02-02-2020, 10:08 AM
ननद की नथ उतारने का काम
सास ने मुझे गले लगा लिया और बोलीं ,
" तू एकदम मेरी परफेक्ट बहू है , मेरी समधन ने चाहे जिससे कबड्डी खेल के तुझे जना हो , तेरे मामा से , मौसा से ,
लेकिन जना एकदम सही है , मेरी बहू बनने के लिए। "
फिर सासू जी ने जोड़ा ,
" बहु , आइडिया तेरा एकदम परफेक्ट है , ननद की नथ उतारने का काम ननद के भाई को ही करना चाहिए ,
ननदों की नथ उतराई करवाने का बड़ा पुण्य मिलता है भाभियों को ".
मेरी जेठानी भी मैदान में शामिल हो गयीं , हँसते हुए बोलीं ,
". आखिर भाभियों को भी तो फायदा है , भले नथ उतराई का काम ननद के भइया करें ,
लेकिन ननद पर चढ़ने का काम भाभियों के भइया करते है , भाभियों के भइया ही तो उसे पक्की छिनार बनाते हैं "
पर दो मिनट बाद ही जेठानी जी व्यवहारिकता पर उतर आयीं , ...
" लेकिन यार उचकती बहुत है वो , ,,, " वो बोलीं।
पर मेरी सास इतनी आसानी से हार मानने वाली नहीं थीं , उन्होंने जेठानी जी को हड़का भी लिया और रास्ता भी बता दिया ,
" अरे तो भौजाई किस बात की हो तुम दोनों , चौदह की ननद बिना चुदवाये रह जाए , ...
ये तो भौजाई की नाक कटने वाली बात हो जाएगी। चल माना पहले तू अकेली थी , अब तो इत्ती अच्छी देवरानी मिल गयी है , ...
गारी शुरू होते ही वो भागती थी , लेकिन देखो उस दिन तेरी देवरानी ने उसी का नाम ले ले के कैसे एकदम असली वाली गारी सुनाई , ...
आखिर कान खोल के सुना की नहीं उसने ,...
एक से तो बच भी जाती वो , लेकिन दो दो भौजाई के बाद बचने का सवाल ही नहीं। "
सास की बातें सुनकर , मेरा ३४ सी वाला सीना ३६ डी हो गया।
अब ये साफ़ था की अगर मैं कुछ जुगत लगाऊं इनके और इनकी ममेरी बहन के बीच , तो सास को अगर पता भी चल गया तो ,...
उनकी ओर से ग्रीन सिग्नल।
जेठानी जी मुस्करायीं , चैलेन्ज स्वीकार किया उन्होंने अपनी सास का।
लेकिन एक मजेदार ट्रिक बताई सास जी ने , जो मैंने कभी सुना भी नहीं था।
" एक तरीका बताती हूँ , एकदम आजमाया हुआ नुस्खा , ... नहीं नहीं ये मेरी सास ने नहीं बताया , ये मेरे मायके से , मैं वहीँ से ,... देखो किसी मरद की मलाई अगर किसी कुँवारी लड़की को चखा दो , ...
कुँवारी का मतलब ये नहीं की शादी न हुयी हो , कुँवारी का मतलब जिसकी फटी न हो ,
और पूरी मलाई खिलानी जरूरी नहीं , दो चार बूँद भी काफी है , और किसी मीठी चीज में मिलाकर भी खिला सकती हो,...
