06-02-2020, 07:36 AM
(This post was last modified: 06-02-2020, 07:39 AM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
देवर , पकौड़ियाँ ...और
परसों रात उन के साथ , ... सोने का सवाल नहीं था।
और कल रात , उन के बिना नींद नहीं आयी।
तो इस समय कस के देर तक , ...
और जब नींद खुली तो शाम होगयी थी , बल्कि रात , जेठानी जी मुझे चाय ले कर जगा रही थीं , सासु जी अपने कमरे में चली गयी थी।
' दी , मुझे जगा दी होतीं , मैं बना देती न "
उलाहने के साथ मैं बोली।
पर मेरी जेठानी न , एकदम , ... मेरा गाल सहलाते बोलीं ,
" यार सो ले कुछ दिन , ... अभी तो तेरा सोने का ओवरटाइम चलना चाहिए , कुछ दिन बाद मेरा देवर आएगा न , फिर न वो तुझे रात में सोने देगा न दिन में। "
जेठानी को कौन समझाये , उनके न रहने पर भी तो नींद नहीं आती।
मेरी और जेठानी की चाय के साथ गप्प चालू हो गयी , सीरयल , फ़िल्में और हम दोनों की कॉमन और मोस्ट इंट्रेस्टिंग टॉपिक ,
ननदें ,...
जाड़े की शाम , ...
बस जेठानी जी ने पकौड़ियों का प्रस्ताव रख दिया , और हम दोनों किचेन में , मैं बेसन घोल रही थी , वो आलू प्याज काट रही थीं ,
मुझे मालूम था , उनका फोन आज नहीं आएगा , ... पर निगाह बार बार फोन पर पड़ रही थी , .. एक दो बार मैंने चेक भी किया कहीं साइलेंट मोड में तो नहीं है , फिर काम में लग गयी।
कुछ देर बाद जेठानी ने चिढ़ाया भी , ...
क्या हुआ आज घण्टी नहीं बज रही है , कहीं डिस्चार्ज तो नहीं हो गया , ... एक बार चेक कर लो ,...
मैं मूढ़ , मैंने चेक भी किया , ... फोन पूरा चार्ज था।
लेकिन उसी समय फोन की घंटी बज उठी , मैं जानती थी उनका फोन नहीं होगा ,
अनमने मन से फोन उठाया , और नंबर देखकर स्पीकर फोन ऑन कर दिया ,
मेरा देवर , अनुज , गुड्डी का भाई
" क्या हो रहा है भाभी , ... " उधर से अनुज की आवाज आयी।
" पकौड़ियाँ बन रही हैं , खानी है " मैंने हँसते हुए उसे चिढ़ाया।
" एकदम नेकी और पूछ पूछ , ... अभी उड़ कर पहुँच रहा हूँ " वो बोला।
" लालची , ... भाभी से मिलने के लिए नहीं पकौड़ी खाने के लिए , ... आ रहे हो " जेठानी ने उसे और रगड़ा।
" शनिवार को तो आया था , ... " धीमे से वो बोला , और अबकी उसे मेरी डांट पड़ गयी।
" शनिवार ,... आज सोमवार है हुज़ूर , पूरे दो दिन हो गए थे , और उस दिन भी मेरी ननद , गुड्डी रानी को लाने आये थे , ... "
मेरे मुंह से निकलते निकलते रह गया , अपने माल को ,...
माल तो है ही वो , और जबरदस्त माल है , लेकिन मेरे उनकी ,...
और आज तो सास जी ने भी मोहर लगा दी
" बस भाभी अभी पहुंचता हूँ , ... "
बेचारे से कोई बहाना नहीं बनाया गया। बात तो ठीक ही थी , जब तक गुड्डो थी , रोज बिना नागा चक्कर लगता था।
" जल्दी आओ , पहले तो तेरे कान का पान बनाउंगी , नाक रगड़वाउंगी , तब पकौड़ी मिलेगी। "
लगता था बाहर ही खड़ा था , पांच को कौन कहे दो मिनट में पहुँच गया।
" बस भाभी अभी पहुंचता हूँ , ... " बेचारे से कोई बहाना नहीं बनाया गया। बात तो ठीक ही थी , जब तक गुड्डो थी , रोज बिना नागा चक्कर लगता था।
" जल्दी आओ , पहले तो तेरे कान का पान बनाउंगी , नाक रगड़वाउंगी , तब पकौड़ी मिलेगी। "
लगता था बाहर ही खड़ा था , पांच को कौन कहे दो मिनट में पहुँच गया।
दो दो भौजाइयों के बीच में एक किशोर देवर , जम के रगड़ाई की मैंने और जेठानी जी ने ,
गरम गरम पकौड़ियों के साथ गरम गरम बातें , ...
और आधे घंटे बाद जब वो लौटा तो मैं दरवाजे तक छोड़ने गयी ,
पर वो चिपकू , दरवाजे पर खड़े खड़े आधे घंटे मुझसे बातें की , ...
किचेन में खाना बनाने में भी जेठानी जी का मैंने साथ दिया , आज जेठानी जी को जल्दी थी , जेठ जी आने वाले थे। वो थे सेल्स में इसलिए पन्दरह बीस दिन बाहर ही रहते थे , ... पर आज आ रहे थे और मैं जेठानी जी को खूब छेड़ रही थी।
परसों रात उन के साथ , ... सोने का सवाल नहीं था।
और कल रात , उन के बिना नींद नहीं आयी।
तो इस समय कस के देर तक , ...
