03-02-2020, 11:47 PM
सुशांत रिशा को बंगले के पिछले भाग की तरफ लेकर गया. वो अब भी रिशा का हाथ अपने हाथ में लेकर चल रहा था. रिशा भी बिना कुछ बोले उसकी बाजु में चल रही थी. वो बिच बिच में सुशांत की तरफ देख रही. जाने अनजाने में ही रिशा उसकी और अपने पती की तुलना कर रही थी उसे हर बात में सुशांत ज्यादा बेहतर लग रहा था. सुशांत उससे काफी उंचा था. रिशा की ऊंचाई लगभग ५ फीट २ इंच थी जबकि सुशांत की ऊंचाई ६ फीट २ इंच थी. सुशांत की उम्र चालीस साल तक थी लेकिन उसने अपने आप को काफी अच्छा मेंटेन किया था. वो हर रोज जिम में जाता था. उसकी चालीस साल में भी तोंद नहीं थी जबकी समीर की ३० साल में ही थोड़ी सी तोंद दिख रही थी.सुशांत के हाथ और उसकी बाहे जैसे लोहे की बनी थी. उसका शरीर भी काफी गठीला था. उसका सीना चौड़ा था और उसके उसकी शर्ट के खुले बटन में से उसके घने छाती के बाल दिख रहे थे जबकी समीर की छाती पर ज्यादा बाल नहीं थे. सुशांत रिशा को घुमाते हुए लेके गया और थोड़ी देर में वो एक स्विमिंग पूल पर आये. सुशांत ने अब तक रिशा के साथ कुछ बात नहीं की थी. पूल की बाजु में ही दो कुर्सिया और एक मेज रखा हुआ था. “तुम्हे स्विमिंग करनी आती है?” सुशांत और रिशा एक दुसरे के सामने बैठे. “नहीं आज तक किसी तैरना सिखाया ही नहीं. पहले पिताजी ने सिखने नहीं दिया और बाद में तो शादी के बाद कुछ सिखाने का सवाल ही नहीं होता.” रिशा ने अपने बाल एक तरफ किये और उसने सुशांत की तरफ देखा. “ऐसे कुछ नहीं होता. अगर तुम चाहो तो मैं तुम्हे सिखा सकता हूं.” रिशा मुस्करायी और बोली.
“देखती हूं. अगर आप सिखायेंगे तो शायद मै सिख भी जाऊंगी.” सुशांत ने अपनी कुर्सी रिशा की कुर्सी की तरफ खिंची और वो उसके काफी पास आ गया. सुशांत ने वापस रिशा का हाथ अपने हाथ में लिया. “रिशा , समीर मुझे सर कहता है क्योंकि मेरा उसके साथ कामकाज का संबंध है लेकिन तुम्हे मुझे आप कहने की जरुरत नहीं है. तुम मुझे तुम बुला सकती हो.” रिशा मुस्करायी और फिर उसने हां कहा. सुशांत ने रिशा के खुबसूरत जिस्म पर से अपनी नज़ारे घुमायी. रिशा को समझा की सुशांत के नज़रे उसके उभारो पर जमी रही तो वो शरमा गयी. एक गैर मर्द उसके उभारो को ताक रहा था लेकिन रिशा को सुशांत की सामने एक अजीब सा एहसास हो रहा था. सुशांत की नज़रे उसे गंदी नहीं लग रही थी. उलटा उसे सुशांत के उसे देखने से उसके शरीर में एक अजीब सा उन्माद महसूस हो रहा था. रिशा के स्तन ३६ D थे और उसे अपने आकर्षक उभारो पर काफी नाज था. रिशा भी सुशांत को देख रह थी और उसे पहली बार एक गैर मर्द आकर्षक लग रहा था. सुशांत उसकी अपेक्षा से एकदम ही परे था. उसने कल्पना की थी वो एक गंदी नजर वाला एकदम घटिया आदमी रहेगा. लेकिन सुशांत काफी आकर्षक और होशियार था. “अगर तुम चाहो तो आज रात को ही हम यहाँ आ सकते है तैरने के लिए. आओगी क्या मेरे साथ?” सुशांत ने पूछा तो रिशा चौंक गयी. लेकिन