बस मलाई खाने के बाद खुद वो उस मर्द के सामने नाड़ा खोल के खड़ी हो जाएगी।
उसे देख कर उस लौंडिया की बिल में मोटे मोटे चींटे काटने लगेंगे , खुद बहाना बना के चिपकेगी , चुदवाने का मौका खोजेगी। "
" लेकिन बिल्ली की गली में घंटी बांधेगी कौन , ... "
जेठानी जी ने फिर सवाल खड़ा किया ,
और अबकी कॉलेज के स्टूडेंट की तरह मैंने हाथ उठा दिया ,
" दी , आपकी देवरानी है न , ... फिर मुझे अपना लोटा मँजवाना है एलवल में तो कुछ तो करना पड़ेगा न ,... "
हँसते हुए मैं बोली।
" तू मेरी एकदम पक्की बहू है , एकदम मेरे मन वाली , ... "
सासु ने दुबारा बोला , पर मेरे मन कुछ उबल रहा था , मैंने पूछ लिया उनसे चिपट कर ,
"पर अगर किसी लड़के का चक्कर किसी लड़की से चलवाना हो और लड़का एकदम सीधा , बुद्धू मार्का हो , ... "
सास बात समझ गयीं , हँसते हुए बोलीं ,
" जैसे तेरा लोटा , ... यही कहना चाहती है न ,... उस एलवल वाली की बिल में ऊँगली डाल कर , उसकी चाशनी , लड़के को चटा दे , ....
सारा सीधापन हवा हो जाएगा , वो भी बस मौक़ा तलाशेगा , उस लड़की की टांग उठाने का। "
लेकिन तभी मेरे मोबाइल की घंटी बजी , और नंबर देखते ही मैं उछल कर पलंग से दूर , ...
इन्ही का फोन था , और सास जेठानी के सामने इनसे बतियाना , ...
मैं कमरे के बाहर , ...
क्लास के बीच कोई टी ब्रेक था शायद , ... उसी में , ...
मैंने पूछा भी , ... तो चाय पर ये भी न बोले ,
' पी तो रहा हूँ , ... तुमसे मीठी गरम,... "
ये भी न एकदम बदमाश , असली गंदे वाले , ... पास होते तो मैं बताती।
मैं सिर्फ सुनती रही , सुनती रही ,...
कित्ते देर बाद इनकी आवाज़ सुनने को मिली थी , मुझे इससे ज्यादा मतलब नहीं था ये क्या बोल रहे हैं ,
बस बोलते रहें , ...
बस इतना समझ में आया शायद आज शाम को और रात को फोन न कर पाएं , ... एकदम से मैं रुंआसी हो गयी , ... पर ऊपर से बोली , कोई बात नहीं मैं भी सोऊंगी घोड़े बेच कर ,....
बात ये थी की जो उनका प्रोजेक्ट था न , अरे वही जिसके लिए सबको वीकेंड का टाइम दिया गया था , पर ये लालची लड़का , इसे तो बस एक चीज़ चहिये ,
.. और चहिये तो चहिये , हजार किलोमीटर से ऊपर उड़कर उस चीज के लिए हाज़िर हो गया था आधी रात को ,...
किसी तरह टैक्सी में , प्लेन में लिख लिखा कर ज़नाब ने प्रोजेक्ट तो सब्मिट कर दिया था टाइम से , ... पर आज शाम को उसी का प्रजेंटेशन था , ...
और प्रेजेंटेशन तो ठीक , उन्हें उसे डिफेंड भी करना था , एक पैनल के सामने , ...
रात में डिनर के बाद , साढ़े आठ बजे से , ... सिर्फ इन्ही का नहीं सबका , तो इनका नंबर नहीं , ... सात साढ़े सात बजे तक तो क्लास चलती थीं , उस के बाद जल्दी जल्दी वही प्रजेंटेशन बनाना , और उसके बाद , आठ बजे मेस खुल जाती है , साढ़े आठ बजे प्रजेंटेशन के लिए पहुँचना था , ...
मैं चुपचाप सुनती रही , ... बीच बीच में हूँ हाँ बोलती रही , ... देख नहीं सकती थी , मिल नहीं सकती थी ,
तो कम से कम आवाज तो सुनने को मिल रही थी , ... जित्ता देर मैं बोलती , उत्त्ती देर कम सुनने को मिलता न ,... बस यही बात।
लेकिन तब तक पीछे से किसी ने इनका नाम लेकर आवाज लगाई , ... कहाँ हो क्लास शुरू हो गयी है।
बस ये एक उड़ती चुम्मी देकर उडनछू हो गए , ...
