04-02-2020, 04:28 PM
अब मैं भी दीदी के ऊपर लत गया पर लंड चुत मैं नहीं झड़ रहा था तो दीदी ने मुझे तेल लाने को कहा ओर फिर मैं उठ करते एल लेकर आया तो दीदी ने मेरे लंड ओर अपनी चुत पर तेल लगा ओर मैं फिर से दीदी के ऊपर लत गया ओर लंड को दीदी की चुत पर रखा तो लंड चुत में थोड़ा सा ही गया तो दीदी ने मुझे से कहा एक ज़ोर का धक्का लगाओ ओर मैंने ऐसे ही किया ओर एक ही धक्के में लंड आधे से ज्यादा दीदी की चुत में चला गया मुझे ओर दीदी दोनों को कुछ पेन हो रहा था तो दीदी ने मुझे कुछ देर रुकने को कहा ओर फिर कुछ देर के बाद जब दर्द कम हुआ तो फिर दीदी ने फिर से एक डाचा लगाने को कहा
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.