02-02-2020, 08:54 PM
(This post was last modified: 03-05-2021, 06:50 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
जीजू
अब वो एकदम सीधे मुद्दे पर आगये थे। जिधर हम लोग खड़े थे उधर थोड़ा सन्नाटा भी था।
" अरे मुझे चीनू दी पर दया आ गयी तो आपको बख्स दिया की चलो कल सुहागरात मना लो , फिर उसके बाद , वरना हम लोगों की बचपन की शर्त थी की पहले मैं लगाउंगी नम्बर। "
खिलखलाते हुए मैं बोली।
बचपन से मेरी दोनों बहने ही नहीं मेरी मौसियां भी चिढाती थीं ,तू छोटी है तेरे दोनों जीजा पहले चढ़ेंगे तेरे ऊपर और चीनू सबसे बड़ी है , तो तेरी फाड़ेगा तो वही।
और मैं भी कहती ,मुझे मंजूर है लेकिन चीनू दी के पहले मेरा ही नंबर लगेगा ,
चीनू दी भी बोलतीं ,चल यार तू सबसे छोटी है ले लेना।
हँसते हुए बोले वो ,
" मुझे सब मालूम है "
आजकल चैटिंग डेटिंग और व्हाट्सऐप के जमाने में कुछ छुपता है ,चीनू दी ने सब हाल खुलासा जीजू को पहले ही बता दिया था।
फिर जोर से मेरे गुलाब से गालों पे कस के चिकोटी काटते चिढाते बोले ,
" फटी पुरानी ,तूने तो पहले ही ,... "
मैं समझ रही थी उनकी बात। हंसते हुए मैंने जवाब दिया ,
" जीजू पुरानी तो मत बोलिये , आपवाली से पूरी दो साल छोटी हूँ।
और रही दूसरी बात , तो आप ने ही देर करदी सिर्फ १८ दिन पहले , और वैसे भी कोई आप का घाटा नहीं हुया , एक्सपीरिएंस काउंट्स। "
उनकी हंसी भी मेरी हंसी में घुल गयी।
लेकिन अब मेरी बारी इल्जाम लगाने की थी ,चिढाते हुए मैं बोली ,
" जीजू आप भी तो कोरे नौसिखिये नहीं लगते। "
" एक्सपीरियंस काउंट्स। "
हंस के उन्होंने मेरा ही जवाब दुहरा दिया।
और हमारी आँखों ने जबरदस्त हाई फाइव किया।
आखिर साली थी मैं ,शरारत पर हक़ था मेरा ,खाना ख़तम होते होते , मैंने एक बड़ा सा कौर बनाया ,थोड़ा सा अपने मुंह में फिर पूरा का पूरा उन मुंह में।
" एक बार में ही पूरा का पूरा ,... "
जीजू ने शिकायत की।
" आप छोड़ेंगे क्या अपनी बारी आने पर,... "
हँसते हुए मैंने जवाब दिया।
" और तू मना करेगी , ना ना करेगी। " वो बोले।
" वाह जी आप इते भोले तो नहीं है की मेरे मना करने पर , ना ना करने पर मान जाएंगे। "
बड़ी शोख अदा से मैंने जवाब दिया।
मेरे उँगलियों में कोरमा लगा था ,अब नेपकिन कौन ढूंढता फिरता ,मैंने सब जीजू के चिकने गालों पे पोंछ दिया ,
" आपकी जो बहने आयी हैं न साथ में उसे चटवा चुटवा के अच्छी तरह साफ़ करवा लीजियेगा। "
मैंने अपना इरादा बता दिया।
( घर में तो मैं देखती थी न मेरी मम्मी कैसे मेरे मौसा लोगों की ऐसी की तैसी करती थीं
और आज पहला मौक़ा मुझे मिला था अपने जीजू के साथ तो मैं क्यों बख्शती उन्हें )
लेकिन मेरे जीजू भी नहीं एकदम पक्के असली वाले जीजू थे ,जैसा मैं सोचती थी , एकदम वैसे ,मुझसे २० नहीं बल्कि २५ पड़ते थे हर बार।
उन्होंने एक बार इधर उधर देखा ,कोई नहीं दिख रहा था , बस मेरा सर पकड़ के मेरे होंठ सीधे अपने चिकने गालों पर ,
