01-02-2020, 09:53 PM
(This post was last modified: 02-02-2020, 11:05 PM by babasandy. Edited 7 times in total. Edited 7 times in total.)
अगले दिन मैं सुबह देर से उठा... मेरे सर में दर्द हो रहा था... कल रात की घटना मेरे दिमाग में घूम रही थी..... मुझे मेरी रूपाली दीदी और जीजू के बेडरूम से आने वाली आवाजों को नहीं सुननी चाहिए थी... मैंने बहुत बड़ा पाप किया था.... मुझे आत्मग्लानि हो रही थी....... जब मैं नहा धो फ्रेश होकर हॉल में आया तो मेरी रुपाली दीदी मेरा हाथ पकड़ कर अपने बेडरूम में ले गई....
शर्म के मारे मेरी दीदी का बुरा हाल था.. बगल में बैठे हुए मेरे जीजू भी शर्म के मारे लाल हो गए थे..
मेरी रूपाली दीदी ने मुझे जब बताया कि हम दोनों को आज जुनैद क अड्डे पर जाना है ,मेरे पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई...
मेरे जीजू का सर शर्म के मारे झुका हुआ था.. मेरी रूपाली दीदी रो रही थी... मुझे समझते हुए देर नहीं लगी कि मुझे अब क्या करना है..
हां दीदी मैं आपको ले चलूंगा जुनैद के पास.. आप रोना बंद करो.. मैंने अपनी दीदी को दिलासा दिलाया...
तकरीबन 1 घंटे के बाद मेरी दीदी सज धज के पूरी तरह तैयार हो चुकी थी... दीदी को देखा मेरा दिल कह रहा था कि जुनैद आज उनके साथ बहुत बुरा करेगा.... लाल रंग की लहंगा चोली मे मेरी रूपाली दीदी स्वर्ग से उतरी हुई अप्सरा लग गई थी.. दीदी ने मेरी मम्मी को बताया था कि वह चेकअप के लिए जा रही है डॉक्टर के पास... पर मुझे तो अच्छी तरह पता था कि मेरी दीदी किस डॉक्टर के पास जा रही है ...
चंदा भाभी ने मेरी दीदी को छेड़ा: कहां जा रही हो बन्नो... डॉक्टर के सामने से बन ठन के जाओगी, वह चेकअप के बहाने तुम्हारी ले लेगा... अपना लहंगा ऊपर मत उठाना वरना तुम्हारे लहंगे में भूकंप आ जाएगा..... मेरी भाभी मुंह पर कुछ भी बोल देती है... बड़ी बेशर्म है.... मेरी रूपाली दीदी उनकी बातें सुनकर मुस्कुराने लगी..... मम्मी के साथ प्रियंका दीदी भी हंसने लगी...... ननंद और भौजाई में मजाक तो चलता है.....
तकरीबन आधे घंटे के बाद मैं अपनी रूपाली दीदी को अपनी बाइक पर बिठाकर जुनेद के बताए हुए पते के अनुसार, जो उसने मेरी दीदी को बताया था, और दीदी ने मुझे.. चल पड़े...
पूरे कोई बातचीत नहीं हुई दीदी के साथ... मेरी दीदी जैसे किसी दूसरी दुनिया में खोई हुई थी.... मुन्नी भी मेरी दीदी की गोद में थी.. मेरी दीदी को पता था कि उनकी बेटी को जब भूख लगेगा तो वह अकेले घर पे नहीं रह पाएगी.... अपनी मां का दूध पीती हुई बच्ची ज्यादा देर अपनी मां से दूर नहीं रह सकती..... और मेरी मुन्नी तो बस मेरी रूपाली दीदी के दूध पर ही निर्भर थी...... मेरी दीदी को अपनी बेटी को साथ में लाना ही पड़ा... जब हम लोग जुनैद के फार्म हाउस पर पहुंचे, जुनेद फार्म हाउस के दरवाजे पर ही हमारा स्वागत करने के लिए खड़ा था...... मैंने उसकी फार्म हाउस के दरवाजे पर अपनी बाइक रोकी... मेरी दीदी बाइक से नीचे उतर गई..... मुन्नी गोद में थी मेरी दीदी के.... जुनेद मेरी रूपाली दीदी के सामने खड़ा था.. और उसका वह भी खड़ा था... पैंट के अंदर टेंट बनाके....
