02-02-2020, 02:52 AM
“कैसी है बितिका मैडम आप?” जब बितिका उनके सामने आयी तो समीर ने कहा. “मैं अच्छी हू. आप दोनों कैसे है? तुम रिशा हो ना? समीर ने तुम्हारे बारे बहुत कुछ बताया है. तुम सच में उतनी तारीफ़ के काबिल हो.” बितिका ने रिशा की तरफ हाथ बढाया तो रिशा ने भी अपना हाथ आगे किया और उससे हाथ मिलाया. बितिका ने कुछ पल रिशा को निहारा और फिर उन्हें बैठने के लिए कहा. वो भी उन दोनों के सामने बैठ गयी. “सुशांत अभी आये नहीं है. पर वो थोड़ी देर में आने ही वाले है. मै यहाँ की सब तैयारी करने के लिए थोडा जल्दी आ गयी. हर साल हम यही पार्टी देते है. काफी मजा आता है. आप लोग शायद पहली बार आये है.” रिशा ने इस पर हामी भरी. “आओ तुम्हे बंगला दिखाती हूं.” बितिका ने रिशा को कहा तो वो उठकर चली. “समीर तुम यही इंतेजार करो. तुम्हारा सामान मैंने उम्हारे कमरे में ही भेज दिया है. शायद सुशांत अभी आ ही जाए. हम लोग थोड़ी ही देर में आ जायेंगे.” ये कहकर बितिका और रिशा सीढियों से पर के माले पर चले गए. समीर वही बैठा रहा. “बंगला ३ माले का है. हर माले पर ६ कमरे है.” बितिका ने रिशा को घुमाते हुए बताना शुरू किया. रिशा देखती रही. “सभी कमरे अभी बंद ही है लेकिन कल तक सारे गेस्ट आ जायेंगे तो पूरा फुल हाउस हो जायेगा.” रिशा नीचे अपने पती को देख पा रही थी. वो घुमाते हुए लगातार अपने पती को देख रही थी तो बितिका ने उसे ताना मार दिया.
“अरे क्या अपने पती को देख रही हो? छोड़ो उसे. वैसे भी अगले दो दिन तक तुम्हे किसी और को ही देखना है.” बितिका के ये कहते ही रिशा थोड़ी सी हडबडा गयी. बितिका ने उसका हाथ खिंचा और उसे तीसरे माले पर ले जाने लगी. “ये सुशांत का कमरा है.” बितिका ने एक दरवाजा धकेला और वो दोनों अंदर गए. वहां का दृष्य देखते ही रिशा सहम उठी. कमरे को किसी शादीशुदा जोड़ी की सुहागरात के लिए जैसे सजाया जाता है वैसे सजाया गया था. कमरे के बीचो बिच एक बड़ा गोल बेड था और उस पर गुलाब की पंखुड़िया बिखरी हुयी थी. कमरे से इत्र की खुशबू आ रही थी. कमरा काफी ठंडा लग रहा था. “ये सब तैयारी तुम्हारे लिए ही है.” बितिका ने बिना किसी शर्म के रिशा को बताया. रिशा को भी समझ में आ रहा था लेकिन उसका मन अब तक इस बात के लिए तैयार नहीं हो पाया था. उसे भी पता था की वो यहाँ किस लिए आयी थी लेकिन फिर भी जब सत्य उसके सामने आया तो वो थोड़ी सी सहम गयी. “तुम्हारा कमरा यही बाजु में है लेकिन मुझे नहीं लगता की तुम उस कमरे में ज्यादा देर रुकोगी. फिर भी देख लो.”बितिका ने बायीं तरफ की दीवार की तरफ जाकर एक दरवाजे को धक्का दिया तो वो खुल गया और उसे एक और कमरा दिखाई दिया. वो इस कमरे जितना अच्छा नहीं था लेकिन फिर भी काफी अच्छा था. रिशा बितिका के पीछे बिना कुछ बोले गयी और उस कमरे में दाखिल हुयी. “तुम्हारा पती इसी कमरे में सोयेगा. तुम जब चाहो यहा आ जा सकती हो.” इस कमरे में भी एक डबल बेड था. कमरा काफी साफ़ सुथरा था. “तुम्हारा कमरा कहा है? ” रिशा ने पूछा तो बितिका ने उसे इशारा किया. वो दोनों वापस सुशांत के कमरे में आये और बहार निकालने के बाद बायीं तरफ गए.
“ये मेरा कमरा है. सुशांत के कमरे की बायीं तरफ वाला कमरा. हर साल उस कमरे में कोई और लड़की रहती है. कभी लड़की कभी कोई शादीशुदा औरत लेकिन मै हमेशा से यही रहती हूं.” पहली बार रिशा को बितिका की आवाज में एक अजीब सी जलन और इर्ष्या महसूस हुयी. क्या वो सुशांत से प्यार करती थी या वो भी उसकी तरह किसी मजबूरी का शिकार थी ? रिशा के मन में एक अजीब सा विचार आया. वो उसे क्यों निचा दिखाने की कोशिश कर रही थी? “क्या सुशांत शादीशुदा है?” रिशा ने पूछा. बितिका ने अपना कमरा वापस बंद किया. “हां उसकी दो बीविया है. एक लखनौ में रहती है उसके खानदान के साथ. दूसरी यही रहती है उसके साथ.” रिशा का मन हुआ की उसे पूछ ही ले की उसका सुशांत के साथ क्या रिश्ता है लेकिन उसने मन पे काबू किया. लेकिन उसे पता था की बितिका का सुशांत के साथ क्या रिश्ता है. उसे पूछने की जरुरत नहीं थी. “चलो निचे जाते है. शायद सुशांत आ गया है.” वो दोनों अब लिफ्ट की तरफ गए और लिफ्ट में गए. दो मिनट बाद वो दोनों निचले माले पे पहुंचे और वहां उन्होले सुशांत को समीर के साथ बैठे हुए देखा. बितिका आगे गयी और रिशा उसके पीछे चल दी. जैसे ही वो दोनों वहां पहुंची, सुशांत और समीर दोनों खड़े हो गए. बितिका मुस्कराकर सुशांत के गले लगी और फिर उसने रिशा की तरफ इशारा करते हुए कहा. “सुशांत, ये रिशा है . समीर की बीवी.” सुशांत ने रिशा को सर से पैर तक ताका और फिर अपना हाथ आगे बढाया. रिशा भी आगे आयी और उसने सुशांत से हाथ मिलाया.
