12-02-2020, 08:10 AM
(This post was last modified: 19-05-2021, 08:37 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
फ्लैश बैक : बदलाव के पहले
( प्री -जे के जी डेज़ )
लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ, मेरी शादी पहले हो गयी। मेरे दोनों जीजू बाद में आये।
हाँ लेकिन कमल -चीनू दी की शादी में , खूब मस्ती हुयी और कोहबर में शर्त धरा ली थी उन्होंने।
पर उसके बाद सिर्फ फोन पर ही छेड़छाड़ , असल में तो मुलाकात भी ,
हाँ पांच छह महीने पहिले ,
तब मैं ससुराल में ही रहती थी ,एकदम घुटन वाले माहौल में
इनकी जॉब चेंज हो के जहाँ अभी है वहां लग गयी थी , पर मैं इनके साथ गयी नहीं थी।
इनके ' बदलाव ' के पहले
जी , उस ज़माने में जब सिर्फ मेरी जेठानी और उस छिपकली मार्का मेरी ननद की चलती थी ,
भाभी ये गलत है , वो गलत है , ...आपके मायके में होता होगा , हमारे यहाँ ये सब नहीं होता ,
कार्ड्स मवाली खेलते हैं , ... नो नान वेज , और सबसे बढ़कर नो मस्ती , ...जोर से हंसना नयी बहू ,... लोग क्या कहेंगे , और ये भी कमरे में तो खूब , लेकिन बाहर आने पर जेठानी , ननद के सामने ,... न तुम हमें जानो , न हम तुम्हे जाने ,
और फिर जब से ये जॉब पर चले गए थे , बोरियत और पाबन्दी दोनों बढ़ गए थे ,
मैं इनके साथ जाना चाहती थी , पर जेठानी मेरी ,..क्या करोगी जॉब पर जाकर , ... हम सब के साथ रह के घर के गुन संस्कार सीखो ,... वरना मायके में तो ,... आउट ऊपर से सास को सुना सुना के कहती रहतीं थी , इत्ते दिन मेरी यहाँ सुबह से रात तक काम कर के , कर के , कमर टूट गयी। सोची थी देवरानी आएगी कुछ हाथ बटायेगी पर ये तो मर्द गया नहीं पीछे सामान बाँध के बैठी हैं , ...
और ये भी मन तो इनका करता था मुझे ले जाने का साथ , पर इनकी हिम्मत नहीं पड़ती थी , ... अपनी भाभी के आगे मुंह खोलने की ,...
तो ये उस जमाने की बात है ,... साल भर मुश्किल से हुए हैं लेकिन लगता है कितना जमाना गुजर गया ,...
खैर तो ,...
चीनू के छोटे भाई की शादी थी।
इन्हें तो छुट्टी नहीं मिली ,मैं आ गयी थी। ये तय हुआ था की ये रिसेप्शन के दिन आ जाएंगे और अगले दिन मैं उनके साथ वापस ,
इनके मायके।
वहां कमल जीजू के साथ रीनू ,अजय ,चीनू दी की भाभियाँ ,,... खूब मस्ती।
पूरी शादी के दौरान मैंने कमल जीजू को खूब ललचाया,छेड़ा। हर रस्म में गारियां तो सीधे उन्ही को टारगेट करके , और पूरी नान वेज
अरे हमरे खेत में सरसों फुलायी ,सरसों फुलायी ,
अरे जीजू की बहना ,अरे कमल जीजू की बहना खूब चुदवाई।
हमरे भैय्या से चुदवायी , चीनू के भैय्या से चुदवाई।
शादी में खूब नाची मैं उनके साथ ,
मुझे मालूम था कितने वो मेरे जुबना के दीवाने हैं , तो बस एकदम टाइट कटाव उभार दिखाती ,पूरी बैकलेस चोली ,
और चुनरी तो बस गले में चिपकी रहती , कभी बहुत हुआ तो एक उभार पे हलके से और एक उनको लुभाने ललचाने के लिए हरदम , खुला।
बरात चलने से पहले मैं और रीनू कमल और अजय जीजू के दोस्तों की पार्टी के बीच गेट क्रैश कर गए ,
वो लोग ड्रिंक कर रहे थे और हम दोनों ने भी ,
सिर्फ ड्रिंक ही नहीं सुट्टा भी।
बरात में तो नाची ही , शादी में डी जे भी था ,फिर वहां बेबी डॉल से लेकर हनी सिंह के 'ऐसे वैसे ' गानों पर भी ,
जम के स्लो ग्राइंड ,
रिशेप्शन वाले दिन ' उनका ' फोन आ गया ,
गाडी छूट गयी है अब वो कल सुबह ही आ पाएंगे।
फिर तो कमल और अजय ने ,उससे बढ़कर मेरी मौसेरी बहनों और मौसियों ने खूब छेड़ा , आज तो तेरी ,...
