30-01-2020, 10:12 PM
थोड़ी देर तक मुकेश यूँ ही करता रहा और मेरी बेचनि बढ़ती चली गयी. हम दोनो की साँसे इस समय बोहोत तेज़ी के साथ चल रही थी.. एक तो गर्मी का मौसम और उपर से इस दोपहरी मे सेक्स से हम दोनो का शरीर पूरी तरह से पसीने से नहा चुक्का था.
फिर अचानक मुकेश अपना लिंग पूरा मेरे अंदर घुस्सा कर रुक गया और बोला “ सच मे अपनी पूरी जिंदगी मे मैने आज तक इतनी हसीन और प्यारी मजेदार चूत नही मारी कितनी मजेदार है तेरी चूत कि बस मज़ा आ रहा है, तुम्हे कैसा लग रहा है मज़ा तो आ रहा है ना तुम्हे.?”
मैं तो पूरी तरह से सेक्स के खेल मे खो गयी थी पर उसके इस तरह बीच मे रुक जाने से मुझे कुछ अच्छा नही लगा इस लिए मैने अपनी आँखे खोल के उसकी तरफ घूर कर देखा तो वो मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा दिया. मेरे चेहरे पर आए गुस्से के भाव को देख कर वो समझ गया था कि मुझे मज़ा आ रहा है इस लिए उसने वापस धक्के लगाना शुरू कर दिया.
अचानक ही मुकेश ने तेज़ी के साथ लग रहे धक्को को अचानक हल्के हल्के धक्को मे बदल दिया उसके ऐसा करने से मेरी साँसे और भी तेज़ी के साथ फूलने लगी. आज तक सेक्स मे मुझे इतना मज़ा नही आया था जितना कि इस समय आ रहा था. मैं तो पूरी तरह से अपनी आँखे बंद करके उन पॅलो मे खो गयी.
“अब कैसा लग रहा है ?” उसने धीरे धीरे धक्का लगाते हुए ही मेरे कान के पास अपना मुँह लाते हुए कहा.
उसके इस तरह से मेरे कान के पास आने से उसकी निकलती हुई साँस जैसे ही मेरे कान से टकराई मेरे पूरी शरीर मे एक अजीब सी सनसनी की लहर दौड़ गयी. उसका यूँ बार मुझसे पूछना मुझे अच्छा भी लग रहा था कि वो सेक्स के दौरान कितना ख़याल रखता है पर दूसरी तरफ मुझे शरम भी आ रही थी..
वो मेरे जवाब ना देने से बीच मे ही रुक गया जिस वजह से मैने अपनी आँखे खोल ली वो मेरी तरफ देखते हुए बोला “जानेमन अगर तुम मुझे बतओगि नही तो मुझे पता कैसे चलेगा कि तुम्हे मज़ा आ रहा है या नही.
मैने उसकी तरफ अपनी दोनो आँखे बड़ी करते हुए कहा कि “तुम्हारी इतनी उमर हो गयी और तुमने पता नही कितनी बार सेक्स किया है तुम्हे मेरी हालत से पता नही चलता है कि मुझे मज़ा आ रहा है या नही.. तुम्हे क्या लगता है मुझे मज़ा आ रहा है या नही ?”
वो मुस्कुराते हुए बोला “वो तो ठीक है पर चुदाई करते हुए आपस मे इस तरह बात करने का अपना ही मज़ा होता है इस लिए. तुम्हारे मुँह से सुनना ज़रूरी है. और वैसे भी अगर तुम बोल कर बता देगी तो तुम्हारा कुछ घिस तो नही जाएगा.”
मैने बस उसके धक्के लगाने का इंतजार कर रही थी क्यूकी जब जब मैं अपने मंज़िल के करीब होती थी वो इसी तरह बीच मे रुक जाता था. मैने चिड के कारण उसको कोई जवाब नही दिया.वो मेरे चेहरे के भाव समझ कर फिर से धक्के लगाने लगा, पर इस बार उसकी स्पीड थोड़ी बढ़ गयी थी.
थोड़ा झुक कर उसने मेरे एक निपल को मूह में दबा लिया और फिर उसे चूस्ते हुए मेरी योनि में तेज़ी से धक्के मारने लगा.मेरा मज़ा बढ़ता ही जा रहा था, अब मेरी योनि और मेरे उभार दोनो एक साथ मुकेश के हाथो का खिलोना बने हुए थे. उसके इस तरह से करने से मैं मज़े की एक अलग दुनिया मे खोती जा रही थी. ऐसा मज़ा की मुझे इस समय किसी की परवाह नही थी.
