06-02-2020, 07:56 AM
(This post was last modified: 06-02-2020, 08:13 AM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
बेवक़ूफ़ , पक्का , पैदायशी
![[Image: Guddi-sad-e24e55c0f67fcef34d7b42299bf15e99.jpg]](https://i.ibb.co/xjSXxNC/Guddi-sad-e24e55c0f67fcef34d7b42299bf15e99.jpg)
कुछ नहीं हुआ तो बत्ती बंद कर दी , रजाई ओढ़ ली।
पर नींद न आनी थी न आयी।
पास के बैंक में कोई चौकीदार घंटा बजाता था , रात में एकदम साफ सुनाई देता था।
ग्यारह का घंटा बजा , ... अभी तक मैं करवट बदल रही थी , लेकिन घंटे की आवाज सुन कर मैं मुस्करायी।
जब वो रहते थे तो अब तक उन का राउंड पूरा हो चूका होता था ,
टाइम एकदम तय था उस दुष्ट का
९. ०० बजे मैं आती थी ,
९. १० तक मैं बिस्तर पर , कपडे जमींन पर , और वो चालू ,
![[Image: B-W-979a3eeb022b2a1f8c6a26e8f8f2995f.jpg]](https://i.ibb.co/5vf2LKV/B-W-979a3eeb022b2a1f8c6a26e8f8f2995f.jpg)
९. ४५ तक वो मेरे अंदर , ...
फिर तो वो मुझे कुचल डालता था , एकदम रगड़ रगड़ के , ...
![[Image: B-W-70a24312a49f70c38dd72c7ddad0ec39.jpg]](https://i.ibb.co/s3VCY7D/B-W-70a24312a49f70c38dd72c7ddad0ec39.jpg)
और मैं भी जैसे कोई धीमी होती आग में घी डाल दे, मैं उस एलवल वाली का नाम लेकर छेड़ देती थी ,
फिर तो मेरी मुसीबत , ... नान स्टॉप ,... कभी भी ४० -४५ मिनट से कम नहीं रगड़ाई होती थी मेरी ,
१०-३० -१०-४० वो ,... खूब देर तक ,.... मैं उसे अपने अंदर बूँद बूँद महसूस करती रहती , रोपती रहती ,...
![[Image: B-W-4020c4b96ed854c2e26ef51fed1f0800.jpg]](https://i.ibb.co/W5THtwq/B-W-4020c4b96ed854c2e26ef51fed1f0800.jpg)
लेकिन उसके बाद भी हम दोनों एक दूसरे को भींचे ,
इसीलिए उस ग्यारह के घंटे की मुझे ख़ास याद थी , ... ये नहीं की हम लोग सिर्फ लव मेकिंग ही करते रहते थे ,
बोलते बतियाते भी थे , बहुत
लेकिन अक्सर बिना बोले ,
सिर्फ हमारी अंगुलियां , होंठ , देह एक दूसरे से बात करती रहती थीं ,
एक बात उसे बहुत अच्छी लगती थी , मेरे ऊपर लेट कर सीधे मेरी आँखों में झांकना , ...
बिना बोले ,...
मैं लजा कर आँख कभी बंद कर लेती तो वो चिकोटी काट कर , गुदगुदी लगा कर , अपनी कसम धराकर आँख खुलवा ही लेता ,
![[Image: eyes-b710f97f9da574c757ee25481286ef82.jpg]](https://i.ibb.co/W0vpV0Z/eyes-b710f97f9da574c757ee25481286ef82.jpg)
यही सब सोचते सोचते आँख लग गयी पता ही नहीं चला ,
आज वो सपने में भी नहीं आया ,... और थोड़ी देर बाद जब आँख खुली तो मुझे लगा बहुत देर तक सो चुकी हूँ
जब अपनी कलाई घडी पर निगाह डाली , ...साढ़े ग्यारह बज गए थे ,... आधे घंटे , ...
एक बार फिर सोचा फोन करूं , पर ,... पता नहीं वो प्रजेंटेशन में होंगे ये सोच कर ,...
