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Misc. Erotica द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A tell of Tilism}
#40
अपडेट - 5



जब नेत्रा भैरव के सामने आयी तो भैरव की आंखें बंद हो गयी। नेत्र का राज तिलक करके नेत्रा को उसके पिता और पति दोनों राज्यों का भार उसके कंधो पर राज्यों के मंत्रियों ने डाल दिया। नेत्रा ने भी नि:संकोच ये भार अपने कंधों पर उठाने की कसम खाली।

जब नेत्रा भैरव के सामने आयी तो भैरव की आंखें नेत्रा के राजमुकुट मैं जडे हीरों की चमक से बंद हो गयी थी। एक सफेद चांदी जैसी धातु से बना राजमुकुट जिसे आज हम लोग प्लेटिनम बोलते है। उस मुकुट मैं सफेद रंग के मोतियों से ग़ुलाब के फूल जैसी आकृति जड़ी हुई थी।




अब आगे......



जब भैरव की नज़र मुकुट से नीचे नेत्रा के चेहरे पर नज़र पड़ी तो वो मंत्र मुगद्ध हो गया। नेत्रा के सुनहरे बाल , दूध जैसा सफेद गोरा रंग, हिरणी जैसे चाल और शेरनी जैसे तेवर। होंटों पर हल्की सी मुस्कान, आंखों में उदासी, ललाट पर एक भी चिंता की सलवट नहीं। सफेद रंग के वस्त्र पहन रखे थे जिन पर स्वर्ण की बेहतरीन कारीगरी थी। वो स्वर्ण की कारीगरी नेत्रा के कंधों से लेकर हाथों और वक्षों(स्तन) तक हो रखी थी। नेत्रा के हाथ की उंगली पर एक बाज़ बैठा हुआ था।



[Image: 5c5dfcabb954a.jpg] 



जिस निडरता से नेत्रा भैरव के सामने आ रही थी भैंरव एक टक नेत्रा को देखता रहा।

भैरव नेत्रा को देख कर मन ही मन सोच में पड़ गया कि आखिर ये किस मिट्टी की बनी है। इसमें इतना साहस और बहादुरी कैसे? भैरव अब और अधिक नेत्रा से प्रेम करने लगा।


[Image: 5c5dfdbd3f9a0.jpg] 

जैसे ही नेत्र भैरव के सामने आयी भैरव के हाथों से दोनों राजमुकुट जो नेत्रा के पति और पिता के थे छूट कर नीचे गिर गए। भैरव अपने घुटनों पर बैठ गया और नेत्रा के सामने अपनी गर्दन झुका दिया।



नेत्रा भैरव के सामने आकर खड़ी हो हो गयी। 



भैरव: राजकुमारी जी...



नेत्रा भैरव की बात को काट कर...



नेत्रा: अब हम यहां की महारानी है भैरव।



भैरव: माफ कीजिये महारानी जी, हमने युद्ध में आपके पिता और पति दोनों को पराजित कर के वद्ध कर दिया।



कुछ देर की खामोशी के बाद...



नेत्रा: क्या हमारे पिता जी और पति दोनों कायरों की भांति युद्ध भूमि से भागने की कोशिश कर रहे थे?



भैरव ऊपर गर्दन उठा कर नेत्रा के चेहरे की तरफ देखता है।



भैरव: जी नही महारानी जी, वो तो बहादुरी के साथ अपनी छोटी सी सेना लेकर मेरे तीन लाख सैनिकों से युद्ध करने पर अड़े रहे और उन्होंने युद्ध में वीर गति को प्राप्त की।



नेत्रा: अगर ऐसा है तो फिर आप हमें ये सब इस तरह लज्जा से क्यों सुना रहे है। ये सब गाथाएं तो महानता की है जिन्हें जोश से सुनाया जाना चाहिये।



भैरव ऊपर नेत्रा की तरफ देख कर रोने लग जाता है। भैरव की आंखों में आंसू देख कर नेत्रा भैरव को खड़ा करती है। 



नेत्रा: भैरव आपने युद्ध पूरी बहादुरी और ईमानदारी से जीता है फिर आपको शर्मिंदा नही होना चाहिए। किन्तु आप सिर्फ युद्ध मैं विजयी हुए हमारा राज्य अभी तक जीता नहीं है। अगर आप हमारा राज्य चाहते है तो आपको हमसे युद्ध करना होगा।



भैरव एक टक नेत्रा की और देखने लगता है।



नेत्रा: हमारा अभी अभी राज तिलक हुआ है और हम हमारे राज्य को यूँही आपके हवाले नही कर सकते।



भैरव: नही नही महारानी जी वो...



नेत्रा: वैसे इस युद्ध की वजह क्या थी भैरव और आपका यहां आने का कारण।



भैरव नीचे गर्दन करके....



भैरव: हमने आपकी खूबसूरती के चर्चे सुने थे जिन्हें जानकर हमे आपसे महोब्बत हो गयी। आपको प्राप्त करने की इच्छा हमने आपके पिता और और पति को शांति सभा में बताई लेकिन उन्होंने हमारा तिरिस्कार कर दिया जिसके बाद युद्ध ही एक मात्र उपाय बचा था। हम यहां हमारी विजय के अहंकार मैं आये थी कि हम आपको ये सब बता कर अपने वश में कर लेंगे किन्तु....



नेत्रा: किन्तु क्या भैरव?



भैरव: हमे माफ कर दीजिए। प्रेम प्रेम से जीता जा सकता है युद्ध से नही ये हमे आपसे हुई इस भेंट के बाद समझ आया है।



नेत्रा अब थोड़ी भावुक हो गयी थी।



नेत्रा: क्या आपको ये नही पता था कि हमारा विवाह हो चुका था। अगर पता था उसके बाद भी आपने ऐसी कामना की है तो ये आपका अपराध है। आप हमे किसी भी जीवन में प्रापत नही कर सकते।



भैरव: हमे माफ कीजिये महारानी हमे इस युद्ध के पश्चात जब आपको अभी देखा तो हमे एहसास हुआ कि हमने क्या कर दिया। जब तक आप हमें स्विकार नही करेंगी हम हम आपका इंतजार करेंगे। ऐसा कह कर भैरव वहां से चला गया। 



आज पहली बार नेत्रा को अपनी खूबसूरती से नफरत हो रही थी।


[Image: 5c5dfe0e83d03.jpg] 

एक भैरव के जाने के 2 दिन बाद नेत्रा के पास भैरव का एक समाचार आया।


भैरव का पत्र: महारानी हम एक अनजान रोग से ग्रस्त है हमे नही पता हम और कितने दिन जियेंगे लेकिन हमने आपकी और आपके राज्य की सुरक्षा के लिए कुछ तांत्रिक बुलाये है। ये आपको एक ऐसा यंत्र बना कर देंगे जिस से आप दुश्मन की और उसके बल वैभव की समस्त जानकारी आसानी से पा लेंगी। लेकिन सावधान ये तांत्रिक लोभी है। इस उम्मीद के साथ मृत्यु को गले लगा रहा हूँ कि एक दिन आप हमें माफ करके स्वीकार कर लेंगी।।
बर्बादी को निमंत्रण
https://xossipy.com/thread-1515.html

[b]द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A Tale of Tilism}[/b]
https://xossipy.com/thread-2651.html

Hawas ka ghulam
https://xossipy.com/thread-33284-post-27...pid2738750
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RE: द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A tell of Tilism} - by Rocksanna999 - 09-02-2019, 12:38 AM



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