जुनैद ने मेरी रूपाली दीदी का हाथ पकड़ा ... उसे बिल्कुल भी परवाह नहीं थी कि मैं भी वही सामने खड़ा हूं बाइक पर.. मैं बाइक से उतर ही रहा था कि तब तक मैंने देखा कि जुनैद ने अपना लोड़ा मेरी रुपाली दीदी के हाथ में थमा दिया पैंट के ऊपर से... मेरी दीदी घबरा गई.... एक हाथ से अपनी बेटी को थामे हुए और दूसरे हाथ से जुनैद का लोड़ा पकड़कर मेरी रूपाली दीदी मेरी तरफ देख रही थी... मैं शर्मिंदा हो गया मैं कुछ भी नहीं कर सकता था... मेरी दीदी भी शर्मिंदा थी.. जुनेद मुस्कुरा रहा था........
अपनी बाइक यही साइट पर लगा और अंदर चल बहन के लोड़े... जुनैद ने मुझे कहा...
जुनैद ने मेरी रूपाली दीदी का हाथ पकड़ा और उनको अपने फॉर्म हाउस के अंदर ले जाने लगा... मैं भी उनके पीछे-पीछे जाने लगा.. जुनैद के फार्म हाउस में कई सारे मजदूर काम कर रहे थे... सब के सब मजदूर अपना काम छोड़कर मेरी रूपाली दीदी को देखने लगे.. उनमें से ज्यादातर मुझे और मेरी दीदी को पहचानते थे... सब के सब की आंखों में बस एक ही सवाल था कि इतने ऊंचे घराने की बेटी और बहू एक गुंडे के फार्म हाउस पे क्या करने आई है... और मेरी दीदी की कलाई भी पकड़ रखी थी उस गुंडे ने... मेरी दीदी किसी से भी नजर नहीं मिला पा रही थी... सर झुकाए आगे बढ़ रही थी मेरी दीदी...
मालिक यह तो रूपाली है ना..... यह क्या करने आई है यहां पर... एक मजदूर ने जुनेद से पूछा...
हां पर तो कैसे जानता है... जुनैद ने भी पूछा उस मजदूर से..
सारे मजदूर इकट्ठा हो गए थे और मेरी रूपाली दीदी को देखे जा रहे थे...
एक बड़े साहब की शादी में देखा था इनको.. और इनको तो कौन नहीं जानता पूरे शहर में... बहुत जोरदार नाचती है... मजदूर ने बड़े कामुक लहजे में कहा.. उन सब को अंदाजा हो गया था कि मेरी दीदी को यहां पर क्यों लाया है जुनैद.. अक्सर वह अपने फार्म हाउस पर रंडी बुलाया करता था... पर आज एक बड़े घर की संस्कारी औरत को देखकर सब के सब आश्चर्यचकित थे...
तुम लोग अपना अपना काम करो और यहां पर जो कुछ भी हो रहा है उस पर ध्यान मत दो और यह बात बाहर में भी किसी के पास नहीं जानी चाहिए. जुनैद ने बड़े सख्त लहजे में मजदूरों को कहा..
हम लोग तो अपना काम करेंगे मालिक.. आज तो आपको भी बहुत "काम" करना है... आज तो काम कर करके आपकी भी कमर टूट जाएगी... एक मजदूर ने बड़ी अश्लीलता के साथ कहा.
उसकी निगाहें मेरे रूपाली दीदी की चुचियों पर टिकी हुई थी...
