02-02-2020, 06:27 PM
(This post was last modified: 02-05-2021, 09:25 AM by komaalrani. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
चीनू की शादी
और धीमे धीमे ये मजाक से भी बढकर ,जब हम किशोरियों से पूरी तरुणी होगयी , ये पक्का पैक्ट होगा ,
उन दोनों से पहले मैं अपने जीजू के साथ ,...
लेकिन कहते हैं न प्लानिंग से कुछ नहीं होता।
तीनो बहनों में सबसे पहले मेरी शादी हो गयी ,इसलिए इन्हें बंद किले का दरवाजा खोलना पड़ा।
" सारी चीनू दी , ... "
विदाई में मुस्करा के मैंने उनसे कहा।
चीनू की शादी भी तय तो मेरे साथ ही हुयी थी लेकिन कुछ छुट्टी का चक्कर कुछ पंडितों का ,
और चीनू की तारीख मेरी शादी के ठीक २२ दिन बाद।
कमल जीजू से.
हम लोग हनीमून से लौटे थे और मैं सीधे चीनू की शादी में , खूब धमाल मचाया मैंने खूब मस्ती।
ये तो आ नहीं पाए थे मैं अकेले ही चीनू की शादी में , और शादी के दिन ही मैं कमल जीजू की फैन हो गयी।
खूब टॉल ,६ फीट तो कम से कम रहे ही होंगे , टॉल ,डार्क नहीं एकदम फेयर ,हैंडसम
चौड़े वृषभ कंध , क्षीण कटि , बस ऐसी बॉडी की ,
देखते ही मम्मी ने अपना जजमेंट दे दिया ,
नम्बरी चोदू होगा ये।
और मरदों के मामले में मम्मी का जजमेंट कभी गलत नहीं होता।
और उस दिन मैं भी तो एकदम कटीली लग रही थी , चोली और लहंगे में। ,
चोली ,बैकलेस ,खूब लो कट , और एकदम टाइट ,कटाव उभार के साथ गहराई भी खुल के दिख रही थी,
नाभी दर्शना तो थी ही , चुन्नी सिर्फ मेरे एक उभार को आधा ही वो भी मुश्किल से ढँक रही थी।
बराती सब बहुत मस्त डांस कर रहे थे।
कमल जीजू बीच में खड़े बस मेरी ओर टकटकी लगाए ,किसी ने उनसे बोला , अरे साली को नचाओ।
" एकदम लेकिन मैं सिर्फ दूल्हे के साथ नाचूंगी। "
खुद ही ठसके से मैं बोली और तुरन्त वो , रेडी और मैं भी उनके साथ
दरवाजे पे कुण्डी मारो ,कोई बच के जाने न पाए
डी जे को समझा दो ,गलती से म्यूजिक रुक न पाए
जी भर के नाच लो बेबी , नाच नाच के तोड़ दे सैंडल
और फिर तो मैंने अपनी चुन्नी भी उतार के कमर में बांध ली और जीजू ने मुझे कस के भींच लिया ,
उनकी निगाह मेरी गोलाइयों के बीच झांकती ललचाती
और शुरुआत मैंने ही की ,डी जे वाले को इशारा किया फिर एक स्लो ग्राइंड ,
और हमलोगों की देह अब हलके हलके रगड़ रही थी ,
बाकी सबने नाचना बंद कर दिया था , बस किनारे गोल गोल खड़े , ताली बजा रहे थे ,सेंटर में सिर्फ मैं और जीजू
कर गयी चुल ,अरे लड़की ब्यूटीफुल कर गयी चुल
चुल चुल चुल
और फिर मेरा फेवरिट
चिठिया कलाइयां रे ,
ओह बेबी चिठिया कलाइयां रे ,
और जीजू जबरदस्त जवाब दे रहे थे , हर धक्के का धक्के से ,हर झटके का झटके से ,
और हद तो तब हो गयी जब उसने
ज़रा ज़रा टच मी टच मी ,
ज़रा ज़रा किस मी किस मी लगाया।
मैं कैट को मात कर रही थी।
शादी की रस्में वेट कर रही थी ,, तब भी आधे घण्टे से ऊपर
और जब मैं उनके पास से हटी तो मेरे कान से अपने होंठ सटा के वो बोले ,
" अभी तो पार्टी शुरू हुयी है। "
और अपने गालों पर से एक लट हटाते उन्हें देख के मुस्कराते , हलके से अपने नितम्बो को जुम्बिश देती
थीड़ा हाँ थोड़ा न का इशारा करती मैं चली गयी।
फिर तो हर रस्म पर ,द्वारपूजा,जयमाल खूब छेड़छाड़ , डबल मीनिंग वाले डायलाग ,खुल के इशारेबाजी, शादी में ये सब तो लड़के वालों के लड़को और लड़की वलियों के बीच होता ही है ,
लेकिन जीजू और मैंने हर हदें डाक दी थीं।
आखिर जीजू साली के बीच भी कुछ हद हुयी होई तो जीजा साली के रिश्ते का मजा ही क्या ?