" अब और कोई तो, दिख नहीं रहा है ,चल मेरी बहन नहीं सही मेरी बीबी की बहन सही। "
और मैंने चाट चुट लिया ,कम से कम मेरे होंठों ने जीजू का स्वाद ,चीनू दी के पहले ले लिया। लेकिन छेड़ने का मौका क्यों मैं छोडती ,
"लगता है जीजू आप अपनी बहन और बीबी की बहन में कोई फर्क नहीं करते "
अब उनके चुप हो जाने की बारी थी।
( वैसे भी न उनकी सभी सगी,चचेरी,मौसेरी ,फुफेरी बहनों की लिस्ट मैं इकठ्ठा कर चुकी थी , आज रात में सबका नाम ले ले के कुटवाने वाली थी मैं शादी में। बारात में आयी कोई भी लड़की बचने वाली नहीं थी )
जीजू मुझे पकड़ के डेजर्ट की ओर ले आये।
आइसक्रीम , तरह तरह की , लेकिन मैं जीजू को सॉफ्टी कार्नर पे खींच के ले आयी।
और एक हॉट चाकलेट कोन विद व्हाइट चाकलेट टापिंग आर्डर किया।
" तुझे सॉफ्टी पसन्द है , मैं तो सोचता था तू ,... "
जीजू ने अपने टिपीकल डबल मीनिंग वाले अंदाज में चिढाया।
लेकिन मैं भी उनकी सबसे छोटी साली थी , क्यों पीछे रहती। हंस के बोली ,
" जीजू आपने अपनी साली के गुलाबी होंठ देखे हैं ,उनका जादू नहीं देखा है न. . मेरे होंठ लगते ही सॉफ्टी हार्डी में बदल जाती है। "
तबतक सॉफ्टी वाले ने कोन बना के दे दिया ,
और मैं जीजू को चिढाते ललचाते पहले तो अपनी जीभ निकाल के कोन के चारो ओर रिम पर लिक करने लगी जैसे किसी कड़े मोटे सुपाड़े के चारो ओर लिक कर रही होऊं।
फिर मेरी जीभ गाढे हार्ड हॉट चाकलेट के निकले कोन के ऊपर तक ,
सपड़ सपड़ और फिर मेरे रसीले होंठों ने जीजू को दिखा के उस चाकलेट के कोन पे पहले तो एक हलकी सी चुम्मी ली ,
फिर चाटना चूसना शुरू कर दिया , जैसे कोई मोटा लन्ड चूस रही होऊं।
मेरी निगाहें जीजू के बल्ज की ओर चिपकी थीं। एकदम टाइट हो रहा था। उनकी ब्रीफ उसे रोक नहीं पा रही थी।
तबतक जीजू ने मेरे हाथ से कोन ले लिया और जहां मेरे होंठों की लिपस्टिक कोन पे लगी थी ,
वहीँ पे किस कर लिया और वहीँ से हलकी हलकी बाइट लेने लगे.
मेरी पूरी देह में झुरझुरी दौड़ गयी।
मुझे सॉफ्टी का अपना जूठा अधखाया कोन उन्होंने वापस कर दिया और पूछ भी लिया ,
" हे तुझे आइसक्रीम में चाकलेट पसन्द है ये तो मालूम पड़ गया लेकिन चाकलेट कौन सी पंसद है।
आइसक्रीम का मजा लेते हुए भी मेरी निगाह उनके बल्ज पे टिकी थी , और मुझे इस बात का फर्क नहीं पड़ रहा था की उनके तन्नाए टेंट को मुझे देखते हुए जीजू देख रहे थे।
आखिर इत्ती देर से वो भी तो खुल मेरी लो कट चोली के अंदर से झांकते मेरे गोरे गोरे कबूतरों पर नजर गड़ाए हुए थे।
और मैं भी कभी झुक के कभी उचका के अपने उभार क्लीवेज सब उन्हें दिखा रही थी।
अपनी गोल गोल आंख्ने नचाती शरारत से मैं बोली ,
" जीजू वो स्पेशल वाली ,खूब हार्ड , जिसे मैं चाहे जितना लिक करूँ ,बाइट करूँ ,मन भर खाऊं लेकिन वो ख़तम न हो ,
मैं चूसती जाऊं चाटती जाऊं , ... लेकिन वो ख़तम ही न हो ,वैसे की वैसे रहे। "
" किस वाले होंठ से ,ऊपर वाले या नीचे वाले या दोनों ?"
