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Gay/Lesb - LGBT मनोज से माया तक का सफर
#17


___________________अपडेट -- 6______________

अब आगे:- 
मेंने घर पहुंच कर हल्का नाश्ता किया कमलाबाई मुझे आज अजीब सी नजरों से देख रही थी,
शायद सुबह वाली बात के लिये..??
खैर फिर में हाथ मुंह धोकर रणवीर सर के घर निकल गया, करीना मेम ने दरवाजा खोला उन्होंने एक सेक्सी सी मैक्सी पहनी हुई थी ,
अंदर सर एक बरमूडा और बनियान पहने बैठे हुये थे,
सर ने कहा :- देखो मनोज पहले हम लोग एक घण्टे पढ़ाई करेंगे फिर आधा घण्टे मस्ती लेकिन तुम पढ़ाई मन लगाके करना ठीक है ना?
मैंने हामी भर दी और पढ़ने लगा ठीक एक घण्टे के बाद सर ने किताबें बन्द कर दी और मेम को आवाज दी,
मेम आई उनके हाथ में एक क्रीम और एक रबड़ का पतला सा लंड जैसा दिखने वाली सी कोई चीज थी,
(जिसका मुझको बाद में पता लगा की  वो नकली लंड या डिल्डो थी)
फिर सर ने मुझको कपड़े उतारने को कहा ,
में नँगा हो गया तो सर कहने लगे की मेरे नीचे के बाल बड़े हो गये है ,
जाते वक्त एक क्रीम दूंगा उससे साफ कर लेना और गांड पर भी से साफ कर लेना ।।
फिर मेम ने वो क्रीम मेरी गांड के छेद में लगाई और अपनी अंगुली अंदर बाहर करने लगी,
थोड़ी देर बाद मेम ने वो नकली लंड मेरे गांड के छेद में लगाया,
में घोड़ा बना हुआ था मेरा मुंह सर की तरफ था और गांड मेम की तरफ थी ,
सर ने अपना बरमूडा खोल लिया और उनका मदमस्त लंड आजाद हो गया वो पूरे मूड में था,
सर ने मुझको लंड चूसने का इशारा किया मैने झट से उसको मुंह में भर लिया लेकिन आज मेम ने उसपर शहद नहीं लगाया था
आज नमकीन और अजीब सा टेस्ट आ रहा था लेकिन खराब नहीं लगा मुझको...
में मन लगाकर चूसने लगा, उधर मेम ने धीरे से वो नकली लंड मेरी गांड के ऊपर लगाकर रगड़ने लगी,
फिर उन्होंने थोड़ा सा उसको मेरी गांड में डाला मुझे दर्द महसूस हुआ लेकिन सर ने मेरा मुंह अपने लंड पर दबा रहा था ,
में ऊँ ऊँ ऊँ करने लगा तो सर बोले :- मनोज डरो मत हल्का सा ही दर्द होगा फिर मजा ही मज़ा आयेगा थोड़ा सा सहन करो मेरे बेटे..
में चुप होगया ओर लंड चूसने लगा, तब तक मेम मेरी गांड में चौथाई लंड डाल चुकी थी अब दर्द कुछ कम हुआ
लेकिन हो रहा था, फिर सर बोले :- मनोज बेटा अब तुम थोड़ा अपनी गांड ढीली करलो एकदम से क्योंकि अब मेम पूरा लंड डालने वाली है तुम्हारी मस्त गांड में ..
मैंने उनके कहे अनुसार अपनी गांड ढीली कर ली मेम ने एक ही झटके से वो पूरा करीब 6 इंची लंड मेरी गांड में डाल दिया दर्द की एक लहर मेरे शरीर में दौड़ गयी
लेकिन सर में मेरे मुंह में अपना लंड डाल रखा हुआ था में चाहकर भी चीख नहीं पाया
मेम ने वो नकली लंड मेरी गांड में डाल के छोड़ दिया और अपने हाथ मेरे लंड पर चलाने लगी मेरी गोलियां (अंडकोष) सहलाने लगी,
दो मिनिट ने ही मेरा लंड खड़ा हो गया, मेरे मुंह में सर का लंड था गांड में नकली लंड और मेम मेरा लंड मसल रही थी
इस तीन तरफ के सेक्स हमले से जल्द ही मेरी गांड का दर्द कम हो गया अब में उसको सहन कर सकता था,
मेरा लंड अब मेम मुठियाने लगी थी , फिर 2 मिनिट यह सब करने के बाद मेम ने वो नकली लंड धीरे-धीरे आगे पीछे करने लगी,
मुझे फिर से दर्द हुआ लेकिन अब गांड में अजीब सी लज्जत भी महसूस होने लगी थी....
इधर सर के लंड से थोड़ा थोड़ा वीर्य निकल रहा था जिसको में मजे से निगल रहा था ,
मेम ने अब नकली लंड की रफ्तार बढाई और थोड़ा जल्दी जल्दी अंदर बाहर करने लगी ,
मुझे अब दर्द और मस्ती एकसाथ महसूस होने लगी थी..जल्द ही सर मेरे मुंह में ही झड़ गये मेरा पूरा मुंह उनके स्वादिष्ट वीर्य से भर गया
जिसको सर ने कहा की पी जाओ तो में उसको निगल गया मैंने सर का लंड अच्छे से चाटकर साफ कर दिया
फिर मेम ने मेरी गांड से वो नकली लंड निकाल लिया और मुझको बैठने को बोला फिर वो अपना मुंह मेरे लंड पे ले आई और चूसने लगी
उनकी चूसने की स्टाइल बहुत ही जोरदार थी मुझको मस्ती चढ़ने लगी और 5 ही मिनिट ने मेरे लंड ने वीर्य छोड़ दिया जो मेम ने निगल लिया
फिर मेम ने मुझको लिपलॉक किस करना शुरू किया जो करीब 4-5 मिनिट चला में मस्त हो गया और अपनी गांड का दर्द भूल गया...
बाद में सर ने मुझको दो चॉकलेट दी और एक टेबलेट दी बोले रात को लेकर सो जाना इससे दर्द खत्म हो जायेगा.. फिर में घर की और चला गया ।।

 
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RE: मनोज से माया तक का सफर - by Salmakhan21 - 07-02-2019, 10:38 PM
RE: मनोज से माया तक का सफर - by Sexyboyforol - 13-03-2019, 09:53 AM



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