फिर उसने हां कह दिया. “तुम्हे जगह पसंद आयी?” सुशांत को भी रिशा काफी ज्यादा पसंद आ गयी थी. वो थोड़ी शार्ट थी लेकिन उसका जिस्म काफी भरा हुआ था. उसके बदन पर एकदम सही जगहों पे मांस था. उसके स्तन काफी बड़े थे और उसका जिस्म आज कल की लडकियों तरह जीरो फिगर वाला नहीं था, सुशांत को ऐसी ही भरी हुयी लडकिया भाती थी. “हां बहु अच्छी है.” रिशा ने जवाब दिया. “वैसे रिशा , तुम्हारी ब्रा साइज क्या है?” रिशा इस सवाल से एकदम चौंक भी गयी और शरमा भी गयी. “ये कैसा सवाल है सुशांत?” उसने पूछा तो सुशांत ने रिशा का हाथ थामा और कहा. “रिशा ना तो तुम्हे ज्यादा भोला बनाने की जरुरत है ना ही मुझे. तुम्हे भी पता है की तुम यहाँ क्यों हो और मुझे भी पता है. तो अब कैसा शरमाना?”इस बार उसने रिशा के गाल को हलके से छुआ. “हाँ लेकिन इसका मतलब ये थोड़े ही है की पहली ही मुलाक़ात में मेरी ब्रा साइज पूछ लोगे.” रिशा ने थोडा सा तंज कसने की कोशिश की लेकिन फिर उसने ही अपना मन बदल दिया. “३६ D.” रिशा ने धीरे से जवाब दिया. सुशांत ने रिशा के बड़े स्तनों की तरफ देखा और रिशा ने भी उसकी तरफ शर्माते हुए देखा. “वैसे तुम साड़ी में बहुत अच्छी दिखती हो खास कर इस स्लीवेलेस ब्लाउज में. तुम्हारी ये बाहें बहुत सेक्सी दिखाती है.” फिर से रिशा सुशांत की तारीफ से झूम उठी. सुशांत औरतो की की तारीफ़ करके उन्हें खुश रखने में काफी माहिर लगता था. लेकिन अब रिशा भी सुशांत के साथ थोडा आरामदायक महसूस कर रही थी और उसकी फ्लर्टिंग उसे अच्छी लग रही थी. “मै सिर्फ साडी में ही नहीं बाकी कपड़ो में भी अच्छी दिखती हूं.” रिशा ने हंसकर कहा. “हां लेकिन वो तो पहनकर मुझे दिखाओगी तो ही पता चलेगा ना.” सुशांत ने हंसकर कहा.
“तो दिखाउंगी फिर कभी. अभी तो साडी ही पहनी है.” रिशा ने मुस्कराकर कहा. “क्या दिखाओगी मुझे रिशा ? जो दिखाना है अभी दिखा दो ना.” रिशा ने इस का मतलब समझ कर सुशांत की आँखों में झांकी लेकिन फिर कुछ नहीं बोली. “वैसे तुम दोनों मराठी हो न?” सुशांत ने विषय बदला. “हां हम दोनों मुंबई से है लेकिन समीर नौकरी की वजह से कुछ सालो से इधर ही रहते है. मै भी शादी के बाद से यही हूं.” रिशा ने कहा और उसने अपने बालो में से दोनों हाथ फिराए. इस वक्त सुशांत की नजर रिशा की बगलों पर गयी. रिशा उसकी बगलों के बाल शेव किये थे. रिशा ने अपंडे हाथो से अपने बाल ठीक किये और फिर से सुशांत की तरफ देखने लगी. “तो तुम कभी तो मराठी साड़ी पहनती हो क्या? उसका नाम नहीं याद आ रहा.” सुशांत ने रिशा को पूछा. “नौवारी साडी?” रिशा ने पूछा. “हां वही. उसमे तुम बहुत ही सेक्सी दिखोगी. कभी पहनती हो क्या?”रिशा ने अपना फोन निकाला. “कभी कभी पहनती हूं. मेरी शादी में पहनी थी. रुको तुम्हे फोटो दिखाती हूं.” ये कहकर रिशा ने फोन में फोटो देखना शुरू किया . जब उसे अपनी और समीर की शादी के फोटो मिल गए तो उसने सुशांत अपने पास बुलाया.
