06-02-2020, 07:51 AM
रात , नागिन सी
![[Image: night-dark.jpg]](https://i.ibb.co/Bq5khM7/night-dark.jpg)
रोज की तरह आज भी मैं कमरे में नौ बजे पहुँच गयी ,
पर आज , पता नहीं क्यों ,.... जब वो इस कमरे में रहते थे , तो मैं दौड़ती हुयी सीढियाँ चढ़ती थी , ...
एक एक बार में दो दो सीढ़ी , आलमोस्ट छलांगे लगाते ,...
बाद में तो मुझे इस बात की भी परवाह भी नहीं रहती थी कि सासू जी और जेठानी इस तरह मुझे सीढिया लांघते चढ़ते देख रही हैं , ...
![[Image: cute-e657363ac02ec8303be32adf1e72c9ee.jpg]](https://i.ibb.co/Yt9vDNr/cute-e657363ac02ec8303be32adf1e72c9ee.jpg)
जहाँ दो तीन मिनट लगते थे , ... आज पूरे दस मिनट लगे मुझे कमरे में पहुँचने में,
... और कमरे में पहुंचकर तो मेरा माथा घूम गया , वो रहते थे तो ,
बस मैं झट से घूम के दरवाजे में सिटकनी अच्छी तरह लगा देती थी , और फिर घूम कर , ...
वहीँ दरवाजे पर खड़ी ,खड़ी उन्हें ललचाते, दिखाते , उकसाते ,
अपनी साड़ी दरवाजे के पास ही खड़ी खड़ी उतार कर उनकी ओर फेंक देती ,
![[Image: Teej-50162a63520f3b3b1c16b6b98e384c7b.jpg]](https://i.ibb.co/nBczW5c/Teej-50162a63520f3b3b1c16b6b98e384c7b.jpg)
वो नदीदा , बेसबरा , लालची , ...
जैसे बच्चे दुकान के बाहर से खड़े होकर शीशे की बॉटल में रखे कैंडी देखते हैं ,
ललचाते , लार टपकाते , बस उसी तरह ,
और मैं कभी झुक कर , कभी उचका कर , कभी और उभार कर , अपने जुबना का जादू , उस जादूगर पर चलाती थी ,
![[Image: boobs-Guddi-745ad842aa8d645cda1058e7b124c33d.jpg]](https://i.ibb.co/YRpz6Fn/boobs-Guddi-745ad842aa8d645cda1058e7b124c33d.jpg)
कभी मुझे इतना टाइम मिल जाता था की बाथरूम में जा के नाइटी चेंज कर लूँ ,
लेकिन कभी वहीँ ,
सिर्फ ब्लाउज पेटीकोट में वो मुझे गपुच लेता था , और वो कपड़ों का दुश्मन ,
पल भर में हम दोनों रजाई में होते , ... और कपडे फर्श पर।
सच में हम दोनों के बीच किसी और का क्या काम , चाहे वो कपडे ही क्यों न हो ,
पर आज , ...
किसे चिढाऊँ , छेड़ूँ , ...
सामने सूनी सेज पड़ी थी , ...
न मैंने सिटकनी बंद की , न साड़ी बदली , बस धम्म से पलंग पर जा गिरी।
वही पलंग जिस पर पहुँचने के लिए मैं दिन भर सपनों के ताने बाने बुनती रहती थी , मन करता था की कितनी जल्दी पहुंची , शुरू में कुछ दिन तो जेठानी ने दिन में भी हाँक कर मुझे ऊपर इनके पास भेज दिया, पर जब मेहमान चले गए , तो न इन्हे बहाने की जरूरत थी न मुझे ,
बस पहला मौका पाते ही सीधे इसी पलंग पर ,
पर आज , ये पलंग काटे खा रही थी , ... बस एक आशा थी , पलंग पर पड़ा फोन , वो आई फोन , जो ये लाये थे , ...
पर ,.... मैं सूनी आँखों से फोन को देख रही थी , ...
पहले लगता था जाड़े की रात इतनी छोटी क्यों होती है ,
और अब लग रहा था रात इतनी लम्बी क्यों होती है ,
![[Image: sad-83e81572b095ab7630276599f2c7c8ff.jpg]](https://i.ibb.co/DCFT2Rt/sad-83e81572b095ab7630276599f2c7c8ff.jpg)
उनके रहने पर रोज मैं नौ बजते बजते कमरे में पहुँच जाती थी ,
और अगले दिन आठ नौ बजे के पहले नहीं निकलती थी , दिन में भी दो चार घंटे तो मौका निकाल कर एक दो बार ,...