बड़ी मुश्किल से आँख लगी ,... पूरी रात सात आठ बार इसी तरह सोते जागते , एक बार तो दो बजे के करीब मुझसे नहीं रहा गया , मैंने फोन कर ही दिया , लेकिन घंटी बजते ही काट दिया और और अपने को खूब गाली दी , ... दिन भर क्लास में रहा होगा वो , फिर पता नहीं कब प्रेजेंटेशन से आया होगा , सुबह उठाना पड़ता है साढ़े छह बजे , आठ बजे से क्लास , ... थोड़ी देर तो सो लेने दो ,... मैं भी न सिर्फ अपना सोचती हूँ , ...
चार बजे , पौने पांच बजे , साढ़े पांच ,.... मैं उठती थी , देर तक फोन लिए रहती थी , और रख देती थी . साढ़े पांच बजे जाकर थोड़ी नींद लगी और
साढ़े छह बजे फोन घनघनाया , ... इन्ही का फोन था , मुझे बस रुलाई आ गयी।
घंटी घनघनाती रही , मैं फोन देखती रही , फिर मैं हड़बड़ाकर , ... कैसी पागल हूँ मैं , रात भर ,... इसी फोन के लिए
और उनकी आवाज , बस मैं सुनती रही , सुनती रही , ... बड़ी मुश्किल से आवाज मेरी निकली ,
" प्रेजेंटेशन कैसा हुआ , ... "
" बहुत अच्छा , खूब ताली बजी , पैनल ने भी खूब अप्रीशिएट किया , मेरा नंबर साढ़े ग्यारह बजे के करीब आया , ऑलमोस्ट एन्ड में , एक सवा एक बजे मैं कमरे में लौटा , ... "
" और ,... " मैं समझ नहीं पा रही थी क्या बोलूं।
" सोचा तुम्हे फोन करूँ , ... पर लगा तुम सो रही होगी , बहुत मन कर रहा था तुझे बताने को , ... एक बार दो बजे भी ,.... लेकिन बस मैं सोच रहा था सो लेने दो बेचारी को , ... रोज तो तुमसे बात होती है , ... आज नहीं हुयी तो नींद भी नहीं आयी रात भर , ... "
वो बोल रहे थे।
मेरी आँख डबडबा रही थी , मैं उन्हें रोक कर बोली ,
"एक बात कहनी थी , ... "
" बोल न ,... "
कहना तो बहुत कुछ था , पर मन से जबान की यात्रा कई बार बहुत लम्बी हो जाती है। बस मुँह से यही निकला ,
" अपना ख्याल रखना , ... "'
![[Image: B-W-62dce43fbcdd2ba4a345e52f8901ccdb.jpg]](https://i.ibb.co/fMwHJNW/B-W-62dce43fbcdd2ba4a345e52f8901ccdb.jpg)
लेकिन तब तक शायद इनका रूम पार्टनर जग गया था , बाहर से भी किसी के नॉक करने की आवाज आ रही थी ,
" हे उठ , योगा के लिए देर हो जाएगी , ... "
और फोन कट गया।
लेकिन मैं भी न , चुपचाप फोन देखती रही , मुस्कराती रही , सोचती रही ,
ये भी न एकदम बेवकूफ , असली वाले , सिर्फ पढ़ने लिखने टॉप करने से थोड़े ही बुद्धि आ जाती है , ... सच्च में ऐसा बेवकूफ लड़का , ...
तभी तो इनसे आज तक एक लड़की नहीं पटी , मैंने ही आकर नथ उतारी ,...
![[Image: B-W-3c9a8933ac4f2be63018697c27e1c1b2.jpg]](https://i.ibb.co/YbZMmsQ/B-W-3c9a8933ac4f2be63018697c27e1c1b2.jpg)
बुद्धू , एकदम असली वाला , रात भर जागते रहे और एक फोन नहीं हुआ , ...
सिर्फ मेरा ख्याल कर के ,...
बेवक़ूफ़ , पक्का , पैदायशी , ...
मैं फोन में उनकी फोटो देख कर मुस्कराती रही , फिर झुक कर चूम लिया और उठ कर बाथरूम की ओर चल दी , फ्रेश होने।
………………….