सुशांत रिशा के इतने पास आया की अब उसका चेहरा रिशा के चेहरे के एकदम पास में था. सुशांत को अब रिशा के इत्र की खुशबु महसूस हो रही थी. रिशा ने उसे एक एक फोटो दिखाना शुरू किया. सुशांत एक एक फोटो देखा रहा था लेकिन असल में उसकी निगाहे रिशा के स्तनों पर टिकी हुयी थी. उसका चेहरा रिशा के चेहरे से थोडा ऊपर था. रिशा की साड़ी पारदर्शक थी जिसकी वजह से उसके पल्लू में से उसका ब्लाउज दिख रहा था. उसका ब्लाउज भी काफी लो कट था जिसकी वजह से रिशा के उन्मत्त उभार सुशांत को साफ़ साफ़ दिख रहे थे. रिशा ने एक फोटो दिखा कर पीछे की तरफ देखा तो उसकी समझ में आया की सुशांत उसके फोटो नहीं बल्कि उसके बड़े बड़े मम्मे देख रहा है. “फोटो देख रहे हो या कुछ और?” रिशा ने उसे मस्ती में पूछा. जावेद मुस्कराकर बोला. “रिशा जब इतना खुबसूरत नजारा सामने हो तो मै दूसरा कुछ कैसे देखूंगा?” रिशा ने अपना पल्लू ठीक किया और मुस्करा दी. सुशांत ने एक क्षण रिशा के चेहरे को देखा और फिर अपने हाथ से उसने रिशा के होठो पर एक लकीर खिंची. फिर उसने निचे झुक कर रिशा के होठो पर अपने होठ रख दिए. रिशा पहले तो हडबडा गयी और उसका फोन उसके हाथ से गिर गया. लेकिन जैसे ही सुशांत ने रिशा की गर्दन पर हाथ रख कर उसके रसीले होठो को चूमना शुरू किया, रिशा भी मदमस्त हो गयी और उसने अपने होठ सुशांत के लिए खोल दिए. सुशांत ने अपनी जीभ रिशा में मुंह में दाल दी और वो उसके मुंह को चूमने लगा.रिशा की धड़कने तेज हो रही थी और उसका दिल जोर जोर से धड़क रहा था. उसकी छाती ऊपर निचे हो रही थी. सुशांत ने उसे चूमना चालू रखा और अपना दूसरा हाथ रिशा के उभारो पर रख दिया.