आज भी मैं नौ बजे आ गयी , ... आज जेठानी जी को जल्दी थी , ... जेठ जी हफ्ते भर बाद आये थे , अपने दौरे से ,...
पर अब करूँ क्या ,...
फोन हाथ में लेकर उसे देखती रही , ...साढ़े नौ बज गए थे। उन्हें फोन लगाना शुरू किया पर पांच नंबर डायल करते करते रुक गयी ,
उन्होंने बोला था न साढ़े आठ बजे से प्रेजेंटेशन शुरू होगा , और उनका नंबर थोड़ा बाद में आएगा , और वहां फोन बंद होगा ,
साइलेंट मोड में भी नहीं , एकदम बंद , ...
मैंने सोचा एक वायस मेसेज ही भेज दूँ , बेस्ट विशेज वाला ,... रिकार्ड भी करना शुरू किया पर रुक गयी , ....
![[Image: Guddi-cute-505435763bcffe2f1bb1624d1b14c50b.jpg]](https://i.ibb.co/3hs7XJs/Guddi-cute-505435763bcffe2f1bb1624d1b14c50b.jpg)
उस हाल में उन्हें मिलेगा कैसे , फिर कहीं उस लालची ने मेरे फोन की लालच में फोन बंद न किया हो तो ,
भूल भी सकते हैं , भुलक्कड़ तो नंबरी , ... सिवाय एक चीज़ के , ... और हाल में अगर गलती से भी फ़ोन बज गया तो सब लोगों की निगाहें उनकी ओर ,
ये मैं नहीं चाहती थी।
मैंने फोन वापस रख दिया , ...
और निहारती रही , फोन के ऊपर , वाल पेपर या क्या कहते हैं उसे , ...
उनकी फोटो , कुछ नहीं हो सका तो बस उसी को उठा के चूम लिया धमकाया ,
" अच्छे से प्रजेंटेशन करना , बाबू। अगर अच्छी पोजीशन आयी न तो तुझे तेरी एलवल वाली गौरेया दिलवाऊंगी। एकदम पक्का। "
कुछ नहीं हुआ तो बत्ती बंद कर दी , रजाई ओढ़ ली।
पर नींद न आनी थी न आयी।
![[Image: night-dark.jpg]](https://i.ibb.co/Bq5khM7/night-dark.jpg)
रोज की तरह आज भी मैं कमरे में नौ बजे पहुँच गयी ,
पर आज , पता नहीं क्यों ,.... जब वो इस कमरे में रहते थे , तो मैं दौड़ती हुयी सीढियाँ चढ़ती थी , ...
एक एक बार में दो दो सीढ़ी , आलमोस्ट छलांगे लगाते ,...
बाद में तो मुझे इस बात की भी परवाह भी नहीं रहती थी कि सासू जी और जेठानी इस तरह मुझे सीढिया लांघते चढ़ते देख रही हैं , ...
![[Image: cute-e657363ac02ec8303be32adf1e72c9ee.jpg]](https://i.ibb.co/Yt9vDNr/cute-e657363ac02ec8303be32adf1e72c9ee.jpg)
जहाँ दो तीन मिनट लगते थे , ... आज पूरे दस मिनट लगे मुझे कमरे में पहुँचने में,
... और कमरे में पहुंचकर तो मेरा माथा घूम गया , वो रहते थे तो ,
बस मैं झट से घूम के दरवाजे में सिटकनी अच्छी तरह लगा देती थी , और फिर घूम कर , ...
वहीँ दरवाजे पर खड़ी ,खड़ी उन्हें ललचाते, दिखाते , उकसाते ,
अपनी साड़ी दरवाजे के पास ही खड़ी खड़ी उतार कर उनकी ओर फेंक देती ,
![[Image: Teej-50162a63520f3b3b1c16b6b98e384c7b.jpg]](https://i.ibb.co/nBczW5c/Teej-50162a63520f3b3b1c16b6b98e384c7b.jpg)
वो नदीदा , बेसबरा , लालची , ...
जैसे बच्चे दुकान के बाहर से खड़े होकर शीशे की बॉटल में रखे कैंडी देखते हैं ,
ललचाते , लार टपकाते , बस उसी तरह ,
और मैं कभी झुक कर , कभी उचका कर , कभी और उभार कर , अपने जुबना का जादू , उस जादूगर पर चलाती थी ,
![[Image: boobs-Guddi-745ad842aa8d645cda1058e7b124c33d.jpg]](https://i.ibb.co/YRpz6Fn/boobs-Guddi-745ad842aa8d645cda1058e7b124c33d.jpg)
कभी मुझे इतना टाइम मिल जाता था की बाथरूम में जा के नाइटी चेंज कर लूँ ,
लेकिन कभी वहीँ ,
सिर्फ ब्लाउज पेटीकोट में वो मुझे गपुच लेता था , और वो कपड़ों का दुश्मन ,
पल भर में हम दोनों रजाई में होते , ... और कपडे फर्श पर।
सच में हम दोनों के बीच किसी और का क्या काम , चाहे वो कपडे ही क्यों न हो ,
पर आज , ...