जीजू ने मजाक का लेवल और बढ़ा दिया।
मैंने जीजू को पीटने के लिए हाथ बढ़ाया ,पर हाथ में तो आइसक्रीम थी ,
जीजू एवर हेल्पफुल जीजू ने मेरे हाथ से आइसक्रीम पकड़ ली और बची खुची खुद ,
" हे हे सब आप ही ले लोगे क्या , " मैं चिल्लाई।
आइसक्रीम कोन अब थोड़ा थोड़ा पिघलने लगा था, जीजू ने मुझे पकड़ाया ,लेकिन वहीँ वो बदमाशी कर गए।
आइसक्रीम कोन उन्होंने थोड़ा सा टिल्ट कर दिया , और क्रीम सीधे मेरे लो कट टाइट चोली से झांकती गहराई के बीच , और दोनों उभारों पर।
जीजू ,.... मैं जोर से चिल्लाई।
मेरे हाथ कोन पकडे हुए थे और बाकी के पिघलने के पहले मैं उसे ख़तम करने में लगी थी , वरना वो भी मेरी चोली लहंगे पे गिर के ,...
"ऊप्स सारी , बनावटी सारी के साथ जीजू ने अपने दोनों कान पकड़े और बोले ,
" साली ,अरे जो डालता है वही निकालता है बस अभी,... "
उनकी बात मैं समझती उसके पहले कमल जीजू का हाथ मेरी चोली के अंदर ,
मैं समझ तो रही थी जो अपने हाथ में लगा कोरमा मैंने उनके गालों पर लगाया था उसी का वो सूद ब्याज के साथ बदला ले रहे हैं।
आइसक्रीम तो बहाना था , मेरे दोनों उभार सनसना रहे थे ,पत्थर की तरह कड़े हो रहे थे।
जीजू की दुष्ट उंगलिया , और निकालते समय भी उनके अंगूठे ने मेरे कड़े खड़े निप्स जोर से फ्लिक कर दिए।
मैं उनसे थोड़ा दूर हट के खड़ी हो गयी और आग्नेय नेत्रों से उन्हें देखने लगी। मेरे चेहरे से गुस्सा टपक रहा था।
बिचारे जीजू ,उन्हें लगा की शायद कुछ ज्यादा हो गया। उन्होंने आँखे झुका ली।
मैं कड़ी आवाज में बोली , जीजू मैं आपसे गुस्सा हूँ। "
बिचारे वो कुछ बोलते , उसके पहले ही मैं बोल पड़ी।
" इसलिए की आपने सारी क्यों बोला , साली से भी सॉरी ? "
और अब मैं एकदम उनसे सट के खड़ी थी ,मेरे चोली फाड़ते उभार उनके सीने को दरेर रहे थे।
और अब हम दोनों खुल के हंस रहे थे ,
" सॉरी साली जी , आगे से नो सॉरी। " वो मुस्कराते हुए बोले।
तबतक कोई मुझे ढूंढते हुए आ गया , शादी की आगे के रस्मों की तैयारी के लिए।
" मिलती हूँ जीजू ,ब्रेक के बाद '
उनकी शरारतों का १०० गुना जवाब देने का प्लान मेरे दिमाग में पक रहा था।
आने दो उन्हों शादी के लिए मण्डप में ,हम सब मिल के सारे बरातियों की ,
फिर कोहबर में तो वो एकदम अकेले होंगे न , ससुराल का मजा आज उन्हें अच्छे से मिलेगा।
अब वो एकदम सीधे मुद्दे पर आगये थे। जिधर हम लोग खड़े थे उधर थोड़ा सन्नाटा भी था।
" अरे मुझे चीनू दी पर दया आ गयी तो आपको बख्स दिया की चलो कल सुहागरात मना लो , फिर उसके बाद , वरना हम लोगों की बचपन की शर्त थी की पहले मैं लगाउंगी नम्बर। "
खिलखलाते हुए मैं बोली।