ये बात जीजू ही ने बोली थी और मैंने सर हिला के जोर जोर से हामी भर दी थी।
लेकिन हमदोनो को बात करने का मौक़ा मिला खाने के समय ,
शादी की आपाधापी में जीजू खुद अपनी प्लेट लेके ,
मेरी निगाहें तो उन्ही का पीछा कर रही थीं और मैंने उन्हें पीछे से गपुच लिया और उनके हाथ से प्लेट ले ली।
" अरे ससुराल में भी जीजू को अपने हाथ का इस्तेमाल का अंदाज करना पड़े ,साली के रहते कित्ती गलत बात है। "
एकदम उन्ही के अंदाज में चिढाते मैं बोली।
और पहली बार वो चुप रह गए , मैंने फिर पूछा ,
" जीजू आप वेज हो या नान वेज ? "
" प्योर नान वेज , और तू "
," जो मेरे जीजू की पसंद वो मेरी ,प्योर नान वेज "
खिलखलाते हुए मैं बोली और उन्हें ले कर नान वेज स्टाल की ओर चल पड़ी।
गनीमत थी उधर भीड़ नहीं थी ,
चिकेन कोरमा में लेग पीस निकालते समय गलती से मेरेमुँह से निकल गया ,
" और जीजू गालियां , वेज की नान वेज "
( दर असल मैं शादी में गायी जाने वाली गालियों के बारे में सोच रही थी और अनजाने में मेरे मुंह से निकल गया )
और वो भी समझ गए। बोले
" गाली अगर नॉन वेज न हो तो गाली क्या , फिर साली और गाली का तो जबरदस्त रिश्ता है ,क्यों साली। "
अब वो मूड में आगये थे , हम दोनों एक ही प्लेट से खा रहे थे।
उनके मुंह से चिकन लेग पीस निकाल के मैंने अपने मुंह में डाल ली ,और जैसे हौले हौले कोई शिश्न चूस रही हुईं ,मैंने पहले उसे जीभ से उन्हें दिखा के लिक किया ,
फिर हलके हलके चूसने लगी।
मेरी आंखे उनका रिएक्शन देख रही थीं , बिचारे हालत खराब हो रही थी उनकी।
अब तक जो उनकी निगाहें बार बार मेरी लो कट चोली से मेरी गहराइयाँ नाप रही थीं
अब मेरे गुलाबी रसीले होंठों से चिपकी थीं।
" मुझे लेग पीस बहुत अच्छी लगती है। बहुत मजा आता है मुंह में ले के चूसने में "
मैंने आँखे गोल गोल नचा के अपना इरादा जाहिर किया।
" किसका " चिढाते बोले।
" मेरे हैंडसम जीजू का "
मैं कोई कन्फ्यूजन बाकी नहीं रखना चाहती थी।
" सिर्फ चूसना या ,... "
अब वो एकदम सीधे मुद्दे पर आगये थे। जिधर हम लोग खड़े थे उधर थोड़ा सन्नाटा भी था।
" अरे मुझे चीनू दी पर दया आ गयी तो आपको बख्स दिया की चलो कल सुहागरात मना लो , फिर उसके बाद , वरना हम लोगों की बचपन की शर्त थी की पहले मैं लगाउंगी नम्बर। "
खिलखलाते हुए मैं बोली।
बचपन से मेरी दोनों बहने ही नहीं मेरी मौसियां भी चिढाती थीं ,तू छोटी है तेरे दोनों जीजा पहले चढ़ेंगे तेरे ऊपर और चीनू सबसे बड़ी है , तो तेरी फाड़ेगा तो वही। और मैं भी कहती ,मुझे मंजूर है लेकिन चीनू दी के पहले मेरा ही नंबर लगेगा ,चीनू दी भी बोलतीं ,चल यार तू सबसे छोटी है ले लेना।
और धीमे धीमे ये मजाक से भी बढकर ,जब हम किशोरियों से पूरी तरुणी होगयी , ये पक्का पैक्ट होगा ,
उन दोनों से पहले मैं अपने जीजू के साथ ,...
