04-02-2020, 03:03 PM
“मम्मी, आज ब्यूटीपार्लर चलते हैं.” उसने मम्मी के गले में बांहें डालते हुए कहा.
“पर तेरी सहेली की पार्टी तो कल ही हो गई.” मम्मी ने उसे लाड़ से समझाते हुए कहा.
“अरे, मेरे लिए नहीं, आपके लिए चलते हैं. आप कितने महीनों से ब्यूटीपार्लर नहीं गई. आपकी आईब्रो तो पापा के मूंछों जैसी चौड़ी हो गई है.” उसने आईब्रो पर हाथ रखकर नाटकीयता से कहा, तो मम्मी ज़ोर से हंसते हुए ‘हां’ बोली. “अरे हां, आज नाश्ते में क्या खाओगी?” मम्मी रसोई में जाते हुए बोली.
“मम्मी, मैं बड़ी हो गई हूं. आज नाश्ता मैं बनाऊंगी. आप मुझे बस सिखा दीजिए.” गैस चालू करते हुए अनन्या बोली.
यह सुनकर उसकी मां आश्चर्य से देखती रह गई कि उसने आज तक ख़ुद रसोई में जाकर पानी तक नहीं पीया और आज खाना बनाने की बात कर रही है.
“तू पढ़ाई कर, मैं खाना बनाती हूं.”
“नहीं मम्मी, आप ये सब अकेले करते-करते कितना थक जाती हो.” उसने मम्मी की तरफ़ प्यार भरी नज़र से देखते हुए कहा.
छोटे-छोटे काम अब वो ख़ुद करने लगी, ताकि मम्मी को समय व आराम मिल सके. कितनी बार उसने मम्मी को रात को सोते समय कहते सुना था कि आज तो पूरे दिन काम करते-करते कमर टूट-सी गई है.
“पर तेरी सहेली की पार्टी तो कल ही हो गई.” मम्मी ने उसे लाड़ से समझाते हुए कहा.
“अरे, मेरे लिए नहीं, आपके लिए चलते हैं. आप कितने महीनों से ब्यूटीपार्लर नहीं गई. आपकी आईब्रो तो पापा के मूंछों जैसी चौड़ी हो गई है.” उसने आईब्रो पर हाथ रखकर नाटकीयता से कहा, तो मम्मी ज़ोर से हंसते हुए ‘हां’ बोली. “अरे हां, आज नाश्ते में क्या खाओगी?” मम्मी रसोई में जाते हुए बोली.
“मम्मी, मैं बड़ी हो गई हूं. आज नाश्ता मैं बनाऊंगी. आप मुझे बस सिखा दीजिए.” गैस चालू करते हुए अनन्या बोली.
यह सुनकर उसकी मां आश्चर्य से देखती रह गई कि उसने आज तक ख़ुद रसोई में जाकर पानी तक नहीं पीया और आज खाना बनाने की बात कर रही है.
“तू पढ़ाई कर, मैं खाना बनाती हूं.”
“नहीं मम्मी, आप ये सब अकेले करते-करते कितना थक जाती हो.” उसने मम्मी की तरफ़ प्यार भरी नज़र से देखते हुए कहा.
छोटे-छोटे काम अब वो ख़ुद करने लगी, ताकि मम्मी को समय व आराम मिल सके. कितनी बार उसने मम्मी को रात को सोते समय कहते सुना था कि आज तो पूरे दिन काम करते-करते कमर टूट-सी गई है.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