बचपन से मेरी दोनों बहने ही नहीं मेरी मौसियां भी चिढाती थीं ,तू छोटी है तेरे दोनों जीजा पहले चढ़ेंगे तेरे ऊपर और चीनू सबसे बड़ी है , तो तेरी फाड़ेगा तो वही।
और मैं भी कहती ,मुझे मंजूर है लेकिन चीनू दी के पहले मेरा ही नंबर लगेगा ,
चीनू दी भी बोलतीं ,चल यार तू सबसे छोटी है ले लेना।
हँसते हुए बोले वो ,
" मुझे सब मालूम है "
आजकल चैटिंग डेटिंग और व्हाट्सऐप के जमाने में कुछ छुपता है ,चीनू दी ने सब हाल खुलासा जीजू को पहले ही बता दिया था।
फिर जोर से मेरे गुलाब से गालों पे कस के चिकोटी काटते चिढाते बोले ,
" फटी पुरानी ,तूने तो पहले ही ,... "
मैं समझ रही थी उनकी बात। हंसते हुए मैंने जवाब दिया ,
" जीजू पुरानी तो मत बोलिये , आपवाली से पूरी दो साल छोटी हूँ।
और रही दूसरी बात , तो आप ने ही देर करदी सिर्फ १८ दिन पहले , और वैसे भी कोई आप का घाटा नहीं हुया , एक्सपीरिएंस काउंट्स। "
उनकी हंसी भी मेरी हंसी में घुल गयी।
लेकिन अब मेरी बारी इल्जाम लगाने की थी ,चिढाते हुए मैं बोली ,
" जीजू आप भी तो कोरे नौसिखिये नहीं लगते। "
" एक्सपीरियंस काउंट्स। "
हंस के उन्होंने मेरा ही जवाब दुहरा दिया।
और हमारी आँखों ने जबरदस्त हाई फाइव किया।
आखिर साली थी मैं ,शरारत पर हक़ था मेरा ,खाना ख़तम होते होते , मैंने एक बड़ा सा कौर बनाया ,थोड़ा सा अपने मुंह में फिर पूरा का पूरा उन मुंह में।
" एक बार में ही पूरा का पूरा ,... "
जीजू ने शिकायत की।
" आप छोड़ेंगे क्या अपनी बारी आने पर,... "
हँसते हुए मैंने जवाब दिया।
" और तू मना करेगी , ना ना करेगी। " वो बोले।
" वाह जी आप इते भोले तो नहीं है की मेरे मना करने पर , ना ना करने पर मान जाएंगे। "
बड़ी शोख अदा से मैंने जवाब दिया।
मेरे उँगलियों में कोरमा लगा था ,अब नेपकिन कौन ढूंढता फिरता ,मैंने सब जीजू के चिकने गालों पे पोंछ दिया ,
" आपकी जो बहने आयी हैं न साथ में उसे चटवा चुटवा के अच्छी तरह साफ़ करवा लीजियेगा। "
मैंने अपना इरादा बता दिया।
( घर में तो मैं देखती थी न मेरी मम्मी कैसे मेरे मौसा लोगों की ऐसी की तैसी करती थीं
और आज पहला मौक़ा मुझे मिला था अपने जीजू के साथ तो मैं क्यों बख्शती उन्हें )
लेकिन मेरे जीजू भी नहीं एकदम पक्के असली वाले जीजू थे ,जैसा मैं सोचती थी , एकदम वैसे ,मुझसे २० नहीं बल्कि २५ पड़ते थे हर बार।
उन्होंने एक बार इधर उधर देखा ,कोई नहीं दिख रहा था , बस मेरा सर पकड़ के मेरे होंठ सीधे अपने चिकने गालों पर ,
" अब और कोई तो, दिख नहीं रहा है ,चल मेरी बहन नहीं सही मेरी बीबी की बहन सही। "
और मैंने चाट चुट लिया ,कम से कम मेरे होंठों ने जीजू का स्वाद ,चीनू दी के पहले ले लिया। लेकिन छेड़ने का मौका क्यों मैं छोडती ,
