04-02-2020, 03:04 PM
रात को पापा आए. “पापा, आज आप मेरे हाथ की गर्मागर्म चाय पीजिए, पर हां, कोई कमी मत निकालना.” उसने नाटकीयता से कहा.
“अरे, मेरी बेटी बड़ी हो गई.” पापा ने चाय हाथ में लेते हुए कहा. उसे लगा जैसे पापा मुंह से बड़ा शब्द कहते-कहते ग्लानि महसूस कर रहे थे. रात को सोते समय उसने मम्मी से कहा, “मम्मी, आज मुझे कॉलेज का प्रोजेक्ट करना है, काफ़ी देर हो जाएगी. मैं छोटू के रूम में पढ़ती हूं.” उसने सारी क़िताबें भाई के रूम में ले जाते हुए कहा. रात को वह वहीं सो गई.
रविवार था सब बैठे थे. अचानक फोन की घंटी बजी. अनन्या ने लपककर फोन उठाया, “अरे, मौसी कैसी हैं? मम्मी, अभी रसोई में व्यस्त हैं. कोई ख़ास काम था क्या?” उसने बहाना बनाते हुए फोन रख दिया. मम्मी ने उसे ग़ुस्से से घूरा, पर पापा हल्के से मुस्कुरा दिए.
एक दिन मम्मी का जन्मदिन था. पापा ने शाम को होटल में डिनर का कार्यक्रम रखा. तय हुआ शाम को घर पर केक काटकर रात को होटल चलेंगे. केक काटने के बाद शाम को जाने का समय हो रहा था, पापा सबको जल्दी तैयार होने के लिए कह रहे थे.
“मम्मी, मेरे पेट में तेज़ दर्द हो रहा है. सुबह कैंटीन में खाने के कारण शायद ऐसा हुआ.” अनन्या ने कराहते हुए कहा.
“चलो बेटा, डॉक़्टर को बताते हैं.” पापा ने चिंतित होकर कहा.
“अरे, मेरी बेटी बड़ी हो गई.” पापा ने चाय हाथ में लेते हुए कहा. उसे लगा जैसे पापा मुंह से बड़ा शब्द कहते-कहते ग्लानि महसूस कर रहे थे. रात को सोते समय उसने मम्मी से कहा, “मम्मी, आज मुझे कॉलेज का प्रोजेक्ट करना है, काफ़ी देर हो जाएगी. मैं छोटू के रूम में पढ़ती हूं.” उसने सारी क़िताबें भाई के रूम में ले जाते हुए कहा. रात को वह वहीं सो गई.
रविवार था सब बैठे थे. अचानक फोन की घंटी बजी. अनन्या ने लपककर फोन उठाया, “अरे, मौसी कैसी हैं? मम्मी, अभी रसोई में व्यस्त हैं. कोई ख़ास काम था क्या?” उसने बहाना बनाते हुए फोन रख दिया. मम्मी ने उसे ग़ुस्से से घूरा, पर पापा हल्के से मुस्कुरा दिए.
एक दिन मम्मी का जन्मदिन था. पापा ने शाम को होटल में डिनर का कार्यक्रम रखा. तय हुआ शाम को घर पर केक काटकर रात को होटल चलेंगे. केक काटने के बाद शाम को जाने का समय हो रहा था, पापा सबको जल्दी तैयार होने के लिए कह रहे थे.
“मम्मी, मेरे पेट में तेज़ दर्द हो रहा है. सुबह कैंटीन में खाने के कारण शायद ऐसा हुआ.” अनन्या ने कराहते हुए कहा.
“चलो बेटा, डॉक़्टर को बताते हैं.” पापा ने चिंतित होकर कहा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
