06-02-2020, 04:49 PM
घर का खर्चा चलाने की ज़िम्मेदारी सिर्फ़ और सिर्फ़ काजल की ही थी.
उनके घर का खर्चा वैसे ही बड़ी तंगी मे चल रहा था.. उपर से माँ की बीमारी ने भी काफ़ी पैसे ख़त्म कर दिए..
और साथ ही साथ दीवाली भी आने वाली थी..सिर्फ़ दस दिन बाद..ऐसी हालत मे काजल बस यही सोच रही थी की कैसे चलेगी ये जिंदगी..
पर उसे नही पता था की आने वाली दीवाली उसके लिए क्या-2 सर्प्राइज़ लाने वाली है..
उनके घर का खर्चा वैसे ही बड़ी तंगी मे चल रहा था.. उपर से माँ की बीमारी ने भी काफ़ी पैसे ख़त्म कर दिए..
और साथ ही साथ दीवाली भी आने वाली थी..सिर्फ़ दस दिन बाद..ऐसी हालत मे काजल बस यही सोच रही थी की कैसे चलेगी ये जिंदगी..
पर उसे नही पता था की आने वाली दीवाली उसके लिए क्या-2 सर्प्राइज़ लाने वाली है..
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.