06-02-2020, 04:53 PM
अपने भाई की ऐसी समझदारी भरी बाते सुनकर काजल एक दम से अपनी सीट से उठी और केशव के सिर को अपनी छाती से लगाकर सिसकने लगी : "मुझे माफ़ कर देना मेरे भाई...मैने तुझे इतना बुरा-भला कहा..मैं वो माँ की वजह से इतनी परेशान थी की जो मेरे मुँह मे आया, वो कहती चली गयी...''
ये केशव के लिए पहला मौका था जब उसकी बहन के मुम्मे उसके चेहरे पर दबे पड़े थे...उसने आज तक अपनी बहन के बारे मे कोई ग़लत बात नही सोची थी..पर आज जिस तरह से उसने केशव के सिर को पकड़कर अपनी छाती से लगाया था..और जब केशव को ये महसूस हुआ की काजल ने पतली सी टी शर्ट के अंदर कुछ भी नही पहना है तो उसे ऐसा एहसास हुआ की उसका चेहरा सीधा उसके नंगे मुम्मो के उपर रखा हुआ है...इतने नर्म और मुलायम थे उसके मुम्मे ...और उसके जिस्म से निकल रही एक कुँवारी सी खुश्बू...वो तो बस अपनी आँखे बंद करके उस सुगंध को सूंघता ही रह गया..
ये केशव के लिए पहला मौका था जब उसकी बहन के मुम्मे उसके चेहरे पर दबे पड़े थे...उसने आज तक अपनी बहन के बारे मे कोई ग़लत बात नही सोची थी..पर आज जिस तरह से उसने केशव के सिर को पकड़कर अपनी छाती से लगाया था..और जब केशव को ये महसूस हुआ की काजल ने पतली सी टी शर्ट के अंदर कुछ भी नही पहना है तो उसे ऐसा एहसास हुआ की उसका चेहरा सीधा उसके नंगे मुम्मो के उपर रखा हुआ है...इतने नर्म और मुलायम थे उसके मुम्मे ...और उसके जिस्म से निकल रही एक कुँवारी सी खुश्बू...वो तो बस अपनी आँखे बंद करके उस सुगंध को सूंघता ही रह गया..
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.