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Adultery मेहमान बेईमान
उन दोनो के साथ बात करके पता नही मुझे क्या हो गया था ये उन दोनो के बात करने का असर था या उन दोनो के भीमकाय लिंग को देखने का जो बात मैं कभी बोल नही सकती थी वो बाते मेरे मुँह से खुद ब खुद निकलती जा रही थी. “तुम दोनो के जितना ही था.” मैने धीरे से कहा.
“फिर तो तुझे हम दोनो को भी देनी चाहिए.” संजय ने रामकुमार की तरफ मुस्कुराते हुवे कहा.
संजय की बात सुन कर मैं बुरी तरह से चोव्न्क गयी. वो अपने मन की सीधी सीधी बात कर रहे थे इस बात पर मैं दोनो पर चिल्लाते हुए बोली “देखो सिर्फ़ बात करने की बात हुई थी.. अब अपनी ये बेकार की बकवास बंद करो मैं जा रही हू .”
“तो हम बात ही तो कर रहे हैं.” रामकुमार अपने बाहर निकले हुए लिंग पर अपना हाथ फिराते हुए कहा.
“अच्छा जानेमन ये तो बताओ कि कितनी देर तक चूत मारी उसने तुम्हारी.” संजय अपनी बॉल्स को सहलाते हुवे बोला. दोनो बिल्कुल भी शरम नही कर रहे थे. मेरे सामने खड़े हुवे बड़े अश्लील तरीके से अपने लिंग और बॉल्स को सहला रहे थे. उनकी इस हरकत को देख कर मैं शरम से पानी पानी हुए जा रही थी. और अपने आप को कोस रही थी कि आख़िर मैं यहाँ आई ही क्यू.?
“बता ना कितनी देर तक ली थी उसने तेरी ?” संजय ने फिर से अपना सवाल दोहराते हुए कहा.
“मुझे नही पता, घड़ी नही थी मेरे पास.” मैने पूरे गुस्से से भरे हुए अंदाज मे उन दोनो पर चिल्लाते हुए कहा.
“भाई नखरे देख रहा है इस रंडी के.. कितना भाव खा रही है कमरे मे बूढ़े को अपनी चूत दे आई है पर यहाँ केवल बताने मे इसकी झाँते सुलग रही है.” रामकुमार ने उसी तरह अपने लिंग को मसल्ते हुए संजय की तरफ देखते हुए कहा.
“ अच्छा पक्का टाइम नही पता तो अंदाज़ा तो बता ही सकती हो ना.” संजय मेरी तरफ देखते हुए बोला.

मुझे दोनो की हरकते ज़रूरत से ज़्यादा गंदी होती हुई महसूस हो रही थी इसलिए मैं वहाँ से जल्दी निकलने के लिए उनसे बोल दिया की “करीब आधे घंटे तक”
“हे भगवान वो आधा घंटा अपने मोटे लंड से तेरी मारता रहा. और तू मरवाति रही.. हम मधुबाला आंटी की लेते हैं तो वो तो 5 मिनिट मे ही रुकने को बोल देती है.” संजय ने अपने चेहरे पर हैरानी के भाव लाते हुए कहा.
“भाई इसका और उस आंटी मधुबाला का कोई कंपॅरिज़न नही किया जा सकता.” रामकुमार ने संजय के चेहरे पर हैरानी के भाव देख कर मुस्कुराते हुए कहा.
“अच्छा तुम्हारा पति कितनी देर लेता है तुम्हारी.” संजय ने पूछा.
“तुमसे मतलब. तुम्हारे सवाल का जवाब मैने दे दिया है और अब मैं यहाँ से जा रही हू.” मैने गुस्से मे कहा और वहाँ सोफे से उठ खड़ी हुई.
“ अरे जानेमन तुम तो बेकार मे ही गुस्सा हो रही हो.. मैने तो वैसे ही अपनी जनरल नालेज के लिए पूछा था. और हां अभी हमारे सवाल ख़तम नही हुए है” संजय मुझे वापस सोफे पर बैठने का इशारा करते हुए बोला.
“अच्छा चल ये सब छ्चोड़ औरये बता कि क्या उसने तेरी चूत लेने से पहले उसे चूसा था ?” रामकुमार ने संजय की बात ख़तम होते ही मेरे उपर एक और सवाल दाग दिया.
“न…नही.” मैने हड़बड़ाहट मे कहा. उसकी योनि चूसने की इस बात से बिजली सी कोंध गयी मेरे पूरे शरीर मे.
“ये रामकुमार बहुत अच्छी चूत चूस्ता है. मधुबाला आंटी तो अक्सर सिर्फ़ चूत ही चूस्वाति है इस से. तुम भी ट्राइ कर्लो एक बार इसे.” संजय ने अपने दाँत फाड़ कर राम कुमार की तरफ़ देखते हुए कहा.
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RE: मेहमान बेईमान - by Deadman2 - 05-02-2020, 09:35 PM
RE: मेहमान बेईमान - by Newdevil - 18-07-2021, 03:03 PM



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