अच्छा ठीक है अब ज्यादा बकवास मत करो और जाओ अपना अपना काम करो.... बोलकर जुनैद मेरी रूपाली दीदी का हाथ पकड़ के फार्म हाउस के अंदर घुस गया...
मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं मैं चुपचाप वहीं खड़ा रहा...
सारे मजदूर मुझे देख कर मुस्कुरा रहे थे... और आपस बात कर रहे थे.. उन्हें अच्छी तरह समझ में आ गया था कि दीदी यहां पर क्या गुल खिलाने आई है... हैरानी बस उन्हें इस बात की थी कि मैं यहां पर अपनी दीदी के साथ क्या कर रहा हूं...
अरे यार यह तो रूपाली का भाई है ना... एक मजदूर बोला..
हां यार यह तो रूपाली का भाई है... साला अपनी बहन को लेकर आया है हमारे मालिक के पास... दूसरा बोला...
बाबू जी आज तो आपकी रूपाली दीदी की... फट जाएगी... अपनी उंगली से छल्ला बनाकर उसमें बीच वाली उंगली घुसा अंदर बाहर करते हुए एक मजदूर मेरी तरफ इशारा करते हुए बोला...
बाबूजी अपनी रूपाली दीदी के फटे भोंसड़ी को सिलवा देना किसी मोची के पास ले जाकर.... क्योंकि आज तो हमारे जुनैद बाबू तुम्हारी दीदी के सारे छेद खोल देंगे.... एक मजदूर अपने धोती के ऊपर से ही अपने लण्ड पर हाथ रख कर मुझे बोला..
वैसे बाबूजी, आपकी दीदीया है बड़ी पटाका... साली को देखते ही लण्ड सलामी देने लगता है... तीसरे मजदूर ने कहा..
उन सब की बातें सुनकर मैं थरथर कहां पड़ा था...
कुछ भी कहो यार रूपाली रंडी है बड़ी मस्त मस्त चीज...... बाबूजी मैंने तो तुम्हारे रूपाली दीदी की शादी में काम भी किया है.. आपके घर में तो एक से एक बढ़कर पटाखा माल है... अरे वह चंदा रंडी जो आपकी भाभी है ना, साली बहुत बड़ी चुडक्कड़ है... मजदूरों का जो लीडर था उसने कहा.. उसने अपनी लूंगी में से अपना लण्ड बाहर निकाल कर मुझे दिखा दिया...
अरे यारों अगर तुम लोग बाबूजी की प्रियंका दीदी को देखोगे तो देखते ही तुम लोगों के लोड़े से पानी निकल जाएगा... साली रंडी रुपाली जैसी गोरी तो नहीं है, पर बहन की लोड़ी करारी माल है... जी चाहता है बस उसके मुंह में अपना लौड़ा थामा के खड़ा रहूं... उनकी बातें और कुछ ज्यादा ही अश्लील हो गई थी... और उनकी हरकतें भी... सब के सब में अपना लौड़ा मसल रहे थे मेरी दोनों दीदी और भाभी के बारे में बात करते हुए... जानबूझकर वह मुझे सुना रहे थे..
यार पर रूपाली रंडी जैसी कोई नहीं... बाबूजी मैंने तुम्हारी बहन के नाम पर बहुत मुट्ठ मारा उसकी शादी में... एक मजदूर बोला..
मासूम चेहरा, उसपर एक मासूम मुस्कान, उसके थोड़ा नीचे आएँ तो दूध और गेहूँ का मिक्स स्किन कलर, और नीचे आएँ तो वो कच्चे आम, और उन पर अंगूर..ह… ओह… हय… ह्हह्ह… आअह… ह्ह्ह… आआअ… बाबूजी तुम्हारी प्रियंका दीदी मेरे लोड़े पर बिजली गिरा देती है जब भी उस रंडी को देखता हूं.... मजदूरों का लीडर मुझे देखते हुए अपना लौड़ा हिलाते हुए बोल रहा था..