“देखती हूं. अगर आप सिखायेंगे तो शायद मै सिख भी जाऊंगी.” सुशांत ने अपनी कुर्सी रिशा की कुर्सी की तरफ खिंची और वो उसके काफी पास आ गया. सुशांत ने वापस रिशा का हाथ अपने हाथ में लिया. “रिशा , समीर मुझे सर कहता है क्योंकि मेरा उसके साथ कामकाज का संबंध है लेकिन तुम्हे मुझे आप कहने की जरुरत नहीं है. तुम मुझे तुम बुला सकती हो.” रिशा मुस्करायी और फिर उसने हां कहा. सुशांत ने रिशा के खुबसूरत जिस्म पर से अपनी नज़ारे घुमायी. रिशा को समझा की सुशांत के नज़रे उसके उभारो पर जमी रही तो वो शरमा गयी. एक गैर मर्द उसके उभारो को ताक रहा था लेकिन रिशा को सुशांत की सामने एक अजीब सा एहसास हो रहा था. सुशांत की नज़रे उसे गंदी नहीं लग रही थी. उलटा उसे सुशांत के उसे देखने से उसके शरीर में एक अजीब सा उन्माद महसूस हो रहा था. रिशा के स्तन ३६ D थे और उसे अपने आकर्षक उभारो पर काफी नाज था. रिशा भी सुशांत को देख रह थी और उसे पहली बार एक गैर मर्द आकर्षक लग रहा था. सुशांत उसकी अपेक्षा से एकदम ही परे था. उसने कल्पना की थी वो एक गंदी नजर वाला एकदम घटिया आदमी रहेगा. लेकिन सुशांत काफी आकर्षक और होशियार था. “अगर तुम चाहो तो आज रात को ही हम यहाँ आ सकते है तैरने के लिए. आओगी क्या मेरे साथ?” सुशांत ने पूछा तो रिशा चौंक गयी. लेकिन फिर उसने हां कह दिया. “तुम्हे जगह पसंद आयी?” सुशांत को भी रिशा काफी ज्यादा पसंद आ गयी थी. वो थोड़ी शार्ट थी लेकिन उसका जिस्म काफी भरा हुआ था. उसके बदन पर एकदम सही जगहों पे मांस था. उसके स्तन काफी बड़े थे और उसका जिस्म आज कल की लडकियों तरह जीरो फिगर वाला नहीं था, सुशांत को ऐसी ही भरी हुयी लडकिया भाती थी. “हां बहु अच्छी है.” रिशा ने जवाब दिया. “वैसे रिशा , तुम्हारी ब्रा साइज क्या है?” रिशा इस सवाल से एकदम चौंक भी गयी और शरमा भी गयी. “ये कैसा सवाल है सुशांत?” उसने पूछा तो सुशांत ने रिशा का हाथ थामा और कहा. “रिशा ना तो तुम्हे ज्यादा भोला बनाने की जरुरत है ना ही मुझे. तुम्हे भी पता है की तुम यहाँ क्यों हो और मुझे भी पता है. तो अब कैसा शरमाना?”इस बार उसने रिशा के गाल को हलके से छुआ. “हाँ लेकिन इसका मतलब ये थोड़े ही है की पहली ही मुलाक़ात में मेरी ब्रा साइज पूछ लोगे.” रिशा ने थोडा सा तंज कसने की कोशिश की लेकिन फिर उसने ही अपना मन बदल दिया. “३६ D.” रिशा ने धीरे से जवाब दिया. सुशांत ने रिशा के बड़े स्तनों की तरफ देखा और रिशा ने भी उसकी तरफ शर्माते हुए देखा. “वैसे तुम साड़ी में बहुत अच्छी दिखती हो खास कर इस स्लीवेलेस ब्लाउज में. तुम्हारी ये बाहें बहुत सेक्सी दिखाती है.” फिर से रिशा सुशांत की तारीफ से झूम उठी. सुशांत औरतो की की तारीफ़ करके उन्हें खुश रखने में काफी माहिर लगता था. लेकिन अब रिशा भी सुशांत के साथ थोडा आरामदायक महसूस कर रही थी और उसकी फ्लर्टिंग उसे अच्छी लग रही थी. “मै सिर्फ साडी में ही नहीं बाकी कपड़ो में भी अच्छी दिखती हूं.” रिशा ने हंसकर कहा. “हां लेकिन वो तो पहनकर मुझे दिखाओगी तो ही पता चलेगा ना.” सुशांत ने हंसकर कहा.
