09-02-2020, 12:55 PM
(This post was last modified: 09-02-2020, 11:05 PM by babasandy. Edited 9 times in total. Edited 9 times in total.)
फटाफट दारू के दो तीन पैक लगा कर जुनैद बिस्तर पर चढ़ गया। उसने रूपाली दीदी को अपनी गोद में बिठा लिया. अपनी बाहों में भर गालों को चूमने लगा मेरी दीदी के। एक हाथ से उसने मेरी दीदी की चूची पकड़ ली।
मेरी रूपाली दीदी: आ अह हा… स… एम्म… म्मह… उ उफ फफ्फ़.. मेरा भाई देख रहा है..… म्मह… उ उफ फफ्फ़...
जुनेद: तू बाहर जा बहन क लोड़े... तेरी दीदी को शर्म आ रही है...
बिना देर किए मैं चुपचाप उस कमरे से बाहर निकल आया और हॉल में बैठ इंतजार करने लगा.. तकरीबन 5 मिनट के बाद कमरे के अंदर से मुझे रूपाली दीदी की तेज तेज सिसकियां सुनाई देने लगी।
मैं मन ही मन कल्पनाएं करने लगा ... की मेरी दीदी के साथ क्या-क्या करा होगा वह गुंडा.. उस दिन जंगल में झोपड़ी के अंदर का नजारा मेरी आंखों के सामने घूमने लगा।... मेरा लंड बिल्कुल कड़क होने लगा था। मैंने अपने लंड पर हाथ रख लिया.. उसे सहलाने लगा... कमरे के अंदर से आने वाली मेरी रूपाली दीदी की कामुक सिसकियां मेरे लंड मैं 440 वोल्ट का झटका देने लगी... तकरीबन 10 मिनट भी चुके थे और मेरे लंड के साथ मेरे अंदर का शैतान जाग गया.. मैंने कमरे के अंदर देखने का फैसला कर लिया मन में.. जिसके अंदर मेरी दीदी चुद रही थी.. जिस कमरे के अंदर मेरी रूपाली दीदी चुद रही थी.. उसकी खिड़की खुली थी... मैं खिड़की के पास गया और अंदर का नजारा देखने लगा... चोरी छुपे..
मेरी रूपाली दीदी बिल्कुल नंगी हो चुकी थी और जुनैद भी... मेरी दीदी जुनैद की गोद में बैठी हुई थी। अपने दोनों हाथों से मेरी दीदी जुनैद का मोटा लंबा भाला पकड़ के हिला रही थी.. वह जुनैद की जांघों पर बैठी हुई थी... जुनैद ने मेरी रूपाली दीदी की दोनों चूचियों को अपने दोनों हाथों में दबोच रखा था.. और बारी-बारी से उनकी दोनों निपल्स को चूस रहा था।. मेरी दीदी की चुचियों से दूध के फव्वारे निकल रहे थे.. जिसे जुनैद का चेहरा पूरा गीला हो गया था। मेरी दीदी के हाथों की चूड़ियों से खन खन की आवाज आ रही थी.. जुनैद का भाला पकड़ के हिला हिला कर.....
मेरी रूपाली दीदी: म… मा… मैं… … आ अह ह… कब तक आपका ... हिला हिला के मेरे हाथों में दर्द होने लगा जुनैद जी...
जुनैद: साली रांड.. बता तो क्या हिला रही है मदार्चोद...
मेरी रूपाली दीदी: आ अह ह... आपका मुसल..आ अह ह...
जुनेद: बहन की लोड़ी मुसल नहीं.. इसे कुछ और कहते हैं मादरचोद... बता रांड..... जुनैद ने मेरी दीदी की चूची को काट लिया..
मेरी रूपाली दीदी: आ अह आह, आह मम्मी...ल...लंड कहते हैं इस.... आपका लंड हिला हिला के मेरे हाथों में दर्द होने लगा है.. उई मां उई मर गई रे... जुनेद मेरी रूपाली दीदी की एक चूची को मुंह में ले के दूध पीने लगा।
जुनैद: भोसड़ी वाली.... साली रंडी... तेरी मां बहन एक कर दूंगा.. बहन की लोड़ी...लंड तेरे पति का होगा.. मेरा तो लौड़ा है साली..