मुंह दिखाई के बाद , छवि ,मेरी नयी नयी भाभी दुल्हन , खूब सुंदर ,लेकिन लजाती शर्माती , बैठी थी।
सिर्फ घर के ही लोग थे , भौजाइयां ,
कजिन्स , और सोफे पर कमल जीजू बैठे थे।
मैं एक प्लेट में लड्ड लेके आयी। और सीधे कमल जीजू के मुंह में ,
लेकिन टिपीकल कमल जीजू,बोले
" अरे मेरी सेक्सी साली दे , तो किसकी हिम्मत है जो मना करे। "
और उन्होंने हाथ फैला दिया ,
" ना ना , ऐसे नहीं ,.. आप खोलिये मैं आज डालूंगी, और एक बार में पूरा , "
उनके मुंह के सामने पूरा बड़ा सा लड्ड ललचाते मैं बोली ,
और उन्होंने बड़ा सा मुंह खोल दिया ,पर मुझे चिढाया ,
" अरे यार डालूँ मैं या तुम ,जाएगा तो वहीं जहां उसे जाना है। "
अपनी पतली नाजुक उँगलियों में मैंने लड्डू लेके उनके होंठों के पास ,
मेरी गोरी पतली उँगलियों ने उन्हें ललचाते बड़ी सेक्सी अदा से उनके होंठों को हलके से सहलाया,
और फिर शरारत से मुस्कराती ,लड्ड झट से मेरे गुलाबी रसीले होंठों के बीच में ,मेरे मुंह में
गड़प।
" स्साली, मुझसे ही बेईमानी,... "
और मेरी पतली कमर को कस के पकड़ के, खींच के उन्होंने मुझे अपनी गोद में बिठा लिया ,
उनके होंठ मेरे होंठ डार्क स्कारलेट लिपस्टिक लगे होंठों पर थोड़ी देर रगड़ते रहे और फिर मुंह खुलवा के ही उनकी जीभ सीधे मेरे मुंह में।
लड्ड की तलाश में ,
मैं छुड़ाने की नाकाम कोशिश कर रही थी ,पर छूटना कौन चाहता था।
और अब उनका दूसरा हाथ सीधे बिना झिझक मेरे गुदाज उभार पर ,
जोर जोर से दबाते मसलते रगड़ते , और अंगूठा एक ऊँगली , आधी से ज्यादा खुली दिखती ,डीप लो कट बैकलेस चोली से झांकती माँसल गोलाइयों पर ,
उनकी जीभ मेरे मुंह के अंदर का रस ले रही थी और हाथ रसीले जोबन का।
कुछ देर में मेरी जीभ ने भी , वो कौन कम थी , मेरे मुंह के अंदर घुसी उनकी जीभ से टंग फाइट करना शुरू कर दिया।
कुछ देर के बाद जब उनके होंठों ने मेरे होंठ छोड़े ,उनकी जीभ बाहर निकली ,
तो मैंने बुरा सा मुंह बनाते हुए , शिकायत की ,
" जीजू , ये सख्त नाइंसाफी है , बल्कि ,... डबल नाइंसाफी। डालना तो चलिए ठीक था ,लेकिन ,... लेकिन इतनी जल्दी निकाल लेना।
बहुत सूना था आपके बारे में लेकिन , ... और फिर गलती तो मेरे होंठों ने की थी , मान लिया ,उनकी सजा तो ठीक ,लेकिन इन बिचारों का क्या दोष जो इन्हें भी ,... "
अपने उभारों की ओर इशारा करते मैं बोली।
जीजू ने झट कान पकड़े , माफ़ी मांगी और बोले ,
" गलती मंजूर साली जी ,अबकी डालूंगा तो जल्दी नहीं निकालूंगा , चलिए फिर से डाल देता हूँ। और जहाँ तक इनकी बात है ( उनका एक हाथ अब फिर से खुल के मेरे जोबन पे था ) ये तो सूद है ,... "