भाई हमारी किस्मत में तो मुट्ठ मारना और लौड़ा हिलाना ही है... पर आज तो इसकी रूपाली रंडी दीदी हमारे मालिक लोड़े के नीचे होगी.. रुपाली रंडी ना सही पर उसका यह गांडू भाई तो हमारे पास है... आ जाओ सब मिलकर इस बहन के लोड़े की गांड मारते हैं... मजदूरों का लीडर बोला......
मैं डर के मारे फार्म हाउस के अंदर घुस गया... सारे मजदूर हंसने लगे मुझे भागता हुआ देखकर..... मैं फार्म हाउस के अंदर तो आ गया पर मुझे मेरे रुपाली दीदी और जुनेद दिखाई नहीं दे रहे थे..... वहां पर कई सारे बेडरूम थे मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं किधर जाऊं... तभी एक बेडरूम से मुझे कुछ आवाजें सुनाई दी.... मैं दरवाजे पर पहुंचा तो दरवाजा खुला हुआ ही था.... मैंने जब अंदर झांक कर देखा तो मेरी गांड फट गई......... पूरा कमरा ऐसी सजाया हुआ था जिसे आज किसी दुल्हन की सुहागरात हो... और आज कोई और नहीं बल्कि मेरी अपनी रूपाली दीदी ही दुल्हन बनी हुई थी... सुहाग की सेज पर मेरी दीदी दुल्हन बनी हुई बैठी हुई थी... उनकी बेटी बगल में लेती हुई खेल रही थी...
उनका आज का दूल्हा, यानी कि जुनैद.. ड्रेसिंग टेबल के सामने एक चेयर पर बैठा हुआ था और दारु का पेग लगा रहा था... उसकी आंखें नशे और हवस से लाल हो रही थी...... लाल रंग की लहंगा चोली में अपने सर को अपने चुनरी से ढक के मेरी रूपाली दीदी उसके सामने बैठे हुई थी बिस्तर पर... मेरी दीदी इंतजार कर रही थी कि कब जुनैद आएगा और उनके ऊपर सवार होके दूल्हे वाला काम करेगा...
जुनैद ने मुझे देख लिया...
आजा बहन चोद आजा तू भी अंदर...... आज तेरी दीदी दुल्हन बन कर मुझे मजा देगी..... मैं शर्म के मारे तो पहले से ही लाल था, मेरी और भी बुरी हालत हो गई.....
जुनेद जी मेरी एक बात सुनो आप, कुछ भी करने से पहले मैं आपसे एक वादा लेना चाहती हूं... मेरी रूपाली दीदी बोली...
बोल मेरी छम्मक छल्लो मेरी छमिया क्या बता देना चाहती है... बोलते हुए दारू की बोतल को मुंह से लगाकर पीने लगा जुनैद.
आज आप जो भी मेरे साथ करना चाहते हो कर लो... मैं किसी बात के लिए मना नहीं करूंगी.. आप जैसा भी कहोगे मैं अपनी खुशी से करूंगी.... पर आज के बाद आप मुझे और मेरे परिवार को कभी परेशान नहीं करेंगे... आप मुझसे वादा कीजिए... मेरी रूपाली दीदी ने कहा...
सुन बहन की लोड़ी रंडी, मैं कोई बुरा आदमी नहीं हूं, मैं तो बस अपने लोड़े की आग बुझाना चाहता हूं, जब उस दिन झोपड़ी में तेरी पहली बार मारी थी तब से ही मेरा लौड़ा बस तुझे ही याद कर रहा था... दिन रात तेरे नाम की मुठ मार रहा हूं बहन चोद.. साली तू फोन पर भी अच्छे से साथ नहीं देती है... अगर तू आज मुझे अच्छे से खुश कर देगी तो मैं वादा करता हूं कि आज के बाद कभी भी तेरी जिंदगी में दखल नहीं दूंगा... बोलते बोलते जुनैद ने बहुत सारी शराब पी ली.....