मेरी रूपाली दीदी: हां मां, मां, मां, मां..... सच कहा आपने...लंड नहीं आपका तो यह लौड़ा है... मेरे पति का तो आपके लोड़े से आधे साइज का भी नहीं होगा..
जुनैद ने मेरी रूपाली दीदी की गांड के छेद में एक उंगली डाल दी और अंदर-बाहर करने लगा था।
जुनैद: तेरी मां का भोसड़ा चोदा छिनाल कुत्तिया... बता उस दिन जंगल के अंदर तुझे कैसा लगा था?.....
मेरी रूपाली दीदी: सच बताऊं आपको तो आपको विश्वास नहीं होगा... पर फिर भी बता देती हूं... असली च**चुदाई** क्या होती है? मुझे उसी दिन एहसास हुआ था...
जुनैद मेरी दीदी की गांड के छेद में अपनी उंगली को गोल गोल घुमा रहा था।
मेरी रूपाली दीदी: उस दिन मेरा भाई देख रहा था इसलिए मुझे बड़ी शर्म आ रही थी..आह , उई ई ओह्ह गई , मर गई ओह , पर उस दिन आपके इस लोड़े ने मुझे जो सुख दिया वह मेरे पति ने मुझे कभी नहीं दिया था।
जुनेद: आजा रंडी मादरचोद... आजा मेरे लोड़े पर... मेरे लोड़े की सवारी कर जैसे उस दिन कर रही थी.. अपने गांडू भाई के सामने...
अपना जिक्र सुनकर मैं शर्मिंदा हो गया पर मेरा तो लंड पूरा खड़ा था.. मैं अपनी पेंट से बाहर निकाल कर हिलाने लगा..
तकरीबन 5 फीट की दूरी पर मेरे रूपाली दीदी जुनैद के लोड़े पर सवार होने लगी।
... दीदी के बड़े बड़े दूध देखकर के अच्छे अच्छो का माल निकल जाये… मेरी रूपाली दीदी ने अपने बड़े बड़े दूध जुनेद के चेहरे पर रख उसके लोड़े पर बैठने लगी।
मेरे रूपाली दीदी :…. आह , उई ई ओह्ह फट गई , मर गई ओह , मेरी...
मेरे रूपाली दीदी की चुनमुनिया में जुनैद का आधा लौड़ा समा गया था... मेरी रूपाली दीदी चीख रही थी चिल्ला रही थी... इसके बावजूद भी जुनेद के लोड़े के ऊपर बैठ गई थी ... जुनैद ने नीचे से एक जोरदार झटका दिया और उसका पूरा का पूरा लौड़ा मेरी रूपाली दीदी की भोसड़ी में समा गया..
साली रंडी, मादरचोद... क्या क्या तेरा पति ऐसे चोदता है तुझे?.. जुनैद ने पूछा..
हां मम्मी मां मर गई रे हाय रे..... मेरे पति का .... इतना बड़ा नहीं है ..
उयी ई ओह्ह्ह , प्लीज... मेरी दीदी चीख रही थी।
जुनेद: " बोल , अब दुबारा तो छिनरपना नहीं करेगी जैसे अभी नखडा चोद रही थी की लण्ड पे नहीं चढ़ेगी।
मेरी रूपाली दीदी: नहीं नहीं बस एक बार निकाल लो...
जुनैद: निकालने के लिए नहीं घुस आए बहन की लोड़ी...
जुनेद मेरी रुपाली दीदी को अपने लोड़े पर उछाल रहा था।
रूपाली दीदी: आ अह हा… स… एम्म… म्मह… उ उफ फफ्फ़… मुझे चोदो.... अपनी रंडी को....