“तो दिखाउंगी फिर कभी. अभी तो साडी ही पहनी है.” रिशा ने मुस्कराकर कहा. “क्या दिखाओगी मुझे रिशा ? जो दिखाना है अभी दिखा दो ना.” रिशा ने इस का मतलब समझ कर सुशांत की आँखों में झांकी लेकिन फिर कुछ नहीं बोली. “वैसे तुम दोनों मराठी हो न?” सुशांत ने विषय बदला. “हां हम दोनों मुंबई से है लेकिन समीर नौकरी की वजह से कुछ सालो से इधर ही रहते है. मै भी शादी के बाद से यही हूं.” रिशा ने कहा और उसने अपने बालो में से दोनों हाथ फिराए. इस वक्त सुशांत की नजर रिशा की बगलों पर गयी. रिशा उसकी बगलों के बाल शेव किये थे. रिशा ने अपंडे हाथो से अपने बाल ठीक किये और फिर से सुशांत की तरफ देखने लगी. “तो तुम कभी तो मराठी साड़ी पहनती हो क्या? उसका नाम नहीं याद आ रहा.” सुशांत ने रिशा को पूछा. “नौवारी साडी?” रिशा ने पूछा. “हां वही. उसमे तुम बहुत ही सेक्सी दिखोगी. कभी पहनती हो क्या?”रिशा ने अपना फोन निकाला. “कभी कभी पहनती हूं. मेरी शादी में पहनी थी. रुको तुम्हे फोटो दिखाती हूं.” ये कहकर रिशा ने फोन में फोटो देखना शुरू किया . जब उसे अपनी और समीर की शादी के फोटो मिल गए तो उसने सुशांत अपने पास बुलाया.
सुशांत रिशा के इतने पास आया की अब उसका चेहरा रिशा के चेहरे के एकदम पास में था. सुशांत को अब रिशा के इत्र की खुशबु महसूस हो रही थी. रिशा ने उसे एक एक फोटो दिखाना शुरू किया. सुशांत एक एक फोटो देखा रहा था लेकिन असल में उसकी निगाहे रिशा के स्तनों पर टिकी हुयी थी. उसका चेहरा रिशा के चेहरे से थोडा ऊपर था. रिशा की साड़ी पारदर्शक थी जिसकी वजह से उसके पल्लू में से उसका ब्लाउज दिख रहा था. उसका ब्लाउज भी काफी लो कट था जिसकी वजह से रिशा के उन्मत्त उभार सुशांत को साफ़ साफ़ दिख रहे थे. रिशा ने एक फोटो दिखा कर पीछे की तरफ देखा तो उसकी समझ में आया की सुशांत उसके फोटो नहीं बल्कि उसके बड़े बड़े मम्मे देख रहा है. “फोटो देख रहे हो या कुछ और?” रिशा ने उसे मस्ती में पूछा. जावेद मुस्कराकर बोला. “रिशा जब इतना खुबसूरत नजारा सामने हो तो मै दूसरा कुछ कैसे देखूंगा?” रिशा ने अपना पल्लू ठीक किया और मुस्करा दी. सुशांत ने एक क्षण रिशा के चेहरे को देखा और फिर अपने हाथ से उसने रिशा के होठो पर एक लकीर खिंची. फिर उसने निचे झुक कर रिशा के होठो पर अपने होठ रख दिए. रिशा पहले तो हडबडा गयी और उसका फोन उसके हाथ से गिर गया. लेकिन जैसे ही सुशांत ने रिशा की गर्दन पर हाथ रख कर उसके रसीले होठो को चूमना शुरू किया, रिशा भी मदमस्त हो गयी और उसने अपने होठ सुशांत के लिए खोल दिए. सुशांत ने अपनी जीभ रिशा में मुंह में दाल दी और वो उसके मुंह को चूमने लगा.रिशा की धड़कने तेज हो रही थी और उसका दिल जोर जोर से धड़क रहा था. उसकी छाती ऊपर निचे हो रही थी. सुशांत ने उसे चूमना चालू रखा और अपना दूसरा हाथ रिशा के उभारो पर रख दिया.