मैं बहुत देर तक ऐसे ही फोन कान में लगाए रही ,
और जब फोन हटाया भी तो , पैर जैसे पत्थर के हो रहे थे , चुपचाप बड़ी देर तक वहीँ खड़ी रही ,
फिर फोन को देखती रही , ... अब फोन को देख के गुस्सा आ रहा था , मन कर रहा था सील लोढ़ा लेकर कूच दूँ , ...
आंखे डबडब कर रही थीं , ...
सास के पास से तो आयी सेकंडों में उड़ कर आयी थी , इनके फोन की घंटी सुन कर , अब जाने में वापस जैसे महीनों लग रहे थे , ...
किसी तरह पैर घसीटते हुयी पहुंची तो कमरे के बाहर से सास जेठानी दोनों खर्राटों की आवाज सुनाई पड़ रही थी।
मैं सासू जी के बगल में करवट कर लेट गयी , पर सासू जी भी न , ओर मुड़ी , मुझे अपनी बाँहों में दुबका लिया , कस के जैसे माँ करती थी जब मैं उनके पास सोती थी , ...
और कुछ देर में मैंने अपने पैर भी उनके ऊपर कर लिए , रजाई की गरमाहट , सासू जी का दुलार ,... बस थोड़ी देर में नींद आ गयी।
और आयी तो कस के ,
परसों रात उन के साथ , ... सोने का सवाल नहीं था।
और कल रात , उन के बिना नींद नहीं आयी।
तो इस समय कस के देर तक , ... और जब नींद खुली तो शाम होगयी थी , बल्कि रात , जेठानी जी मुझे चाय ले कर जगा रही थीं , सासु जी अपने कमरे में चली गयी थी।
' दी , मुझे जगा दी होतीं , मैं बना देती न "
उलाहने के साथ मैं बोली।
सास ने मुझे गले लगा लिया और बोलीं ,
" तू एकदम मेरी परफेक्ट बहू है , मेरी समधन ने चाहे जिससे कबड्डी खेल के तुझे जना हो , तेरे मामा से , मौसा से ,
लेकिन जना एकदम सही है , मेरी बहू बनने के लिए। "
फिर सासू जी ने जोड़ा ,
" बहु , आइडिया तेरा एकदम परफेक्ट है , ननद की नथ उतारने का काम ननद के भाई को ही करना चाहिए ,
ननदों की नथ उतराई करवाने का बड़ा पुण्य मिलता है भाभियों को ".
मेरी जेठानी भी मैदान में शामिल हो गयीं , हँसते हुए बोलीं ,
". आखिर भाभियों को भी तो फायदा है , भले नथ उतराई का काम ननद के भइया करें ,
लेकिन ननद पर चढ़ने का काम भाभियों के भइया करते है , भाभियों के भइया ही तो उसे पक्की छिनार बनाते हैं "
पर दो मिनट बाद ही जेठानी जी व्यवहारिकता पर उतर आयीं , ...
" लेकिन यार उचकती बहुत है वो , ,,, " वो बोलीं।
पर मेरी सास इतनी आसानी से हार मानने वाली नहीं थीं , उन्होंने जेठानी जी को हड़का भी लिया और रास्ता भी बता दिया ,
" अरे तो भौजाई किस बात की हो तुम दोनों , चौदह की ननद बिना चुदवाये रह जाए , ...
ये तो भौजाई की नाक कटने वाली बात हो जाएगी। चल माना पहले तू अकेली थी , अब तो इत्ती अच्छी देवरानी मिल गयी है , ...
गारी शुरू होते ही वो भागती थी , लेकिन देखो उस दिन तेरी देवरानी ने उसी का नाम ले ले के कैसे एकदम असली वाली गारी सुनाई , ...
