04-02-2020, 04:54 PM
मैं कमरे में सो रहा था। वो मेरे सीने पर आकर बैठ गयी और अपने बालो से पानी गिराकर मुझे जगाने लगी। मैं जग गया। देखा तो सामने पूर्वी दीदी चूचियों पर सिर्फ तौलिया बांधे हुए थी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
