06-02-2020, 04:54 PM
उसकी बात से सॉफ जाहिर था की वो इन पैसो को अभी के लिए मना नही कर रही ...करती भी कैसे..उसे पता था की उनसे हॉस्पिटल के बिल्स आसानी से दिए जा सकते हैं..
केशव ने अपना सिर उपर उठाया और बोला : "नही दीदी, आप ऐसा क्यो सोच रही है...
केशव ने अपना सिर उपर उठाया और बोला : "नही दीदी, आप ऐसा क्यो सोच रही है...
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.