मेरी दीदी ने अपनी चुचियों को जुनैद के मुंह में डाल दिया.. वह मेरी दीदी का दूध पीने लगा. और मेरी दीदी को अपने लोड़े पर उछलने लगा...
मेरी रुपाली दीदी: प्लीज थोड़ा सा रुक जाओ न ,क्या कर...., नहीं करो न , लगता है ,... ओह्ह आहह , नहीं ई ई ई ई ,
जुनेद:“आह आह आह आह आह आह ,ओ ओ ओ आह जआआआननन आह जाआआआआआआनननन “
साली रंडी, मादरचोद...
मेरे रूपाली दीदी किसी पम्प की तरह जुनेद के लोड़े के ऊपर ऊपर कूद रही थी और मेरे होश ही उड़ा रही थी मुझे पता था की मेरी दीदी इतनी गर्म हो चुकी थी की वो ज्यादा समय तक नही टिकने वाली , मेरी दीदी जुनैद के अकड़ को आज शायद तोड़ ही देती वो बिल्कुल भी आराम के मूड में नही थी ,वो लगातार ही कूद रही थी ,..
मैं अपना छोटा सा नन्ना मुन्ना पकड़ कर हिला रहा था मेरी दीदी को उछलते हुए देखकर।
जुनैद: आह आह! आह साली कुत्तिया छिनाल रंडी मादरचोद.. तेरे पति के छोटे से लोड़े से आज तक तुझे। मजा आया था क्या?..
मेरी रूपाली दीदी: नहीं जी कभी नहीं.. मेरे पति के लोड़े ने मुझे ऐसा सुख कभी नहीं दिया था.... काश आप मेरे पति होते...
“लव यू बेबी ,लव यू ,फ़क मि जान आह आह आह ,”
“लव यू मेरी रानी “ जुनेद बोला..
रानी नहीं मैं तो आपकी रंडी हो गई हूं... मेरी दीदी चीखते हुए बोली..
शायद मेरी रूपाली दीदी को जल्दी से ही झरना था वो अपनी बेताबी के इंतहा पर थी और वो उस ज्वाला को निकाल देना चाहती थी जो उसके अंदर भरी हुई थी ,
मेरी दीदी ने अपने एक चूची जुनैद के मुंह में घुसा दी। किसी आज्ञाकारी बालक की तरह मेरी दीदी की चूची को पीने लगा जुनैद। हाहाकारी रंडी की तरह मेरी रूपाली दीदी जुनैद के लोड़े पर कूद रही थी।
मेरी रूपाली दीदी: एम्म… ह…. आह… म्म्म्मम.. करो..आह.. तेजज… ऑश अहह… राजा..अम्म ! अर्रे, ममम !!!
ऐसा लगा कि दीदी कुछ बोलना चाह रही थी लेकिन उसने दीदी को बोलने नहीं दिया और दीदी के गद्देदार लाल लिपस्टिक वाले होंठ चूस रहा था जुनेद मेरी आंखों के सामने।
दीदी के गूँ गूँ करने की आवाज़ आ रही थी और चूड़ियाँ भी बहुत जोरो से खनक रही थी.. और यहाँ मैं यह सुन कर मदहोश होता जा रहा था..
कुछ ज़्यादा ही गर्म आदमी था वो..
दीदी की कराहने की आवाज़ मेरा लंड झड़ने के लिए काफ़ी थी…
अहह ! और मैं एक बार ही झड़ गया..
. तभी दीदी का शरीर अकड़ा और फिर वो ढीली पड़ गई.. और खुद ही बेड पर लेट गई.. जुनेद के लोड़े से .... उतर गई।
जुनैद का 10 इंच का लोड़ा बिल्कुल डंडे की तरह खड़ा था.. वह मेरी रूपाली दीदी के ऊपर सवार हो गया और उसे अपना मोटा डंडा मेरी दीदी की चूत पर लगा कर अंदर घुसा दिया।
दोनों के मुँह से कामुक कराह निकली- आआहह !