" जीजू ,आपको कौन स्साली निकालने देगी। " मैं भी हंस के बोली।
और जब अबकी कमल जीजू के होंठ मेरे होंठों से चिपके , तो मेरे होंठ भी बराबरी का मुकाबला करते ,
डीप फ्रेंच किस , किसी अडल्ट फिल्मों की हीरोइन मात खा जाए ,जिस तरह से मैं किस कर रही थी ,
उनकी जीभ मेरे मुंह के अंदर ,
एक हाथ तो पहले से ही कमल जीजू का चोली के ऊपर से मेरे गद्दर अनार रगड़ मसल रहा था ,
जो हाथ कमर को पकडे हुआ था वो भी गोरे मखमली पेट से रेंगते सरकते , नीचे से मेरी चोली के अंदर घुस गया ,
और मेरे दोनों जोबन कमल जीजू की मुट्ठी में , खुल के रगड़ते मसलते।
खूब देर तक डीप किस चलता रहा और होंठ मेरे आजाद हुए लेकिन उनकी दुष्ट उँगलियों ने जोबन रस लेना नहीं छोड़ा।
मेरी नयी नयी भौजाई अपनी ननद और नंदोई की शरारते , नजरें झुकाये ,लजाते शरमाते ,छुप छुप के देख रही थी।
( प्री -जे के जी डेज़ )
लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ, मेरी शादी पहले हो गयी। मेरे दोनों जीजू बाद में आये।
हाँ लेकिन कमल -चीनू दी की शादी में , खूब मस्ती हुयी और कोहबर में शर्त धरा ली थी उन्होंने।
पर उसके बाद सिर्फ फोन पर ही छेड़छाड़ , असल में तो मुलाकात भी ,
हाँ पांच छह महीने पहिले ,
तब मैं ससुराल में ही रहती थी ,एकदम घुटन वाले माहौल में
इनकी जॉब चेंज हो के जहाँ अभी है वहां लग गयी थी , पर मैं इनके साथ गयी नहीं थी।
इनके ' बदलाव ' के पहले
जी , उस ज़माने में जब सिर्फ मेरी जेठानी और उस छिपकली मार्का मेरी ननद की चलती थी ,
भाभी ये गलत है , वो गलत है , ...आपके मायके में होता होगा , हमारे यहाँ ये सब नहीं होता ,
कार्ड्स मवाली खेलते हैं , ... नो नान वेज , और सबसे बढ़कर नो मस्ती , ...जोर से हंसना नयी बहू ,... लोग क्या कहेंगे , और ये भी कमरे में तो खूब , लेकिन बाहर आने पर जेठानी , ननद के सामने ,... न तुम हमें जानो , न हम तुम्हे जाने ,
और फिर जब से ये जॉब पर चले गए थे , बोरियत और पाबन्दी दोनों बढ़ गए थे ,
मैं इनके साथ जाना चाहती थी , पर जेठानी मेरी ,..क्या करोगी जॉब पर जाकर , ... हम सब के साथ रह के घर के गुन संस्कार सीखो ,... वरना मायके में तो ,... आउट ऊपर से सास को सुना सुना के कहती रहतीं थी , इत्ते दिन मेरी यहाँ सुबह से रात तक काम कर के , कर के , कमर टूट गयी। सोची थी देवरानी आएगी कुछ हाथ बटायेगी पर ये तो मर्द गया नहीं पीछे सामान बाँध के बैठी हैं , ...