वो जिस तरह से सेक्स कर रहा था मानो ऐसा लग रहा था जैसे की उसके अंदर खुद कामदेव उतर आए है, मैं इस कदर मदहोश हो रही थी. थी बस कुछ ही देर मे मुझे मेरी मंज़िल नज़दीक आते हुए दिखाई देने लगी.
अचानक मुकेश मेरे उभारो से हट गया और मेरी योनि से भी लिंग बाहर निकाल लिया.
मैने धीरे से पूछा क्या हुवा ?
वो बोला, कुछ नही, थोड़ा घूम जाओ तेरी पीछे से डाल कर मारूँगा.
मैने बाहर से आती हुई आवाज़ जो बिल्कुल ख़तम हो गयी थी. कहा कि “देखो तुम्हे जो करना है ऐसे ही कर लो वरना मैं अब जा रही हू.” पर सच्चाई तो ये थी कि मुझे उसके आगे वो पोज़िशन लेने में झीजक हो रही थी. क्यूकी जिस तरह से अमित ने मेरे पीछे तीन बार लिंग घुसाया था मारे दर्द के मुझसे ढंग से लेटा तक नही गया था. इस लिए मैने उसकी बात को सॉफ इग्नोर कर दिया.
वो बोला “अरे सोच क्या रही हो, चलो घुमो ना, तुम्हे और ज़्यादा मज़ा आएगा, तुम्हे पता है ना डॉगी स्टाइल इंशान की सेक्स करने की सबसे नॅचुरल पोज़िशन है”.
उसकी बात सुन कर मुझे हँसी भी आ रही थी और उस पर गुस्सा भी मैने उस से कहा “तुम क्या मुझे काम्सुत्र पढ़ा रहे हो ?”
वो बेशर्मी से बोला, “नही जानेमन तुम्हे चूत देने की सबसे सेक्सी पोज़िशन बता रहा हू…. हहे”
मैं और ज़्यादा समय बर्बाद नही करना चाहती थी इस लिए अपनी साड़ी पर ही मैं घुटनो के बल डॉगी स्टाइल मे हो गयी.. उसने पीछे से मेरे नितंबो को थाम लिया और एक झटके में अपना पूरा लिंग मेरी योनि में घुस्सा दिया.. मेरे मूह से हल्की सी आआहह निकल गयी.
“क्या हुआ जानेमन मज़ा नही आया क्या ?”
“अब तुम मेरे मज़े की छ्चोड़ो और जल्दी से करो.
फिर अचानक मुकेश अपना लिंग पूरा मेरे अंदर घुस्सा कर रुक गया और बोला “ सच मे अपनी पूरी जिंदगी मे मैने आज तक इतनी हसीन और प्यारी मजेदार चूत नही मारी कितनी मजेदार है तेरी चूत कि बस मज़ा आ रहा है, तुम्हे कैसा लग रहा है मज़ा तो आ रहा है ना तुम्हे.?”
मैं तो पूरी तरह से सेक्स के खेल मे खो गयी थी पर उसके इस तरह बीच मे रुक जाने से मुझे कुछ अच्छा नही लगा इस लिए मैने अपनी आँखे खोल के उसकी तरफ घूर कर देखा तो वो मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा दिया. मेरे चेहरे पर आए गुस्से के भाव को देख कर वो समझ गया था कि मुझे मज़ा आ रहा है इस लिए उसने वापस धक्के लगाना शुरू कर दिया.
अचानक ही मुकेश ने तेज़ी के साथ लग रहे धक्को को अचानक हल्के हल्के धक्को मे बदल दिया उसके ऐसा करने से मेरी साँसे और भी तेज़ी के साथ फूलने लगी. आज तक सेक्स मे मुझे इतना मज़ा नही आया था जितना कि इस समय आ रहा था. मैं तो पूरी तरह से अपनी आँखे बंद करके उन पॅलो मे खो गयी.
“अब कैसा लग रहा है ?” उसने धीरे धीरे धक्का लगाते हुए ही मेरे कान के पास अपना मुँह लाते हुए कहा.
उसके इस तरह से मेरे कान के पास आने से उसकी निकलती हुई साँस जैसे ही मेरे कान से टकराई मेरे पूरी शरीर मे एक अजीब सी सनसनी की लहर दौड़ गयी. उसका यूँ बार मुझसे पूछना मुझे अच्छा भी लग रहा था कि वो सेक्स के दौरान कितना ख़याल रखता है पर दूसरी तरफ मुझे शरम भी आ रही थी..
