04-02-2020, 02:46 PM
सके बाद मैंने पापा पर नज़र रखनी शुरु की और उनका फोन छुपकर सुनने लगी। तब मुझे मालूम हुआ कि मेरे शरीफ पापा बहुत सी चुद्दकड़ औरतों के चोदू यार हैं और बुआ भी बहुत चुद्दकड़ है और अपनी शादी से पहले से ही पापा से चुदती आ रही है।
बुआ का ससुराल हमारे गांव से थोड़ी दूर दूसरे गांव में है। फूफा जी एक अरब देश में काम करते हैं और चार साल बाद एक महीने केलिए आते हैं। मेरी मम्मी जब भी कहीं बाहर जाती है तो बुआ घर संभालते को आ जाती है। मेरी मम्मी कभी मौसी के, कभी मामा के घर तो कभी किसी और रिश्तेदारी में चली जाती। मेरा रूम बिल्कुल पापा के साथ वाला है और बुआ का सामने। मैंने रात में कई बार खिड़की से पापा को बुआ के रूम में या बुआ को पापा के रूम में जाते देखा था।
झे लगा भाई-बहन बैठ कर बातें करते होंगे। लेकिन शक मुझे तब हुआ जब सुबह के चार बजे मुझे पापा के दरवाजे की आवाज़ सुनाई दी और मैंने खिड़की से देखा तो बुआ अपने कपड़े ठीक करते हुए अपने रूम में जा रही थी। उसकी अगली रात मैने छुपकर देखने की कोशिश की लेकिन दरवाजे और खिड़की के पर्दों से कुछ नहीं दिखा सिर्फ पापा और बुआ की कामुक आवाज़ें सुन रही थीं। मैंने लगातार दो रात उनकी चुदाई देखने की कोशिश की लेकिन देख नहीं पाई।
एक दिन बुआ मेरे कॉलेज जाने के टाईम से पहले आ गई और पापा भई गांव में ही काम गए हुए थे। मैं बुआ को कॉलेज जाने का बोलकर निकल गई लेकिन मेन गेट से वापस आ कर छुप गई। बुआ ने मेन गेट को ताला लगा दिया और नहाने चली गई। बुआ बहुत खुश लग रही थी। मैंने पापा और बुआ के रूम के पर्दों को ऐसे सैट कर दिया के मैं बाहर से रूम का नजारा देख सकूं और मैं अपने रूम में छुप गई। थोड़ी देर बाद पापा आ गए।
मैंने अपने रूम से देखा कि अंदर आते ही दोनों बालकनी में लिपट कर एक-दूसरे को चूमने लगे। बुआ ने पापा से कहा आज बालकनी में चुदाई करेंगे और पापा को पांच मिनट रुकने को बोलकर बुआ अपने रूम में चली गई। पापा और बुआ ने मेरा काम आसान कर दिया, अब मैं अपने रूम से उनको देख सकती थी।
कुछ देर बाद बुआ अपने रूम से बाहर निकली और मेरी आंखें खुली की खुली रह गई। बुआ ने मेरी कॉलेज वाली लाल और सफेद चैॅक की स्कर्ट और गुलाबी रंग की शर्ट पहनी हुई थी। बुआ ने पैरों में मम्मी के हाई हील के सैंडिल पहने हुए थे। जब बुआ पापा की तरफ अपनी उभरी हुई मोटी गांड, पतली कमर और बूब्ज़ हिलाते हुए आ रही थी तो आग लग रही थी। मुझे बुआ का ये सेक्सी अवतार देखकर बहुत ज्यादा जलन हुई।
बुआ ऐसे कपड़े पहन कर जब पापा के सामने आई तो पापा उसको ऊपर से नीचे तक निहारते हुए मंत्र मुग्ध से हो गए। पापा की नींद बुआ की आवाज़ से टूटी।
बुआ का ससुराल हमारे गांव से थोड़ी दूर दूसरे गांव में है। फूफा जी एक अरब देश में काम करते हैं और चार साल बाद एक महीने केलिए आते हैं। मेरी मम्मी जब भी कहीं बाहर जाती है तो बुआ घर संभालते को आ जाती है। मेरी मम्मी कभी मौसी के, कभी मामा के घर तो कभी किसी और रिश्तेदारी में चली जाती। मेरा रूम बिल्कुल पापा के साथ वाला है और बुआ का सामने। मैंने रात में कई बार खिड़की से पापा को बुआ के रूम में या बुआ को पापा के रूम में जाते देखा था।
झे लगा भाई-बहन बैठ कर बातें करते होंगे। लेकिन शक मुझे तब हुआ जब सुबह के चार बजे मुझे पापा के दरवाजे की आवाज़ सुनाई दी और मैंने खिड़की से देखा तो बुआ अपने कपड़े ठीक करते हुए अपने रूम में जा रही थी। उसकी अगली रात मैने छुपकर देखने की कोशिश की लेकिन दरवाजे और खिड़की के पर्दों से कुछ नहीं दिखा सिर्फ पापा और बुआ की कामुक आवाज़ें सुन रही थीं। मैंने लगातार दो रात उनकी चुदाई देखने की कोशिश की लेकिन देख नहीं पाई।
एक दिन बुआ मेरे कॉलेज जाने के टाईम से पहले आ गई और पापा भई गांव में ही काम गए हुए थे। मैं बुआ को कॉलेज जाने का बोलकर निकल गई लेकिन मेन गेट से वापस आ कर छुप गई। बुआ ने मेन गेट को ताला लगा दिया और नहाने चली गई। बुआ बहुत खुश लग रही थी। मैंने पापा और बुआ के रूम के पर्दों को ऐसे सैट कर दिया के मैं बाहर से रूम का नजारा देख सकूं और मैं अपने रूम में छुप गई। थोड़ी देर बाद पापा आ गए।
मैंने अपने रूम से देखा कि अंदर आते ही दोनों बालकनी में लिपट कर एक-दूसरे को चूमने लगे। बुआ ने पापा से कहा आज बालकनी में चुदाई करेंगे और पापा को पांच मिनट रुकने को बोलकर बुआ अपने रूम में चली गई। पापा और बुआ ने मेरा काम आसान कर दिया, अब मैं अपने रूम से उनको देख सकती थी।
कुछ देर बाद बुआ अपने रूम से बाहर निकली और मेरी आंखें खुली की खुली रह गई। बुआ ने मेरी कॉलेज वाली लाल और सफेद चैॅक की स्कर्ट और गुलाबी रंग की शर्ट पहनी हुई थी। बुआ ने पैरों में मम्मी के हाई हील के सैंडिल पहने हुए थे। जब बुआ पापा की तरफ अपनी उभरी हुई मोटी गांड, पतली कमर और बूब्ज़ हिलाते हुए आ रही थी तो आग लग रही थी। मुझे बुआ का ये सेक्सी अवतार देखकर बहुत ज्यादा जलन हुई।
बुआ ऐसे कपड़े पहन कर जब पापा के सामने आई तो पापा उसको ऊपर से नीचे तक निहारते हुए मंत्र मुग्ध से हो गए। पापा की नींद बुआ की आवाज़ से टूटी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