और ये भी मन तो इनका करता था मुझे ले जाने का साथ , पर इनकी हिम्मत नहीं पड़ती थी , ... अपनी भाभी के आगे मुंह खोलने की ,...
तो ये उस जमाने की बात है ,... साल भर मुश्किल से हुए हैं लेकिन लगता है कितना जमाना गुजर गया ,...
खैर तो ,...
चीनू के छोटे भाई की शादी थी।
इन्हें तो छुट्टी नहीं मिली ,मैं आ गयी थी। ये तय हुआ था की ये रिसेप्शन के दिन आ जाएंगे और अगले दिन मैं उनके साथ वापस ,
इनके मायके।
वहां कमल जीजू के साथ रीनू ,अजय ,चीनू दी की भाभियाँ ,,... खूब मस्ती।
पूरी शादी के दौरान मैंने कमल जीजू को खूब ललचाया,छेड़ा। हर रस्म में गारियां तो सीधे उन्ही को टारगेट करके , और पूरी नान वेज
अरे हमरे खेत में सरसों फुलायी ,सरसों फुलायी ,
अरे जीजू की बहना ,अरे कमल जीजू की बहना खूब चुदवाई।
हमरे भैय्या से चुदवायी , चीनू के भैय्या से चुदवाई।
शादी में खूब नाची मैं उनके साथ ,
मुझे मालूम था कितने वो मेरे जुबना के दीवाने हैं , तो बस एकदम टाइट कटाव उभार दिखाती ,पूरी बैकलेस चोली ,
और चुनरी तो बस गले में चिपकी रहती , कभी बहुत हुआ तो एक उभार पे हलके से और एक उनको लुभाने ललचाने के लिए हरदम , खुला।
बरात चलने से पहले मैं और रीनू कमल और अजय जीजू के दोस्तों की पार्टी के बीच गेट क्रैश कर गए ,
वो लोग ड्रिंक कर रहे थे और हम दोनों ने भी ,
सिर्फ ड्रिंक ही नहीं सुट्टा भी।
बरात में तो नाची ही , शादी में डी जे भी था ,फिर वहां बेबी डॉल से लेकर हनी सिंह के 'ऐसे वैसे ' गानों पर भी ,
जम के स्लो ग्राइंड ,
रिशेप्शन वाले दिन ' उनका ' फोन आ गया ,
गाडी छूट गयी है अब वो कल सुबह ही आ पाएंगे।
फिर तो कमल और अजय ने ,उससे बढ़कर मेरी मौसेरी बहनों और मौसियों ने खूब छेड़ा , आज तो तेरी ,...
मुंह दिखाई के बाद , छवि ,मेरी नयी नयी भाभी दुल्हन , खूब सुंदर ,लेकिन लजाती शर्माती , बैठी थी।
सिर्फ घर के ही लोग थे , भौजाइयां ,
कजिन्स , और सोफे पर कमल जीजू बैठे थे।
मैं एक प्लेट में लड्ड लेके आयी। और सीधे कमल जीजू के मुंह में ,
लेकिन टिपीकल कमल जीजू,बोले
" अरे मेरी सेक्सी साली दे , तो किसकी हिम्मत है जो मना करे। "
और उन्होंने हाथ फैला दिया ,
" ना ना , ऐसे नहीं ,.. आप खोलिये मैं आज डालूंगी, और एक बार में पूरा , "
उनके मुंह के सामने पूरा बड़ा सा लड्ड ललचाते मैं बोली ,
और उन्होंने बड़ा सा मुंह खोल दिया ,पर मुझे चिढाया ,
" अरे यार डालूँ मैं या तुम ,जाएगा तो वहीं जहां उसे जाना है। "
अपनी पतली नाजुक उँगलियों में मैंने लड्डू लेके उनके होंठों के पास ,
मेरी गोरी पतली उँगलियों ने उन्हें ललचाते बड़ी सेक्सी अदा से उनके होंठों को हलके से सहलाया,