![[Image: Guddi-sad-e24e55c0f67fcef34d7b42299bf15e99.jpg]](https://i.ibb.co/xjSXxNC/Guddi-sad-e24e55c0f67fcef34d7b42299bf15e99.jpg)
कुछ नहीं हुआ तो बत्ती बंद कर दी , रजाई ओढ़ ली।
पर नींद न आनी थी न आयी।
पास के बैंक में कोई चौकीदार घंटा बजाता था , रात में एकदम साफ सुनाई देता था।
ग्यारह का घंटा बजा , ... अभी तक मैं करवट बदल रही थी , लेकिन घंटे की आवाज सुन कर मैं मुस्करायी।
जब वो रहते थे तो अब तक उन का राउंड पूरा हो चूका होता था ,
टाइम एकदम तय था उस दुष्ट का
९. ०० बजे मैं आती थी ,
९. १० तक मैं बिस्तर पर , कपडे जमींन पर , और वो चालू ,
![[Image: B-W-979a3eeb022b2a1f8c6a26e8f8f2995f.jpg]](https://i.ibb.co/5vf2LKV/B-W-979a3eeb022b2a1f8c6a26e8f8f2995f.jpg)
९. ४५ तक वो मेरे अंदर , ...
फिर तो वो मुझे कुचल डालता था , एकदम रगड़ रगड़ के , ...
![[Image: B-W-70a24312a49f70c38dd72c7ddad0ec39.jpg]](https://i.ibb.co/s3VCY7D/B-W-70a24312a49f70c38dd72c7ddad0ec39.jpg)
और मैं भी जैसे कोई धीमी होती आग में घी डाल दे, मैं उस एलवल वाली का नाम लेकर छेड़ देती थी ,
फिर तो मेरी मुसीबत , ... नान स्टॉप ,... कभी भी ४० -४५ मिनट से कम नहीं रगड़ाई होती थी मेरी ,
१०-३० -१०-४० वो ,... खूब देर तक ,.... मैं उसे अपने अंदर बूँद बूँद महसूस करती रहती , रोपती रहती ,...
![[Image: B-W-4020c4b96ed854c2e26ef51fed1f0800.jpg]](https://i.ibb.co/W5THtwq/B-W-4020c4b96ed854c2e26ef51fed1f0800.jpg)
लेकिन उसके बाद भी हम दोनों एक दूसरे को भींचे ,
इसीलिए उस ग्यारह के घंटे की मुझे ख़ास याद थी , ... ये नहीं की हम लोग सिर्फ लव मेकिंग ही करते रहते थे ,
बोलते बतियाते भी थे , बहुत
लेकिन अक्सर बिना बोले ,
सिर्फ हमारी अंगुलियां , होंठ , देह एक दूसरे से बात करती रहती थीं ,
एक बात उसे बहुत अच्छी लगती थी , मेरे ऊपर लेट कर सीधे मेरी आँखों में झांकना , ...
बिना बोले ,...
मैं लजा कर आँख कभी बंद कर लेती तो वो चिकोटी काट कर , गुदगुदी लगा कर , अपनी कसम धराकर आँख खुलवा ही लेता ,
![[Image: eyes-b710f97f9da574c757ee25481286ef82.jpg]](https://i.ibb.co/W0vpV0Z/eyes-b710f97f9da574c757ee25481286ef82.jpg)
यही सब सोचते सोचते आँख लग गयी पता ही नहीं चला ,
आज वो सपने में भी नहीं आया ,... और थोड़ी देर बाद जब आँख खुली तो मुझे लगा बहुत देर तक सो चुकी हूँ
जब अपनी कलाई घडी पर निगाह डाली , ...साढ़े ग्यारह बज गए थे ,... आधे घंटे , ...
एक बार फिर सोचा फोन करूं , पर ,... पता नहीं वो प्रजेंटेशन में होंगे ये सोच कर ,...