"लगता है जीजू आप अपनी बहन और बीबी की बहन में कोई फर्क नहीं करते "
अब उनके चुप हो जाने की बारी थी।
( वैसे भी न उनकी सभी सगी,चचेरी,मौसेरी ,फुफेरी बहनों की लिस्ट मैं इकठ्ठा कर चुकी थी , आज रात में सबका नाम ले ले के कुटवाने वाली थी मैं शादी में। बारात में आयी कोई भी लड़की बचने वाली नहीं थी )
जीजू मुझे पकड़ के डेजर्ट की ओर ले आये।
आइसक्रीम , तरह तरह की , लेकिन मैं जीजू को सॉफ्टी कार्नर पे खींच के ले आयी।
और एक हॉट चाकलेट कोन विद व्हाइट चाकलेट टापिंग आर्डर किया।
" तुझे सॉफ्टी पसन्द है , मैं तो सोचता था तू ,... "
जीजू ने अपने टिपीकल डबल मीनिंग वाले अंदाज में चिढाया।
लेकिन मैं भी उनकी सबसे छोटी साली थी , क्यों पीछे रहती। हंस के बोली ,
" जीजू आपने अपनी साली के गुलाबी होंठ देखे हैं ,उनका जादू नहीं देखा है न. . मेरे होंठ लगते ही सॉफ्टी हार्डी में बदल जाती है। "
तबतक सॉफ्टी वाले ने कोन बना के दे दिया ,
और मैं जीजू को चिढाते ललचाते पहले तो अपनी जीभ निकाल के कोन के चारो ओर रिम पर लिक करने लगी जैसे किसी कड़े मोटे सुपाड़े के चारो ओर लिक कर रही होऊं।
फिर मेरी जीभ गाढे हार्ड हॉट चाकलेट के निकले कोन के ऊपर तक ,
सपड़ सपड़ और फिर मेरे रसीले होंठों ने जीजू को दिखा के उस चाकलेट के कोन पे पहले तो एक हलकी सी चुम्मी ली ,
फिर चाटना चूसना शुरू कर दिया , जैसे कोई मोटा लन्ड चूस रही होऊं।
मेरी निगाहें जीजू के बल्ज की ओर चिपकी थीं। एकदम टाइट हो रहा था। उनकी ब्रीफ उसे रोक नहीं पा रही थी।
तबतक जीजू ने मेरे हाथ से कोन ले लिया और जहां मेरे होंठों की लिपस्टिक कोन पे लगी थी ,
वहीँ पे किस कर लिया और वहीँ से हलकी हलकी बाइट लेने लगे.
मेरी पूरी देह में झुरझुरी दौड़ गयी।
मुझे सॉफ्टी का अपना जूठा अधखाया कोन उन्होंने वापस कर दिया और पूछ भी लिया ,
" हे तुझे आइसक्रीम में चाकलेट पसन्द है ये तो मालूम पड़ गया लेकिन चाकलेट कौन सी पंसद है।
आइसक्रीम का मजा लेते हुए भी मेरी निगाह उनके बल्ज पे टिकी थी , और मुझे इस बात का फर्क नहीं पड़ रहा था की उनके तन्नाए टेंट को मुझे देखते हुए जीजू देख रहे थे।
आखिर इत्ती देर से वो भी तो खुल मेरी लो कट चोली के अंदर से झांकते मेरे गोरे गोरे कबूतरों पर नजर गड़ाए हुए थे।
और मैं भी कभी झुक के कभी उचका के अपने उभार क्लीवेज सब उन्हें दिखा रही थी।
अपनी गोल गोल आंख्ने नचाती शरारत से मैं बोली ,
" जीजू वो स्पेशल वाली ,खूब हार्ड , जिसे मैं चाहे जितना लिक करूँ ,बाइट करूँ ,मन भर खाऊं लेकिन वो ख़तम न हो ,
मैं चूसती जाऊं चाटती जाऊं , ... लेकिन वो ख़तम ही न हो ,वैसे की वैसे रहे। "
" किस वाले होंठ से ,ऊपर वाले या नीचे वाले या दोनों ?"
