06-02-2020, 04:58 PM
दोनो ही सूरत मे काजल अपना फायदा देख रही थी...अगर वो खेलने के लिए मान जाता तो वो उससे अपनी पसंद के सवाल करके कुछ सच उगलवाती...और अगर वो चला जाता तो रोज रात की तरह चेटिंग वगेरह करते हुए मुठ मारती ...और वैसे भी आज वो कुछ ज़्यादा ही उत्तेजित हो रही थी...पता नही क्यो.
वापिस जाने की बात सुनते ही केशव हड़बड़ा सा गया...आज पहली बार तो उसे अपनी बड़ी बहन को ऐसे देखने का मौका मिला था..और उपर से वो थोड़ा नॉटी भी बिहेव कर रही थी...ऐसे मे वापिस जाना मतलब हाथ में आया मौका खो देने जैसा ही था.
हमेशा अपनी 'बहन' को 'बहन' की नज़र से देखने वाला केशव अचानक से ही उसे एक 'लड़की' की नज़र से देखने लग गया..और देखे भी क्यो ना..खूबसूरत तो थी ही वो..अपनी अदाओं का जादू वो ऐसे चला रही थी जैसे कोई किसी को पटाने के लिए करता है...अब उसकी समझ में ये नही आ रहा था की उसकी हरकतों को वो क्या समझे...पर जो भी था अभी तक तो केशव को मज़ा ही आ रहा था...और ऐसे मज़े को वो खोना नही चाहता था..
वापिस जाने की बात सुनते ही केशव हड़बड़ा सा गया...आज पहली बार तो उसे अपनी बड़ी बहन को ऐसे देखने का मौका मिला था..और उपर से वो थोड़ा नॉटी भी बिहेव कर रही थी...ऐसे मे वापिस जाना मतलब हाथ में आया मौका खो देने जैसा ही था.
हमेशा अपनी 'बहन' को 'बहन' की नज़र से देखने वाला केशव अचानक से ही उसे एक 'लड़की' की नज़र से देखने लग गया..और देखे भी क्यो ना..खूबसूरत तो थी ही वो..अपनी अदाओं का जादू वो ऐसे चला रही थी जैसे कोई किसी को पटाने के लिए करता है...अब उसकी समझ में ये नही आ रहा था की उसकी हरकतों को वो क्या समझे...पर जो भी था अभी तक तो केशव को मज़ा ही आ रहा था...और ऐसे मज़े को वो खोना नही चाहता था..
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.