बड़ी मुश्किल से आँख लगी ,... पूरी रात सात आठ बार इसी तरह सोते जागते , एक बार तो दो बजे के करीब मुझसे नहीं रहा गया , मैंने फोन कर ही दिया , लेकिन घंटी बजते ही काट दिया और और अपने को खूब गाली दी , ... दिन भर क्लास में रहा होगा वो , फिर पता नहीं कब प्रेजेंटेशन से आया होगा , सुबह उठाना पड़ता है साढ़े छह बजे , आठ बजे से क्लास , ... थोड़ी देर तो सो लेने दो ,... मैं भी न सिर्फ अपना सोचती हूँ , ...
चार बजे , पौने पांच बजे , साढ़े पांच ,.... मैं उठती थी , देर तक फोन लिए रहती थी , और रख देती थी . साढ़े पांच बजे जाकर थोड़ी नींद लगी और
साढ़े छह बजे फोन घनघनाया , ... इन्ही का फोन था , मुझे बस रुलाई आ गयी।
घंटी घनघनाती रही , मैं फोन देखती रही , फिर मैं हड़बड़ाकर , ... कैसी पागल हूँ मैं , रात भर ,... इसी फोन के लिए
और उनकी आवाज , बस मैं सुनती रही , सुनती रही , ... बड़ी मुश्किल से आवाज मेरी निकली ,
" प्रेजेंटेशन कैसा हुआ , ... "
" बहुत अच्छा , खूब ताली बजी , पैनल ने भी खूब अप्रीशिएट किया , मेरा नंबर साढ़े ग्यारह बजे के करीब आया , ऑलमोस्ट एन्ड में , एक सवा एक बजे मैं कमरे में लौटा , ... "
" और ,... " मैं समझ नहीं पा रही थी क्या बोलूं।
" सोचा तुम्हे फोन करूँ , ... पर लगा तुम सो रही होगी , बहुत मन कर रहा था तुझे बताने को , ... एक बार दो बजे भी ,.... लेकिन बस मैं सोच रहा था सो लेने दो बेचारी को , ... रोज तो तुमसे बात होती है , ... आज नहीं हुयी तो नींद भी नहीं आयी रात भर , ... "
वो बोल रहे थे।
मेरी आँख डबडबा रही थी , मैं उन्हें रोक कर बोली ,
"एक बात कहनी थी , ... "
" बोल न ,... "
कहना तो बहुत कुछ था , पर मन से जबान की यात्रा कई बार बहुत लम्बी हो जाती है। बस मुँह से यही निकला ,
" अपना ख्याल रखना , ... "'
![[Image: B-W-62dce43fbcdd2ba4a345e52f8901ccdb.jpg]](https://i.ibb.co/fMwHJNW/B-W-62dce43fbcdd2ba4a345e52f8901ccdb.jpg)
लेकिन तब तक शायद इनका रूम पार्टनर जग गया था , बाहर से भी किसी के नॉक करने की आवाज आ रही थी ,
" हे उठ , योगा के लिए देर हो जाएगी , ... "
और फोन कट गया।
लेकिन मैं भी न , चुपचाप फोन देखती रही , मुस्कराती रही , सोचती रही ,
ये भी न एकदम बेवकूफ , असली वाले , सिर्फ पढ़ने लिखने टॉप करने से थोड़े ही बुद्धि आ जाती है , ... सच्च में ऐसा बेवकूफ लड़का , ...
तभी तो इनसे आज तक एक लड़की नहीं पटी , मैंने ही आकर नथ उतारी ,...
![[Image: B-W-3c9a8933ac4f2be63018697c27e1c1b2.jpg]](https://i.ibb.co/YbZMmsQ/B-W-3c9a8933ac4f2be63018697c27e1c1b2.jpg)
बुद्धू , एकदम असली वाला , रात भर जागते रहे और एक फोन नहीं हुआ , ...
सिर्फ मेरा ख्याल कर के ,...
बेवक़ूफ़ , पक्का , पैदायशी , ...
मैं फोन में उनकी फोटो देख कर मुस्कराती रही , फिर झुक कर चूम लिया और उठ कर बाथरूम की ओर चल दी , फ्रेश होने।
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