और जब नींद खुली तो शाम होगयी थी , बल्कि रात , जेठानी जी मुझे चाय ले कर जगा रही थीं , सासु जी अपने कमरे में चली गयी थी।
' दी , मुझे जगा दी होतीं , मैं बना देती न "
उलाहने के साथ मैं बोली।
पर मेरी जेठानी न , एकदम , ... मेरा गाल सहलाते बोलीं ,
" यार सो ले कुछ दिन , ... अभी तो तेरा सोने का ओवरटाइम चलना चाहिए , कुछ दिन बाद मेरा देवर आएगा न , फिर न वो तुझे रात में सोने देगा न दिन में। "
जेठानी को कौन समझाये , उनके न रहने पर भी तो नींद नहीं आती।
मेरी और जेठानी की चाय के साथ गप्प चालू हो गयी , सीरयल , फ़िल्में और हम दोनों की कॉमन और मोस्ट इंट्रेस्टिंग टॉपिक ,
ननदें ,...
जाड़े की शाम , ...
बस जेठानी जी ने पकौड़ियों का प्रस्ताव रख दिया , और हम दोनों किचेन में , मैं बेसन घोल रही थी , वो आलू प्याज काट रही थीं ,
मुझे मालूम था , उनका फोन आज नहीं आएगा , ... पर निगाह बार बार फोन पर पड़ रही थी , .. एक दो बार मैंने चेक भी किया कहीं साइलेंट मोड में तो नहीं है , फिर काम में लग गयी।
कुछ देर बाद जेठानी ने चिढ़ाया भी , ...
क्या हुआ आज घण्टी नहीं बज रही है , कहीं डिस्चार्ज तो नहीं हो गया , ... एक बार चेक कर लो ,...
मैं मूढ़ , मैंने चेक भी किया , ... फोन पूरा चार्ज था।
लेकिन उसी समय फोन की घंटी बज उठी , मैं जानती थी उनका फोन नहीं होगा ,
अनमने मन से फोन उठाया , और नंबर देखकर स्पीकर फोन ऑन कर दिया ,
मेरा देवर , अनुज , गुड्डी का भाई
" क्या हो रहा है भाभी , ... " उधर से अनुज की आवाज आयी।
" पकौड़ियाँ बन रही हैं , खानी है " मैंने हँसते हुए उसे चिढ़ाया।
" एकदम नेकी और पूछ पूछ , ... अभी उड़ कर पहुँच रहा हूँ " वो बोला।
" लालची , ... भाभी से मिलने के लिए नहीं पकौड़ी खाने के लिए , ... आ रहे हो " जेठानी ने उसे और रगड़ा।
" शनिवार को तो आया था , ... " धीमे से वो बोला , और अबकी उसे मेरी डांट पड़ गयी।
" शनिवार ,... आज सोमवार है हुज़ूर , पूरे दो दिन हो गए थे , और उस दिन भी मेरी ननद , गुड्डी रानी को लाने आये थे , ... "
मेरे मुंह से निकलते निकलते रह गया , अपने माल को ,...
माल तो है ही वो , और जबरदस्त माल है , लेकिन मेरे उनकी ,...
और आज तो सास जी ने भी मोहर लगा दी
" बस भाभी अभी पहुंचता हूँ , ... "
बेचारे से कोई बहाना नहीं बनाया गया। बात तो ठीक ही थी , जब तक गुड्डो थी , रोज बिना नागा चक्कर लगता था।
" जल्दी आओ , पहले तो तेरे कान का पान बनाउंगी , नाक रगड़वाउंगी , तब पकौड़ी मिलेगी। "
लगता था बाहर ही खड़ा था , पांच को कौन कहे दो मिनट में पहुँच गया।
" बस भाभी अभी पहुंचता हूँ , ... " बेचारे से कोई बहाना नहीं बनाया गया। बात तो ठीक ही थी , जब तक गुड्डो थी , रोज बिना नागा चक्कर लगता था।
" जल्दी आओ , पहले तो तेरे कान का पान बनाउंगी , नाक रगड़वाउंगी , तब पकौड़ी मिलेगी। "
लगता था बाहर ही खड़ा था , पांच को कौन कहे दो मिनट में पहुँच गया।
दो दो भौजाइयों के बीच में एक किशोर देवर , जम के रगड़ाई की मैंने और जेठानी जी ने ,
गरम गरम पकौड़ियों के साथ गरम गरम बातें , ...
और आधे घंटे बाद जब वो लौटा तो मैं दरवाजे तक छोड़ने गयी ,
पर वो चिपकू , दरवाजे पर खड़े खड़े आधे घंटे मुझसे बातें की , ...
किचेन में खाना बनाने में भी जेठानी जी का मैंने साथ दिया , आज जेठानी जी को जल्दी थी , जेठ जी आने वाले थे। वो थे सेल्स में इसलिए पन्दरह बीस दिन बाहर ही रहते थे , ... पर आज आ रहे थे और मैं जेठानी जी को खूब छेड़ रही थी।