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Adultery मेहमान बेईमान
रामकुमार ने जिस तरह से मेरी साडी को उपर उठा दिया उस वजह से पीछे से संजय का लिंग मुझे मेरे नितंब पर सॉफ महसूस हो रहा था. उसका मोटा लिंग मेरे दोनो नितंबो के बीच मे फँस कर झटके खा रहा था. मेरे पूरे शरीर मे एक कंप-कंपी सी छूटने लग गयी. संजय ने मुझे मजबूती से पकड़े हुए अपने एक हाथ को मेरे नितंब पर ले गया और उसको पूरी ताक़त से दबा दिया.
“यार क्या गांद है इसकी. एक दम मक्खन मलाई के जैसी.. रामकुमार हाथ लगा कर देख. एक दम मस्त गांद है.” संजय ने मेरे नितंबो को उसी तरह से अपने एक हाथ से मसलते हुए कहा.
“यार अभी मैं इसकी चूत मे खोया हूँ. इसकी चूत तो बिल्कुल चिकनी रखी हुई है. एक भी बाल नही है. और मज़े की बात संजय इसकी चूत एक दम गीली हो रही है इसका मतलब है ये लंड खाने के लिए पूरी तरह से तैयार है. ” कहने के साथ ही रामकुमार ने अपनी एक उंगली मेरी योनि के अंदर घुसा दी जो योनि गीली होने की वजह से पल भर मे ही योनि के अंदर समाती चली गयी.
उसकी उंगली योनि के अंदर जाते ही मेरे मुँह से दर्द भरी हल्की सी आह निकल गयी.. मेरे मुँह से निकली हुई आह सुन कर संजय बोला “हां यार रामकुमार तू तो एक दम सही कह रहा था ये तो एक दम लंड अंदर लेने के लिए तैयार है देख तो कैसे मस्ती मे डूब कर सिसकारिया ले रही है. बहुत गर्म है ये हाथ लगाने से ही इसके हॉट होने का पता चल रहा है. यही बात है कि ये मनीष से संतुष्ट नही हो पा रही है. इसकी गरम और जवान चूत को हमारे जैसे ही नये लौंदो के लौदे ठंडा कर सकते है.”
“ऐसा कुछ नही है. छ्चोड़ दो मुझे. मेरे घर मे शादी है तुम लोग समझते क्यों नही.”मैने दोनो से गिड़गिदते हुए कहा.
“संजय..!! यार इसकी चूत पर तो उस थर्कि बुढहे के पानी के निशान जमे हुए है. मैं इसकी चूत नही चुसूंगा. साला इसकी चूत चूसने के चक्कर मे मेरे मुँह मे उस बूढ़े के लंड का पानी चला जाएगा.” रामकुमार ने संजय बोलते के साथ ही मेरी योनि मे अपनी दूसरी उंगली भी अंदर घुसा दी. यूँ अचानक दूसरी उंगली घुसा देने से मेरे मुँह से दर्द भरी आह निकल गयी और दर्द के कारण मेरा एक पैर अपने आप थोड़ा सा हवा मे उपर की तरफ उठता चला गया.
“ऊओह, प्लीज़ ऐसा मत करो. देखो मैं शादी शुदा हूँ.” मेरे पैर हवा मे उपर की तरफ होते ही संजय ने भी अपनी एक उंगली मेरे नितंबो के अंदर घुसा दी.
“अब शादी शुदा होने का नाटक कर रही है रंडी.. तब क्या हुआ था तुझे जब वो बूढ़ा मुकेश तेरी गांद मार रहा था और तू आधे घंटे तक उस से अपनी गांद मरवा रही थी. उस वक़्त तुझे ख़याल नही आया कि तू शादी शुदा है.?” संजय ने बोलते हुए ही अपनी उंगली बाहर निकाल कर फिर से अंदर घुसा दी और मेरे नितंबो पर बुरी तरह से एक तमाचा जड़ दिया. उसने मेरे नितंब पर इतने ज़ोर का तमाचा मारा था कि मैं बुरी तरह से छट-पटा कर रह गई
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RE: मेहमान बेईमान - by Deadman2 - 05-02-2020, 09:37 PM
RE: मेहमान बेईमान - by Newdevil - 18-07-2021, 03:03 PM



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