वह पूरी तरह नशे में धुत हो गया था और उसकी जुबान भी लड़खड़ाने लगी थी......
तू भी वादा कर मेरी जान कि आज तो मुझे किसी बात के लिए मना नहीं करेगी... जुनेद बोला...
मैं वादा करती हूं कि आज आप मुझे जो कुछ भी कहोगे मैं वह करूंगी बिना आनाकानी किय.... मेरी दीदी बोली...
शर्म के मारे मेरी दीदी का बुरा हाल था.. बगल में बैठे हुए मेरे जीजू भी शर्म के मारे लाल हो गए थे..
मेरी रूपाली दीदी ने मुझे जब बताया कि हम दोनों को आज जुनैद क अड्डे पर जाना है ,मेरे पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई...
मेरे जीजू का सर शर्म के मारे झुका हुआ था.. मेरी रूपाली दीदी रो रही थी... मुझे समझते हुए देर नहीं लगी कि मुझे अब क्या करना है..
हां दीदी मैं आपको ले चलूंगा जुनैद के पास.. आप रोना बंद करो.. मैंने अपनी दीदी को दिलासा दिलाया...
तकरीबन 1 घंटे के बाद मेरी दीदी सज धज के पूरी तरह तैयार हो चुकी थी... दीदी को देखा मेरा दिल कह रहा था कि जुनैद आज उनके साथ बहुत बुरा करेगा.... लाल रंग की लहंगा चोली मे मेरी रूपाली दीदी स्वर्ग से उतरी हुई अप्सरा लग गई थी.. दीदी ने मेरी मम्मी को बताया था कि वह चेकअप के लिए जा रही है डॉक्टर के पास... पर मुझे तो अच्छी तरह पता था कि मेरी दीदी किस डॉक्टर के पास जा रही है ...
चंदा भाभी ने मेरी दीदी को छेड़ा: कहां जा रही हो बन्नो... डॉक्टर के सामने से बन ठन के जाओगी, वह चेकअप के बहाने तुम्हारी ले लेगा... अपना लहंगा ऊपर मत उठाना वरना तुम्हारे लहंगे में भूकंप आ जाएगा..... मेरी भाभी मुंह पर कुछ भी बोल देती है... बड़ी बेशर्म है.... मेरी रूपाली दीदी उनकी बातें सुनकर मुस्कुराने लगी..... मम्मी के साथ प्रियंका दीदी भी हंसने लगी...... ननंद और भौजाई में मजाक तो चलता है.....
तकरीबन आधे घंटे के बाद मैं अपनी रूपाली दीदी को अपनी बाइक पर बिठाकर जुनेद के बताए हुए पते के अनुसार, जो उसने मेरी दीदी को बताया था, और दीदी ने मुझे.. चल पड़े...
पूरे कोई बातचीत नहीं हुई दीदी के साथ... मेरी दीदी जैसे किसी दूसरी दुनिया में खोई हुई थी.... मुन्नी भी मेरी दीदी की गोद में थी.. मेरी दीदी को पता था कि उनकी बेटी को जब भूख लगेगा तो वह अकेले घर पे नहीं रह पाएगी.... अपनी मां का दूध पीती हुई बच्ची ज्यादा देर अपनी मां से दूर नहीं रह सकती..... और मेरी मुन्नी तो बस मेरी रूपाली दीदी के दूध पर ही निर्भर थी...... मेरी दीदी को अपनी बेटी को साथ में लाना ही पड़ा... जब हम लोग जुनैद के फार्म हाउस पर पहुंचे, जुनेद फार्म हाउस के दरवाजे पर ही हमारा स्वागत करने के लिए खड़ा था...... मैंने उसकी फार्म हाउस के दरवाजे पर अपनी बाइक रोकी... मेरी दीदी बाइक से नीचे उतर गई..... मुन्नी गोद में थी मेरी दीदी के.... जुनेद मेरी रूपाली दीदी के सामने खड़ा था.. और उसका वह भी खड़ा था... पैंट के अंदर टेंट बनाके....