लेकिन कहते हैं न प्लानिंग से कुछ नहीं होता।
तीनो बहनों में सबसे पहले मेरी शादी हो गयी ,इसलिए इन्हें बंद किले का दरवाजा खोलना पड़ा।
" सारी चीनू दी , ... "
विदाई में मुस्करा के मैंने उनसे कहा।
चीनू की शादी भी तय तो मेरे साथ ही हुयी थी लेकिन कुछ छुट्टी का चक्कर कुछ पंडितों का ,
और चीनू की तारीख मेरी शादी के ठीक २२ दिन बाद।
कमल जीजू से.
हम लोग हनीमून से लौटे थे और मैं सीधे चीनू की शादी में , खूब धमाल मचाया मैंने खूब मस्ती।
ये तो आ नहीं पाए थे मैं अकेले ही चीनू की शादी में , और शादी के दिन ही मैं कमल जीजू की फैन हो गयी।
खूब टॉल ,६ फीट तो कम से कम रहे ही होंगे , टॉल ,डार्क नहीं एकदम फेयर ,हैंडसम
चौड़े वृषभ कंध , क्षीण कटि , बस ऐसी बॉडी की ,
देखते ही मम्मी ने अपना जजमेंट दे दिया ,
नम्बरी चोदू होगा ये।
और मरदों के मामले में मम्मी का जजमेंट कभी गलत नहीं होता।
और उस दिन मैं भी तो एकदम कटीली लग रही थी , चोली और लहंगे में। ,
चोली ,बैकलेस ,खूब लो कट , और एकदम टाइट ,कटाव उभार के साथ गहराई भी खुल के दिख रही थी,
नाभी दर्शना तो थी ही , चुन्नी सिर्फ मेरे एक उभार को आधा ही वो भी मुश्किल से ढँक रही थी।
बराती सब बहुत मस्त डांस कर रहे थे।
कमल जीजू बीच में खड़े बस मेरी ओर टकटकी लगाए ,किसी ने उनसे बोला , अरे साली को नचाओ।
" एकदम लेकिन मैं सिर्फ दूल्हे के साथ नाचूंगी। "
खुद ही ठसके से मैं बोली और तुरन्त वो , रेडी और मैं भी उनके साथ
दरवाजे पे कुण्डी मारो ,कोई बच के जाने न पाए
डी जे को समझा दो ,गलती से म्यूजिक रुक न पाए
जी भर के नाच लो बेबी , नाच नाच के तोड़ दे सैंडल
और फिर तो मैंने अपनी चुन्नी भी उतार के कमर में बांध ली और जीजू ने मुझे कस के भींच लिया ,
उनकी निगाह मेरी गोलाइयों के बीच झांकती ललचाती
और शुरुआत मैंने ही की ,डी जे वाले को इशारा किया फिर एक स्लो ग्राइंड ,
और हमलोगों की देह अब हलके हलके रगड़ रही थी ,
बाकी सबने नाचना बंद कर दिया था , बस किनारे गोल गोल खड़े , ताली बजा रहे थे ,सेंटर में सिर्फ मैं और जीजू
कर गयी चुल ,अरे लड़की ब्यूटीफुल कर गयी चुल
चुल चुल चुल
और फिर मेरा फेवरिट
चिठिया कलाइयां रे ,
ओह बेबी चिठिया कलाइयां रे ,
और जीजू जबरदस्त जवाब दे रहे थे , हर धक्के का धक्के से ,हर झटके का झटके से ,
और हद तो तब हो गयी जब उसने
ज़रा ज़रा टच मी टच मी ,
ज़रा ज़रा किस मी किस मी लगाया।
मैं कैट को मात कर रही थी।
शादी की रस्में वेट कर रही थी ,, तब भी आधे घण्टे से ऊपर
और जब मैं उनके पास से हटी तो मेरे कान से अपने होंठ सटा के वो बोले ,
" अभी तो पार्टी शुरू हुयी है। "
और अपने गालों पर से एक लट हटाते उन्हें देख के मुस्कराते , हलके से अपने नितम्बो को जुम्बिश देती
थीड़ा हाँ थोड़ा न का इशारा करती मैं चली गयी।
फिर तो हर रस्म पर ,द्वारपूजा,जयमाल खूब छेड़छाड़ , डबल मीनिंग वाले डायलाग ,खुल के इशारेबाजी, शादी में ये सब तो लड़के वालों के लड़को और लड़की वलियों के बीच होता ही है ,
लेकिन जीजू और मैंने हर हदें डाक दी थीं।
आखिर जीजू साली के बीच भी कुछ हद हुयी होई तो जीजा साली के रिश्ते का मजा ही क्या ?
