10-02-2020, 08:31 PM
(09-02-2020, 02:39 PM)@Raviraaj Wrote: कोमल जी सब से पहले तो प्रणाम ??
एक चीज का बहुत इंतज़ार है चूंकि ये बिल्कुल नई कहानी है तो में निवेदन कर रहा हूँ -
( बखीर )
जब सेयाँ जी वापिस आये तो जो तैयारी आप की होगी उन से मिलने के लिए क्यों ना उस मे सजनी के हाथों से ये अम्रित रूपी खीर बनें और इस का कारण जान कर सेयाँ जब सजनी की तरफ देखे तो सजनी क्या शर्माएं मत पूछो फिर वो खुद अपने हाथ से भर पेट खिलाये
ओर उन का खास गिफ्ट इम्पोर्टेड फीमेल वियाग्रा तो ना नकुर करते हुए भी आप को खाना ही पड़ेगा !!"??
बस फिर उस रात को हम आप के शब्दों में जीना चाहते है उम्मीद है कोमल जी !!
हालांकि आप को सुजाव देना चांद को आइना दिखाने के समान है ,पर ये गुस्ताखी माफ कर देना ??
एकदम , सोलहवां सावन में इसका जिक्र था , और भी कई कहानियों में , गन्ने का रस और पुराना चावल ,...
चलिए आपने याद दिलाया तो अगर अभी नहीं , ... तो कभी न कभी उसका जिक्र आएगा , ...जरूर आएगा ,
कई बार कहानियां अपना रास्ता खुद बनाने लगती हैं , और तब लगता है कहानी जवान हो गयी है ,
लिखने वाली से भी ज्यादा , ...
ये कहानी भी अब धीरे धीरे अपने उसी जोबन की ओर बढ़ रही है , ... पर आपका सुझाव सर आँखों पर , जरूर कोशिश करुँगी।