिर भींच लिया और अबकी सीधे एक हाथ उसकी स्कर्ट में डाल कर बोली ,
" तेरी गौरया के लिए एक ख़ुशख़बरी , दो दिन में ये चारा घोट लेगी। परसों दोपहर , ... "
रेनू एकदम खुश , मुझे कस के चूमते बोली ,
" भौजी आपके मुंह में घी शक्कर , ... लेकिन ,... "
मैंने उसकी बात काटते हुए उसके मुंह में अपनी जीभ डालकर चुप करा दिया ,
फिर कुछ देर तक डीप फ्रेंच किसिंग के बाद , मैंने उसे पूरी बात समझायी ,
" सुन यार , तुम परसों दो बजे आ जाना ,... "
" पर , भाभी , परसों तो स्कूल बंद है , ... "
वो मुंह लटका कर बोली।
' अरे यार तभी तो , स्कूल से कैसे भाग के आती तू ,
फिर तेरी दोनों सहेलियां , इसलिए तो परसों का मुहूर्त निकला है ,...
और अपने घर पर बोल देना की मैंने तुझे पेंटिंग सिखाने के लिए बोला है , हफ्ते में दो दिन ,...
और हफ्ते में दो दिन शुद्ध सफ़ेद रंग से , मोटे वाले ब्रश से तेरी पेंटिंग बनेगी ,...
चिंता मत कर मैं बना दूंगी और जब घर लौटेगी तो घर जा के दिखाना , आज क्या किया। "
मैंने उसको जब समझाया तो उसका चेहरा खिल उठा , और उसने मुझे फिर चूम लिया।
" एकदम भाभी , आप के पास आने के नाम पर और वो भी पेंटिंग सीखने के नाम पर घर वाले कुछ बोलेंगे। क्या जुगत भिड़ाई है आपने , "
खुश होके वो बोली।
" देख तेरा वो जो पहले वाला था न केंचुआ छाप , ... वैसा नहीं है , ..एकदम फाड़ के ऱख देगा तेरी ,...
और वो भी कम से कम दो बार , दर्द तो बहुत होगा तुझे ,... "
मैं आगे और बोलती की रेनू ने बात काट दी ,
" अरे भौजी इसी दर्द के इन्तजार में तो मैं मरी जा रही हूँ , जबसे लीला ने अपनी फड़वाई है न ,... और मेरा ऐन मौके पर ,... "
अबकी बात मैंने काटी।
" अच्छा हुआ न , अरे यार पहली बार तगड़ा मूसल मिले तो जिंदगी भर याद रहता है ,.. देख कम से कम दो बार ,...
और हाँ तू उसे जानती है , देखा भी है ,... लेकिन मैं नाम नहीं बताउंगी। सरप्राइज तुम दोनों के लिए।
तुम आओगी न तो दरवाजा वही खोलेगा ,... फिर कम से कम दो बार ,...
और हाँ जाने के पहले मुझसे मिल के जाना , आई पिल दे दूंगी।
और आज यार तुमने सच में ,... गुड्डी रानी को टॉपलेस कर के ,..सच्च मज़ा आ गया ,.. "
मैं हँसते हुए बोली।
" अरे भौजी। अभी तो कुछ नहीं , ... अगली बार तो उसकी गुलाबो को हवा खिलाएंगी हम , बल्कि कम्प्लीट न्यूड , नीचे वाले होंठ और ऊपर वाले होंठ दोनों की फोटो एक साथ ,...
यही तो मैं चाहती थी ,
एक बार ननद रानी की कुँवारी दुलारी दर्जा आठ वाली चुनमुनिया की क्लोज अप हाथ लग जाए ,
फिर देखना कैसे उसके भइया को दिखा दिखा के छेड़ूँगी।
अभी तो गुड्डी रानी के टिकोरे और गुलबिया का नाम सुन के उन का तन्ना जाता है , और अगर कहीं फोटो देख लिया फिर तो एकदम कुतुबमीनार , ... सच्च बहुत मजा आएगा। "
लेकिन तब तक रेनू ने कुछ पूछ लिया और मुझे सच बोलना पड़ा ,...
" भाभी क्या आपने गुड्डी की टॉपलेस वाली फोटुयें सच में डिलीट कर दी थीं "/
मैंने उसे अपने बाकी फोनो में ट्रांसफर करने के बाद ही डिलीट कर के गुड्डी को दिखाया था ,
लेकिन उन के जाने के पहले ही उस फोन से फिर आईफोन में ट्रांसफर
मैंने रेनू को जवाब अपने आई फोन से रेनू के फोन पर व्हाट्सएप कर के दी
पूरे ११ फोटो थे , कुछ तो एकदम क्लोज अप
और बाकी में गुड्डी रानी का चेहरा और बूब्स दोनों , साफ़ साफ़।
देखते ही रेनू का चेहरा खिल गया ,
मान गए आपको भाभी , हंस के मेरी नन्द बोली।
"चलो फिर परसों दो बजे , आजाना फड़वाने , ... "
हँसते हुए मैं बोली और रेनू ने भी पक्का प्रॉमिस किया।
और उसके बाद मैंने अपने देवर अनुज को फोन लगाया , गुड्डो के बाद उस बेचारे का भी उपवास चल रहा था।
असल में कल से मेरी सास दो दिन के लिए बाहर जा रही थीं परसों देर रात तक लौटती. जेठानी जी भी अपने कोर्स में , दोपहर एक बजे से पहले निकल जातीं और शाम को सात के बाद ही आती थीं यानी दोपहर और शाम के टाइम मैं एकदम अकेली ,...
और इसी लिए मैंने रेनू को दोपहर दो बजे बुलाया था , दो से पांच बहुत हुआ तो छह , दो राउंड के लिए बहुत था।
अनुज ने फोन उठाया और मैंने उसे हुकुम सुना दिया
" परसों डेढ़ बजे मेरे पास आ जाना। "
और डेढ़ बजे क्या एक बजे ही अनुज मौजूद था।
असल में मैं एक तीर से दो नहीं तीन नहीं , कई शिकार कर रही थी।