ये बात जीजू ही ने बोली थी और मैंने सर हिला के जोर जोर से हामी भर दी थी।
लेकिन हमदोनो को बात करने का मौक़ा मिला खाने के समय ,
शादी की आपाधापी में जीजू खुद अपनी प्लेट लेके ,
मेरी निगाहें तो उन्ही का पीछा कर रही थीं और मैंने उन्हें पीछे से गपुच लिया और उनके हाथ से प्लेट ले ली।
" अरे ससुराल में भी जीजू को अपने हाथ का इस्तेमाल का अंदाज करना पड़े ,साली के रहते कित्ती गलत बात है। "
एकदम उन्ही के अंदाज में चिढाते मैं बोली।
और पहली बार वो चुप रह गए , मैंने फिर पूछा ,
" जीजू आप वेज हो या नान वेज ? "
" प्योर नान वेज , और तू "
," जो मेरे जीजू की पसंद वो मेरी ,प्योर नान वेज "
खिलखलाते हुए मैं बोली और उन्हें ले कर नान वेज स्टाल की ओर चल पड़ी।
गनीमत थी उधर भीड़ नहीं थी ,
चिकेन कोरमा में लेग पीस निकालते समय गलती से मेरेमुँह से निकल गया ,
" और जीजू गालियां , वेज की नान वेज "
( दर असल मैं शादी में गायी जाने वाली गालियों के बारे में सोच रही थी और अनजाने में मेरे मुंह से निकल गया )
और वो भी समझ गए। बोले
" गाली अगर नॉन वेज न हो तो गाली क्या , फिर साली और गाली का तो जबरदस्त रिश्ता है ,क्यों साली। "
अब वो मूड में आगये थे , हम दोनों एक ही प्लेट से खा रहे थे।
उनके मुंह से चिकन लेग पीस निकाल के मैंने अपने मुंह में डाल ली ,और जैसे हौले हौले कोई शिश्न चूस रही हुईं ,मैंने पहले उसे जीभ से उन्हें दिखा के लिक किया ,
फिर हलके हलके चूसने लगी।
मेरी आंखे उनका रिएक्शन देख रही थीं , बिचारे हालत खराब हो रही थी उनकी।
अब तक जो उनकी निगाहें बार बार मेरी लो कट चोली से मेरी गहराइयाँ नाप रही थीं
अब मेरे गुलाबी रसीले होंठों से चिपकी थीं।
" मुझे लेग पीस बहुत अच्छी लगती है। बहुत मजा आता है मुंह में ले के चूसने में "
मैंने आँखे गोल गोल नचा के अपना इरादा जाहिर किया।
" किसका " चिढाते बोले।
" मेरे हैंडसम जीजू का "
मैं कोई कन्फ्यूजन बाकी नहीं रखना चाहती थी।
" सिर्फ चूसना या ,... "
अब वो एकदम सीधे मुद्दे पर आगये थे। जिधर हम लोग खड़े थे उधर थोड़ा सन्नाटा भी था।
" अरे मुझे चीनू दी पर दया आ गयी तो आपको बख्स दिया की चलो कल सुहागरात मना लो , फिर उसके बाद , वरना हम लोगों की बचपन की शर्त थी की पहले मैं लगाउंगी नम्बर। "
खिलखलाते हुए मैं बोली।
बचपन से मेरी दोनों बहने ही नहीं मेरी मौसियां भी चिढाती थीं ,तू छोटी है तेरे दोनों जीजा पहले चढ़ेंगे तेरे ऊपर और चीनू सबसे बड़ी है , तो तेरी फाड़ेगा तो वही। और मैं भी कहती ,मुझे मंजूर है लेकिन चीनू दी के पहले मेरा ही नंबर लगेगा ,चीनू दी भी बोलतीं ,चल यार तू सबसे छोटी है ले लेना।