आखिर कान खोल के सुना की नहीं उसने ,...
एक से तो बच भी जाती वो , लेकिन दो दो भौजाई के बाद बचने का सवाल ही नहीं। "
सास की बातें सुनकर , मेरा ३४ सी वाला सीना ३६ डी हो गया।
अब ये साफ़ था की अगर मैं कुछ जुगत लगाऊं इनके और इनकी ममेरी बहन के बीच , तो सास को अगर पता भी चल गया तो ,...
उनकी ओर से ग्रीन सिग्नल।
जेठानी जी मुस्करायीं , चैलेन्ज स्वीकार किया उन्होंने अपनी सास का।
लेकिन एक मजेदार ट्रिक बताई सास जी ने , जो मैंने कभी सुना भी नहीं था।
" एक तरीका बताती हूँ , एकदम आजमाया हुआ नुस्खा , ... नहीं नहीं ये मेरी सास ने नहीं बताया , ये मेरे मायके से , मैं वहीँ से ,... देखो किसी मरद की मलाई अगर किसी कुँवारी लड़की को चखा दो , ...
कुँवारी का मतलब ये नहीं की शादी न हुयी हो , कुँवारी का मतलब जिसकी फटी न हो ,
और पूरी मलाई खिलानी जरूरी नहीं , दो चार बूँद भी काफी है , और किसी मीठी चीज में मिलाकर भी खिला सकती हो,...
बस मलाई खाने के बाद खुद वो उस मर्द के सामने नाड़ा खोल के खड़ी हो जाएगी।
उसे देख कर उस लौंडिया की बिल में मोटे मोटे चींटे काटने लगेंगे , खुद बहाना बना के चिपकेगी , चुदवाने का मौका खोजेगी। "
" लेकिन बिल्ली की गली में घंटी बांधेगी कौन , ... "
जेठानी जी ने फिर सवाल खड़ा किया ,
और अबकी कॉलेज के स्टूडेंट की तरह मैंने हाथ उठा दिया ,
" दी , आपकी देवरानी है न , ... फिर मुझे अपना लोटा मँजवाना है एलवल में तो कुछ तो करना पड़ेगा न ,... "
हँसते हुए मैं बोली।
" तू मेरी एकदम पक्की बहू है , एकदम मेरे मन वाली , ... "
सासु ने दुबारा बोला , पर मेरे मन कुछ उबल रहा था , मैंने पूछ लिया उनसे चिपट कर ,
"पर अगर किसी लड़के का चक्कर किसी लड़की से चलवाना हो और लड़का एकदम सीधा , बुद्धू मार्का हो , ... "
सास बात समझ गयीं , हँसते हुए बोलीं ,
" जैसे तेरा लोटा , ... यही कहना चाहती है न ,... उस एलवल वाली की बिल में ऊँगली डाल कर , उसकी चाशनी , लड़के को चटा दे , ....
सारा सीधापन हवा हो जाएगा , वो भी बस मौक़ा तलाशेगा , उस लड़की की टांग उठाने का। "
लेकिन तभी मेरे मोबाइल की घंटी बजी , और नंबर देखते ही मैं उछल कर पलंग से दूर , ...
इन्ही का फोन था , और सास जेठानी के सामने इनसे बतियाना , ...
मैं कमरे के बाहर , ...
क्लास के बीच कोई टी ब्रेक था शायद , ... उसी में , ...
मैंने पूछा भी , ... तो चाय पर ये भी न बोले ,
' पी तो रहा हूँ , ... तुमसे मीठी गरम,... "
ये भी न एकदम बदमाश , असली गंदे वाले , ... पास होते तो मैं बताती।
मैं सिर्फ सुनती रही , सुनती रही ,...
कित्ते देर बाद इनकी आवाज़ सुनने को मिली थी , मुझे इससे ज्यादा मतलब नहीं था ये क्या बोल रहे हैं ,
बस बोलते रहें , ...