और फिर शरारत से मुस्कराती ,लड्ड झट से मेरे गुलाबी रसीले होंठों के बीच में ,मेरे मुंह में
गड़प।
" स्साली, मुझसे ही बेईमानी,... "
और मेरी पतली कमर को कस के पकड़ के, खींच के उन्होंने मुझे अपनी गोद में बिठा लिया ,
उनके होंठ मेरे होंठ डार्क स्कारलेट लिपस्टिक लगे होंठों पर थोड़ी देर रगड़ते रहे और फिर मुंह खुलवा के ही उनकी जीभ सीधे मेरे मुंह में।
लड्ड की तलाश में ,
मैं छुड़ाने की नाकाम कोशिश कर रही थी ,पर छूटना कौन चाहता था।
और अब उनका दूसरा हाथ सीधे बिना झिझक मेरे गुदाज उभार पर ,
जोर जोर से दबाते मसलते रगड़ते , और अंगूठा एक ऊँगली , आधी से ज्यादा खुली दिखती ,डीप लो कट बैकलेस चोली से झांकती माँसल गोलाइयों पर ,
उनकी जीभ मेरे मुंह के अंदर का रस ले रही थी और हाथ रसीले जोबन का।
कुछ देर में मेरी जीभ ने भी , वो कौन कम थी , मेरे मुंह के अंदर घुसी उनकी जीभ से टंग फाइट करना शुरू कर दिया।
कुछ देर के बाद जब उनके होंठों ने मेरे होंठ छोड़े ,उनकी जीभ बाहर निकली ,
तो मैंने बुरा सा मुंह बनाते हुए , शिकायत की ,
" जीजू , ये सख्त नाइंसाफी है , बल्कि ,... डबल नाइंसाफी। डालना तो चलिए ठीक था ,लेकिन ,... लेकिन इतनी जल्दी निकाल लेना।
बहुत सूना था आपके बारे में लेकिन , ... और फिर गलती तो मेरे होंठों ने की थी , मान लिया ,उनकी सजा तो ठीक ,लेकिन इन बिचारों का क्या दोष जो इन्हें भी ,... "
अपने उभारों की ओर इशारा करते मैं बोली।
जीजू ने झट कान पकड़े , माफ़ी मांगी और बोले ,
" गलती मंजूर साली जी ,अबकी डालूंगा तो जल्दी नहीं निकालूंगा , चलिए फिर से डाल देता हूँ। और जहाँ तक इनकी बात है ( उनका एक हाथ अब फिर से खुल के मेरे जोबन पे था ) ये तो सूद है ,... "
" जीजू ,आपको कौन स्साली निकालने देगी। " मैं भी हंस के बोली।
और जब अबकी कमल जीजू के होंठ मेरे होंठों से चिपके , तो मेरे होंठ भी बराबरी का मुकाबला करते ,
डीप फ्रेंच किस , किसी अडल्ट फिल्मों की हीरोइन मात खा जाए ,जिस तरह से मैं किस कर रही थी ,
उनकी जीभ मेरे मुंह के अंदर ,
एक हाथ तो पहले से ही कमल जीजू का चोली के ऊपर से मेरे गद्दर अनार रगड़ मसल रहा था ,
जो हाथ कमर को पकडे हुआ था वो भी गोरे मखमली पेट से रेंगते सरकते , नीचे से मेरी चोली के अंदर घुस गया ,
और मेरे दोनों जोबन कमल जीजू की मुट्ठी में , खुल के रगड़ते मसलते।
खूब देर तक डीप किस चलता रहा और होंठ मेरे आजाद हुए लेकिन उनकी दुष्ट उँगलियों ने जोबन रस लेना नहीं छोड़ा।
मेरी नयी नयी भौजाई अपनी ननद और नंदोई की शरारते , नजरें झुकाये ,लजाते शरमाते ,छुप छुप के देख रही थी।