04-02-2020, 02:36 PM
रात को खाना खाकर मैं अपने रूम में बैठा किताब पढ़ रहा था और सायरा मेरे रूम में दूध लेकर आ गई। उसने अपनी अम्मी की लाल साड़ी पहनी हुई थी जो मुझे बहुत पसंद थी। वो हमारी शादी की पहली सालगिरह पहन कर मेरे सामने आई थी। वो साड़ी बहुत झीनी है और उसके पल्ले से पेट साफ दिखाई देता है। उसका ब्लाउज़ पीछे से खुला है और आगे से गला बहुत गहरा है।
ब्लाउज़ के पीछे सिर्फ इलास्टिक की दो वारीक पट्टियां हैं औल आगे से बूब्ज़ की गोलाइयां दिखाई देती हैं। सायरा को उस साड़ी में देख कर एक बार तो मुझे लगा कि मेरे सामने मेरी बीवी खड़ी है। उस दिन मैंने अपनी बेटी के बदन को गौर से देखा। वो बिल्कुल अपनी अम्मी पर गई है। उसके बूब्ज़ मेरी बीवी जितने बड़े हैं लेकिन गांड उससे बड़ी है। मैं सोच रहा था काश जुनैदा होती तो उसको चोद देता। सायरा मेरे सामने खड़ी थी लेकिन अब मुझे वो अपनी बेटी नहीं बल्कि बीवी लग रही थी।
ब्लाउज़ के पीछे सिर्फ इलास्टिक की दो वारीक पट्टियां हैं औल आगे से बूब्ज़ की गोलाइयां दिखाई देती हैं। सायरा को उस साड़ी में देख कर एक बार तो मुझे लगा कि मेरे सामने मेरी बीवी खड़ी है। उस दिन मैंने अपनी बेटी के बदन को गौर से देखा। वो बिल्कुल अपनी अम्मी पर गई है। उसके बूब्ज़ मेरी बीवी जितने बड़े हैं लेकिन गांड उससे बड़ी है। मैं सोच रहा था काश जुनैदा होती तो उसको चोद देता। सायरा मेरे सामने खड़ी थी लेकिन अब मुझे वो अपनी बेटी नहीं बल्कि बीवी लग रही थी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.