04-02-2020, 02:47 PM
बुआ और पापा एक-दूसरे के सामने बिल्कुल नंगे थे और बुआ पापा के सामने हाई हील के सैंडिल में गांड हिलाकर डांस करने लगी। पापा उनके सेक्सी डांस को देखकर उत्तेजित होकर अपना लंड जोर से मसलने लगे। अचानक पापा खड़े हो गए और बुआ पापा से लिपट गई। बुआ ने कसकर पापा को अपनी बांहों में भर लिया और अपने बड़े-बड़े बूब्ज़ पापा की छाती में दबा दिए।
पापा अपनी छाती से बूब्ज़ रगड़ते हुए बुआ के उभरे हुए बड़े-बड़े गोल चूतड़ दबाने लगे और उनकी भरी हुई जांघों को सहलाने लगे। बुआ और पापा एक-दूसरे के कानों और गालों को चूमने लगे और मुंह में भरकर चूसने एवं काटने लगे। उन दोनों को देखकर मैं भी गर्म होने लगी और अपनी चूत सहलाने लगी।
बुआ ने पापा का चेहरा पीछे खींच कर अपने नर्म होंठ पापा के होंठों पर रख दिए और दोनों एक-दूसरे के होंठों का रसपान करने लगे। बुआ और पापा एक-दूसरे के होंठों को मुंह में भर कर खींच कर चूसने लगे। धीरे-धीरे दोनों बहुत गर्म हो गए और जंगली हो गए। वो एक-दूसरे के मुंह में जीभ डालकर घुमाने लगे और एक-दूसरे की जीभ को बहुत जोर से चूसते माने जीभ को खा जाएंगे।
अब दोनों और भी ज्यादा गर्म हो रहे थे और एक-दूसरे के होंठों को दांतों से काटने लगे। बुआ अपने हाथ पापा की पीठ पर बहुत जोर से रगड़ते हुए उनकी पीठ में नाखून गढा़ने लगी और पापा बुआ के चूतड़ बहुत बेरहमी से मसलने लगे। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है..
बुआ ने पापा को कुर्सी पर बैठा दिया और किचन से जैम की बोतल ले आई। बुआ ने पापा के सामने खड़ी होकर अपने बूब्ज़ एवं निप्पलों पर जैम मसल लिया और बूब्ज़ पापा के मुंह के पास कर दिए।
पापा ने पहले बुआ के बूब्ज़ पर जीभ घुमा घुमा कर चाटा और फिर बुआ के निप्पलों को जीभ से चाटते हुए मुंह में भरकर चूसने लगे। बुआ जोर जोर से पापा का सिर अपने बूब्ज़ पर दबा रही थी और पापा उतनी ही जोर से बुआ के बूब्ज़ को चूस रहे थे। जब पापा उनके बूब्ज़ या निप्पलों को दांतों से काटते तो बुआ के मुंह से आहह… निकल जाती और वो अपने नीचे वाले होंठ को दांतों तले दबा लेती।
पापा ने बोतल से और जैम निकाल कर बुआ के नाजुक चिकने पेट पर मसल दी और जीभ से मजे लेकर चाटने लगे और बुआ मस्ती में मचलने लगी। जब पापा बुआ की नाभि में जीभ घुसा कर चूसते तो बुआ मस्ती में छटपटाने लगती और पापा के बालों को भींचने लगती।
पापा अपनी छाती से बूब्ज़ रगड़ते हुए बुआ के उभरे हुए बड़े-बड़े गोल चूतड़ दबाने लगे और उनकी भरी हुई जांघों को सहलाने लगे। बुआ और पापा एक-दूसरे के कानों और गालों को चूमने लगे और मुंह में भरकर चूसने एवं काटने लगे। उन दोनों को देखकर मैं भी गर्म होने लगी और अपनी चूत सहलाने लगी।
बुआ ने पापा का चेहरा पीछे खींच कर अपने नर्म होंठ पापा के होंठों पर रख दिए और दोनों एक-दूसरे के होंठों का रसपान करने लगे। बुआ और पापा एक-दूसरे के होंठों को मुंह में भर कर खींच कर चूसने लगे। धीरे-धीरे दोनों बहुत गर्म हो गए और जंगली हो गए। वो एक-दूसरे के मुंह में जीभ डालकर घुमाने लगे और एक-दूसरे की जीभ को बहुत जोर से चूसते माने जीभ को खा जाएंगे।
अब दोनों और भी ज्यादा गर्म हो रहे थे और एक-दूसरे के होंठों को दांतों से काटने लगे। बुआ अपने हाथ पापा की पीठ पर बहुत जोर से रगड़ते हुए उनकी पीठ में नाखून गढा़ने लगी और पापा बुआ के चूतड़ बहुत बेरहमी से मसलने लगे। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है..
बुआ ने पापा को कुर्सी पर बैठा दिया और किचन से जैम की बोतल ले आई। बुआ ने पापा के सामने खड़ी होकर अपने बूब्ज़ एवं निप्पलों पर जैम मसल लिया और बूब्ज़ पापा के मुंह के पास कर दिए।
पापा ने पहले बुआ के बूब्ज़ पर जीभ घुमा घुमा कर चाटा और फिर बुआ के निप्पलों को जीभ से चाटते हुए मुंह में भरकर चूसने लगे। बुआ जोर जोर से पापा का सिर अपने बूब्ज़ पर दबा रही थी और पापा उतनी ही जोर से बुआ के बूब्ज़ को चूस रहे थे। जब पापा उनके बूब्ज़ या निप्पलों को दांतों से काटते तो बुआ के मुंह से आहह… निकल जाती और वो अपने नीचे वाले होंठ को दांतों तले दबा लेती।
पापा ने बोतल से और जैम निकाल कर बुआ के नाजुक चिकने पेट पर मसल दी और जीभ से मजे लेकर चाटने लगे और बुआ मस्ती में मचलने लगी। जब पापा बुआ की नाभि में जीभ घुसा कर चूसते तो बुआ मस्ती में छटपटाने लगती और पापा के बालों को भींचने लगती।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.