किसे चिढाऊँ , छेड़ूँ , ...
सामने सूनी सेज पड़ी थी , ...
न मैंने सिटकनी बंद की , न साड़ी बदली , बस धम्म से पलंग पर जा गिरी।
वही पलंग जिस पर पहुँचने के लिए मैं दिन भर सपनों के ताने बाने बुनती रहती थी , मन करता था की कितनी जल्दी पहुंची , शुरू में कुछ दिन तो जेठानी ने दिन में भी हाँक कर मुझे ऊपर इनके पास भेज दिया, पर जब मेहमान चले गए , तो न इन्हे बहाने की जरूरत थी न मुझे ,
बस पहला मौका पाते ही सीधे इसी पलंग पर ,
पर आज , ये पलंग काटे खा रही थी , ... बस एक आशा थी , पलंग पर पड़ा फोन , वो आई फोन , जो ये लाये थे , ...
पर ,.... मैं सूनी आँखों से फोन को देख रही थी , ...
पहले लगता था जाड़े की रात इतनी छोटी क्यों होती है ,
और अब लग रहा था रात इतनी लम्बी क्यों होती है ,
![[Image: sad-83e81572b095ab7630276599f2c7c8ff.jpg]](https://i.ibb.co/DCFT2Rt/sad-83e81572b095ab7630276599f2c7c8ff.jpg)
उनके रहने पर रोज मैं नौ बजते बजते कमरे में पहुँच जाती थी ,
और अगले दिन आठ नौ बजे के पहले नहीं निकलती थी , दिन में भी दो चार घंटे तो मौका निकाल कर एक दो बार ,...
आज भी मैं नौ बजे आ गयी , ... आज जेठानी जी को जल्दी थी , ... जेठ जी हफ्ते भर बाद आये थे , अपने दौरे से ,...
पर अब करूँ क्या ,...
फोन हाथ में लेकर उसे देखती रही , ...साढ़े नौ बज गए थे। उन्हें फोन लगाना शुरू किया पर पांच नंबर डायल करते करते रुक गयी ,
उन्होंने बोला था न साढ़े आठ बजे से प्रेजेंटेशन शुरू होगा , और उनका नंबर थोड़ा बाद में आएगा , और वहां फोन बंद होगा ,
साइलेंट मोड में भी नहीं , एकदम बंद , ...
मैंने सोचा एक वायस मेसेज ही भेज दूँ , बेस्ट विशेज वाला ,... रिकार्ड भी करना शुरू किया पर रुक गयी , ....
![[Image: Guddi-cute-505435763bcffe2f1bb1624d1b14c50b.jpg]](https://i.ibb.co/3hs7XJs/Guddi-cute-505435763bcffe2f1bb1624d1b14c50b.jpg)
उस हाल में उन्हें मिलेगा कैसे , फिर कहीं उस लालची ने मेरे फोन की लालच में फोन बंद न किया हो तो ,
भूल भी सकते हैं , भुलक्कड़ तो नंबरी , ... सिवाय एक चीज़ के , ... और हाल में अगर गलती से भी फ़ोन बज गया तो सब लोगों की निगाहें उनकी ओर ,
ये मैं नहीं चाहती थी।
मैंने फोन वापस रख दिया , ...
और निहारती रही , फोन के ऊपर , वाल पेपर या क्या कहते हैं उसे , ...
उनकी फोटो , कुछ नहीं हो सका तो बस उसी को उठा के चूम लिया धमकाया ,
" अच्छे से प्रजेंटेशन करना , बाबू। अगर अच्छी पोजीशन आयी न तो तुझे तेरी एलवल वाली गौरेया दिलवाऊंगी। एकदम पक्का। "
कुछ नहीं हुआ तो बत्ती बंद कर दी , रजाई ओढ़ ली।
पर नींद न आनी थी न आयी।
![[Image: sleep-tumblr-8e281c707bd2e37a09ddea63776...54-500.jpg]](https://i.ibb.co/MScN5fd/sleep-tumblr-8e281c707bd2e37a09ddea63776d8089-6bce4d54-500.jpg)