उसके बाद उसने जोर-जोर से चोदना शुरू कर दिया, थोड़ी देर में दीदी फिर से गरम होकर चीखने लगी- अहह ! आय माआ आ.. ज़ोर से और ज़ोर से… ओह… बहुत अच्छा लग रहा है… अम्म्म्म..
मेरी रूपाली दीदी: आ अह हा… स… एम्म… म्मह… उ उफ फफ्फ़.. मेरा भाई देख रहा है..… म्मह… उ उफ फफ्फ़...
जुनेद: तू बाहर जा बहन क लोड़े... तेरी दीदी को शर्म आ रही है...
बिना देर किए मैं चुपचाप उस कमरे से बाहर निकल आया और हॉल में बैठ इंतजार करने लगा.. तकरीबन 5 मिनट के बाद कमरे के अंदर से मुझे रूपाली दीदी की तेज तेज सिसकियां सुनाई देने लगी।
मैं मन ही मन कल्पनाएं करने लगा ... की मेरी दीदी के साथ क्या-क्या करा होगा वह गुंडा.. उस दिन जंगल में झोपड़ी के अंदर का नजारा मेरी आंखों के सामने घूमने लगा।... मेरा लंड बिल्कुल कड़क होने लगा था। मैंने अपने लंड पर हाथ रख लिया.. उसे सहलाने लगा... कमरे के अंदर से आने वाली मेरी रूपाली दीदी की कामुक सिसकियां मेरे लंड मैं 440 वोल्ट का झटका देने लगी... तकरीबन 10 मिनट भी चुके थे और मेरे लंड के साथ मेरे अंदर का शैतान जाग गया.. मैंने कमरे के अंदर देखने का फैसला कर लिया मन में.. जिसके अंदर मेरी दीदी चुद रही थी.. जिस कमरे के अंदर मेरी रूपाली दीदी चुद रही थी.. उसकी खिड़की खुली थी... मैं खिड़की के पास गया और अंदर का नजारा देखने लगा... चोरी छुपे..
मेरी रूपाली दीदी बिल्कुल नंगी हो चुकी थी और जुनैद भी... मेरी दीदी जुनैद की गोद में बैठी हुई थी। अपने दोनों हाथों से मेरी दीदी जुनैद का मोटा लंबा भाला पकड़ के हिला रही थी.. वह जुनैद की जांघों पर बैठी हुई थी... जुनैद ने मेरी रूपाली दीदी की दोनों चूचियों को अपने दोनों हाथों में दबोच रखा था.. और बारी-बारी से उनकी दोनों निपल्स को चूस रहा था।. मेरी दीदी की चुचियों से दूध के फव्वारे निकल रहे थे.. जिसे जुनैद का चेहरा पूरा गीला हो गया था। मेरी दीदी के हाथों की चूड़ियों से खन खन की आवाज आ रही थी.. जुनैद का भाला पकड़ के हिला हिला कर.....
मेरी रूपाली दीदी: म… मा… मैं… … आ अह ह… कब तक आपका ... हिला हिला के मेरे हाथों में दर्द होने लगा जुनैद जी...
जुनैद: साली रांड.. बता तो क्या हिला रही है मदार्चोद...
मेरी रूपाली दीदी: आ अह ह... आपका मुसल..आ अह ह...
जुनेद: बहन की लोड़ी मुसल नहीं.. इसे कुछ और कहते हैं मादरचोद... बता रांड..... जुनैद ने मेरी दीदी की चूची को काट लिया..
मेरी रूपाली दीदी: आ अह आह, आह मम्मी...ल...लंड कहते हैं इस.... आपका लंड हिला हिला के मेरे हाथों में दर्द होने लगा है.. उई मां उई मर गई रे... जुनेद मेरी रूपाली दीदी की एक चूची को मुंह में ले के दूध पीने लगा।
जुनैद: भोसड़ी वाली.... साली रंडी... तेरी मां बहन एक कर दूंगा.. बहन की लोड़ी...लंड तेरे पति का होगा.. मेरा तो लौड़ा है साली..
