06-02-2020, 04:53 PM
केशव ने वो सारे पैसे ज़बरदस्ती काजल के हाथों मे रख दिए और बोला : "दीदी, मैं उतना भी बुरा नही हू जितना आप मुझे समझती हो...मुझे भी माँ की फ़िक्र है..अब मुझे आप की तरह कोई जॉब तो देगा नही, इसलिए जो मेरी समझ मे आता है, मैं करता हू..
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.