बस इतना समझ में आया शायद आज शाम को और रात को फोन न कर पाएं , ... एकदम से मैं रुंआसी हो गयी , ... पर ऊपर से बोली , कोई बात नहीं मैं भी सोऊंगी घोड़े बेच कर ,....
बात ये थी की जो उनका प्रोजेक्ट था न , अरे वही जिसके लिए सबको वीकेंड का टाइम दिया गया था , पर ये लालची लड़का , इसे तो बस एक चीज़ चहिये ,
.. और चहिये तो चहिये , हजार किलोमीटर से ऊपर उड़कर उस चीज के लिए हाज़िर हो गया था आधी रात को ,...
किसी तरह टैक्सी में , प्लेन में लिख लिखा कर ज़नाब ने प्रोजेक्ट तो सब्मिट कर दिया था टाइम से , ... पर आज शाम को उसी का प्रजेंटेशन था , ...
और प्रेजेंटेशन तो ठीक , उन्हें उसे डिफेंड भी करना था , एक पैनल के सामने , ...
रात में डिनर के बाद , साढ़े आठ बजे से , ... सिर्फ इन्ही का नहीं सबका , तो इनका नंबर नहीं , ... सात साढ़े सात बजे तक तो क्लास चलती थीं , उस के बाद जल्दी जल्दी वही प्रजेंटेशन बनाना , और उसके बाद , आठ बजे मेस खुल जाती है , साढ़े आठ बजे प्रजेंटेशन के लिए पहुँचना था , ...
मैं चुपचाप सुनती रही , ... बीच बीच में हूँ हाँ बोलती रही , ... देख नहीं सकती थी , मिल नहीं सकती थी ,
तो कम से कम आवाज तो सुनने को मिल रही थी , ... जित्ता देर मैं बोलती , उत्त्ती देर कम सुनने को मिलता न ,... बस यही बात।
लेकिन तब तक पीछे से किसी ने इनका नाम लेकर आवाज लगाई , ... कहाँ हो क्लास शुरू हो गयी है।
बस ये एक उड़ती चुम्मी देकर उडनछू हो गए , ...
मैं बहुत देर तक ऐसे ही फोन कान में लगाए रही ,
और जब फोन हटाया भी तो , पैर जैसे पत्थर के हो रहे थे , चुपचाप बड़ी देर तक वहीँ खड़ी रही ,
फिर फोन को देखती रही , ... अब फोन को देख के गुस्सा आ रहा था , मन कर रहा था सील लोढ़ा लेकर कूच दूँ , ...
आंखे डबडब कर रही थीं , ...
सास के पास से तो आयी सेकंडों में उड़ कर आयी थी , इनके फोन की घंटी सुन कर , अब जाने में वापस जैसे महीनों लग रहे थे , ...
किसी तरह पैर घसीटते हुयी पहुंची तो कमरे के बाहर से सास जेठानी दोनों खर्राटों की आवाज सुनाई पड़ रही थी।
मैं सासू जी के बगल में करवट कर लेट गयी , पर सासू जी भी न , ओर मुड़ी , मुझे अपनी बाँहों में दुबका लिया , कस के जैसे माँ करती थी जब मैं उनके पास सोती थी , ...
और कुछ देर में मैंने अपने पैर भी उनके ऊपर कर लिए , रजाई की गरमाहट , सासू जी का दुलार ,... बस थोड़ी देर में नींद आ गयी।
और आयी तो कस के ,
परसों रात उन के साथ , ... सोने का सवाल नहीं था।
और कल रात , उन के बिना नींद नहीं आयी।
तो इस समय कस के देर तक , ... और जब नींद खुली तो शाम होगयी थी , बल्कि रात , जेठानी जी मुझे चाय ले कर जगा रही थीं , सासु जी अपने कमरे में चली गयी थी।
' दी , मुझे जगा दी होतीं , मैं बना देती न "
उलाहने के साथ मैं बोली।