मेरी रूपाली दीदी: हां मां, मां, मां, मां..... सच कहा आपने...लंड नहीं आपका तो यह लौड़ा है... मेरे पति का तो आपके लोड़े से आधे साइज का भी नहीं होगा..
जुनैद ने मेरी रूपाली दीदी की गांड के छेद में एक उंगली डाल दी और अंदर-बाहर करने लगा था।
जुनैद: तेरी मां का भोसड़ा चोदा छिनाल कुत्तिया... बता उस दिन जंगल के अंदर तुझे कैसा लगा था?.....
मेरी रूपाली दीदी: सच बताऊं आपको तो आपको विश्वास नहीं होगा... पर फिर भी बता देती हूं... असली च**चुदाई** क्या होती है? मुझे उसी दिन एहसास हुआ था...
जुनैद मेरी दीदी की गांड के छेद में अपनी उंगली को गोल गोल घुमा रहा था।
मेरी रूपाली दीदी: उस दिन मेरा भाई देख रहा था इसलिए मुझे बड़ी शर्म आ रही थी..आह , उई ई ओह्ह गई , मर गई ओह , पर उस दिन आपके इस लोड़े ने मुझे जो सुख दिया वह मेरे पति ने मुझे कभी नहीं दिया था।
जुनेद: आजा रंडी मादरचोद... आजा मेरे लोड़े पर... मेरे लोड़े की सवारी कर जैसे उस दिन कर रही थी.. अपने गांडू भाई के सामने...
अपना जिक्र सुनकर मैं शर्मिंदा हो गया पर मेरा तो लंड पूरा खड़ा था.. मैं अपनी पेंट से बाहर निकाल कर हिलाने लगा..
तकरीबन 5 फीट की दूरी पर मेरे रूपाली दीदी जुनैद के लोड़े पर सवार होने लगी।
... दीदी के बड़े बड़े दूध देखकर के अच्छे अच्छो का माल निकल जाये… मेरी रूपाली दीदी ने अपने बड़े बड़े दूध जुनेद के चेहरे पर रख उसके लोड़े पर बैठने लगी।
मेरे रूपाली दीदी :…. आह , उई ई ओह्ह फट गई , मर गई ओह , मेरी...
मेरे रूपाली दीदी की चुनमुनिया में जुनैद का आधा लौड़ा समा गया था... मेरी रूपाली दीदी चीख रही थी चिल्ला रही थी... इसके बावजूद भी जुनेद के लोड़े के ऊपर बैठ गई थी ... जुनैद ने नीचे से एक जोरदार झटका दिया और उसका पूरा का पूरा लौड़ा मेरी रूपाली दीदी की भोसड़ी में समा गया..
साली रंडी, मादरचोद... क्या क्या तेरा पति ऐसे चोदता है तुझे?.. जुनैद ने पूछा..
हां मम्मी मां मर गई रे हाय रे..... मेरे पति का .... इतना बड़ा नहीं है ..
उयी ई ओह्ह्ह , प्लीज... मेरी दीदी चीख रही थी।
जुनेद: " बोल , अब दुबारा तो छिनरपना नहीं करेगी जैसे अभी नखडा चोद रही थी की लण्ड पे नहीं चढ़ेगी।
मेरी रूपाली दीदी: नहीं नहीं बस एक बार निकाल लो...
जुनैद: निकालने के लिए नहीं घुस आए बहन की लोड़ी...
जुनेद मेरी रुपाली दीदी को अपने लोड़े पर उछाल रहा था।
रूपाली दीदी: आ अह हा… स… एम्म… म्मह… उ उफ फफ्फ़… मुझे चोदो.... अपनी रंडी को....
मेरी दीदी ने अपनी चुचियों को जुनैद के मुंह में डाल दिया.. वह मेरी दीदी का दूध पीने लगा. और मेरी दीदी को अपने लोड़े पर उछलने लगा...
