06-02-2020, 05:35 PM
दीदी के हिलते हुए मुम्मे बड़े ही दिलकश लग रहे थे..इसलिए वो एक झटका धीरे और दूसरा तेज मारता जिसकी वजह से वो मुम्मे थोड़ा रुकते और फिर उपर उछलते...
भूपेन्द्र!: "ओह दीदी ................... सच मे ................. कमाल हो आप........... ऐसा मज़ा तो मुझे किसीके साथ भी नही मिला आज तक ................ आई लव यू दीदी ..
भूपेन्द्र!: "ओह दीदी ................... सच मे ................. कमाल हो आप........... ऐसा मज़ा तो मुझे किसीके साथ भी नही मिला आज तक ................ आई लव यू दीदी ..
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
