11-02-2020, 08:44 AM
(10-02-2020, 07:32 PM)Black Horse Wrote: यादों के इंद्रजाल में घुस कर इतने प्यार से वापस आने कोई तुमसे सीखें कोमल,
एक अपडेट में साल गुजार दिया।
ज़िंदगी में कभी यादें है , कभी उम्मीदें , कभी हम अतीत में खो जातें हैं और कभी आने वाले दिनों की ओर कुलाचें भरने लगते हैं ,
यही है जिंदगी और मैं इसी को कलम बंद करने की , इसी से कोरे कागज़ भरने की कोशिश करती हूँ ,
कभी आसमान से इंद्रधनुष तोड़ने की , कभी तकिये के नीचे से पुरानी डायरी निकाल कर , उन गुजरे हुए पलों को फिर से जीने की , ...
....
अब बुझा दो ये सिसकते हुए यादों के चराग,
इनसे कब हिज्र की रातों में उजाला होगा।
मेरे दिले-मायूस में क्यों कर न हो उम्मीद,
मुरझाए हुए फूलों में क्या बू नहीं होती।