जुनैद ने मेरी रूपाली दीदी का हाथ पकड़ा ... उसे बिल्कुल भी परवाह नहीं थी कि मैं भी वही सामने खड़ा हूं बाइक पर.. मैं बाइक से उतर ही रहा था कि तब तक मैंने देखा कि जुनैद ने अपना लोड़ा मेरी रुपाली दीदी के हाथ में थमा दिया पैंट के ऊपर से... मेरी दीदी घबरा गई.... एक हाथ से अपनी बेटी को थामे हुए और दूसरे हाथ से जुनैद का लोड़ा पकड़कर मेरी रूपाली दीदी मेरी तरफ देख रही थी... मैं शर्मिंदा हो गया मैं कुछ भी नहीं कर सकता था... मेरी दीदी भी शर्मिंदा थी.. जुनेद मुस्कुरा रहा था........
अपनी बाइक यही साइट पर लगा और अंदर चल बहन के लोड़े... जुनैद ने मुझे कहा...
जुनैद ने मेरी रूपाली दीदी का हाथ पकड़ा और उनको अपने फॉर्म हाउस के अंदर ले जाने लगा... मैं भी उनके पीछे-पीछे जाने लगा.. जुनैद के फार्म हाउस में कई सारे मजदूर काम कर रहे थे... सब के सब मजदूर अपना काम छोड़कर मेरी रूपाली दीदी को देखने लगे.. उनमें से ज्यादातर मुझे और मेरी दीदी को पहचानते थे... सब के सब की आंखों में बस एक ही सवाल था कि इतने ऊंचे घराने की बेटी और बहू एक गुंडे के फार्म हाउस पे क्या करने आई है... और मेरी दीदी की कलाई भी पकड़ रखी थी उस गुंडे ने... मेरी दीदी किसी से भी नजर नहीं मिला पा रही थी... सर झुकाए आगे बढ़ रही थी मेरी दीदी...
मालिक यह तो रूपाली है ना..... यह क्या करने आई है यहां पर... एक मजदूर ने जुनेद से पूछा...
हां पर तो कैसे जानता है... जुनैद ने भी पूछा उस मजदूर से..
सारे मजदूर इकट्ठा हो गए थे और मेरी रूपाली दीदी को देखे जा रहे थे...
एक बड़े साहब की शादी में देखा था इनको.. और इनको तो कौन नहीं जानता पूरे शहर में... बहुत जोरदार नाचती है... मजदूर ने बड़े कामुक लहजे में कहा.. उन सब को अंदाजा हो गया था कि मेरी दीदी को यहां पर क्यों लाया है जुनैद.. अक्सर वह अपने फार्म हाउस पर रंडी बुलाया करता था... पर आज एक बड़े घर की संस्कारी औरत को देखकर सब के सब आश्चर्यचकित थे...
तुम लोग अपना अपना काम करो और यहां पर जो कुछ भी हो रहा है उस पर ध्यान मत दो और यह बात बाहर में भी किसी के पास नहीं जानी चाहिए. जुनैद ने बड़े सख्त लहजे में मजदूरों को कहा..
हम लोग तो अपना काम करेंगे मालिक.. आज तो आपको भी बहुत "काम" करना है... आज तो काम कर करके आपकी भी कमर टूट जाएगी... एक मजदूर ने बड़ी अश्लीलता के साथ कहा.
उसकी निगाहें मेरे रूपाली दीदी की चुचियों पर टिकी हुई थी...
अच्छा ठीक है अब ज्यादा बकवास मत करो और जाओ अपना अपना काम करो.... बोलकर जुनैद मेरी रूपाली दीदी का हाथ पकड़ के फार्म हाउस के अंदर घुस गया...
मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं मैं चुपचाप वहीं खड़ा रहा...
