06-02-2020, 04:50 PM
काजल के हॉस्पिटल पहुँचते ही केशव फ़ौरन वहाँ से निकल गया...इतनी जल्दी मचाते हुए काजल ने उसे पहली बार देखा था..
रात के समय हॉस्पिटल मे किसी के भी रहने की मनाही थी..वैसे भी देखभाल के लिए नर्सेस रहती ही थी..इसलिए काजल भी घर आ जाती थी..
घर पहुंचकर उसने अपना लोवर और एक हल्की सी टी शर्ट पहनी और खाना बनाने मे लग गयी..वो रात के समय अपने अंडरगार्मेंट्स भी उतार देती थी..यही नीयम था उसका रोज का..10 बजे तक केशव भी आ जाता था और दोनों मिलकर खाना खाते थे...सुबह वो ऑफीस निकल जाती और केशव नहा धोकर हॉस्पिटल के लिए...पिछले दो महीने से यही नीयम चल रहा था..
पर आज 11 बजने को हो रहे थे और केशव का कहीं पता नही था...काजल को भी काफ़ी भूख लगी थी..उसने उसका नंबर कई बार ट्राइ किया पर हर बार वो काट देता...आख़िर मे जाकर जब उसने फोन उठाया तो सिर्फ़ इतना कहकर फोन रख दिया की 'दीदी , दस मिनिट मे आया बस...'
दस मिनिट के बाद जब केशव आया तो वो काफ़ी खुश लग रहा था...पर काजल के गुस्से वाले चेहरे को देखकर वो सहम सा गया और चुपचाप अपने कमरे मे जाकर चेंज करने लगा..और कपड़े बदल कर नीचे आया.
रात के समय हॉस्पिटल मे किसी के भी रहने की मनाही थी..वैसे भी देखभाल के लिए नर्सेस रहती ही थी..इसलिए काजल भी घर आ जाती थी..
घर पहुंचकर उसने अपना लोवर और एक हल्की सी टी शर्ट पहनी और खाना बनाने मे लग गयी..वो रात के समय अपने अंडरगार्मेंट्स भी उतार देती थी..यही नीयम था उसका रोज का..10 बजे तक केशव भी आ जाता था और दोनों मिलकर खाना खाते थे...सुबह वो ऑफीस निकल जाती और केशव नहा धोकर हॉस्पिटल के लिए...पिछले दो महीने से यही नीयम चल रहा था..
पर आज 11 बजने को हो रहे थे और केशव का कहीं पता नही था...काजल को भी काफ़ी भूख लगी थी..उसने उसका नंबर कई बार ट्राइ किया पर हर बार वो काट देता...आख़िर मे जाकर जब उसने फोन उठाया तो सिर्फ़ इतना कहकर फोन रख दिया की 'दीदी , दस मिनिट मे आया बस...'
दस मिनिट के बाद जब केशव आया तो वो काफ़ी खुश लग रहा था...पर काजल के गुस्से वाले चेहरे को देखकर वो सहम सा गया और चुपचाप अपने कमरे मे जाकर चेंज करने लगा..और कपड़े बदल कर नीचे आया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
![thanks thanks](https://xossipy.com/images/smilies/thanks.gif)