“अरे क्या अपने पती को देख रही हो? छोड़ो उसे. वैसे भी अगले दो दिन तक तुम्हे किसी और को ही देखना है.” बितिका के ये कहते ही रिशा थोड़ी सी हडबडा गयी. बितिका ने उसका हाथ खिंचा और उसे तीसरे माले पर ले जाने लगी. “ये सुशांत का कमरा है.” बितिका ने एक दरवाजा धकेला और वो दोनों अंदर गए. वहां का दृष्य देखते ही रिशा सहम उठी. कमरे को किसी शादीशुदा जोड़ी की सुहागरात के लिए जैसे सजाया जाता है वैसे सजाया गया था. कमरे के बीचो बिच एक बड़ा गोल बेड था और उस पर गुलाब की पंखुड़िया बिखरी हुयी थी. कमरे से इत्र की खुशबू आ रही थी. कमरा काफी ठंडा लग रहा था. “ये सब तैयारी तुम्हारे लिए ही है.” बितिका ने बिना किसी शर्म के रिशा को बताया. रिशा को भी समझ में आ रहा था लेकिन उसका मन अब तक इस बात के लिए तैयार नहीं हो पाया था. उसे भी पता था की वो यहाँ किस लिए आयी थी लेकिन फिर भी जब सत्य उसके सामने आया तो वो थोड़ी सी सहम गयी. “तुम्हारा कमरा यही बाजु में है लेकिन मुझे नहीं लगता की तुम उस कमरे में ज्यादा देर रुकोगी. फिर भी देख लो.”बितिका ने बायीं तरफ की दीवार की तरफ जाकर एक दरवाजे को धक्का दिया तो वो खुल गया और उसे एक और कमरा दिखाई दिया. वो इस कमरे जितना अच्छा नहीं था लेकिन फिर भी काफी अच्छा था. रिशा बितिका के पीछे बिना कुछ बोले गयी और उस कमरे में दाखिल हुयी. “तुम्हारा पती इसी कमरे में सोयेगा. तुम जब चाहो यहा आ जा सकती हो.” इस कमरे में भी एक डबल बेड था. कमरा काफी साफ़ सुथरा था. “तुम्हारा कमरा कहा है? ” रिशा ने पूछा तो बितिका ने उसे इशारा किया. वो दोनों वापस सुशांत के कमरे में आये और बहार निकालने के बाद बायीं तरफ गए.
“ये मेरा कमरा है. सुशांत के कमरे की बायीं तरफ वाला कमरा. हर साल उस कमरे में कोई और लड़की रहती है. कभी लड़की कभी कोई शादीशुदा औरत लेकिन मै हमेशा से यही रहती हूं.” पहली बार रिशा को बितिका की आवाज में एक अजीब सी जलन और इर्ष्या महसूस हुयी. क्या वो सुशांत से प्यार करती थी या वो भी उसकी तरह किसी मजबूरी का शिकार थी ? रिशा के मन में एक अजीब सा विचार आया. वो उसे क्यों निचा दिखाने की कोशिश कर रही थी? “क्या सुशांत शादीशुदा है?” रिशा ने पूछा. बितिका ने अपना कमरा वापस बंद किया. “हां उसकी दो बीविया है. एक लखनौ में रहती है उसके खानदान के साथ. दूसरी यही रहती है उसके साथ.” रिशा का मन हुआ की उसे पूछ ही ले की उसका सुशांत के साथ क्या रिश्ता है लेकिन उसने मन पे काबू किया. लेकिन उसे पता था की बितिका का सुशांत के साथ क्या रिश्ता है. उसे पूछने की जरुरत नहीं थी. “चलो निचे जाते है. शायद सुशांत आ गया है.” वो दोनों अब लिफ्ट की तरफ गए और लिफ्ट में गए. दो मिनट बाद वो दोनों निचले माले पे पहुंचे और वहां उन्होले सुशांत को समीर के साथ बैठे हुए देखा. बितिका आगे गयी और रिशा उसके पीछे चल दी. जैसे ही वो दोनों वहां पहुंची, सुशांत और समीर दोनों खड़े हो गए. बितिका मुस्कराकर सुशांत के गले लगी और फिर उसने रिशा की तरफ इशारा करते हुए कहा. “सुशांत, ये रिशा है . समीर की बीवी.” सुशांत ने रिशा को सर से पैर तक ताका और फिर अपना हाथ आगे बढाया. रिशा भी आगे आयी और उसने सुशांत से हाथ मिलाया.