सारे मजदूर मुझे देख कर मुस्कुरा रहे थे... और आपस बात कर रहे थे.. उन्हें अच्छी तरह समझ में आ गया था कि दीदी यहां पर क्या गुल खिलाने आई है... हैरानी बस उन्हें इस बात की थी कि मैं यहां पर अपनी दीदी के साथ क्या कर रहा हूं...
अरे यार यह तो रूपाली का भाई है ना... एक मजदूर बोला..
हां यार यह तो रूपाली का भाई है... साला अपनी बहन को लेकर आया है हमारे मालिक के पास... दूसरा बोला...
बाबू जी आज तो आपकी रूपाली दीदी की... फट जाएगी... अपनी उंगली से छल्ला बनाकर उसमें बीच वाली उंगली घुसा अंदर बाहर करते हुए एक मजदूर मेरी तरफ इशारा करते हुए बोला...
बाबूजी अपनी रूपाली दीदी के फटे भोंसड़ी को सिलवा देना किसी मोची के पास ले जाकर.... क्योंकि आज तो हमारे जुनैद बाबू तुम्हारी दीदी के सारे छेद खोल देंगे.... एक मजदूर अपने धोती के ऊपर से ही अपने लण्ड पर हाथ रख कर मुझे बोला..
वैसे बाबूजी, आपकी दीदीया है बड़ी पटाका... साली को देखते ही लण्ड सलामी देने लगता है... तीसरे मजदूर ने कहा..
उन सब की बातें सुनकर मैं थरथर कहां पड़ा था...
कुछ भी कहो यार रूपाली रंडी है बड़ी मस्त मस्त चीज...... बाबूजी मैंने तो तुम्हारे रूपाली दीदी की शादी में काम भी किया है.. आपके घर में तो एक से एक बढ़कर पटाखा माल है... अरे वह चंदा रंडी जो आपकी भाभी है ना, साली बहुत बड़ी चुडक्कड़ है... मजदूरों का जो लीडर था उसने कहा.. उसने अपनी लूंगी में से अपना लण्ड बाहर निकाल कर मुझे दिखा दिया...
अरे यारों अगर तुम लोग बाबूजी की प्रियंका दीदी को देखोगे तो देखते ही तुम लोगों के लोड़े से पानी निकल जाएगा... साली रंडी रुपाली जैसी गोरी तो नहीं है, पर बहन की लोड़ी करारी माल है... जी चाहता है बस उसके मुंह में अपना लौड़ा थामा के खड़ा रहूं... उनकी बातें और कुछ ज्यादा ही अश्लील हो गई थी... और उनकी हरकतें भी... सब के सब में अपना लौड़ा मसल रहे थे मेरी दोनों दीदी और भाभी के बारे में बात करते हुए... जानबूझकर वह मुझे सुना रहे थे..
यार पर रूपाली रंडी जैसी कोई नहीं... बाबूजी मैंने तुम्हारी बहन के नाम पर बहुत मुट्ठ मारा उसकी शादी में... एक मजदूर बोला..
मासूम चेहरा, उसपर एक मासूम मुस्कान, उसके थोड़ा नीचे आएँ तो दूध और गेहूँ का मिक्स स्किन कलर, और नीचे आएँ तो वो कच्चे आम, और उन पर अंगूर..ह… ओह… हय… ह्हह्ह… आअह… ह्ह्ह… आआअ… बाबूजी तुम्हारी प्रियंका दीदी मेरे लोड़े पर बिजली गिरा देती है जब भी उस रंडी को देखता हूं.... मजदूरों का लीडर मुझे देखते हुए अपना लौड़ा हिलाते हुए बोल रहा था..
भाई हमारी किस्मत में तो मुट्ठ मारना और लौड़ा हिलाना ही है... पर आज तो इसकी रूपाली रंडी दीदी हमारे मालिक लोड़े के नीचे होगी.. रुपाली रंडी ना सही पर उसका यह गांडू भाई तो हमारे पास है... आ जाओ सब मिलकर इस बहन के लोड़े की गांड मारते हैं... मजदूरों का लीडर बोला......