वो मेरे जवाब ना देने से बीच मे ही रुक गया जिस वजह से मैने अपनी आँखे खोल ली वो मेरी तरफ देखते हुए बोला “जानेमन अगर तुम मुझे बतओगि नही तो मुझे पता कैसे चलेगा कि तुम्हे मज़ा आ रहा है या नही.
मैने उसकी तरफ अपनी दोनो आँखे बड़ी करते हुए कहा कि “तुम्हारी इतनी उमर हो गयी और तुमने पता नही कितनी बार सेक्स किया है तुम्हे मेरी हालत से पता नही चलता है कि मुझे मज़ा आ रहा है या नही.. तुम्हे क्या लगता है मुझे मज़ा आ रहा है या नही ?”
वो मुस्कुराते हुए बोला “वो तो ठीक है पर चुदाई करते हुए आपस मे इस तरह बात करने का अपना ही मज़ा होता है इस लिए. तुम्हारे मुँह से सुनना ज़रूरी है. और वैसे भी अगर तुम बोल कर बता देगी तो तुम्हारा कुछ घिस तो नही जाएगा.”
मैने बस उसके धक्के लगाने का इंतजार कर रही थी क्यूकी जब जब मैं अपने मंज़िल के करीब होती थी वो इसी तरह बीच मे रुक जाता था. मैने चिड के कारण उसको कोई जवाब नही दिया.वो मेरे चेहरे के भाव समझ कर फिर से धक्के लगाने लगा, पर इस बार उसकी स्पीड थोड़ी बढ़ गयी थी.
थोड़ा झुक कर उसने मेरे एक निपल को मूह में दबा लिया और फिर उसे चूस्ते हुए मेरी योनि में तेज़ी से धक्के मारने लगा.मेरा मज़ा बढ़ता ही जा रहा था, अब मेरी योनि और मेरे उभार दोनो एक साथ मुकेश के हाथो का खिलोना बने हुए थे. उसके इस तरह से करने से मैं मज़े की एक अलग दुनिया मे खोती जा रही थी. ऐसा मज़ा की मुझे इस समय किसी की परवाह नही थी.
वो जिस तरह से सेक्स कर रहा था मानो ऐसा लग रहा था जैसे की उसके अंदर खुद कामदेव उतर आए है, मैं इस कदर मदहोश हो रही थी. थी बस कुछ ही देर मे मुझे मेरी मंज़िल नज़दीक आते हुए दिखाई देने लगी.
अचानक मुकेश मेरे उभारो से हट गया और मेरी योनि से भी लिंग बाहर निकाल लिया.
मैने धीरे से पूछा क्या हुवा ?
वो बोला, कुछ नही, थोड़ा घूम जाओ तेरी पीछे से डाल कर मारूँगा.
मैने बाहर से आती हुई आवाज़ जो बिल्कुल ख़तम हो गयी थी. कहा कि “देखो तुम्हे जो करना है ऐसे ही कर लो वरना मैं अब जा रही हू.” पर सच्चाई तो ये थी कि मुझे उसके आगे वो पोज़िशन लेने में झीजक हो रही थी. क्यूकी जिस तरह से अमित ने मेरे पीछे तीन बार लिंग घुसाया था मारे दर्द के मुझसे ढंग से लेटा तक नही गया था. इस लिए मैने उसकी बात को सॉफ इग्नोर कर दिया.
वो बोला “अरे सोच क्या रही हो, चलो घुमो ना, तुम्हे और ज़्यादा मज़ा आएगा, तुम्हे पता है ना डॉगी स्टाइल इंशान की सेक्स करने की सबसे नॅचुरल पोज़िशन है”.
उसकी बात सुन कर मुझे हँसी भी आ रही थी और उस पर गुस्सा भी मैने उस से कहा “तुम क्या मुझे काम्सुत्र पढ़ा रहे हो ?”
वो बेशर्मी से बोला, “नही जानेमन तुम्हे चूत देने की सबसे सेक्सी पोज़िशन बता रहा हू…. हहे”
मैं और ज़्यादा समय बर्बाद नही करना चाहती थी इस लिए अपनी साड़ी पर ही मैं घुटनो के बल डॉगी स्टाइल मे हो गयी.. उसने पीछे से मेरे नितंबो को थाम लिया और एक झटके में अपना पूरा लिंग मेरी योनि में घुस्सा दिया.. मेरे मूह से हल्की सी आआहह निकल गयी.
“क्या हुआ जानेमन मज़ा नही आया क्या ?”
“अब तुम मेरे मज़े की छ्चोड़ो और जल्दी से करो.