मेरी रुपाली दीदी: प्लीज थोड़ा सा रुक जाओ न ,क्या कर...., नहीं करो न , लगता है ,... ओह्ह आहह , नहीं ई ई ई ई ,
जुनेद:“आह आह आह आह आह आह ,ओ ओ ओ आह जआआआननन आह जाआआआआआआनननन “
साली रंडी, मादरचोद...
मेरे रूपाली दीदी किसी पम्प की तरह जुनेद के लोड़े के ऊपर ऊपर कूद रही थी और मेरे होश ही उड़ा रही थी मुझे पता था की मेरी दीदी इतनी गर्म हो चुकी थी की वो ज्यादा समय तक नही टिकने वाली , मेरी दीदी जुनैद के अकड़ को आज शायद तोड़ ही देती वो बिल्कुल भी आराम के मूड में नही थी ,वो लगातार ही कूद रही थी ,..
मैं अपना छोटा सा नन्ना मुन्ना पकड़ कर हिला रहा था मेरी दीदी को उछलते हुए देखकर।
जुनैद: आह आह! आह साली कुत्तिया छिनाल रंडी मादरचोद.. तेरे पति के छोटे से लोड़े से आज तक तुझे। मजा आया था क्या?..
मेरी रूपाली दीदी: नहीं जी कभी नहीं.. मेरे पति के लोड़े ने मुझे ऐसा सुख कभी नहीं दिया था.... काश आप मेरे पति होते...
“लव यू बेबी ,लव यू ,फ़क मि जान आह आह आह ,”
“लव यू मेरी रानी “ जुनेद बोला..
रानी नहीं मैं तो आपकी रंडी हो गई हूं... मेरी दीदी चीखते हुए बोली..
शायद मेरी रूपाली दीदी को जल्दी से ही झरना था वो अपनी बेताबी के इंतहा पर थी और वो उस ज्वाला को निकाल देना चाहती थी जो उसके अंदर भरी हुई थी ,
मेरी दीदी ने अपने एक चूची जुनैद के मुंह में घुसा दी। किसी आज्ञाकारी बालक की तरह मेरी दीदी की चूची को पीने लगा जुनैद। हाहाकारी रंडी की तरह मेरी रूपाली दीदी जुनैद के लोड़े पर कूद रही थी।
मेरी रूपाली दीदी: एम्म… ह…. आह… म्म्म्मम.. करो..आह.. तेजज… ऑश अहह… राजा..अम्म ! अर्रे, ममम !!!
ऐसा लगा कि दीदी कुछ बोलना चाह रही थी लेकिन उसने दीदी को बोलने नहीं दिया और दीदी के गद्देदार लाल लिपस्टिक वाले होंठ चूस रहा था जुनेद मेरी आंखों के सामने।
दीदी के गूँ गूँ करने की आवाज़ आ रही थी और चूड़ियाँ भी बहुत जोरो से खनक रही थी.. और यहाँ मैं यह सुन कर मदहोश होता जा रहा था..
कुछ ज़्यादा ही गर्म आदमी था वो..
दीदी की कराहने की आवाज़ मेरा लंड झड़ने के लिए काफ़ी थी…
अहह ! और मैं एक बार ही झड़ गया..
. तभी दीदी का शरीर अकड़ा और फिर वो ढीली पड़ गई.. और खुद ही बेड पर लेट गई.. जुनेद के लोड़े से .... उतर गई।
जुनैद का 10 इंच का लोड़ा बिल्कुल डंडे की तरह खड़ा था.. वह मेरी रूपाली दीदी के ऊपर सवार हो गया और उसे अपना मोटा डंडा मेरी दीदी की चूत पर लगा कर अंदर घुसा दिया।
दोनों के मुँह से कामुक कराह निकली- आआहह !
उसके बाद उसने जोर-जोर से चोदना शुरू कर दिया, थोड़ी देर में दीदी फिर से गरम होकर चीखने लगी- अहह ! आय माआ आ.. ज़ोर से और ज़ोर से… ओह… बहुत अच्छा लग रहा है… अम्म्म्म..