मैं डर के मारे फार्म हाउस के अंदर घुस गया... सारे मजदूर हंसने लगे मुझे भागता हुआ देखकर..... मैं फार्म हाउस के अंदर तो आ गया पर मुझे मेरे रुपाली दीदी और जुनेद दिखाई नहीं दे रहे थे..... वहां पर कई सारे बेडरूम थे मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं किधर जाऊं... तभी एक बेडरूम से मुझे कुछ आवाजें सुनाई दी.... मैं दरवाजे पर पहुंचा तो दरवाजा खुला हुआ ही था.... मैंने जब अंदर झांक कर देखा तो मेरी गांड फट गई......... पूरा कमरा ऐसी सजाया हुआ था जिसे आज किसी दुल्हन की सुहागरात हो... और आज कोई और नहीं बल्कि मेरी अपनी रूपाली दीदी ही दुल्हन बनी हुई थी... सुहाग की सेज पर मेरी दीदी दुल्हन बनी हुई बैठी हुई थी... उनकी बेटी बगल में लेती हुई खेल रही थी...
उनका आज का दूल्हा, यानी कि जुनैद.. ड्रेसिंग टेबल के सामने एक चेयर पर बैठा हुआ था और दारु का पेग लगा रहा था... उसकी आंखें नशे और हवस से लाल हो रही थी...... लाल रंग की लहंगा चोली में अपने सर को अपने चुनरी से ढक के मेरी रूपाली दीदी उसके सामने बैठे हुई थी बिस्तर पर... मेरी दीदी इंतजार कर रही थी कि कब जुनैद आएगा और उनके ऊपर सवार होके दूल्हे वाला काम करेगा...
जुनैद ने मुझे देख लिया...
आजा बहन चोद आजा तू भी अंदर...... आज तेरी दीदी दुल्हन बन कर मुझे मजा देगी..... मैं शर्म के मारे तो पहले से ही लाल था, मेरी और भी बुरी हालत हो गई.....
जुनेद जी मेरी एक बात सुनो आप, कुछ भी करने से पहले मैं आपसे एक वादा लेना चाहती हूं... मेरी रूपाली दीदी बोली...
बोल मेरी छम्मक छल्लो मेरी छमिया क्या बता देना चाहती है... बोलते हुए दारू की बोतल को मुंह से लगाकर पीने लगा जुनैद.
आज आप जो भी मेरे साथ करना चाहते हो कर लो... मैं किसी बात के लिए मना नहीं करूंगी.. आप जैसा भी कहोगे मैं अपनी खुशी से करूंगी.... पर आज के बाद आप मुझे और मेरे परिवार को कभी परेशान नहीं करेंगे... आप मुझसे वादा कीजिए... मेरी रूपाली दीदी ने कहा...
सुन बहन की लोड़ी रंडी, मैं कोई बुरा आदमी नहीं हूं, मैं तो बस अपने लोड़े की आग बुझाना चाहता हूं, जब उस दिन झोपड़ी में तेरी पहली बार मारी थी तब से ही मेरा लौड़ा बस तुझे ही याद कर रहा था... दिन रात तेरे नाम की मुठ मार रहा हूं बहन चोद.. साली तू फोन पर भी अच्छे से साथ नहीं देती है... अगर तू आज मुझे अच्छे से खुश कर देगी तो मैं वादा करता हूं कि आज के बाद कभी भी तेरी जिंदगी में दखल नहीं दूंगा... बोलते बोलते जुनैद ने बहुत सारी शराब पी ली.....
वह पूरी तरह नशे में धुत हो गया था और उसकी जुबान भी लड़खड़ाने लगी थी......
तू भी वादा कर मेरी जान कि आज तो मुझे किसी बात के लिए मना नहीं करेगी... जुनेद बोला...
मैं वादा करती हूं कि आज आप मुझे जो कुछ भी कहोगे मैं वह करूंगी बिना आनाकानी किय.... मेरी दीदी बोली...