जीजू ने मजाक का लेवल और बढ़ा दिया।
मैंने जीजू को पीटने के लिए हाथ बढ़ाया ,पर हाथ में तो आइसक्रीम थी ,
जीजू एवर हेल्पफुल जीजू ने मेरे हाथ से आइसक्रीम पकड़ ली और बची खुची खुद ,
" हे हे सब आप ही ले लोगे क्या , " मैं चिल्लाई।
आइसक्रीम कोन अब थोड़ा थोड़ा पिघलने लगा था, जीजू ने मुझे पकड़ाया ,लेकिन वहीँ वो बदमाशी कर गए।
आइसक्रीम कोन उन्होंने थोड़ा सा टिल्ट कर दिया , और क्रीम सीधे मेरे लो कट टाइट चोली से झांकती गहराई के बीच , और दोनों उभारों पर।
जीजू ,.... मैं जोर से चिल्लाई।
मेरे हाथ कोन पकडे हुए थे और बाकी के पिघलने के पहले मैं उसे ख़तम करने में लगी थी , वरना वो भी मेरी चोली लहंगे पे गिर के ,...
"ऊप्स सारी , बनावटी सारी के साथ जीजू ने अपने दोनों कान पकड़े और बोले ,
" साली ,अरे जो डालता है वही निकालता है बस अभी,... "
उनकी बात मैं समझती उसके पहले कमल जीजू का हाथ मेरी चोली के अंदर ,
मैं समझ तो रही थी जो अपने हाथ में लगा कोरमा मैंने उनके गालों पर लगाया था उसी का वो सूद ब्याज के साथ बदला ले रहे हैं।
आइसक्रीम तो बहाना था , मेरे दोनों उभार सनसना रहे थे ,पत्थर की तरह कड़े हो रहे थे।
जीजू की दुष्ट उंगलिया , और निकालते समय भी उनके अंगूठे ने मेरे कड़े खड़े निप्स जोर से फ्लिक कर दिए।
मैं उनसे थोड़ा दूर हट के खड़ी हो गयी और आग्नेय नेत्रों से उन्हें देखने लगी। मेरे चेहरे से गुस्सा टपक रहा था।
बिचारे जीजू ,उन्हें लगा की शायद कुछ ज्यादा हो गया। उन्होंने आँखे झुका ली।
मैं कड़ी आवाज में बोली , जीजू मैं आपसे गुस्सा हूँ। "
बिचारे वो कुछ बोलते , उसके पहले ही मैं बोल पड़ी।
" इसलिए की आपने सारी क्यों बोला , साली से भी सॉरी ? "
और अब मैं एकदम उनसे सट के खड़ी थी ,मेरे चोली फाड़ते उभार उनके सीने को दरेर रहे थे।
और अब हम दोनों खुल के हंस रहे थे ,
" सॉरी साली जी , आगे से नो सॉरी। " वो मुस्कराते हुए बोले।
तबतक कोई मुझे ढूंढते हुए आ गया , शादी की आगे के रस्मों की तैयारी के लिए।
" मिलती हूँ जीजू ,ब्रेक के बाद '
उनकी शरारतों का १०० गुना जवाब देने का प्लान मेरे दिमाग में पक रहा था।
आने दो उन्हों शादी के लिए मण्डप में ,हम सब मिल के सारे बरातियों की ,
फिर कोहबर में तो वो एकदम अकेले होंगे न , ससुराल का मजा आज उन्हें अच्छे से मिलेगा।