04-02-2020, 04:19 PM
जब की जब मैंने 10त के एग्ज़ॅम क्लीयर किए ओर आगे की पढ़ाई के लिए मुझे मेरे पेरेंट्स ने मुझे मेरी बड़ी (मामा कि लड़की) दीदी ऋतु के पास भेजने का सोच लिया मैं उन से मिलने के बारे में सोच कर बहुत खुश भी था ओर ये सोच कर दुखी भी था की अब अगले कुछ सालों तक मुझे मेरे पेरेंट्स ओर सिस्टर से दूर रहना होगा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.